Badal Gaye Shayari In Hindi : एक सवाल है और उसका जवाब जिंदगीएक सपना है और सफर जिंदगीये ज़िंदगी ही तो है जिसने हमें जिंदा रखा है। फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।
दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।
जिन्हे अपना समाज हम गेरो को जलाते है, अक्सर वहीं इसे सपना समझ कर हमे भुला जाते है !!!
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
हम जिसे दिल से चाहेअगर वही हमें रुला देतो कोई यह तो बता देकी हम किस के आगे जाकर रोए।
कुछ रिश्तो में मुनाफा नहीं होता पर ज़िन्दगी को अमीर बना देते है
आज पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा हैकी इस दुनिया में मेरा कोई नहीं है।
मोहब्बत में किसी भी इंसान का बुरा वक्त तब शुरू होता हैजब वो किसी को बोल दे कि मैं आपके बिना नहीं रह सकता
तरस गए हैं हम थोड़ी सी वफा के लिए, अब ये उम्र भी कम पड़ने लगी है इश्क़ में सजा के लिए।
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना हैके इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है
दीवाना हूं मैं उसके लिए इस तरह, दीवानी है वो किसी और के लिए जिस तरह।
कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी,दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।।
ज़िंदगी मौसम ए पतझड़ सी हो गई है, कोई तो आए मौसम ए बहार लेकर।
बड़ा पुरनम वो बिछड़ने का नज़ारा थाहोंठ कपकपाए थे… नैनों ने पुकारा थामुझे जान कहने वाला भी बदल गया यारोंउस ज़ालिम के सिवा कौन भला हमारा था
तू करीब हैऔर है भी नहींतेरा होना ना होना एक जैसातू जैसा मेने समझा है नही वैसा
वक्त बड़ी तेजी से बदल गया पर तू वक्त से भी तेज निकली।
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
ए बेवफ़ा…तेरा ख्याल यादों से मिटाया नहीं जातातुझे इस दिल से भुलाया नहीं जाता!!
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोईशिकवा तो नहींतेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिनज़िन्दगी तो नहीं
शायद भूल गए हो तुम वो दिन भी क्या दिन थे, जब मैंने तुम्हे इन हाथों से गुलाब दिया था, और तुमने अपने प्यारे होठों इजहार किया था।
कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।।
तेरा वो मेरे साथ चलनावो अपनापन दिखाना…मुझे लगता था मेरे लिए हैलेकिन था किसी और के लिए!!..
लड़की के मिलने पे दोस्त को भूल जाए, लड़की के जाने पे दोस्त की याद आए, कृपया ऐसी दोस्ती हमसे न निभाए !!!
ज़माने की बातें चुपचाप तौलती है,आँखे ही हैं जो सच बोलती है।
मत दूर जाना कभी हमसे इतनाकि वक्त के फैसले पर अफसोस होक्या पता फिर कभी तुम लौट कर आओऔर ये जिस्म मिट्टी में खामोश हो
जो दोस्त मतलब के लिए आते है ,वो जल्दी ही अपनों को भूल जाते है।
शिकायतें तो बहुत हैं तेरे साथ चलो छोड़ो मैं कर लूंगा कि नहीं खुद मेरे साथ।
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही, इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
जान भी थी हाजिर तेरे लिएहर मुस्कान कुर्बान थी तेरे लिए..तुने ही तो बदल दिए रुख हवा केअब हर सजा कम हैं तेरे लिए.
हम भी उस दिन से सुधर गए, जिस दिन लोगों के चेहरे से नक़ाब उतर गए।
मेरे लिए तो सभी खास है लेकिनमैं किसी के लिए खास नहीं हूं।
सुनो…जब कभी देख लुं तुमकोतो मुझे महसूस होता है किदुनिया खूबसूरत हैSunoJab Kabhi Dekh Lun Tumko to mujhe mahsus Hota Hai Ki Duniya Khubsurat hai
वक्त गुजरेगा हम बिखर जाएंगे,कौन जाने हम किधर जाएंगे,हम दोस्ती की परछाई है,जहां आप हुए तन्हा वही हम नजर आएंगे।
मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।
वो अगर बदल गया तो बदलने दो..लेकिन तुम अपना प्यार खिलने दो..
ये दिसम्बर तो बातोँ का मौसम था।दुआ करो कि जनवरी बांहोँ का मौसम हो।।
उदास जिन्दगी लगती है,उदास वक़्त लगता है,उदास ये मौसम लगता है,जब उदास तू लगता है.
