1078+ Berukhi Shayari In Hindi | बेरुखी शायरी

Berukhi Shayari In Hindi , बेरुखी शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 2, 2023 Post Updated at: October 31, 2023

Berukhi Shayari In Hindi : आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई. बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.

दर्द कभी कम नही हुआ करता है,बस उसे सहने की आदत हो जाती है.

हमारी बेरुखी अब !!इस कदर बढ़ गई है !!तुमसे बात तो मुमकिन है !!पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !!

हमेशा मैं ही क्यों डरु तुझको खोने से,कभी तू भी डरे मेरे न होने से..Hamesha main hi kyu daru tujhko khone se,Kabhi tu bhi dare mere na hone se..

सुकून ए दिल को नसीब.!!तेरी बेरुखी ही सही.!!हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा.!!चाहे वो फ़ासला ही सही.!!

तेरी बेरुखी ने ये क्या कर दिया है !!भीड़ में होते हुऐ भी तनहा कर दीया है !!

दम तोड़ जाती है ममता माता पिता की, जब बच्चे कह देते हैं, आपने हमारे लिए किया ही क्या है !

जिस मनुष्य को समझाने तथा पढ़ाने से भी कुछ ज्ञान न हो उस मनुष्य को समझाना भी अच्छा नहीं क्योंकि उस पर आपकी बातों का कुछ भी प्रभाव नहीं होगा ।

भुला भुला लागे ये जमीं ये आसमां !!यादे हैं बस तेरी तु कहाँ !!

परिवर्तन और संघर्ष से डरने वाला व्यक्ति कभी भी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाता।

एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से अब वो भी टूट गयी, वफादारी की आदत थी हमे, अब शायद वो भी छूट गई !

रात भर जागता हूँ एक एसे सख्श की खातिर..जिसको दिन के उजाले मे भी मेरी याद नही आती है.

यदि किसी ने अपना गुरु नहीं बनाया और जन्म से ही हरि सेवा में लगा हुआ है तो उसे शुकदेव की तरह बैकुंठ से आना पड़ेगा ।

#इतना बेरुखी से क्यों पेश आते हो, हमे हक ना सही पर इश्क तो है!!!

कुछ बेरुखी से ही सही !!पर देखते तो हो !!ये आपकी नफरत है कि !!एहसान आपका !!

हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले, अजनबी जैसे अजनबी से मिले, हर वफ़ा एक जुर्म हो गया, हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले. Dost Ki Berukhi Shayari

बुरा नहीं हूँ मैं,अपनी कुछ कहानी हैं,टूट चूका हूँ मैं,अपनों की ही मेहरबानी हैं.

तकलीफ उन्हें बताओ,जो उन्हें समझने के काबिल हो…Takleef unhe batao,Jo unhe samajhne ke kabil ho..

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें !!जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं !!

उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है।

चाहत से ज्यादा, चाहने की चाहत,मुझे भी थी उसे लेकिन क्या फायदा ऐसी चाहत का,जो चाहकर भी ना बन सके मेरी चाहत.

इतनी बेरुखी दिखा कर के तुझे क्या मिलेगा !!क्या तू रब है जो मरने के बाद मिलेगा !!

शील स्वभाव का सागर है जिसकी थाह कोई नहीं पा सकते वैसे ही भगवान के भजन के बिना साधु नहीं होता जैसे धन के बिना शाह नहीं कहलाता ।

रो रहे है आज सब सताने वाले एक वो है कि कफन में लिपटा हंस रहा है..!

खुश नसीब होते हैं बादल, जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते हैं !

इन बादलो का मिजाज मेरे महबूब सा है.!!कभी टूट कर बरसते है कभी बेरुखी से गुजर जाते हैं.!!

तेरी बेरुखी से अच्छी !!तेरी बातें होती है !!तेरे उदास होंठों की चुपी !!मेरी जान ले लेती है !!

जिस भगवान को तू सारे संसार में ढूँढता फिरता है । वह मन में ही है । तेरे अंदर भ्रम का परदा दिया हुआ है इसलिए तुझे भगवान दिखाई नहीं देते ।

मेरी जिंदगी है अजनबी सी अजीब सी जुस्तजू है बस छोटी ख्वाहिशो को पाने में सुकून की नींद छोड़ी है..!!

हम यूँ अपनी जिंदगी से मिले !!अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!हर वफ़ा एक जुर्म हो गया !!हर दोस्त कुछ ऐसी बेरुखी से मिले !!

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है.!!तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है.!!

जिंदगी तब से टूट कर बिखर रहे है हम धीरे-धीरे खुद को मरते देख रहे है हम..!!

वो मेरी मोहब्बत है,और मैं उसकी सिर्फ एक आदत.

पहले सी बात न थी, इश्क अब फीका था, अभी-अभी उन्होंने नजरअंदाजी का हुनर सीखा था.

