Bechaini Shayari In Hindi : कभी कभी पा लेने की बेचैनी से खो देने का सुकून अच्छा होता है।। दर्द होगा , बेचैनी होगी, बेकरारी भी होगी अगर मोहब्बत करते हो तुम्हें भी ये बिमारी जरूर होगी ।।
मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है…. ऐ.. दोस्त जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता……..
मैं खुश हूँ कि उसकी नफ़रत का अकेला वारिस हूँ ~ वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है!
मैंने दरिया से सीखा है जीने का सलीक़ा ~ चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ….
🌹🌹😥😰😕😐😳😞🌹🌷 हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन, उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर। 🌺🥀🌮🧀🍹😀🌷☘🌞🌺🥀
मेरी खामोशियो का कोई मोल नहीं ~ उनकी जिद्द की कीमत ज्यादा है…
न जाने इस ज़िद्द का नतीजा क्या होगा ~ समझता दिल भी नहीं वो भी नहीं और मैं भी नही!
ए मेरे दिलबर तुम कब तक मुझे ऐसे तड़पाओगे…मैं भी तुम्हारे दिल में “प्यार” की और“इंतजार” वो आग लगा दूंगा..कि तुम लौट कर जरूर आओगे!!
सुकून का एहसास तब होता है जब नजरो के सामने तू होता है Sukoon ka ehsaas tab hota hai jab najaro ke samane tu hota hai
ये दिल तु थोड़ा इंतजार तो करले, होगी मुलाकात दिल बेकरार तो कर ले, ये इश्क है इसमें ऐसा होता रहता है, ये पहली मुलाकात है थोडा सब्र तो कर ले।
किस किस का नाम लूँ अपनी बर्बादी में, कई अपनों की दुआएं भी हैं मेरे साथ
🌹🌷 रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो, मेहबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गनाह। 🌺🥀🌮🧀
इतने बवकूफ नहीं हैजो तुम्हे भूल जाएंगे अक्सर चुप रेहने वालेप्यार बोहोत करते है।
नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं।।
हम वो नहीं जो दिल तोड़ देगे थाम कर हाथ आपका साथ छोड देगे हम प्यार करते है पानी और मछली की तरह अगर जुदा करना चाहा तो दम तोड़ देगे..!!
मैं ढूढता रह गया मगर वो सुकून कही न मिला जो तेरी बाहों में मिलता था Mai dhudhata rah gaya magar wo sukoon kahi na mila jo teri baho me milata tha
इससे बढ़कर और क्या सितम होगा वो चाहते भी हैं और कहते भी नहीं!!!
कभी तो मुडकर देख भी लो की येआंखें आज भी तुम्हारा इंतजार कर रही हैं!!बस तुम मिल जाओ मुझे एक बारखुदा से यही फरियाद कर रही हैं!!
वो जिस को मैं समझता रहा कामयाब दिन ~ वो दिन था मेरी उम्र का सब से ख़राब दिन
😕😐😳😞🌹🌷 आँखें रहेंगीं शाम-ओ-शहर मुन्तज़िर तेरी, आँखों को सौंप देंगे तेरा इंतज़ार हम। 🌺🥀🌮🧀🍹😀🌷
आखिर कैसे भुलादे हम उसे ~ मौत इन्सानो को आती है यादों को नहीं!
शब को मय ख़ूब सी पी सुब्ह को तौबा कर ली ~ रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई
लगता है आज ज़िन्दगी कुछ ख़फ़ा है, ~ चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफ़ा है..
एक उम्र गवा दी हमनेतेरी चाहत मेबोहोत खुशनसीब होंगे तुझे मुफ़्त मे पाने वाले।
बेवजह है तभी तो दोस्ती है वजह होती तो शाज़िश होती।
ए दोस्तचोटी सी बात पर नाराज़मत होनाभूल हो जाए तो माफ़कर देनानाराज तब होना जब रिशतेटूट जाए क्युकी ऐसा तब होगा जब हम दुनिया छोड़ देंगे।
हवस-ए-गुल के तसव्वुर में भी खटका न रहा अजब आराम दिया बे-पर-ओ-बाली ने मुझे
जिनकी आप कदर नहींकर रहे है ना यकीन मानो कुछ लोग उन्हें दुआओ में मांग रहे है।
गज़ब की मुहब्बत है वोजिसमे साथ रहने की उम्मीद बिलकुल भी न होफिर भी प्यार बेशुमार हो।
उसको टूटे हुवे दिल से रवाना कर के, ~ रो पड़ीं आँखें मेरी तिनके का बहाना करके…
किताब के मुड़े हुए पन्ने कहते हैं अक्सर ~ बहुत कुछ रह गया तुम से कहे बगैर
एक हसरत थी कभी वो हमे मनायेपर ये कम्बख्त दिल कभी उनसे रूठा ही नहीं।
साँसों में अजीब सी बेचैनी,दिल में तेरा ही ख्याल होता हैं,गुजर जाती है रात ख़्वाबों में,फिर भी सुबह तुझसे ही रूबरूहोने का इंतजार होता हैं.
मोहब्बत तोछोटा सा शब्द हैमेरी तो जान बस्ती हैआप में।
सोचते थे नज़रन्दाज़ करेंगे उसे उसी की तरह पर नहीं कर सकते वो ज़ुल्म जिसका दर्द हम जानते हैं!!!