गगन से नीचे नहीं उतरते कभी वो मद भरे बादल,शायद उन्हें भी गुमान इंद्र की सत्ता का होगा।
तू संभल कर तो देख तेरे सारे काम संभल जाएंगे, तू करके तो देख कोशिश एक दफा तेरे सारे अंजाम बदल जाएंगे।
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है.
बहुत बदल गए हो सनम, अब मोहोब्बत से ज्यादा बदला लेने की कोशिश करते हो।
दिल रो रहा हैं इतना किसे बताऊंहाल सुनने वाला जो बदल गया..कभी था मेरे दिल में बसा हुआउसी दिल को तोड़कर चला गया.
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता हैउस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है
दुआएं मांगी थी आशियाने की,चल पड़ी आंधी जमाने की,मेरे दिल का दर्द कोई नहीं समझ पाया,क्योंकि मेरी आदत है मुस्कुराने की
मैं जैसा हूँ वैसा क्यों रहूँ, जब सब बदल गए तो मैं पहले जैसा क्यों रहूँ।
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
हम जरा ख़फा क्या हो गए, आप तो बेवफा हो गए।
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता हैआँधियों के चलने सेधोखेबाज भी बदल जाते हैधोखेबाजियों के चलने से
लिखना नहीं था आता उनकी याद लिखवाती है जिन्हें हमारा ख्याल नहीं वो याद आती है।
उनकी आदत है हर पल नाराजगी जताने की और हमारी आदत उनको बेपनाह चाहने की।
जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्तदुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।।
तकदीर ने जैसा चाहा वैसे ढल गए हमबहुत सम्भल कर चले फिर भी फिसल गए हमकिसी ने विशवास तोड़ा तो कभी किसी ने दिलऔर लोगों को लगता है कि बदल गए हम 💔
बड़ी सादगी से वोबेवफाई करके निकल गए!!..हम वफाएं करके भीबस तंहा यूं ही रह गए!!…
आईना आज फिर से रिशवत लेते पकड़ा गया, दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया।
कुछ रिश्ते अंजाने में हो जाते हैं,पहले दिल फिर जिंदगी से जुड़ जाते हैं,कहते हैं उस दौर को दोस्ती जिसमे,दिल से दिल ना जाने कब मिल जाते हैं।
तुझे फुर्सत ही न मिली मुझे पढ़ने की वरना,हम तेरे शहर में बिकते रहे किताबों की तरह।
खुले आसमान में वो चमकता हुआ चांद,ओर दिल मे जगा हुआ प्यार,कभी कम तो कभी ज्यादा होता रहता है।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
चाहें वक्त बदलने दो चाहें हालात,नही छोङेगे हम तुम्हारा साथ❤
ये जो तू बदला है सनम, ये तू बदला है सनम या फिर ये कोई बदला है सनम।
मुझें तेरे लिए रोते,सिर्फ मेरे खुदा ने देखा हैं…Mujhe tere liye rote,Sirf mere khuda ne dekha hain…
रख सको तो एक निशानी है हम, भूल जाओ तो एक कहानी है हम, ख़ुशी की धुप हो या गम के बादल, दोनों में जो बरसे वो पानी है हम.
खमोश भी क्यों रहे साहब, यहाँ तो हमें अपने ही भुला बैठें है !!!
बड़ी बारीकी के साथ थोड़ा उन्होंने हर कोना दिल का सच कहूं तो उनका ये हुनर लाजवाब था।
ना जाने जिंदगी का ये कैसा दौर है, घर खामोश है, और ऑनलाइन शोर है
तेरी पहचान ही न खो जाये कहीं….इतने चहरे भी न बदलो थोड़ी शोहरत के लिए….
बे-निस्बत-ओ-बे-इश्क कहाँ मिलती है इज़्ज़तमुझ पे मेरे मौला का करम है तो करम है
जो वक़्त के साथ बदल जाएकभी ऐसे इंसान के ऊपर यकीन मत करोविश्वास ऐसे लोगों पर करो कीवक़्त बदले लेकिन उनकी भावनाएं ना बदले।
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।
जो तुम्हें छोड़कर हम तो मर ही जाएंगेइस तरह के वादे करते थे…आज देखो हंस-हंसकरकिसी और को गले लगाते हैं!!
लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है ये बेचैनियां मोहब्बत की, मैंने तो हर बार तुम्हे दिल की गहराईयो से पुकारा है।
गुस्सा होकर भी केअर करना,यही तो होता हैं सच्चा प्यार..Gussa hokar bhi care karna,Yahi toh hota hain saccha pyaar..