429+ Banaras Shayari In Hindi | वाराणसी पर शायरी स्टेटस

Banaras Shayari In Hindi , वाराणसी पर शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: October 4, 2023 Post Updated at: February 5, 2025

Banaras Shayari In Hindi : बनारस से आस्था है बनारस से दिल का लगाव है, हम बनारसी है गुरु हमपर बाबा का आशीर्वाद है। मोहब्बत ढूढने निकले थे जनाब कुछ लम्हे याद आ गए वो लम्हे फिर से बिताने हम अस्सी घाट आ गए।

तेरे बिस्तरों पर बैठने का आराम हमें वो रास नहीं यहाँ गंगा के घाटों पर बैठने का सुकून किसी महलों के पास नहीं।

यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्र तस्य करोति किम्।लोचनाभ्यां विहीनस्य, दर्पणः किं करिष्यति॥

ये कैसी घटा छाई हैंहवा में नई सुर्खी आई हैंफैली हैं जो सुगंध हवा मेंजरूर Mahadev ने चिलम जलाई हैं

“काशी की यह गलियाँ बदलती हैं मन का मौसम, एक पल में अद्भुत स्वर्ग बना देती हैं”

वो कमी भी तो नही छोड़ेंगे उसे रोज-ए-शादी सजाने मे।

झुकता नही शिव भक्त किसीके आगे वो काल भी क्याकरेगा महाकाल के आगे

“यहाँ हर दिन सूर्य का स्वागत होता है, तप्त भूमि पर वह अपनी किरणों से हरा-भरा कागज़ लूट लेता है”

बनारस की गलियों मेंकुछ तो अलग सी बात है,जहा लोग हर गम में भी दिल सेमुस्कुरा देते है वो काशी के घाट है.

तेरी जटाओ का एक छोटा साबाल हूँ तेरे होने से मै बेमिसाल हूँतेरे होते मुझे कोई छू भी ना पायेक्योकि मेरे भोलेनाथ मै तेरा लाल हूँ

कंकर-कंकर मेरा शंकर,मैं लहर-लहर अविनाशी हूँ,मैं काशी हूँ, मैं काशी हूँ,मैं काशी हूँ , मैं काशी हूँ.– कुमार विश्वास

जब मैं गली के नुक्कड़ पर खाता हूँ मीठा पान, महसूस ऐसा होता है जैसे बढ़ गया हो मुंह का शान.

“बनारस की जैसलमेरी साड़ी से जन्म लेती है वैभव”

वह अकेले ही पुरी दुनिया में मुर्दे कि भस्म से नहाते हैंऐसे ही नहीं वो कालो के काल महाकाल कहलाते हैं

शिव की नगरी में धन्य हो गयामेरा ये जीवन सारा,बनारस में गंगा किनारेजब इक शाम गुजारा।

धन धान्य के प्रयोग में और विद्या के संचय में, आहार और व्यवहार में संकोच को छोड़नेवाला अर्थात् उदार प्रवृत्ति वाला व्यक्ति सुखी (होता है)।

जैसे हनुमानजी के सीने में तुमकोसियापति श्री राम मिलेगेसीना चीर के देखो मेरातुमको बाबा महाकाल मिलेगे

इक मुलाकात भी कर देती हैं क्या हाल आदमी का, मैंने ये कल जाना जब मैं उसके पास बैठा था… ☺️

गरीब को किया दानऔर मुँह से निकला महादेव का नाम कभी व्यर्थ नहीं जाता

झुकता नही शिव भक्त किसी के आगेवो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे

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अनजान हूँ पर धीरे धीरे सीख जाऊंगापर किसी के आगे झुक कर अपनी पहचान नहीं बनाऊंगाहर हर महादेव

तेरे लिए चाँद-सितारे नहीं तोड़ पाउँगा,पर यकीन कर तुझे बनारस घुमाऊँगा।

महाकाल कि महेफील में बैठा कीजिये साहबबादशाहत का अंदाज़ खुद ब खुद आ जायेगा

महाँकाल का नारा लगा के दुनिया में हम छा गयेदुश्मन भी छुपकर बोले वो देखो महाकाल का भक्त आ गया

तुम गंगा की पवित्र धारा,मैं सड़कों का जाम प्रिये,तुम काशी विश्वनाथ सी आस्थामैं पैरों पर चढ़ा भांग प्रिये।

तुझे पाने की आस औरखोने का डर है बस इतनाही मेरे जीवन का सफर है

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः।गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः॥

जहाँ लोग जीते भीआने की इच्छा रखते है,जहाँ लोग मरने के बाद भीआने की इच्छा रखते है,वही तो शिव का काशी,वही तो शिव का बनारस है.

महाकाल तेरी कृपा रही तो एक दिन अपना भी मुकाम होगा70 लाख की AUDI कार होगीFRONT शीशे पे महाकाल तेरा नाम होगा

शेरो वाली दहाड़ फ़िर सुनाने आए हैआग उगलने को फ़िर परवाने आये हैरास्ता भी छोड़ दिया स्वयं काल नेजब देखा उसने महाकाल के दीवाने आए है

मोहब्बत ढूढने निकले थे जनाबकुछ लम्हे याद आ गएवो लम्हे फिर से बिताने हमअस्सी घाट आ गए।

सबसे बड़ा तेरा दरबार है तू ही सबका पालनहार हैसज़ा दे या माफ़ी दे महादेव तू ही हमारी सरकार है

नही पता कौन हूँ मैं और कहा मुझे जाना हैंमहादेव ही मेरी मँजिल हैं और महाकाल का दर ही मेरा ठिकाना हैं

अमर होते हैं वो जिनके  लोग किस्से सुनाते हैं…

गर तुझसे जो हो पाती और मेरी इक मुलाक़ात, बतलाता की तुझे मिलने वालों में ये पागल नही शामिल।

क्षमावशीकृतिर्लोके क्षमया किं न साध्यते।शान्तिखड्गः करे यस्य किं करिष्यति दुर्जनः॥

“चतुर्भुज घाट पर बिकती है प्रेम की चादर, ऐसे घट पर नजर रखो जहाँ प्रेम और अपराध का खेल होता है”

अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल काकाल भी उसका क्या बिगाड़ेगा जो भक्त है महाकाल का

बनारस शहर में भीड़ भी है,मगर गंगा किनारे बड़ा सुकून भी है.

