Berukhi Shayari In Hindi : आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई. बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.
मत बहा आंसुओं में जिंदगी को; एक नए जीवन का आगाज़ कऱ; दिखानी है अगर दुश्मनी की हद तो; ज़िक्र भी मत कर, नज़र अंदाज़ कर।
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे,और वो औरो से मिलने का इलज़ाम लगा रहे है.
मिल सके आसानी से ,उसकी ख्वाहिश किसे है?ज़िद तो उसकी है,जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं.
जहाँ दया है वहीं धर्म है और जहाँ लोभ है वहाँ पाप है, और जहाँ क्रोध है वहाँ काल (नाश) है । और जहाँ क्षमा है वहाँ स्वयं भगवान होते हैं ।
दोस्तों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया अब तोह लगता है खुल के जीना पुराना हो गया काश फिर से मिल जाये वह काफिला दोस्तों जिससे बिछड़े ज़माना हो गया…
“प्यार मतलब जो जैसा है उसे उसी रूप में प्यार करना।”Pyar Matalab Jo Jaisa Hai Use Usi Roop Mein Pyar Karana.
मुस्कुराना हमारी मजबूरी हैं,जिंदगी तो ऐसे भी हमसे नाराज रहती हैं…Muskurana hamari majboori hain,Zindagi toh aisi bhi hamse naraj rahti hain..
बहुत बेरुखी से पेश आता है दिल खुद सेकि अब प्यार भरी बातों की आदत नहीं रही….!!
“अच्छा लगता है जब कोई हमसे ज्यादा हमारी फिक्र करता है।”Achchha Lagata Hai Jab Koi Hamase Jyada Hamari Phikr Karata Hai.
बहुत बेरुखी से पेश आता है दिल खुद से.!!कि अब प्यार भरी बातों की आदत नहीं रही.!!
तेरी सादगी का कमाल है मै इनायत समझ.!!बैठा तेरी बेरुखी भी चुप सी है मै मुहब्बत समझ बैठा.!!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!है हम अपनी झील में एक चाँद उतरा !!छोड़ आए हैं !!
ऐसी बेरुखी भी देखी है हमने,के लोग, आप से तुम तक,तुम से जान तक, फिर जान से,अनजान तक हो जाते है.
तेरी बेरुखी ने छीन ली है.!!शरारतें मेरी और लोग समझते हैं.!!कि मैं सुधर गया हूँ.!!
इन बादलो का मिजाज मेरे महबूब सा है, कभी टूट कर बरसते है कभी बेरुखी से गुजर जाते हैं
आज हम उनको बेवफा बताकर आए है!उनके खतो को पानी में बहाकर आए है,कोई निकाल न ले उन्हें पानी से,इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए है !
तुम्हारी बेरूखी के बाद खुद से भी बेरूखी सी हो गई.!!मैं जिन्दगी से और जिन्दगी मुझसे अजनबी सी हो गई.!!
खुद का दर्द खुद से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता है. Khud ka dard khud Se jyada koi ni samajh Skta.
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र भर, भूल गया था की, मौसम तो बदल जाते हैं !
दुनिया मे सबसे बड़ी जीत परिवार के साथ जुड़े रहना Duniya ke sabse badi jeet pariwar ke sath jude rahna.
कोई था हमारी जिंदगी मेंजिसे हमारे चुप रहने से भी कभी फर्क पड़ता था,फिर न जाने अचानक क्या हुआआज रोने से भी फर्क नही पड़ता.
बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें !!जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं !!
जिंदगी तो कट ही जाती है, बस यही एक जिंदगी भर, गम रहेगा की हम उसे ना पा सके !
कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!कि लोग आप से तुम तक !!और तुम से जान तक !!फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए,और वो भी तुम्हारे होते हुए.
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह !!और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह !!
जान ही निकल जाती है जब यार अपना हों, और बात किसी और की करे..!! 😔
बेरुखी जहाँ हो वहाँ प्यार बिल्कुल नहीं होता.!!क्योंकि अपनेपन के बिना.!!कोई रिश्ता, रिश्ता नहीं होता.!!
अबकी बार सुलह कर ले मुझसे ऐ दिल, वादा करते है, फिर न देंगे तुझे किसी बेवफा के हाथ में।
वो दर्द दे गए सितम भी दे गए जख्म के साथ वो मरहम भी दे गए ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का हमे कभी न रोने की कसम दे गए !
जिस घड़ी साधु का दर्शन हो उसे श्रेष्ठ समझना चाहिए । और रामनाम को रटते हुए अपना जन्म सुधारना चाहिए ।
सुकून ए दिल को नसीब.!!तेरी बेरुखी ही सही.!!हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा.!!चाहे वो फ़ासला ही सही.!!
अब कैसे समझाऊ इस दिल को की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले।
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये, क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत !
हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले.!!अजनबी जैसे अजनबी से मिले.!!हर वफ़ा एक जुर्म हो गया.!!हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले.!!
दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो मैं जहाँ जिस हाल में रहुँ बस तू ही तू मेरे करीब हो
उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर, बीते हुए लम्हों को तू याद न कर, एक कैद परिंदे ने ये कहा हम से, मैं भुल चुका हूँ उड़ना मुझे आजाद न कर।
#चुपके से हमने भेजा था एक गुलाब उसे, खुशबू ने सारे शहर में तमाशा बना दिया!!!
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का दिल ही तो था भर गया होगा।
“लोग आँखे बंद रखते हुए भी प्यार में गिर सकते है।”Log Ankhe Band Rakhate Hue Bhi Pyar Mein Gir Sakate Hai.
पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते जब तक हम न पुकारे उधर से आवाज ही नहीं आती।
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.!!जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे.!!
लोगो की बेरुखी देखकर तो अब !!हम खुश होते है ,आँसु तो तब आते है !!जब कोइ प्यार के दो लफ्ज कहता है !
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने.!!प्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने.!!मत सोच कि हम भूल गए है तुझे.!!आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने.!!
तेरी ये बेरूखी किस काम की रह जायेगी.!!आ गया जिस रोज अपने दिल को समझाना मुझे.!!
जहर पीने से कहाँ मौत आती है, मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए।
है न मुझे गलत फहमियां?? तुझे जब भी समझा अपना समझा. Hai na mujhey galat fahmiya?? Tujhey jab bhi samjha apna samjha.
काश वह समझते इस दिल की तड़प को.!!तो यूँ रुसवा ना किया होता.!!उनकी ये बेरूखी भी मंजूर थी हमें.!!बस एक बार हमें समझ लिया होता.!!
सपना है आँखों में मगर नींद नहीं है,दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन नहीं है,कैसे बयाँ करें हम अपना हाल-ए-दिलजी तो रहें हैं मगर ये ज़िंदगी नहीं है.
काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह.!!और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह.!!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं !!यूँ तो मिल जाता है हर कोई !!
दर्द हमेशा अपने ही देते हैं,वरना गैरों को क्या पता,आपको तकलीफ किस बात से होती हैं.
जिसने जितना वक्त दिया था, हमने सब संभाल के रखा है, किसी दिन फुर्सत से अदा करूंगा !
#नमक भी छिड़क कर देखो जख्मों पर, तेरी बेरुखी ज्यादा दर्द देती है!!!
भुला देंगे तुमको ज़रा सब्र तो कीजिये ,आपकी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा हमे.
तेरी ये अदा ये बेरुखी उम्र भर याद रहेगी मुझे.!!तू बेवफा निकली.!!इसलिए किसी और से वफा की तलाश रहेगी मुझे.!!
इस दिल को आखिरकार कुछ तो मिला, तेरी महोब्बत ना सही लेकिन तेरी बेरुखी का हिस्सा तो बना।
बिना उसके दिल का हाल कैसे बताऊ, अब मैं अपना प्यार किसपे जताऊ। Bina uske dil ka haal kaise batau, ab main apna pyar kispe jatau.
डर तो उसे भी होगा बिछुड़ने का मुझसे.!!मेरी बेरुख़ी से वो सहम क्यों नही जाता.!!
जाने वालों को रस्ता दिया करो… वास्ता दोगे तो सर पे चढेंगे…
“प्यार के गणित में, 1 + 1 = सबकुछ और 2 – 1 = कुछ भी नही।”Pyar Ke Ganit Mein, 1 + 1 = Sabakuchh Aur 2 – 1 = Kuchh Bhi Nahi.
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल, उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी !
छोटी सी जिंदगी है हंस के जियो !!भुला के गम सारे दिल से जियो !!उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो !!अपने लिए न सही अपनों के लिए जियो !!
बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने,ना अब किसी को खोने का दुःख,ना किसी को पाने की चाहत.
दिल मे आरजू के दिये जलते रहेगे, आँखों से मोती निकलते रहेगे, तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो, हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे !
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें,यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है.
जिस नजाकत से लहरें पैरों को छूती हैं, यकीन नही होता कि इन्होने, कभी कश्तियाँ भी डुबाई होंगी !
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में, पहले से बेहतर दिखने लगा है !
तुम्हारी बेरुखी को हम.!!प्यार में बदल देंगे.!!तेरी मुसकुराहट के लिए.!!हम कुछ भी कर लेंगे.!!
तू हमसे चाँद इतनी बेरुखी से बात करता !!है न हम अपनी झील में एक चाँद उतरा !!छोड़ आए हैं !!
उसकी बेरुखी ने मुझे उसका असली चेहरा दिखाया.!!जिसके लिए हमने क्या-क्या नहीं गंवाया.!!
तुम्हारी बेरुखी के बाद खुद से भी बेरुखी सी हो गई.!!मैं जिंदगी से और जिंदगी मुझसे अजनबी सी हो गई.!!