Bechaini Shayari In Hindi : कभी कभी पा लेने की बेचैनी से खो देने का सुकून अच्छा होता है।। दर्द होगा , बेचैनी होगी, बेकरारी भी होगी अगर मोहब्बत करते हो तुम्हें भी ये बिमारी जरूर होगी ।।
चल तलाशते है तरीका कोई ऐसा… हौले-हौले हवा भी बहे और चिराग भी जलता रहे..
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम ~ तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…
दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो, इंतजार उसीका है जिसको अहसास तक नहीं !
तुम याद नही करते, हम तुम्हे भुला नही सकते तुम्हारा और हमारा रिश्ता इतना खूबसूरत है तुम सोच नही सकते हम बता नही सकते…
मुझे नफ़रत नेही उन लोगो से, जो हर बक्त मुजसे करते है नफ़रत, मे तो मगन हु उन लोगो के लिए, जो मुजे प्यार करे हर बक्त.,
सुकून मिलता नही बाजार में खुद से खुद में ढूढना पड़ता है Sukoon milata nahi bazar me khud se khud me dhudhana padta hai
इश्क़ क्या है खुद ही समझ जाओगे, तेज़ बारिशों में पतंगें उड़ाया करो…
मुझको मुझमें जगह नही मिलता तू है मौजूद इस कदर मुझमें Mujhako mujhame jagah nahi milata tu hai maujood is kadar mujhame
वो सुना रहे थे अपनी वफ़ाओ के किस्से हम पर नज़र पड़ी तोखामोश हो गए।
समय के एक तमाचे की देर है, ~ मेरी फ़क़ीरी भी क्या…तेरी बादशाही क्या…
नज़र मिला के नज़र से जो दे दिया साक़ी, ~ इस एक जाम पे क़ुरबान लाख़ मैख़ाने
ग़म मिलते हैं तो और निखरती है शायरी यह बात है तो सारे ज़माने का शुक्रिया।
न जाने किस ख्याल से इक दस्तकार ने…. ~ घुँघरू के मीठे बोल को पायल में रख दिया
बे-नियाज़ी हद से गुज़री बंदा-परवर कब तलक हम कहेंगे हाल-ए-दिल और आप फ़रमावेंगे क्या
हर क़दम पर थी उस की मंज़िल लेक सर से सौदा-ए-जुस्तजू न गया
अच्छा हुआ जो हमको वक़्त पर ठोकर लगी ~ छूने चले थे चाँद दरिया में देख कर
कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा, ~ अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे…
अब सज़ा दे ही चुकी हो तो मेरा हाल ना पूछना । : अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा ।।
दिल के पास आपका घर बना लिया, ख्वाबों में आपको बसा लिया, मत पूछो कितना चाहते हैं आपको, आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया !
हक् से दो तो नफ़रत भी सर आँखों पर, ~ ख़ैरात में तो मुहब्बत भी मंजूर नहीं…
सुलझा रहा हूँ एक एक करके सारी उलझनें, ~ जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!
फर्क तो अपनी अपनी सोच का हैवरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं।
दिल दुखाया करो इज़ाज़त है ~ छोड़ जाने की बात मत करना **************************************
दोस्ती अगर दिल से हुई तो जान भी दे सकती है, दुश्मनी अगर गलती से भी हुई तो जान ले भी सकते है.,
तू चहरे की बढ़ती सलवटो की परवाह ना करहम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवा तुझको।
एक दो दिन मे वो इकरार कहाँ आएगा ,हर सुबह एक ही अखबार कहाँ आएगा ,आज जो बांधा है इन में तो बहल जायेंगे ,रोज इन बाहों का त्योहार कहाँ आएगा…!!
कभी दुनिया से फुर्सत मिले तोहमें भी याद कर लिया करो क्योंकि…हम भी लाइन में खड़े हैंइंतजार करते-करते कीकभी तो बात होगी आपसे!!
वो तझको भूले हैं तो तुझपे भी लाज़िम है ~ खाक डाल आग लगा नाम न ले याद न कर…
इंतजार की भी एक अजीब सी दास्तान है…काटने को तो बरसों कट जाते हैं… लेकिनकभी-कभी 1 दिन का इंतजार भी बरसों जैसा लगता है!!
मेरी एक छोटी सी बात मान लो… लंबा सफर है, हाथ थाम लो…
तुम मेरा हाथ थाम के देखो तो सही, ~ लोग जलने लग जाएंगे महफ़िल में चिरागों की तरह।
तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर… ~ मै तुम्हे अपनी जिदंगी के हर पन्ने पर उतार लूंगा..
धड़कन संभालू यासांस काबु मे करुतुझे नज़रभर देखने मेआफत बोहोत है।
बअ’द मरने के मिरी क़ब्र पे आया वो ‘ग़ाफ़िल’ ~ याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बअ’द
उनके दीदार से ही दिल को सुकून मिल जाता है भले वो प्यार करे या ना Unake didar se hi dil ko sukoon mil jata hai bhale wo pyar kare ya na
तू मुझ को जो इस शहर में लाया नहीं होता ~ मैं बे-सर-ओ-सामाँ कभी रूसवा नहीं होता
ये शिकायत नहीं तजुर्बा हैकदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता।
तुम बात नहीं करते तो बस अच्छा नहीं लगता
बुरा भी वो ही बनता है ~ जो अच्छा बन के टूट चूका होता है
जो रूह में समाए होते हैं…उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता…बस उनका इंतजार मरते दम तककिया जा सकता है!!
