Berukhi Shayari In Hindi : आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई. बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.
तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!
#सोचते हैं हम भी सीखले बेरुखी करना, हमने अपनी कदर खो दी है हर एक को मोहब्बत देते देते!!!
कबीर जी कहते हैं कि सच्चा योगी बनना है तो मोह वासनाओं तथा तृष्णा को फूँक कर नाश कर दो फिर फेरी करो तब हे प्राणी, तुम्हारे अंदर आत्मा का विकास होगा ।
दूर जाकर हम से सुकुन कहा पाओगे !!रात दिन यूंही तड़पते रहे जाओगे !!अपनी बेरुखी इस तरह ना दिखाया करो !!वरना हमे देखने को तरस जाओगे !!
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें, किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें, फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा, तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।
जब तक सूर्य उदय नहीं होता तब तक तारा चमकता रहता है इसी प्रकार जब तक जीव को पूरा ज्ञान प्राप्त नहीं होता । तब तक जीव कर्म के वश में रहता है ।
सोच समझ कर किसी से दिल लगाना !!क्यों की आसान नहीं होता उस इंसान को भूलना !!
तेरी बेरुखी ने ये क्या कर दिया है.!!भीड़ में होते हुऐ भी तनहा कर दीया है.!!
लोगों का स्वार्थ देखकर मनरूपी आकाश फट गया । उसे दर्जी क्योंकर सी सकता है! वह तो तब ही ठीक हो सकता है जब कोई हृदय का मर्म जानने वाला मिले ।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता, बेरुखी भी उनकी मंजूर थी हमें, एक बार बस हमें समझ लिया होता !
तेरी बेरुखी ने ये क्या कर दिया है !!भीड़ में होते हुऐ भी तनहा कर दीया है !!
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा, दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा, जी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तों, कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।
सफल होने के लिए सबसे पहले हमारे अंदर विश्वास होना चाहिए कि हम कर सकते हैं।
आर्मी की शक्ति की तरह परिवार की शक्ति भी एक-दूसरे के प्रति निष्ठा में निहित है…!! मारिओ पूजो
एक वो हैं जिन्हें रोज़ नई मोहब्बत चाहिए, एक हम हैं जो अब तक उन्हीं में उलझे हैं !!
अब कैसे समझाऊ इस दिल को !!की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले !!
किस्मत ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम, बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम, किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल, और लोग कहते हैं की बदल गए हैं हम !
प्यास वो दिल कि बुझाने कभी आया भी नहीं,कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं…
#आखिर दूर यूं हम से कब तक रह पाओगे मिलना पड़ेगा आखिर कभी जरूर हमसे नजरे चुराने वाले ये बेरुखी कैसी कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे!!!
जैसे मछ्ली को पानी प्यारा लगता है, लोभी को धन प्यारा लगता है, माता को पुत्र प्यारा लगता है वैसे ही भक्त को भगवान प्यारे लगते है ।
किसी को गलत समझने से पहले एक बार उसके हालात जानने की कोसिस जरूर करो.
मुझे विश्वास है की कबीर दास जी दोहों के इस ज्ञान गंगा में सामान्यजन से लेकर विद्वतजन गोता लगा सकेंगे।
जिस दिल से मैं प्यार की आस कर रहा था उस दिल में तो इंसानियत भी नहीं थी
शिकायत न करना किसी से बेरुखी.!!की इंसान की फितरत ही होती है.!!जो चीज़ पास हो उसकी कद्र नही करता.!!
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह, वरना हमारे वादे भी कभी, जंजीर हुआ करते थे.
तू मुझसे दूर है इस बात का शिकवा नही,गिला तो इस बात का है की,तू किसी और के करीब है.
लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कलएक खुराक तेरे दीदार की चाहता है.
इतनी बद-सलूकी न कर ए जिंदगी !!हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले हैं !!
कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने ए दिल.!!लोग आप से तुम तुम से जान.!!और जान से अनजान हो जाते हैं.!!
चाहते थे हम आपके अल्फाज बनना !!पर आपने तो हमारी बेरुखी चुन ली !!
जब मन में प्रेम की अग्नि लग जाती है तो दूसरा उसे क्यों जाने ? या तो वह जानता है जिसके मन से अग्नि लगी है या आग लगाने वाला जानता है ।
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो, एक जान है जबदिल चाहे माँग लेना।
कि मुझे फुर्सत कहां कि मौसम सुहाना देखूं मैं तेरी यादों से निकलूं तब तो जमाना देखूं ..!!
साधु, सती, सूरमा की बातें न्यारी हैं । यह अपने जीवन की परवाह नहीं करते हैं इसलिए इनमें साधन भी अधिक हैं ।साधारण जीव उनकी समानता नहीं कर सकता ।
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!
दुआ करना दम भी उसी तरह निकले, जिस तरह तेरे दिल से हम निकले !
कहाँ तलाश करोगी तुम मुझ जैसा शक्स ?जो तुम्हारे सितम भी सहे,और तुम से मोहब्बत भी करे.