नफ़रतो की चाहत नही, मुझे जीना हैं मोहब्बत का वो दौर जिस दौर के मेरे बुज़ुर्ग किस्से सुनाते है…

जो समय की चाल हैं अपने भक्तों की ढाल हैंपल में बदल दे सृष्टि को वो महाकाल हैं

फर्क है आपके और हमारे संसार मेआपका संसार माया जाल हैऔर हमारा संसार महाकाल है

मृत्यु का भय उनको है जिनके कर्मो में दाग हैहम महाकाल के भक्त है हमारे खून में ही आग है

“एक बार जब आप यहाँ के पाक पथ पर चलते हैं, तो जीवन की माया हाथ से निकल जाये” JACK HORNER QUOTES

विपत्ति में मित्र, युद्ध में वीर, धन से ईमानदार और निर्धनता से स्त्री तथा आपत्ति के समय बन्धु की परीक्षा करनी चाहिये।

दर पर तेरे आकर दोबारावापस न जाऊ तू मिले वहीऔर मैं तेरा हो जाऊं

“यहाँ अपने इश्क़ की शाम छा गयी, बनारस की चांदनी और सियाह रातों में”

बनारस का हर शाम इतना सुहाना लगे,इसे भुलाने में कई सदियाँ कई जमाना लगे.

जैसे है खुश है अपने हाल परअब भरोसा सिर्फ महाकाल परJai Shree Mahakal

सब कुछ भूल कर यही के रह जाओगे दिल का एक टुकड़ा बनारस ही छोड़ आओगे।

कौन कहता है भारत में Fogg चल रहा है?यहाँ तो सिर्फ महाकाल के भक्तो का खौफ चल रहा है

मुझे कुछ नही चाहिए महादेवआपका नाम ही दुनिया कोझुकाने के लिए काफी है

अनपढ़ लोगों की वजह से ही हमारी मातृभाषा बची हैवरना पढ़े लिखे लोग तो महादेव के नाम से भी शरमाते है

मै योग निद्रां मे शम्भु हुनिद्रां के बहार शंकरऔर जाग गया तो रुद्र हु

जो नज़ारा देख कर मन मे सुकून और जुबा पर महादेव का नाम आये समझ लेना आप बनारस में गंगा घाट आये है।

कुत्तो की बढी तादाद से शेर मरा नही करतेऔर महाकाल के दिवाने किसी के बाप से ड़रा नही करते

“यहाँ अद्भुत गंगा नदी का श्वास बसा है, जिसे नहीं देखा वो नहीं जाना है”

वो  घुमाने का ज़िद करे उसे अस्सी घाट ले आना जब बनारसी रंग में रंगे एक मीठा पानखिला देना।

बनारस की कहानी लिखुँ या खुद कीएक मेरा हिस्सा है, दूजा मेरा किस्सा !

महाकाल तेरा शुक्रिया जो तूने मुझे दीवाना बना दियामैं खुद से था बेगाना और तूने मुझे अपना बना लिया

किसी ने मुझसे कहा इतने ख़ूबसूरत नहीं हो तुममैंने कहा महाकाल के भक्त खूंखार ही अच्छे लगते है

“घाटों पर शवों का संगम हीरों का इक रंग हो जाता है, वतन की धरती पर भी स्वर्ग का आभास हो जाता है”

जब मुझे यकीन हैके महादेव मेरे साथहै तो इस से कोईफर्क नही पड़ता केकौन मेरे खिलाफ है

जब भी मैँ अपने बुरे हालातो से घबराता हूँतब मेरे महाकाल की अवाज आती है रूक मैँ आता हूँ

क्या गजब तेरी माया हैमै लायक नही थाफिर भी तूने अपनाया है

यस्त्वात्मरतिरेव स्यादात्मतृप्तश्च मानवः।आत्मन्येव च सन्तुष्टस्तस्य कार्यं न विद्यते॥

पिस रहा जग लालच में, भवबाधा से दूर बनारस। कितने देखो वहाँ ब्रह्म लीन, अंतरगत का भाव बनारस।

जब भी मैँ अपने बुरे हालातो से घबराता हूँतब मेरे महाकाल की अवाज आती है रूक मैँ आता हूँ

सुबह के सुकून में और शाम के नजारों पे दिल ठहरता है ऐ बनारस तेरी हर अदा से इश्क़ है हमें।

मेरे भोलेनाथ ने भरोसाकरना सिखाया है मगरकिसी के भरोसे में रहना नही

बहुत लंबे वक्त तक चली वक़्त से मेरी जंग, हर वक़्त मेरा वक़्त बुरा हो जाता हैं ।

गंगा जल है अमृत जैसा, देवों का अवतार बनारस। ज्योतिर्लिंग मोक्ष दिलाता, समझो तारणहार बनारस।

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