दोस्ती रूह मे उतरा हुआरिशता है साहबमुलाकात कम होन सेदोस्ती कम नही होती।
सात फेरे के बाद तो हर कोई उस रिश्ते को जिंदगी भर निभाता है असली मजा तो तब आता है जब कोई बिना सात फेरे के उस रिश्ते को जिंदगी भर निभाये !
यकीन तो सबकोझूठ पर ही होता है सच को तो अकसरसाबित करना पड़ता है।
मोहब्बत दिल से रात के तन्हाई में तो कोई भी याद कर लेता है लेकिन जो सुबह उठते ही याद करे वही सच्ची मोहब्बत है
तुझ पर आकर खत्म हो गई सरहदें प्यार की, ~ अब उठते नहीं कदम मेरे किसी और मंज़िल के लिये
तुझ से रूठने का हक है मुझ को.. ~ पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता|
इश्क़ अधूरा रह जाएतो खुद पर नाज़ करनाकहते है सच्ची मुहब्बतमुकम्मल नहीं होती।
यू तो ऐ जिंदगीतेरे सफर से शिकायते बहोत थीमगर दर्द जब दर्ज कराने पंहुचातो कतारे बहुत थी।
शोर की इस भीड़ में ख़ामोश तन्हाई सी तुम ज़िंदगी है धूप, तो मद-मस्त पुर्वाई सी तुम
मुसकुराने से शूरु औररुलाने पर ख़त्म ये वो जुर्म है जिसे लोग मुहब्बत कहते है।
तू आए और लिपट जाए मुझसे उफ़ये मेरे मेहेंगे मेहेंगे ख्वाब।
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुक़म्मल ~ इंसानों को तो हमने सिर्फ़ बरबाद होते देखा है
तू यहाँ नहीं तो वहाँ ज़रूर मिलेगा ~ जहाँ तुझे भी आना है और मुझे भी
दिल पर आये इल्ज़ाम से पहचानते हैं, अब लोग तो मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं !
तेरे सिवा हम किसी और के कैसे हो सकते हैं। तूं ही सोचकर बता तेरे जैसा कोई और है क्या?
एक तुम ही ना मिल सके वरना, ~ मिलने वाले बिछड़ बिछड़ के मिले
जाने क्यूँ बरसने से, मुकर जाता है हर बार, ~ मेरे हिस्से में आया है, जो टुकड़ा बादल का…
हमारी हर अदा का आइना आपसे हैं ! हमारी हर मंजिल का रास्ता आपसे हैं !! कभी न दूर होना हमारी जिंदगी से ! हमारी हर ख़ुशी का वास्ता आपसे हैं !!
जलो वहां, जहाँ जरूरत हो, उजालों में, चिरागों के, मायने नहीं होते…
कायदे बाजार के इस बार उल्टे हो गए! ~ वो तो आए ही नहीं और फूल महँगे हो गए! **************************************
तुम्हारा तो पाता नहीं पर मेरा दिल बोहोत तरसता है तुमसे बात करने के लिए। tumhara to pata nahi par mera dil bohot tarasta ha tumse baat karne ke liye..
कोई कुछ भी ना कहे तो पता क्या हैं,इस बेचैन ख़ामोशी की वजह क्या हैं,उन्हें जा के कोई कहे हम ले लेंगे ज़हर भीवो सिर्फ़ ये तो बता दे मेरी खता क्या हैं.
मोहब्बत के बाज़ार मेहुसन वालो कीजरुरत नहीं होती जिस पे दिल आ जाए वही ख़ास होता है।
आओ बैठो करीब हमारे, कुछ हसीन किस्से सुनाते हैं। रूक रूक कर धड़कते हो किस कदर, इस दिल में आज तुम्हें दिखाते हैं।
इन उम्र से लम्बी सड़को को, मंज़िल पे पहुंचते देखा नहीं,बस दोड़ती फिरती रहती हैं, हम ने तो ठहरते देखा नहीं..!!
मेरे हालात ने कर दिया था मुझे खामोश, ~ हम जरा चुप हुए तो तुमने याद करना ही छोड़ दिया !!
ज़िन्दगी आशिकों की आफत में सजा मिली उनको इश्क मोहब्बत में !
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी … ~ तुम , मोहब्बत कर रहे हो या एहसान….
आधे से कुछ ज़्यादा है… पूरे से कुछ कम, कुछ जिन्दगी, कुछ ग़म, कुछ इश्क, कुछ हम.
बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं।।
🌹🌷 क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों, वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए।🌷☘🌞🌺🥀
सिर्फ इजहारे इश्क से अंदाजानहीं लगाया जाता कि इश्क कितना गहरा है..अगर इश्क की गहराई देखनी है तोहदें इंतजार भी करना पड़ेगा!!