Bachpan Ki Dosti Shayari In Hindi : कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से, कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा
आते जाते रहा कर ए दर्दतू तो मेरा ✒ बचपन का साथी है.
हमारी दोस्ती की महक,तेरे ख्यालों की बगिया में आज भी महकती होगी।इतना आसान कहाँ है भूल पाना मुझे,मेरी यादें तेरे सीने में अब तलक धड़कती होंगी।
करके काजल दोस्ती एक दिन,मैं भी उतरूंगा तेरी आँखों में
देखा करों कभी अपनीमाँ की आँखों में भी,ये वो आईना हैं जिसमेंबच्चे कभी बूढ़े नही होते…
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में,फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती,होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती।
खेलने के लिए खिलौने कम बहाने ज्यादा होते थे, सुबह दोपहर शाम हर वक़्त हम चार दोस्त मैदान में होते थे।
दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी कादोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने काये कोई पल भर की जान-पहचान नहीं हैदोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का..
हसरतों की निगाहों पे सख्त पहरा है न जाने किस उम्मीद पे यह दिल ठहरा है तेरी चाहतों की कसम, ए दोस्त अपनी दोस्ती का रिश्ता प्यार से भी गहरा है
दोस्त से कीमती कोई चीज़ नही होती है,दोस्त से खूबसूरत किसी की तस्वीर नही होती है,दोस्त यूं तो कच्चा धागा है, पर इस धागे सेमज़बूत कोई ज़ंज़ीर नही होती है
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी
इस #दुनिया का एक ही नियम है!! प्यार साथ दे ना ❌दे, पर यार जरूर साथ देते हैं!!
ऐसी क्या दुआ दूँ आपको, जो आपके लबों पर ख़ुशी के फूल खिला दे, बस ये दुआ है मेरी, सितारों सी रौशनी खुदा आपकी तकदीर बना दे, हैप्पी बर्थडे मेरे दोस्त !
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगादूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगाजी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तोंकल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा
“कुछ लोग धन पर नाज़ करते हैं,कुछ लोग शोहरत पर नाज़ करते हैं,जिसके साथ आप जैसा सच्चा प्यारा दोस्त हो,वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं.”
बेफ़िक्र हँसी और ख़ुशियों का ख़ज़ाना था , कितना खूबसूरत वो बचपन का ज़माना था
✒ बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव,जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे.
तुम सदा हसंते रहो ये दुआ है मेरीहर पल में माँगी है बस खुशी तुम्हारी,तुम भले ही कितने भी दोस्त बना कर देख लो,फ़िर भी महसूस करोगे कमी मेरी
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती, जिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है!
“ फिर उसके बाद मैं बचपनसे निकल आया था,मोहब्बत मेरी आखिरी श़रारत थी…!!
“ बचपन में तो शामेंभी हुआ करती थी,अब तो बस सुबह केबाद रात हो जाती है….!!
दोस्ती एक एहसास है जरुरत है, बिना दोस्त के ज़िन्दगी बेकार है
बचपन गुजर जाने के बाद बचपन की वो यादें अब भी आती हैं रोते में अब भी वो हँसा जाती है
#स्टाइल 😎 ऐसा करो कि 🌏 दुनिया देखती रह जाए, और 💯 यारी ऐसी करो कि दुनिया #जलती 🔥 रह जाए ।
खुशबु के नज़ूल जैसा है, वो एक “दोस्त” जो फूल जैसा है हम क्या करते ज़माने की दोस्ती ले कर, ज़माना तो उस के कदमो की धूल जैसा है
दोस्तों के साथ बिताये पलों की,जब भी याद आती है।उदास हो जाता है दिल,आँखें नम हो जाती हैं।
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरहमैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.
रोने की वजह भी न थी, न हंसने का बहाना था,क्यो हो गए हम इतने बडे,इससे अच्छा तो वो ✒ बचपन का जमाना था.
असली ज़िंदगी वही जीते है,जो दोस्त के साथ अदरक वाली चाय पीते है
रोने की वजह भी ना थी ना हसने का बहाना था क्यू हो गये हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का ज़माना था
दोस्ती अच्छी हो तो रंग़ लाती है,दोस्ती गहरी हो तो सबको भाती है।दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है,पर अगर दोस्ती अपने जैसी हो।तो इतिहास बनाती है।
हम दोस्त बनाकर किसी को रुलाते नही,दिल में बसाकर किसी को भुलाते नही,हम तो दोस्त के लिए जान भी दे सकते हैं,पर लोग सोचते हैं की हम दोस्ती निभाते नहीं..
बचपन को कैद किया उम्मीदों के पिंजरों में, एक दिन उड़ने लायक कोई परिंदा नही बचेगा।
वादा ना करो अगर तुम निभा ना सको,चाहो न उसको जिसे तुम पा ना सको।दोस्त तो दुनिया में बहुत होते है,पर एक खास रखो जिसके बिना मुस्कुरा ना सको।
बचपन में ही अपने छोड़ कर चले गए।।आँख खोलि तो सपने छले गए।।
तब तो यही हमे भाते थे,आज भी याद हैं छुटपन की हर कविता,अब हजारों गाने हैं पर याद नहीं,इनमे शब्द हैं पर मीठा संगीत कहाँ.
करके काजल दोस्ती एक दिन,मैं भी उतरूंगा तेरी आँखों में
काग़ज़ की नाव भी है, खिलौने भी हैं बहुतबचपन से फिर भी हाथ मिलाना मुहाल है
प्यार से बड़ाहोता है दोस्ती का रिश्ताक्योंकि दोस्त कभी बेवफानही होते ।🌹😘💯
स्कूल की सजा भी मज़ा लगा करती थी दोस्तों के साथ में, कुछ तो बात ज़रूर थी उस बचपन की बात में।
“ बचपन में खूब मस्ती थी,पानी में कागज की कश्ती थी,न था कुछ खोने का डर,इसलिए तो जिंदगी हसीन लगती थी…..!!
दोस्तो से दोस्ती रखा करो तबियत मस्त रहेगी, ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ सेदुरुस्त किया करते हैं।
बचपन से हर शख्स याद करना सिखाता रहा, भूलते कैसे है ? बताया नही किसी ने.
लाज़वाब बचपन शायरीआते जाते रहा कर ए दर्दतू तो मेरा बचपन का साथी है.
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी !!
“ जब भी दुनिया से निराश हो जाता हूँ मैं,तो खुद को ले जाता हूँ अपने School में,मैं फिर तरोताजा हो जाता हूँजाकर अपने School में….!!
तुम्हारी पसंद मेरी चाहत बन गयी है, तुम्हारी हंसी मेरे दिल की राहत बन गयी है, और तुम्हें खुश देखना मेरी आदात बन गयी है !
“ बचपन से बुढ़ापे का बसइतना सा सफ़र रहा है,तब हवा खाके ज़िंदा थाअब दवा खाके ज़िंदा हूँ…!!
एक वफादार दोस्त,हज़ारों रिश्तों से बेहतर हैं…Ek wafadar dost,Hazaro rishto se behtar hain..
बचपन सा इन्साफ कहीं नहीं किया कुदरत ने बचपना इंसान का हो या जानवर का मासूम ही होता है।
ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ,✒ बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है.