जिस मनुष्य को समझाने तथा पढ़ने से भी ज्ञान न हो तो ऐसे मनुष्य को समझना भी अच्छा नहीं क्योंकि उस पर आपकी बातों का कोई प्रभाव नहीं होगा ।

“मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली जिन्दगी देती है!😭

“वो पल बेहद खूबसूरत होता है, जब कोई अपना कहता है कि “I miss u”Vo Pal Behad Khoobasoorat Hota Hai, Jab Koi Apana Kahata Hai Ki. “I Miss U”

चाहते थे हम आपके अल्फाज बनना.!!पर आपने तो हमारी बेरुखी चुन ली.!!

तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की !!सबकुछ काबिले मरम्मत है ऐतबार के सिवा !!

उनकी बेरुखी ने बतलाया अब वो मेरे नहीं रहे.!!जिनकी खातिर हमने क्या-क्या सितम नहीं सहे.!!

तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने, प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने, मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे, आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने

जिस तरह सूखा पेड़ नहीं फलता इसी तरह राम के बिना कोई नहीं फल-फूल सकता । जिसके मन में रामनाम के सिवा दूसरा भाव नहीं है उनको सुख-दुख का बन्धन नहीं है ।

कब वो सुनता है कहानी मेरी.!!और फिर वो भी ज़बानी मेरी.!!

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है , तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है

निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़.!!ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो.!!

अकेला रहना अच्छा लगने लगा है यह दिल लोगों से डरने लगा है खुद से बातें कर सकूँ मिलता है अपनों को भी खुद से दूर करने लगा है

जब से उसने बेरुखी का हुनर सीखा है.!!वो मेरा नहीं अब और किसी का है.!!

अब शायद उसे किसी से मुहब्बत ज़ुरुर हो !!मैं छीन लाया हूँ उस से उम्र भर की बेरुख़ी !!

कुछ बदल जाते हैं कुछ मजबूर हो जाते हैं, बस यूं लोग एक दूसरे से दूर हो जाते हैं !

मतकर इतना यकीन मुझपर,मैं तो खुदको भी धोखे में रखता हूँ..Matkar mujhpar itna yakeen,Main toh khudo ko bhi dhoke main rakhta hoon..

जो नजर से गुजर जाया करते हैं वो, सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं !

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी.!!को भुलाने के लिए.!!न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के.!!भी में जी लेता हु.!!

सुबह की चाय तभी अच्छी लगती है, जब उस पल में आपका साथ हो।

कुछ बेरुखी से ही सही.!!पर देखते तो हो ये आपकी.!!नफरत है कि एहसान आपका.!!

खत भेज के खता की हमने.!!दिल तोड़ के सजा दी तुमने.!!

#पलट रहे हैं पन्ने बीती हुई जिंदगी के, दिखते निशान बहुत हैं रिश्तों की बेरुखी के!!!

#तेरी बेरुखी से अब ये दिल दुखता हैं, मुझे आदत सी है प्यार वाला कोई मिलता नही!!!

लोगों की बातें सुनकर छोड़ जाने वाले,हम कितने बुरे थे तुम पता तो कर लेते.

कोई रिश्ता जो न होता तो !!तूं खफा भी न होता !!फिर भी न जाने क्यों येँ बेरुखी !!तेरी महोब्बत का पता देती हैं !!

कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने !!”ए दिल“ !!लोग आप से तुम तुम से जान !!और जान से अनजान हो जाते हैं !!

उदास कयोँ होता है ऐ दिल उनकी बेरुखी पर.!!वो तो बङे लोग है अपनी मर्जी से याद करते है.!!

कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने !!कि लोग आप से तुम तक और तुम से जान तक !!फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं !!

कबीर दास जी कहते हैं की दु :ख में तो परमात्मा को सभी याद करते हैं लेकिन सुख में कोई याद नहीं करता। जो इसे सुख में याद करे तो फिर दुख हीं क्यों हो ।

सच्चाई की इस जंग मे , कभी झूठे भी जीत जाते हैं.. समय अपना अच्छा न हो तो , कभी अपने भी बिक जाते है..

लोग कहते है की बिना मेहनत कुछ पा नही सकते ना जाने ये गम पाने के लिये कौन सी महेनत कर ली हमने

तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने !!तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने !!मत सोच के हम भूल गए है तुझे आज !!भी खुदा से पहले याद किया है तुझे !!

यदि तुम्हारे मन में शांति है तो संसार में तुम्हारा कोई बैरी नहीं । यदि तू घमंड करना छोर दे तो सब तेरे ऊपर दया करेंगे !

इतना दर्द तो मौत भी नही देती,जितनी दर्द तेरी ख़ामोशी दे रही है.

#तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारते मेरी, और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गई हू!!!

सिखा दी बेरुखी भी ज़ालिम ज़माने ने तुम्हें, कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो।

क्या लिखूं आपकी सूरत में मेरे हमदम !!अल्फाज खत्म हो गये आपकी सूरत देखकर !

अभी कमजोर हूँ !!तो कमजोर ही रहने दो !!यूँ बेरुखी से तो !!मैं भी पत्थर हो जाऊँगा !!

तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने !!प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने !!मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे !!आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने !!

Recent Posts