Bachpan Ki Dosti Shayari In Hindi : कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से, कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा
वो दोस्त मेरी नजर में बहुत मायने रखते हैजो वक्त आने पर मेरे सामने आईने रखते है
दोस्ती नाम है ज़िन्दगी की कहानी का,दोस्ती राज है हमेशा ही मुस्कुराने का,ये कोई कुछ पल की जान-पहचान नहींदोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का
असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझेकहाँ गया मेरा बचपन ख़राब कर के मुझे
“ सुना है कि उसने खरीद लिया हैकरोड़ो का घर शहर में,मगर आँगन दिखाने वो आजभी बच्चों को गाँव लाता है….!!
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है।अरे सच्ची दोस्ती तो वो है,जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।
“ शहर भर में मजदूरजैसे दर-बदर कोई न था,जिसने सबका घर बनायाउसका घर कोई न था….!!
बचपन की दोस्ती को दिल से जुदा न करना, जब भी हमारी याद आये तो मिलने की दुआ करना।
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे,हम, ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम।
दादाजी ने सौ पतंगे लूटींटाँके लगे, हड्डियाँ उनकी टूटी,छत से गिरे, न बताया किसी को,शैतानी करके सताया सभी को,बचपन के किस्से सुनो जी बड़ों के।
कोई रूठे तो उसे मना लिया करो,कोई टूटे तो उसे सम्भाल लिया करो,कुछ दोस्त बहुत अज़ीज होते है,दोस्ती में कभी मुलाकात भी कर लिया करो.!
“ ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन,वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी…!!
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,बचपन वाला इतवार अब नहीं आता।
पुरानी अलमारी से देख मुझे वो खूब मुस्कुराता है, ये बचपन वाला खिलौना मुझे बहुत सताता हैं.
दोस्ती में ना कोई Attitudeना कोई Ego रहता हैंये तो बस एक Sugar Free हैंजो ज़िंदगी में मीठा स्वाद भरता हैं
“ बचपन के खिलौने साकहीं छुपा लूँ तुम्हें,आँसू बहाऊँ, पाँवपटकूँ और पा लूँ तुम्हें…!!!
“ रब से है एक ही कामना,काश लौट आए मेरा बचपना..!!
मेरा बचपन भी साथ ले आया गाँव से जब भी आ गया कोई
हम को यारों ने याद भी न रखा,‘जौन’ यारों के यार थे हम तो।
याद आता है वो बीता बचपन, जब दोस्त हमारे साथ थे, खेलते कूदते दिन थे जब तितलियों के पिछे हम भागते थे।
दो रास्ते जींदगी के, दोस्ती और प्यार,एक जाम से भरा, दुसरा इल्जाम से.।.।।
“ बचपन में कितने रईस थे हम,ख्वाहिशें थी छोटी-छोटी,बस हंसना और हंसाना,कितना बेपरवाह था वो बचपन….!!
इश्क नहीं दोस्ती महान हैं जानना हैं तो दिलजलो से पूछो
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था ब खेलने की मस्ती थी ये दिल आवारा था , कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में , वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था
जो सपने हमने बोए थेनीम की ठंडी छाँवों में,कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में।
खुश रहना ही ख़ुशी नहीं होती,साथ रहना ही ज़िन्दगी नहीं होती,दोस्ती हर दिन निभानी पड़ती हैं ,हर रोज मिलते रहना हीं दोस्ती नहीं होती।
दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है हमने,तुमको सर आंखों पर बिठाया है हमने,उम्र भर साथ निभाना ए दोस्त,तुम को दिल से लगाया है हमने…
बचपन में हम ही थे या था और कोई,वहशत सी होने लगती है यादों से.
◆ हमारी दोस्ती भी क्या कमाल है, अपने कमीनों दोस्त के साथ हर एक पल बेमिशाल है।
बचपन से पचपन तक का सफ़र यूं बीत गया साहब, वक़्त के जोड़ घटाने में सांसे गिनने की फुरसत न मिली।
आशाओं के दीप जले आशीर्वाद उपहार मिले, जन्मदिन है तुम्हारा, शुभकामनाओं संग खूब प्यार मिले ! Happy Birthday Dost
तेरा ही बनाया किरदार हूं मैं !!इसीलिए तो तेरी दोस्ती का हकदार हूं मैं !!
अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है,ज़ब तू कुबूल है तो तेरा सब कुछ कुबूल है।
बचपन में भरी दोपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे।
“ कितना पवित्र था वो बचपन का प्यार,ना भूख थी जिस्म की न था सम्पति का लालच,थी तो बस एक दूजे के साथ की चाहत…!!
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे,मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और मुस्कान लिख दे।न मिले कभी दर्द उनको,तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे।
सारे रिश्ते जन्म से पहले ही बन जाते है एक दोस्ती का ही रिश्ता जन्म के बाद बनता है
चलो आज कुछ पुरानीयादे खोजते हैंदिल में छुपे हुए सबकेराज खोलते हैंक्या हुआ अगर मेरे दोस्तो सेबात नहीं होतीमुझे मालूम है उनके भीदिल डोलते है।
माँ का वो गालों को चूमना, बालों को सवारना, वो हर शरारत पर प्यार, वो हर गलती पर मारना, “अब वापस कभी लौट कर नहीं आएगा।”
उपरवाला जिन्हे खून के रिश्ते में बांधना भूल जाता है, उन्हें सच्चे मित्र बनाकर अपनी भूल सुधार देता है
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है..
