Berojgari Shayari In Hindi : बचपन में बोला पढ़ लिख के अपना टाइम आयेगा।सरकार ने बोला ज्यादा पढ़े तो आया जो भी जायेगा।। माता पिता भी अब बच्चों को पढ़ाने से डरने लगे,कही उनका बच्चा भी बेरोजगार न रहे।
हर मरीज का इलाज मिलता था उस बाजार में, मोहब्बत का नाम लिया दवाखाने बन्द हो गये !
बचपन में :- बड़ा होकर पायलट बनूँगा,डॉक्टर बनूँगा या इंजीनियर बनूँगा😐::जवानी में :- अरे भाई वो चपरासी वाला फॉर्म,निकला की नही अभी तक😂😂😂
भर्ती निकले तो इम्तेहान नहीं,परीक्षा हो तो परिणाम नहीं ,परिणाम निकले तो joining का नाम नहीं,आखिर क्यों युवाओ का सम्मान नहीं ?
बेरोजगार को हो जाती है अपने जीवन से भी नफरत,वह देश को कैसे बनाएगा खूबसूरत।
इंसान को परखना हो तो,बस इतना कह दो की,“मैं तकलीफ में हूँ..”
देश का विकास लिखेगा एक – एक वोट ,जो कभी हुआ नहीं ऐसा इतिहास लिखेगा ।एक बार मौका देना ईमानदार प्रतिनिधि को,वह जनता के एक – एक पैसे का हिसाब लिखेगा।।
कृषि के क्षेत्र में अधिकाधिक व्यक्तियों को रोजगार देने के लिए सहकारी खेती को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए.
सांप बेरोजगार हो गए,अब आदमी काटने लगे,कुत्ते क्या करे?तलवे अब आदमी चाटने लगे !
डिग्री देख बादशाह समझे, पाकर बने गुलाम Queen पाने के सिर्फ सपने, क्योंकि नहीं मिला कोई काम
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो को। ऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाजा भी दे।
हम मुस्कुराकर ग़म छुपा लेते हैं अपना,और लोग हम जैसा बनने की दुआ करते हैं.
असलम बड़े वक़ार से डिग्री वसूल की और इस के ,बाद शहर में ख़्वांचा लगा लिया असलम, कोलसरी।
जब तक कोई बेरोजगार होता है,तब तक वह बड़ा ही ईमानदार होता है.
पढ़ने की उम्र में उसने बच्चे से मजदूरी कराई थी, वह मजदूरी नही साहब मजबूरी थी।
भगवान की कृपा सब पर नहीं होती, सरकारी नौकरी भगवान की कृपा से भी नहीं मिलती, इसलिए बेरोजगारी से बचने की स्वयं सोचे कोई युक्ति।
दिल तोडा है किसी नेकिसी ने सपने भी तोड़े है,दुसमन तो दूर की बात हैजलनेवालों में सबसे ज्यादा अपने थे।
तुम ठहरी सरकारी नौकरी जैसी,और मैं ठहरा बेरोजगार।जितना शिद्दत से चाहा तुम्हे,उतनी ही शिद्दत से ठुकराया तुमने।
पढ़ने लिखने का अपना अलग ही मजा है। जॉब ढूंढते ढूंढते जिंदगी निकल जाये वह सजा है।
किसी का आज देखकरउसका कल डिसाइड मत करना.
मजबूरी हैं सांसों की जो चल रही है, वरना जिंदगी तो कब की थम गई हैं !
रिश्वत से मिलती है नौकरी, कोई बता दे यह बात पहली बार किसने सुनी, सरकार को यह बात बताने की जनता को फिर क्यों जरूरत पड़ी।
कमजोर है इरादे उनके, झूठे है वादे उनके,अबकी बार युवा चुनो, विकास से पूरा गाँव चमके।
बड़ा मुश्किल जिम्मेदारी को निभाना है इस दौर में खुद को बेरोजगारी बचाना है
बॉयफ्रेंड :- एक ही कपड़े पहन के रोज घूमती हो???::अजीब नहीं लगता ? ?::गर्लफ्रेंड :- ये मेरी ऑफिस यूनिफार्म है साले बेरोजगार😄😄😐
जब वो तेरी हुयी ही नहींतो अपनी जिंदगी बर्बाद करने का हक कैसे दे दिया।
रोज शाम मैदान में बैठ ये कहते हुए एक बच्चा रोता था। हम गरीब है इसलिए हम गरीब का कोई दोस्त नहीं होता।
बेरोजगारी ने हमें निकम्मा कर दिया ग़ालिब,वरना प्रयागराज में तैयारी हमने भी बहुत की है.
आज का युवा है बहुत चिंतित, क्योंकि उसकी बेरोजगारों में हैं गिनती, रोजगार ढूंढने की धीरे-धीरे उसकी खत्म हो रही है शक्ति।
सरकार एजुकेशन देकर हमें खाली किया पर्स।फिर मोबाइल थमा हाथ में बोली जॉब करो सर्च।।
सबके सिर पर उधारी रहेगी,जनता पर ही जिम्मेदारी रहेगी,सारे रोजगार निजी हो जायेंगे,बस सरकार ही सरकारी रहेगी.
ऐसा नही है की वक्त ने मौका नहीं दिया, हम आगे बढ़ सकते थे, पर तूने मजबूर किया !
मुश्किल वक्त में कुछ लोग खुद टूट जाते हैं,और कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं.