सूखा पुराना ज़ख्म नए को जगह मिली स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया।
सुना है काफ़ी पढ़ लिख गए हो तुम कभी वो भी पढ़लो जो हम कह नहीं पाते।
वो शख्स जो मेरे दिल के इतने करीब था ना जाने वो किसका नसीब था
अजीब किस्सा है जिन्दगी का, ~ अजनबी हाल पूछ रहे हैं ~ और अपनो को खबर तक नहीं.
मैं कामयाब-ए-दीद भी महरूम-ए-दीद भी ~ जल्वों के इज़दिहाम ने हैराँ बना दिया
मैं दर्द हूं और तुम राहत और सुकून हो Mai dard hu aur tum Rahat aur sukoon ho
कुदरत ने लिखा था तुमको मेरी तमन्नाओं में ख्यालों में मगर मेरी किस्मत में तुम न थे ये और बात है!!!
अब तो उनकी याद भी आती नहीं ~ कितनी तन्हा हो गयीं तन्हाईयाँ
जिंदगी के भाग दौड़ में हम अपना सुकून खो देते है सुकून की तलाश में Zindagi ke bhaag daud me ham apna sukoon kho dete hai sukoon ki talash me
दिल की गहराई को समझ नही सकते।होटों से कुछ कह नही सकते। कैसे बयाँ करे इस दिल का हाल। आप ही हो जिसके बगेर हम रह नही सकते।
अगर अपनी किस्मत लिखने का जरा सा भी हक हो मुझे, तो अपने नाम के साथ तुझे हर बार लिखूं !!
क्लास के बाद डॉक्टर बेचैन मुझे घर के लिए साथ लेकर निकले. रास्ते में मुझसे पूछा “मेरे ही काव्य दोष क्यों गिनाए? तुम्हें लगता है यह काव्य दोष है?”
उसी तरह से हर इक ज़ख़्म खुशनुमा देखे ~ वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे!!!
डूबती कश्तियाँ थीं टूटते तारे थे कई हम ही कुछ समझे नहीं वरना इशारे थे कई ये अलग बात कि तिनके भी किनारा कर गए डूबने वाले ने तो नाम पुकारे थे कई!!!
खुद को मत बादलों किसी को दिखाने के लिए…. खुद को बदलों सिर्फ़ लक्ष्य को पाने के लिए….!!
करीब आने की उन्हें फ़ुरसत नहीं.. ~ और मुझपे इलज़ाम लगा है दूरियाँ बनाने का..!!
रिश्ते संजोने के लिए मैं हमेशा झुकता ही रहा ~ और लोग इसे मेरी औकात समझ बैठे…
अब उसके साथ रहूँ या फिर उस से किनारा कर लूँ !!जरा ठहर जा ऐ दिल मैं ये फैसला दोबारा कर लूँ !!
चलते चलते अचानक पीछे मुङकर देखा तो… कुछ यादें हँस रहीं थी और कुछ रिश्ते दम तोङ रहे थे…
बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे, ~ अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ
😳😞🌹🌷 रात भर जागते रहने का सिला है शायद, तेरी तस्वीर सी महताब में आ जाती है। 🌺🥀🌮🧀🍹
प्रेम का सबसे सुन्दर रूप इंतज़ार है, जितना लंबा इंतज़ार उतना गहरा प्रेम,
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ज़िन्दगी ~ एक इंतज़ार तेरा मुझे पूरा मरने नहीं देता!
कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर.. ~ मेरा अपना साया भी धूप में आने से मिला…
ख़ुश-हाल घर शरीफ़ तबीअत सभी का दोस्त वो शख़्स था ज्यादा मगर आदमी था कम!!!
अच्छा हैं ये दिल अंदर होता है, ~ बाहर होता तो हमेशा मरहम पट्टियों में लिपटा रहता…
मोहब्बत की हवा जिस्म की दवा बन गयी दूरी आपकी मेरी चाहत की सज़ा बन गयी कैसे भूलूँ आपको एक पल के लिए भी आपकी याद हमारे जीने की वजह बन गयी।
ऐ दीवाने अब तो मान जा… तेरी शायरी पढ़ने वाली … किसी और की ग़जल बन गई है…
याददाश्त का कमज़ोर होना बुरी बात नहीं हैं जनाब,बड़े बेचैन रहते है वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती हैं.
ना किसी का दिल चाहिए, ना किसी का जान चाहिए, जो मुझे समझ सके, बस एक ऐसा इंसान चाहिए.,
लफ्जों में महफूज़, करके छुपा लूं उसको, मिस्ले गुलाब है वो… . उसकी आँखों में खुद को पढ़ता हूँ, मेरे दिल की किताब है वो
बदल ना जाना दुनिया की तरह मेरा आखरी यकीन ही तुम..!!
सब कुछ हैफिर भी कुछ खाली सा है।सब तो हैंमगर फिर भी तन्हाई सी है।तुम तो होफिर भी खोया सा रहता हूँ मैं,सुकूँ भी हैमगर बेचैनी है कि छोड़ती नहीं।।
इक तुम्हारे सिवा कौन है मेरा ~ फ़िर तन्हा किस के सहारे छोड़ देते हो
अंदाजा मेरी मोहब्बत का सब लगा लेते है जब तुम्हारा नाम सुन कर हम मुस्कुरा देते हैं !
अंदाज-ऐ-प्यार तुम्हारी एक अदा है, दूर हो हमसे तुम्हारी खता है, दिल में बसी है एक प्यारी सी तस्वीर तुम्हारी, जिस के नीचे ‘आई मिस यू’ लिखा है.,
ख़रीदार बोहोत थे इस दिल के बेच देते अगर इसमें तुम ना होते।
इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं, आने वाले बरसों के बाद भी आते हैं…