Bichadna Shayari In Hindi : बहुत अच्छा चल रहा था यह रिश्ता हमारा, बिछड़े इस रफ़्तार से मानो, मैं आसमान और वो टूट ता तारा. मैं हर उस पल टूट कर बिछड़ जाती हु, तेरा यूँ बिछड़ जाना, और फिर तेरा मुझे भुला देना.
बेशक अब मौत आ जायेपर दिल किसी पर न आये।
किसकी पनाह म तुझे गुजारे ए ज़िन्दगी,अब तो रास्तों ने भी कह दिया है घर क्यों नहीं जाते।
अब मोहब्बत पे ऐतबार ना रहा हमे, लोगों छोड़कर जाते हुए देखा है, हजारों कसमें खाने के बाद।
आइना देखती हूँ खुद को देखने के लिए ,मगर कमाल है नज़र तुम आ जाते हो।
जब चाहा आ जाती होजब चाहा दूर जाती होक्या समझ रखा है हमेंये खेल नहीं मेरी मोहब्बत है।
मेरी छोड़ ये बता बिछड़ने का गम क्या तुझे भी हुआ, क्या कभी ठीक ना होने वाला ज़ख़्म तुझे भी हुआ।
जाने वाले को जाने दीजिये आज रुक भी गया तो कल चला जायेगा
लोग कहते हैं। जिन्दगी छोटी सी हैं।भगर मुझे सदियाँ हो गयी उसके बिना जीते जीते।।
दर्द सब को हे यहा कोई लिखरहा है कोई पड़ रहा है।
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं।कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
“मुझसे दूरियां बना कर तो देखो साहैब फिर पता चलेगा कितनी नज़दीक़ हूँ मै।”
वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था
इश्क़ क्या होता है तुम्हें बताऊंगा मैं बिछड़ने की भी रस्में निभाउंगा जा तो रहे हो मुझे छोड़ कर, मगर याद रखना मैं याद आऊंगा
दोस्तों से बिछड़ के यह एहसास हुआ, ग़ालिब, थे तो वो कमीने लेकिन रौनक भी उन्ही से थी।
दिन हुआ है तो रात भी होगी,हो मत उदास, कभी बात भी होगी,इतने प्यार से दोस्ती की है,जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी.🤝🤝
ये रात हम से बहुत प्यार करती हैंसब को सुलाकर हम से अकेले मे बात करती है.!
मुझे तो तोफे में अपनों का वक़्त पसंद है मगर आज कल इतने महंगे तोफे देता कौन है
आज हम दर्द है उनके लिए, कभी हम उनका सुकून होया करते थे, आज वो दुर है हमसे, जिनकी हम जान होया करते थे।
मैंने तो समझा था की मिल कर दास्तान पूरी हुई, वो बिछड़ कर और भी लम्बी कहानी बन गयी।
दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया,जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया।हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया।
कुछ याद आया तो लिखेगें फिर कभीफिलहाल तो रूह बेचैन है तुम्हे देखने को.
बुरा तो तब लगता है,जब हम एक ही इंसान से।बात करना चाहते हो,और वो हमे इग्नोर करता है।
वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है,तुमसे मगर एक सवाल आज भी।
सोच रहा हु कि कुछ ऐसा लीख दू,की वो पढ़ के रोए भी ना, सोए भी ना..!
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,जिसका रास्ता बहुत खराब है।मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
इक शख्स.. कुछ लम्हे.. कई यादें बतौर इनाम मिलेइक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले।
मोहोब्बत से अब थोड़ा संभल कर रहता हूँ, तुझसे अलग होने के बाद अब सबसे अलग ही रहता हूँ।
दिल तोड़ के जाने वाले ना लौट के आने वाले जा तेरे बिना जीना सीख लिया औरों से यारी निभाने वाले
वक्त भी… कैसी पहेली दे गया….उलझने सौ… जां अकेली दे गया…..
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा ना हुआ ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा ना हुआ
आँखों मे आँसु का पता न चलता,दिल को दर्द का एहसास न होता,कितना हसीं होता ये जिंदगी का सफ़र,अगर कभी मिलकर बिछड़ना न होता…!
दोस्ती तो झोंका है हवा का। दोस्ती तो एक नाम है वफ़ा का। ओरो के लिए कुछ भी हो चाहे। मेरे लिए दोस्ती एक हसीन तोफा है खुदा का।
किनारे से अब , नहीं हम लौटेंगेइश्क़ के दरिये में , जी भर के डूबेंगे।
खोए हुए आंसुओं से मोहब्बत मुझे भी है,तेरी तरह ज़िन्दगी से शिकायत मुझे भी है।तू अगर नाज़ुक है तो पत्थर मैं भी नहीं,तन्हाई में रोने की आदत मुझे भी है।
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यों ना हो,पर तुझे छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नहीं रखते।
जहां डूबा था मैं मुझे वही किनारा चाहिए,तू फिर आ मेरे पास, मुझे तू दोबारा चाहिए.!