जिंदगी का रास्ता अब मुझेलगने लगा है बड़ा ही सुहाना..जब से तेरी दोस्ती का साथ मिला हैशुरू हुआ है एक नया अफसाना..
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से, वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
मै तुझे भूल जाऊ ये तेरी एक भूल है तेरी क्या तारीफ करू तू एक महकता फूल है।
जिस के लिए बच्चा रोया थाऔर पोंछे थे आँसू बाबा नेवो बच्चा अब भी ज़िंदा हैवो महँगा खिलौना टूट गया
दोस्ती अधूरी है प्यार के बिना,और प्यार अधूरा है दोस्ती केबिना…!!
अब वो खुशी असली नाव,मे बैठकर भी नही मिलती है,जो बचपन मे कागज की नाव,को पानी मे बहाकर मिलती है।
बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना,तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था.
माँ का आलिंगन, पापा की डाँट,भाई बहन के साथ नटखट सा व्यव्हार।
कुछ वक्त का इंतजार मिला मुझको,जिंदगी से बढ़कर यार मिला मुझको,ना रही तमन्ना किसी जन्नत की मुझे,तेरी दोस्ती से वो प्यार मिला मुझको।
हदें टूट जाए पर दोस्ती न टूट पाए,दिल में बस यही अरमान दबाएँ है।
कैसे भूलू बचपन की यादों को मैं,कहाँ उठा कर रखूं किसको दिखलाऊँ?संजो रखी है कब से कहीं बिखर ना जाए,अतीत की गठरी कहीं ठिठर ना जाये.!
सबसे अलग सबसे न्यारे हो आप,तारीफ कभी पुरी ना हो इतने प्यारे हो आप।आज पता चला जमाना क्यों जलता है हमसे,क्यों कि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप..
एक दोस्ती ही ऐसा इंसान हैं जो दो झापड़ मार भी देगा तो कभी दुःख नहीं होगा क्योकि वो जान से जादा चाहता हैं
हर कर्ज है दोस्ती, हर फर्ज है दोस्ती,हर दुआ में है दोस्ती, हर पल में है दोस्ती,ए दोस्त तू है तो पूरी जिंदगी है दोस्ती।
रब से मैं एक ही फरियाद करता हूं !!तेरी यारी को मैं दिल से याद करता हूं !!
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिनसिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी
आये थे अकेले इस दुनिया में और आपकी दोस्ती ने कर्जदार कर दिया ये भी जानते हैं जायेंगे भी अकेले इसलिए ज़िन्दगी दोस्ती पर बलिदान कर दिया
रोने की वजह भी न थी,न हंसने का बहाना था;क्यो हो गए हम इतने बडे,इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था।
दोस्तीकिसी से दोस्ती निभानी हो तो ऐसेनिभाओ कि आपके दुश्मन भी कहेकि काश हम इनके दोस्त होते।
ज़िंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,ख़ुशी न सही गम गले लगा लेना।कोई अगर कहे मोहब्बत आसान है,तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।
डूबते को जैसे किनारा मिलता हैंबेसहारे को कोई सहारा मिलता हैं..जब अँधेरी हो डगर ज़िंदगी कीदोस्त जैसा एक सितारा मिलता हैं..
दो अक्षर की मौत और तीन अक्षर के जीवन में, ढाई अक्षर का दोस्त हमेंशा बाज़ी मार जाता है !!
” दोस्ती कब किससे हो जाए अंदाज़ानहीं होता ये वो घर है जिसका कोईदरवाजा नहीं होता ।
कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन,वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी।
अगर मिलती एक दिन कि 👑 बादशाही तो ए 🙌 दोस्तों,,, मेरी रियासत में तुम्हारी👤 तस्वीर के ☣️ सिक्के चलते ।
कुछ लोगो की दोस्ती में हमइतना खो गए बित गए लम्हेऔर हम तस्वीर लेना भूल गए
थोड़ा सा दिल को उदास कर लिया करो,दोस्त से दूर होने का एहसास कर लिया करो,हमेशा हम ही याद करते हैं आपको,कभी आप भी हमें याद कर लिया करो..!
दादाजी ने सौ पतंगे लूटीं,टाँके लगे, हड्डियाँ उनकी टूटी,छत से गिरे, न बताया किसी को,शैतानी करके सताया सभी को,बचपन के किस्से सुनो जी बड़ों के।
अरे वो बचपन वाली अमीरी ना जाने कहाँ खो गयीं जब जहाज़ हवा में हमारे भी उड़ा करते थे
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन,वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी।
ये मत सोचना दोस्त की अपनेबीच लड़ाई हो गई तो दोस्ती टूट गईअपनी यारी बचपन की है मेरे दोस्तये लड़ाई झगड़े तो होते रहते हैपर सच्ची दोस्ती कभी नही टूटती।💯🔥
“ बचपन में हम रोते-रोते हंस पड़ते थे,अब हालात ऐसे हैं कि हंसते-हंसते रो पड़ते हैं,बचपन से लेकर जवानी तकहम ऐसे ही तो सीढ़ियां चढ़ते हैं…!!!