अगर दिन का 1.5 GB डाटा भी कम पड़ता हैं तोपक्का तुम भयंकर बेरोजगार हो।
देश में अपराध बढ़ेगा, जब बेरोजगार युवा भूख से तड़प तड़प कर चोरी करेगा।
लैला नहीं थामती किसी बेरोजगार का हाथ!!मजनूं को गर इश्क़ है तो कमाने लग जाए!!
वह सरकार है भ्रष्ट, जिसे बेरोजगारों की दुर्दशा पर नहीं आता है तरस।
महंगाई बढ़ा कर सरकार उसको और ना दे कष्ट, जिसको बेरोजगारी रोज कर रही है नष्ट।
भारत का आम_आदमी भोजन, प्रकाश, हवा, आश्रय के बिना “जीवित” रह सकता है . ||
मजबूर की करें मदद, सबसे ज्यादा मजबूर बेरोजगार है, इस बात में नहीं कोई शक।
उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे,जिसे मोहब्बत हो जाए और वो , बेरोजगार हो।
चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यों करते हो बात,लोकतंत्र की ताकत है जनता में दिखला दो इनकी औकात।
माँ रोज जेब देखें बेरोजगार बेटे की,कहीं जेब में सल्फास तो नहीं…!!
बेरोजगारी शायरी कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं ,काग़ज़ की इक नाव लिए चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है।-राहत इंदौरी
नेतागिरी में वो ही आगे बढ़ते हैं, जोअपने लिए नेतागिरी करते हैं !!
चुनाव के इस दरिया मेंकिस नेता की डूबेगी नावजीतेगा देखना सपोला वहीजो देगा पिछली बार से अच्छे घाव
छीन लेता हैं हर चीज़ मुझसे ये खुदा। क्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब हैं।
हम खुद को बरगद बनाकरज़माने भर को छाँव बांटते रहे,मेरे अपने ही हर दिनमुझको थोड़ा-थोड़ा काटते रहे.
अमीर की बेटी पार्लर में जितना दे आती हैं। उतने में गरीब की बेटी अपने ससुराल चली जाती हैं।
संघर्ष वहीं से शुरू होता है,जहाँ सफलता शुरू होती है.
भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था,अब इसे बेरोजगारों की चिड़िया कह सकते है.
मत माँगना मेरी लम्बी उम्र की दुआ खुदा से!!बस मेरी ज़िन्दगी का सफर तब तक का लिख दो!!जब तक हम साथ है!!
रजाई की रुत गरीबी के आगन में दस्तक देती हैं। जेब गरम रखने वाले ठणड से नहीं मरते।
मै गरीब का बच्चा था इसलिये भूखा रह गया!!पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था!!
मैं था एकदम बेरोजगार,मेरे हिस्से में घर की सफाई आई।
राजनीति भी रंग-रंगीली हैं,कुछ ने तो बाप की ज़ागीर समझ ली हैं।
जितनी बढ़ेगी बेरोजगारी उतनी होगी देश को हानि, बीत ना जाए रोजगार ढूंढते ढूंढते युवाओं की जवानी।
सबके सिर पर उधारी रहेगी!!जनता पर ही जिम्मेदारी रहेगी!!सारे रोजगार निजी हो जायेंगे!!बस सरकार ही सरकारी रहेगी!!
अपने टूटे हुए सपनों को बहुत जोड़ा, वक्त और हालत ने मुझे बहुत तोड़ा, बेरोजगारी इतने दिन तक साथ रही की, मजबूरी में हमने शहर छोड़ा !
सरकारी नौकरी जैसे ऊंट के मुँह में जीरा,कुछ ही पाते है कोयले की खान से हीरा.
बेरोजगार को सबसे ज्यादा काम,घर पर कुत्ता घुमाने और,मेहमानों के लिए समोसे लाने का मिलता है।
सबके सिर पर उधारी रहेगी,जनता पर ही जिम्मेदारी रहेगी,सारे रोजगार निजी हो जायेंगे,बस सरकार ही सरकारी रहेगी.
बेरोजगार बैठी हूँ आजकल!!कहो तो तुमसे मोहब्बत कर लूँ क्या!!
इश्क तो दिल देखकर होता है चेहरे देखकर तो शादियाँ होती हैं ,,,!
करके मैं MA , BA पास।बन गया बेरोजगारी भत्ते का दास।।
देश की पूरी आबादी मिलकर करेगी देश का विकास, जब देश में एक भी नहीं होगा बेरोजगार।
जीने की चाह थी पर मजबूर थे कितने, तलाश थी हमें तुम्हारी पर तुम दूर थे कितने ।
बेरोजगारी में हालात बुरे हैं,कि वक़्त कुछ ऐसा है,ना तो घर में अब इज्जत हैऔर ना ही जेब में पैसा है.
हाँ नौकरी मिल जाए तो अच्छा नही मिले तो बहिषकार ,हाँ हमारे समाज के हैं वो लोग जो अब भी हैं बेरोज़गार
क्रोध के समय थोड़ा रुक जाएं,और गलती के समय थोड़ा झुक जाएं,तो दुनिया की सब समस्याएं हल हो जाएगी.
बहुत मैंने ढूँढा नही दिखाई दिया अपना विकास,देखा बेरोजगार खेल रहे है स्मार्ट फ़ोन पर ताश.
सुला दिया माँ ने भूखे बच्चो को ये कहकर। परिया आयेगी सपनों में रोटी लेकर।
शिक्षा के नाम पर खाली हो रहा ही पर्स जिओ डेटा से अब करो ऑनलाइन जॉब सर्च