2903+ Bichadne Ki Shayari In Hindi | अपनों से बिछड़ने की शायरी

Bichadne Ki Shayari In Hindi , अपनों से बिछड़ने की शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 11, 2023 Post Updated at: March 24, 2025

Bichadne Ki Shayari In Hindi : बिखरी नहीं हु में हमेशा निखरी हूँ,जब भी किसी से बिछ्ड़ी हु. वो कहता था तुम्हारी कसम,कभी न छोडूंगा तुम्हे,आज देखे हम अभी तक ज़िंदा है वाह,यार क्या झूठी कसम खाई थी तूने.

खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो.!!तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता..!!

घर से चले तो राह में आकर ठिठक गए पूरी हुई रदीफ़ अधूरा है काफ़िया!!!

काश कोई हमें भी ऐसा चाहे जैसे कोई तकलीफ में सुकून चाहता है

दोस्तना लगता है तेरा साथ मुझ प्यार लगता है! तेरा हर बात मुझे जुदाई जब मिलती है तुझसे सुना लगता है! सारा संसार मुझे

कुछ इस तरह मैंने ज़िदगी को आसान कर लिया, भूलकर तेरी बेवफाई अपनी तन्हाई से प्यार कर लिया.

मुझे मालूम है तुम बहुत खुश हो इस जुदाई से, अब बस ख्याल रखना तुमको हम जैसा नहीं मिलेगा।

ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग, थी सारी बात लकीरों की, तेरे हाथ अलग मेरे हाथ अलग

कोई ठुकरा देहंसकर जी लेना चाहिएक्योंकि मोहब्बत की दुनिया मेंजबरदस्ती नहीं होती है।

आधी रात को हम दोस्तों की सोई आत्मा को जगाते हैं, और उनके जागने के बाद, हम ख़ुद सो जाते हैं.

प्रेमी से जुड़ा होना बर्दास्त नही होता! और परे से जुड़ा होना तो अपना संसार नहीं होता

अपने तो हजारों हैकमी तो अपनेपन की है ।

गैर क्यों ले जा रहे है अपने कंधे पर अरे हां मेरे अपने तो कब्र खोद रहे है

प्यार के लिए क्या दोस्त छोड़ दू,इतना मैं नादान हूं क्या।तू जान है और वो सास है मेरी,जीने के लिये सास लेना छोड़ दू इतना पागल हूं क्या।

बअ’द मरने के मिरी क़ब्र पे आया वो ‘ग़ाफ़िल’ ~ याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बअ’द

कभी किसी के जज्बातों का मजाक ना बनानाना जाने कौन सा दर्द लेकर कोई जी रहा है

कभी चोट खाई, कभी दिल सम्भाला,मोहब्बत भी एक खेल था, खेल डाला..!

लेने दे मुझे तू अपने ख्यालों की तलाशी ~ मेरी नींद चोरी हो गयी हे मुझे शक है तुझ पर!

वो मेरे रूबरू आया भी तोबरसाद के मौसम मेंमेरे आंसू बह रहे थे और वोबरसाद समझ बैठा।

न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है, वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है।।

आसान तो नहीं रहा बेशक बिछड़ना, पर बिछड़ना बेशक ज़रूरी था शायद।

बिछड़ने का दर्द उनको ही पता है,जो माँ बाप से छुप के अकेले में रहता हो.

यूँ ख्वाब बनकर , नींदों में ना आया करो…., . समझदार बनो, खुद आ जाया करो… **************************************

यूँ न कहो की ये किस्मत की बात है, मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है।

जब से उसने शहर को छोड़ा, हर रस्ता सुनसान हुआ, अपना क्या है सारे शहर का एक जैसा नुक़सान हुआ

खुद को इतना भी ना बचाया करए दोस्त ,बारिश हुए तो भीग जाए कर।

ना जाने क्यों तुझसे मिलकर तेरा बिछड़ना याद आता है, जब भी पुरानी बाते यादें आती है तो रोना आता है।

वो सपना मत देखो जो टूट जाएवो हाथ मत थामो जो छुट जाएमत आने दो ऐसे लोगो को इतना करीब की उनके दूर जाने से शक़्स अंदर से टूट जाए।

ये कैसा सिलसिला है तेरे और मेरे दरमियाँ ~ फ़ासले तो बहोत है मगर मोहब्बत कम नहीं होती

ये और बात कि आँधी हमारे बस में नहीं मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है

लम्हे बेचकर, पैसे तो आ गये .. अब बताओ… ख़ुशी किस दुकान पे मिलेगी…!

ख्वाहिश रहती थी तुझे हर दिन देखने की तूने आखिर ये दिन भी दिखा दिया, मुझे डर था तुझसे बिछड़ने का तूने आखिर ये डर भी मिटा दिया।

मेरे जीवन के हर पहलू में,तेरा भी एक है रंग रहा।अब तू तो न है संग मेरे,पर तेरी यादों का है संग रहा।

न जाने किस ख्याल से इक दस्तकार ने…. ~ घुँघरू के मीठे बोल को पायल में रख दिया

पहले गुस्सा हो जाना,फिर प्यार से मनाना,इसीको तो कहते हैं प्यार….Pehle gussa ho jana,Fir pyaara se manana,Isiko to kahte hain pyaar..

