Bhagat Singh Shayari In Hindi : वतन से ख़ूबसूरत कोई सनम नही होता हैं,तिरंगे से ख़ूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता हैं. मातृभूमि के लिए मर मिटना कबूल है हमें,केवल स्वतंत्र भारत के स्वप्न का जुनून है हमें.
*वतन हमारा मिसाल मोहब्बत कीमिटाता है दिवार नफ़रत कीखुशनसीबी हमारी ,जो मिली जिंदगी इस चमन में ,भुला ना सकेंगे इसकी खुशबूसातों जनम में।
स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ख़त्म होनेवाला जन्म सिद्ध अधिकार है।
*मुझे न तन चाहिए ना धन चाहिएबस अमन से भरा यह वतन चाहिएजब तक ज़िंदा रहूँगाइस मातृ – भूमि के लिएऔर जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिए
जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को, फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को। देश के शहीदो को नमन।
~ निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार, ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।
कानून की #पवित्रता ?केवल तब तक #बनी रह सकती हैजब तक यह लोगो #की अभिव्यक्ति हो?♂️।
~ यह शादी करने का समय नहीं है। मेरा देश मुझे बुला रहा है। मैंने अपने दिल और आत्मा के साथ देश की सेवा करने के लिए एक प्रतिज्ञा ली है।
क्रांति मनुष्य का जन्म सिद्ध आधिकार है साथ ही आजादी भी जन्म सिद्ध अधिकार है और परिश्रम समाज का वास्तव में वहन करता है।
सीने में आग और #हृदय में देशभक्ति का# जूनून रखते है,क्योंकि हमारे ?दिलों-दिमाग में भगत# सिंह बसते हैं?♂️।
मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
*लिपट कर चेहरे कई तिरंगे में आज वी आते हैं ,यूँ ही नहीं दोस्तों हम आज़ादी मनाते हैं।
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों सेअगर में इश्क लिखना भी चाहूँतो इंकलाब लिखा जाता है👉✍️✍️👈
व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नही मार सकते
अगर बहरों को सुनना है तो आवाज बहुत तेज होना होगा।
“ताकत के बल पर आप इंसानों को तो कुचल सकते हैं पर उन इंसानों के विचारों को आप कभी नहीं कुचल सकते”
~ मुझे खुद को बचाने की कभी कोई इच्छा नहीं रही और मैंने कभी भी इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा।
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार येक्रांतिकारी सोच के दो लक्षण है👉✍️✍️👈
*आज सलाम है उन वीरों कोजिनके कारण ये दिन आता हैवो माँ खुशनसीब होती हैबलिदान जिनके बच्चों काइस देश के काम आता है।
चैन ओ अमन का देश है मेरा, इस देश में दंगा रहने दो लाल हरे में मत बांटो, इसे शान ए तिरंगा रहने दो
इस संसार में हर इंसान का जन्म सिद्ध अधिकार है उसकी खुद की स्वतंत्रता। जिसे कोई खत्म नहीं कर सकता।
“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण है.”
~ बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए हैं। बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं।
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी
प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।“ ~ भगत सिंह
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे. करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे.
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं – जय भारत, वन्दे मातरम
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।। – भगत सिंह महान क्रांतिकारी…
दिलों की नफरत को निकालो वतन के इन दुश्मनों को मारो ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन भारत माँ के सम्मान को बचा लो
जरूरी नहीं थी की ?क्रांति में अभिशप्त# संघर्ष शामिल हो.यह बस और पिस्तौल का पंथ नहीं था?♂️।
मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
जो भी विकास के लिए खड़ा है उसे हर रूढ़िवादी चीज कि आलोचना करनी होगी उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी.”
यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।
ऐसा में आज हम भगत सिंह के विचार और उनके द्वारा कही गयी प्रेरणादायक बातें आप तक इस पोस्ट Bhagat Singh In Hindi के माध्यम से आप तक पहुँचा रहे हैं।
“मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई आकषिर्त वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।”
“कानून की पवित्रता को तभी तक स्वीकार किया जा सकता है, जब तक कि ये लोगों की इच्छा का मान रखता हो।”
यह ब्यक्तियों को मारना आसान है, लेकिन आप विचारों को नहीं मार सकते.