हम दोनो के दरमिया दूरिया ना होताआगर कुछ आपकी मजबूरिया ना होतींनहीं तड़पते इतना यू आपके बिनाअगर जमाने की ये बेड़िया ना होती।
पता तो मुझे भी था पर यह नहीं पता था, की सच बोलने पर लोग बिछड़ जाते है।
गलती तो हर कोई करता हैमगर जिनको जाना होता हैउनको एक बनाना मिल जाता है।
नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं,मैंने तो दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर।
काश ये दिल पत्थर हो जाए, ना किसी के आने से धड़कता, और ना किसी के जाने से तड़फता।
एक अजीब सी खबर है सुनोगे क्यामोहब्बत का हकीम मोहब्बत मे मर गया।
काश वो रास्ते में मिल जाए, मुझे मुंह फेर के गुजरना है
नाजुक होता है ये मोहब्बत का धागा टूटा तो फिर जुड़ नहीं पाता
चलो मान लिया हमनें कि मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,मगर ये भी तो बताओ तुम्हें दिल तोड़ना किसने सिखाया।
मत पूछ जिंदगी कैसी गुजार रहे है हम, जो मौसम तेरे साथ बिताना था, अकेले गुजार रहे है हम।
टूटा पड़ा हूँ लगभग पूरा का पूरा, वो तो तेरी आने की उम्मीद है जो मुझे कहीं लिए जा रही है।
नमाज फर्ज है, पर किसी का दिल तोड़ के सजदे कबूल नहीं होते
“जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें, हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें, मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी, क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।”
रुलाया ना कर ऐ जिंदगीमुझे चुप कराने वाला कोई नहीं है… । ।
पीछे मुढ़ कर तुझे देखना तो चाहते थे पर तेरी बात याद आ गई की तू मुझे देखना भी नहीं चाहता।
जी लो इन पलों को हँसकर जनाब,फिर लौटकर दोस्ती के यह पुराने दिन नहीं आते…Jee lo in palo ko hashkar janab,Fir lautkar dosti ke yah purane din nhi aate…
कोई दौलत पर नाज़ करते हैं, कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं, जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो, वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है,वफ़ा के नाम पे मरना सिखा देता है।प्यार नहीं किया तो करके देख लो यार,ज़ालिम हर दर्द सहना सिखा देता है।
जाऊंगा किसी दिन इस तरह छोड़कर तुम्हें तुम आसमान में देख कर मुझे याद करोगे
तकदीर ने जैसे चाहा ढल गए हम,यूं तो संभल के चले थे फिर भी फिसलगए हम।अपना यकीं है की दुनिया बदल गयी,पर सबका ख्याल है के बदल गए हम।
“तुम्हारे होंगे चाहने वाले बहुत इस कायनात में, मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो।” – Sad Shayari
बिना सोचे समझे इश्क़ हुआ था तुमसे, अब तुम्हें भुलाने के ख्याल के बारे में सोचूं कैसे
दिल में रहने वाले चाहेकितना भी दूर चले जाएंउनके प्यार का एहसास हमेंउनके और करीब ले आता है।
तुम भी समझ लिया करो मुझको कभी कभी मुझको भी सहारों की ज़रुरत होती है
उनका कोई कसूर नहीं,ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
किसी के साथ आप वक्त भूल जाते हैंकोई वक्त के साथ आपको..!
कहने को तो आँसू अपने होते है,पर देता कोई और है..
उलझते जा रहे हालात जाने इस तरह से क्यूं कभी रोटी नहीं रहती कभी रुतबा नहीं रहता।
रिश्तों से बड़ी जरूरत क्या होगी, दोस्ती… से बड़ी इबादत क्या होगी, जिसे दोस्त मिल जाये तुम जैसा अनमोल , जिंदगी से और शिकायत क्या होगी।
खुद पे भरोसा है तो खुदा साथ है,अपनो पे भरोसा है तो दुआ साथ है,जिदंगी से हारना मत ऐ दोस्त,ज़माना हो ना हो ये दोस्त तेरे साथ है…🤝🤝
साहब पागल हु पागल ही रहने दो, समझदारो का हाल देखा है इश्क में हमने भी।
अपनों से होती है नाराजगी साहेब गैरों से क्या गिले-शिकवे
कल तुम्हे फुरसत ना मिली तो क्या करोगे,इतनी मोहलत ना मिली तो क्या करोगे।रोज़ कहते हो कल बात करेंगे,कल हमारी आँखें ही ना खुली तो क्या करोगे।
“चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल, इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं, बात होती गुलों तक तो सह लेते हम, अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।”
मोहब्बत पर लगे इल्जाम से पहचानते हैं !अब तो लोग भी मुझे तेरे नाम से ही जानते हैं !!
जब सोच में मोच आती है,तब हर रिश्ते में खरोच आती है।अवसर और सूर्योदय में एक ही,समानता है, देर करने वाले इन्हें खो देते हैं।