कोई अनजान नहीं होता अपनी.!!बेरूखी और खताओं से.!!बस हौसला नहीं होता खुद को.!!कटघरे में लाने का.!!
कभी फुर्सत मिले तो जरूर बता देना !!कि वो कौन सी मोहब्बत थी जो मैं नही दे पाया !!
यह कलयुग खोटा है और सारा जग अंधा है मेरी बात कोई नहीं मानता, बल्कि जिसको भली बात बताया हूँ वह मेरा बैरी हो जाता है ।
“किसी का प्रिय बनकर उसे खो देना किसी का प्रिय न बनने से कई बेहतर है।”Kisi Ka Priy Banakar Use Kho Dena Kisi Ka Priy Na Banane Se Kai Behatar Hai.
ज़रा तल्ख़ लहज़े में बात कर ज़रा बेरुख़ी से पेश आ.!!मैं इसी नज़र से तबाह हुआ हू मुझे देख न यूँ प्यार से.!!
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह!
न जाने क्यों इतना दर्द देती है ये मोहब्बत,अच्छा खासा इंसान भी मरने की दुआ करने लगता है.
अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं, थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं !
सुकून ए दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही.!!हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे वो फ़ासला ही सही.!!
उन्होंने बस महबूब ही तो बदला हैइसका गिला क्या करना,लोग दुआ कुबूल न हो तोखुदा तक बदल देते हैं.
जख्म तो कई दिए जिंदगी ने मुझे लेकिन उतना दर्द ना हुआ जितना दर्द तेरी बेरुखी ने दिया।
अभी ज़रा वक़्त है,उसको मुझे आज़माने दो.वो रो रोकर पुकारेगी मुझे,बस मेरा वक़्त तो आने दो.
ए दिल अब तो होश मैं आ,यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं,और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है.
वो हमसे खफा बैठे हैं क्योंकि गलती.!!से वो किसी ओर की बातो में आ बैठे है.!!
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो, एक जान है जबदिल चाहे माँग लेना।
दोस्त होकर भी महीनों नहीं मिलता मुझसे, उस से कहना कि कभी ज़ख्म लगाने आये।
बस तुम्हारे इश्क़ में ही आगे बढ़ा , कभी ज़िंदगी में नहीं। bs tumhare ishq me hi aage badha kabhi zindgi me nhi
इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से,के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है.!!
टूटे दिल को लेकर अब कहाँ जायेंगे, यहीं रहेंगे गम से निभायेंगे !
सालभर तेरी बेरूखी से कत्ल होते रहे हैं हम.!!अब तो तहरीरें बन गई है उदासियाँ गुजरे साल की.!!
तेरी ये बेरुखी हमसे देखी नहीं जाएगी !!अगर ऐसा ही चलता रहा तो कसम से !!इस दिल की धड़कने ज्यादा दिन तक धड़क पाएंगी !!
हे मन धीरे-धीरे सब कुछ हो जाएगी माली सैकड़ों घड़े पानी पेड़ में देता है पर फल ऋतु आने पर ही लगता है ।
सुकून ए दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही !!हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा चाहे वो !!फ़ासला ही सही !!
जिनके हृदय में दया नहीं है और ज्ञान की कथायें कहते हैं वह चाहे सौ शब्द क्यों न सुन लें परंतु उनको नर्क ही मिलेगा ।
#उनकी बेरुखी को मेरी गैरत ने कुछ यू संभाला, कि मुस्कुरा के मै खुद मोहब्बत से मुकर गया!!!
“वह जो लाखो में एक होता है ना, बस मेरे लिया आप वाही हो!”Vah Jo Lakho Mein Ek Hota Hai Na, Bas Mere Liya Ap Vahi Ho!
“पसंद करके प्यार किया नहीं जाता, प्यार करके पसंद किया जाता है।”Pasand Karake Pyar Kiya Nahin Jata, Pyar Karake Pasand Kiya Jata Hai.
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
अब बस इतनी सी दुआ है रब से, तू ख़ुश रहे, हम ख़ुशियों की तलाश में निकल गए।
यदि सोने के कलश में शराब है तो संत उसे बुरा कहेंगे । इस प्रकार कोई ऊँचे कुल में पैदा होकर बुरा कर्म करे तो वह भी बुरा होता है ।
आग लगाना मेरी फितरत में नहीं मेरी सादगी से लोग जले तो इसमें मेरा क्या कसूर!
बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें.!!जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.!!
किसी के आने और जाने से,जीवन नही बदलता,बस जीने का अंदाज़ बदल जाता हैं..Kisi ke aane aur jane se,Jeevan nahi badalta,Bas jeene ka andaz badal jata hain…
जिस तरह सूखा पेड़ नहीं फलता इसी तरह राम के बिना कोई नहीं फल-फूल सकता । जिसके मन में राम-नाम के सिवा दूसरा भाव नहीं है उनको सुख-दुःख का बंधन नहीं है ।
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से !!मिलना पड़ेगा आखिर कभी जरूर हम से !!नजरें चुराने वाले ये बेरूखी है कैसी !!कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से !!