कौनसी चीज़ गिरानी की बुलंदी पे नहीं, ~ ख़ून-ए-नाहक़ मगर इस दौर ने सस्ता रखा…

ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को सलाम, पता है कि मंजिल मौत है फिर भी दौड रही है

चलते रहेंगे काफिले मेरे बगैर भी यहां… एक तारा टूट जाने से फलक सूना नहीं होता

नाकामी मेरी थी इश्क़ में, तुझे अपने इश्क़ का एहसास ना दिला सका.

आखिर कैसे भुलादे हम उसे ~ मौत इन्सानो को आती है यादों को नहीं!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों मेंचलते चलते अपनी यादों को रोकोमेरे शहर में बारिश हो रही है!!

ऐ दोस्त यूँ तो हम तेरी हसरत को क्या कहें,लेकिन ये ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी नहीं।

सच्चा मेहबूब नसीबों से मिलता है या फिर नसीब में सिर्फ यादें ही रह जाती है

बिछड़ना है तो रूह से निकल जाओ,रही बात दिल की तो उसे हम देख लेंगे

किसी को इतना भी ना चाहो कि, भुलाना मुश्किल हो जाए;* ~ क्योंकि जिंदगी, इन्सान, और मोहब्बत तीनो बेवफा है!

आइना देखती हूँ खुद को देखने के लिए ,मगर कमाल है नज़र तुम आ जाते हो।

वो अनजान चला है,जन्नत पाऩे की खातिर ~ बेखबर को इत्तला कर दो,कि माँ-बाप घर पर ही है.

कोई तीर दिल में उतर गया कोई बात लब पे अटक गई ~ ऐ जूनून तूने बुरा किया मेरी सोच राह भटक गई!!!

जितना गहरा प्यार होता हैउतना ही गहरा वार होता है।

जब भीड़ साथ थी …तब भी तुम पास थे …जब तन्हा हूं …तब भी तुम ही खास हो !!!❣️❣️❣️❣️❣️❣️ मेरा प्यार, मेरे हमसफ़रमेरे हमराज़, मेरे हमदर्द❤️ ❤️ माही

दिल की बात छुपाना आता नही,किसी का दिल दुखाना आता नही।आप सोचते है हम भूल गए आपको,पर कुछ अच्छे दोस्तो को भूलना हमको आता नही।

चेहरे से परेशानी दिल से मायूसी जिंदगी से, दर्द और बस चले तो हाथों की लकीरों से मौत तक चुरा ले !!

अब इस से बढ़ के और भी कुछ बे-कसी होगी ~ इलाही अब तो मिरा दिल दुआ भी भूल गया …

चुभ गई अगर कोई बात तुम्हारी,तो मेरा किरदार खराब भी हो सकता है।किसी की बात पर फिसला नही करते दोस्त,तारीफ की शक्ल में तेजाब भी हो सकता है।

बस यही “दौड़” है इस दौर के इंसानो की तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने

प्यार लेने और देने की प्रक्रिया पर निर्भर नहीं होना चाहिए! ये साथ रहे या जुड़ा बर प्यार करने और देने पर निर्भर होना चाहिए

ख्वाहिश रहती थी तुझे हर दिन देखने की तूने आखिर ये दिन भी दिखा दिया, मुझे डर था तुझसे बिछड़ने का तूने आखिर ये डर भी मिटा दिया।

तुम्हारे जाने के बाद ये दुख भी तो सहना पड़ रहा है, किसी के साथ मजबूरी में रहना पड़ रहा है।

सुबूतों की बात होतीतो सबसे पहले तुम्हें बेनकाब करते।

मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं, के ज़ख्म ताज़ा रहे, और निशान चला जाए

बादलों को गुरुर था कि वो उच्चाई पे है,जब बारिश हुई तो उसे ज़मीन की मिट्टी ही रास आयी।

दर्द सब को हे यहा कोई लिखरहा है कोई पड़ रहा है।

आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए, दिल है बेघर उसे एक घर चाहिए, बस यूँही साथ चलते रहो ऐ दोस्त, यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए।

टूटे कांच की तरह चकनाचूर हो गएचुभ ना जाए कहीं इसलिए सबसे दूर हो गए

. आप हमारे कितने पास हो, आप हमारे लिए कितने खास हो,

घोंसला बनाने में यूँ मशग़ूल हो गए, उड़ने को पंख हैं, हम ये भी भूल गए…

गीत की जरुरत महफ़िल में होती है,प्यार की जरुरत हर दिल में होती है,बिना दोस्त के अधूरी है जिंदगी,क्योंकि दोस्त की जरुरत हर पल में होती है।

जब तुझसे बिछड़े, तो दिन भी अजीब थे,दूर होकर एहसास हुआ, हम तेरे कितने करीब थे.

जब सब ने साथ छोड़ दियाजब जमाने ने गलत ठहरायातब कोने में खड़े यार नेजिंदगी में मुश्किलों से लड़नेका रास्ता दिखाया।

उसका इश्क़ भी चाँद जैसा था ~ जैसे पूरा हुवा तो घटने लगा

इंसान यूं ही नहीं मतलबी कहा जाता है उसे अपने सुख से ज़यादा, दूसरे के दुःख में मज़ा आता है

इतना जागा हूँ तेरी फ़ुर्क़त में ~ अब मेरी रात ही नहीं होती …

हम तो पतझड़ में भी बहार ले आएंगेहम गहरी उदासी में भी प्यार ले आएंगेदोस्तों आप एक बार दिल से आवाज़ तो दोहम तो आपके लिए मौत से भी साँसे उधार ले आएंगे

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