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।
सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ, दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ
~ ज़रूरी नहीं है कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं है।
मेरी गर्मी के कारण राख का एक एक कण चलायमान हैं में ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ।
कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमे अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।
मरना है तो वतन के लिए मरो… कुछ करना है तो वतन के लिए करो.. अरे टुकड़ों में तो बहुत जी लिया.. अब जीना है तो मिल कर वतन के लिए जियो.. जय हिंद !!!
रगड़ के मिटटी वतन की,यह मेला बदन पाक हो जाये,दरकार लाये लहू से वतन सींचने की,मेरा कतरा कतरा आजाद हो जाये।
~ क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है। गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है।
अगर आप स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर शायरी पढना चाहते है तो निचे वाली आर्टिकल पढ़ें।
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे. करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे.
लड़े वो वीर जवानों की तरह, ठंडा खून भी फौलाद हुआ, मरते मरते भी कई मार गिराए, तभी तो देश आजाद हुआ।
“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार यह क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”
मैं इंसान हूँ और जो भी चीजें इंसानियत पर प्रभावडालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है👉✍️✍️👈
बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”
मुसीबतें इंसान को पूर्ण बनाने का कार्य करती हैहर स्थिति में धेर्य बनाकर रखें👉✍️✍️👈
“मेरा जीवन एक महान उद्देश्य के लिए समर्पित है और वह है देश की स्वतंत्रता। इसलिए कोई भी आराम या सांसारिक सुख मुझे नहीं लुभाता।”
अगर आपको मेरे (भगत सिंह के अनमोल वचन) प्रेरित करते हैं तो बदलाव लाने की हिम्मत करते समय बिलकुल मत सोचिये.
मरना है तो वतन के लिए मरो…कुछ करना है तो वतन के लिए करो..अरे टुकड़ों में तो बहुत जी लिया..अब जीना है तो मिल कर वतन के लिए जियो..जय हिंद !!!
किसी को “क्रांति” को परिभाषित नहीं करना चाहिए . इस शब्द के कई अर्थ एवम मतलब हैं जो कि इसका उपयोग अथवा दुरपयोग करने वाले तय करते हैं
दिल से निकलेगी न? मरकर भी #वतन की उल्फत,मेरी मिट्ठी #से भी खूशबू-ए-वतन# आएगी?♂️।
*आन देश की ,शान देश की ,देश की हम संतान हैंतीन रंगों से रंगा तीरंगा ,अपनी यही पहचान है।
मेरे सीने पर जो जख्म हैं, वो सब फूलों के गुच्छे हैं,हमको पागल रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं.
चलो फिर से खुद को जगाते है, अनुशासन का झंडा फिर से घुमाते है, सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहूँ से, ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते है।
जिसका ताज हिमालय है।जहां बहती है गंगाजहा अनेकता में एकता है।सत्यमेव जयते है नारा,वह भारत देश है मेरा।
आलोचना और स्वतंत्र सोच…एक क्रांतिकारी के दो अपरिहार्य गुण हैं– भगत सिंह, (मैं नास्तिक क्यों हूं)
क्या आपको मालूम है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है। गरीबी एक सजा है, यह एक अभिशाप है।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।
अनेकता में एकता ही हम सबकी शान हैं,इसीलिए मेरा भारत महान हैं।गणतंत्र दिवस मुबारक हो !!
मेरी सोच स्वतंत्र और गतिमान है,भगत सिंह हूँ, जेल में भी आजाद हैं.Desh Bhakti Shayari Bhagat Singh in Hindi
जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को, फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को। जय हिन्द जय भारत
अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहोत जरुरी है।
बीच में देखो अशोक चक्र को,जो हरदम चलते रहता है।रुको नहीं तुम आगे बढ़ो,हर पल हमसे कहता है।
देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं
~ ज़रूरी नहीं है कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं है।
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं। तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं
~ मैं खुशी से फांसी पर चढ़ूंगा और दुनिया को दिखाऊंगा कि कैसे क्रांतिकारी देशभक्ति के लिए खुद को बलिदान दे सकते हैं।