Bahu Shayari In Hindi : तुम ईश्वर द्वारा हमें दिए गए बेहतरीन तोहफों में से एक हो। लंबी उम्र पाओ बहू। बहू के रूप में तुम्हें पाना हमारा सौभाग्य है। हमेशा खुश रहना हमारी प्यारी बहू।
अपनो की पाने की चाह में,हमने खुद को इस कदर खो दिया,ज़िन्दगी बची है अब चंद पलो की,ये दिल भी मेरा खून के आंसू रो लिया.
चाँदनी आई घर तुम्हारेआसमां से चमके तारे।दे रहे हैं शुभकामनायेंमाता पिता आप प्यारे प्यारे“पुत्री जन्म की बधाई”
किसी की जोरू मरे, किसी को सपने में आवे. दूसरे के कष्ट में अनावश्यक भागीदारी.
गरीब की आहें मोटी होती हैं, बाहें नहीं. गरीब अपने सताने वाले को पीट नहीं सकता, केवल बद्दुआ दे सकता है. लेकिन उस में भी असर होता है.
आज फिर तेरी याद आयी बारिश को देख कर,दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर,रोये इस कदर तेरी याद में,कि बारिश भी थम गयी मेरी बारिश को देख कर.
होगी सब आशाएं पूरी जोमिला आपको सुन्दर तोहफादेगा ईश्वर आपको देखनाधन पाने का मौका ही मौका
उल्फत बदल गई, कभी नियत बदल गई,खुदगर्ज जब हुए, तो फिर सीरत बदल गई,अपना कसूर दूसरों के सर पर डालकर,कुछ लोग सोचते हैं, हकीकत बदल गई ।
“कोई भी रिश्ता खुशनुमा नहीं होता, जब तक उसमें समझदारी नहीं होती।”
तूने कभी पूछा था कि कितना प्यार है तुमसे, लो आज गिनलो गिरते आंसुओं को।
खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी… जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..
अपना अपना, पराया पराया. अपना अपना ही रहता है. पराया आदमी कितना भी अच्छा हो अपने जैसा नहीं हो सकता.
तुम एक परफेक्ट बहू थी, परफेक्ट बहू हो और हमेशा रहोगी। भगवान तुम्हें लंबी उम्र दे।
ऐ अँधेरे देख मुँह तेरा काला हो गया,माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया।
जिनके याद में हम दीवाने हो गए,वो हमसे ही अनजाने हो गए,उसे तलाश है नए साथी की,क्योंकि उसकी नजर में हम पुराने हो गए।
घड़ा भी पहले अपनी प्यास बुझाता है, कौन है यहां जो मतलबी नही है।
गणेश को बुद्धि कौन दे. गणेश जी स्वयं बुद्धि के स्रोत कहलाते हैं, उन्हें बुद्धि कौन दे सकता है. बहुत विद्वान या समझदार व्यक्ति को कौन समझा सकता है.
तुम्हारे बाद किसी को दिल में बसाया नहीं हमने, तुम चले गए तो क्या, यादों को मिटाया नहीं हमने !
खिलती हुई कलियाँ हैं बेटियाँ,माँ-बाप का दर्द समझती हैं बेटियाँ,घर को रोशन करती हैं बेटियाँ,लड़के आज हैं तो आने वाला कल हैं बेटियाँ.Beti Shayari
“एक मुद्दत हो गई मेरी माँ नहीं सोई , एक बार मैंने कहा था की डर लगता है मुझे।”
नींद नहीं आती कुछ यादें ऐसी हैं कुछ यादों ने हमें हमसे छीन रखा है
जितना खाय, उतना ललचाय. मनुष्य को जितना प्राप्त होता है उतना ही उसका लालच बढ़ता जाता है.
हर वक्त तुम्हारी याद आती है, गुजरे हुआ वक्त याद दिलाती है, चल देते हैं ऐ कदम मेरे, सुनता है ऐ दिल जब नाम तेरा !
अक्सर उस इंसान के साथ बुरा हो जाता है जो सब को खुश रखने की कोशिश करता है।
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहाथा, अलविदा आज भी वही खड़ा है दिलउसके आने के इंतजार में ।
मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं, मतलब निकालने वाले, खुद को बहुत समझदार समझते हैं , ये शहर में रहने वाले।
भूल जाओ कि कल किसने तुम्हें चोट पहुंचाई, लेकिन यह मत भूलो कि आज तुमसे कौन प्यार करता है।
जिंदगी में कभी कोई यह नहीं कहता किहमसे भी आगे निकलो।लेकिन एक माँ ही ऐसी शख्स होती है।जो हमेशा यह दुआ देती हैं, कि हमसे भी आगे बढ़ो
गुस्सा ज्यादा आता हैतो कोई बात नही ,बस उस गुस्से को सही दिशा दो ।
गुस्सा बहुत चतुर होता है ,अक्सर कमजोर पर ही निकलता है ।
तेरा रूठ जाना क्या…उस चाँद का शर्मना क्या,बदल दूँ या बदल जाऊं,फिर मैं क्या…जमाना क्या
शहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल गए,किस की माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था।
जिसे याद करने से होंठों पर मुस्कुराहट आ जाए एक ऐसा खूबसूरत ख्याल हो तुम !
“बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कैफियत, ज़ख्म का कोई पता नहीं और तकलीफ की इन्तेहाँ नहीं।”
जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम, कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम।
बेटी बचाओ और जीवन सजाओ,बेटी पढ़ाओ और ख़ुशहाली बढ़ाओ.
हमारी प्यारी बहू, तुमने इतने कम समय में ही इस घर को जन्नत बना दिया। इस घर की बहू बनने के लिए शुक्रिया।
“इश्क को हसीन बताने वालों। लगता है तुम्हारी मोहब्बत, अभी नई-नई है।”
“बड़ी भयानक होती हैं इश्क की सजाए, इंसान पल-पल मरता है पर मौत नहीं आती है।”
मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है,मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना,तेरे दर्द का अब ये असर आख़िरी है.
“बहु को बेटी समझो, उसे बेटे जैसी स्थिति नहीं देनी पड़ेगी, बल्कि चाहते हुए भी उसकी उतनी ही सेवा करनी होगी।”
तनहाई में इतना क्यों याद आती हो, थोड़ा मुझे चैन से भी सो लेने दिया करो !
बिन बिटिया के कैसे बसेगा घर-परिवारकैसे आएगी खुशियाँ कैसे बढेगा संसारगर्भ से लेकर यौवन तक बस उस परलटक रही है हरदम तलवार.Beti Shayari in Hindi
सहमी-सहमी रहती है वो, चुपचाप घर का सारा काम कर लेती है, निर्बल न समझो तुम उसे, समय आने पर नारी दुर्गा का अवतार धर लेती है।
“कुछ पल निकाल लिया करो मेरे लिए भी, दिल बहुत उदास रहता है जब तुमसे बात नहीं होती।”
धरम का धरम, करम का करम. सर्वोत्तम कार्य वह है जिसमें धर्म का पालन भी हो और रोजी रोटी भी चले.
जमाने की नजरों में थोड़ा अकड़ कर चलना सीखो फूलों के जैसा दिल लेकर चलोगे तो दुनिया तोड़ती ही रहेगी।
बनिए का लिखा बनिया बांचे. कारोबार के रहस्य दूसरा कारोबारी ही समझ सकता है.
मै मुस्कुरा कर अपनी किस्मतपर सारा गुस्सा उतार देता हूँ ।
“फुर्सत में जब किसी कि याद आती है कसम से बहुत रुलाती है।”
मुझे भुलाने वाले, एक दिन मुझे याद करके रोयेगा तू
सोचा तो यही था की याद नहीं करेंगे पर ये दिल कहाँ किसी की सुनता है
कभी पत्नी, कभी बहू, तो कभी मां बन जाती हो, मां दुर्गा की तरह तुम भी अनेक रूप अपनाती हो।
“सच्चा प्यार क्या है उस इंसान से पूछो जिसने दिल टूटने पर भी किसी के लौट आने का इन्तजार किया है।”
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
गवाही ना मांग मुझसे की मैं मोहब्बत मेंतुझे कितना चाहती हूंअरे वो खुदा भी मुझसे परेशान है की हरदुआ में तुझे ही क्यों मांगती हूं
दर्द अपना झेलकर भी हमारी सेवा में लग जाना, बहू तुम जैसी पाकर, नहीं चाहते हम धन संपत्ति पाना।
“किताब मेरी, पन्ने मेरे और सोच भी मेरी, फिर मैंने जो लिखे वो ख्याल क्यों तेरे।”
“देखी है दरार आज मैंने आइने में ! पता नहीं शीशा टूटा था..या मे।”
“आसान नही होता यूँ मुड़कर लौट आना, काश समझ पाते तुम ये बात मेरे जाने से पहले।”
जिस माँ की परवाह उसका बेटा करता होउस माँ से ज्यादा अमीर तो राजमाता भी नहीं है !!
“आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है।”
तुझसे बिछड़ने के बाद कभी खुश ना हो पाया मै,तेरी यादों को दिल से ना मिटा पाया मै,करना तो चाहता था बहुत कुछ अपने लिए,फ़ुरसत ना निकाल पाया अपने लिए मै.
ये जो मासूम लोग होते है न ,वो गुस्से में भी रोने लगते है ।
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मजा जीने के लिए किसी की कमी का होना जरूरी है।
उठाकर कफ़नना दिखाना चेहरा मेरा उसकोउसे भी तो पता चले कीयार का दीदार ना हो तो कैसा लगताहै।
जब जब मैं देखूं अपना पोता तो याद आते हैं मुझे बहू के संस्कार,बड़े अच्छे से पालन पोषण कियाजन्मदिन के अवसर पर आपके लिए बधाईयों के साथ ढेर सारा प्यार।
ज़िम्मेदारी का काम है यादें संभालना ये बोझ हर कोई उठा नहीं सकता
आपकी गोदी में खिला अरमानआया प्यार सा इक मेहमान।देकर आपको माता पिता का सम्मानदी समाज में इक नई पहचान।।
कुछ इस तरह वो मेरे गुनाहों को धो देती है,माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना. ऊपर से कुछ और दिखाना पर मन में कुछ और होना.
माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती..
प्रफुटित हुई जलधाराममता दुलार पाकर के।चमक रहा एक सिताराअँगने आपके आकर के।