Bachpan Ki Dosti Shayari In Hindi : कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से, कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा
आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैंछुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा.
कहा भुल पाते है हम बचपन की बाते,सबको याद आती है वो बचपन की बरसाते,भीग जाते थे हम जब बारिशों में,याद आती है वो दोस्तो की मुलाकाते।
चांद जैसा रोशन कोई औरसितारा हमें जहां में नहीं मिला..दोस्ती तेरे जैसी निभाएऐसा यार कभी गद्दार नहीं निकला..
पुराने दोस्त होने का एक फायदा यह भी है,कि वे आपकी हर बेवकूफी भरी हरकत में आपका साथ देते हैं।
बड़ी हसरत से इंसाँबचपने को याद करता हैये फल पक करदोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए।
एक हाथी एकराजा एक रानी के बग़ैरनींद बच्चों को नहींआती कहानी के बग़ैर।
हर नई चीज अच्छी होती है,लेकिनदोस्त पुराने ही अच्छे होते हैं।
दोस्ती का हाथ तूने जब सेमेरी ओर ऐसे बढ़ाया..जमाने को भूल मैं बस तेरीओर खींचा चला आया..
वो बचपन कीअमीरी न जाने कहां खो गईजब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे…
दोस्त भले ही एक हो पर ऐसा हो जो अल्फाजों से ज्यादा खामोशियों को समझे।
“ बीत गया बचपन आ गई जवानी,देखो खत्म हो गईगुड्डा-गुड़िया की कहानी…!!
रोने की वजह भी न थीन हंसने का बहाना थाक्यो हो गए हम इतने बडेइससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था!!
हंसने की भी, वजह ढूँढनी पड़ती है अबशायद मेरा बचपन, खत्म होने को है
खुदा ना करे मेरा दोस्त,मुझसे रूठ जाए,हम ऐसे दोस्त नहीं हैं जो,लोगों की बातों में आकर टूट जाए।
धोखा मोहब्बत की रश्म होती हैं तभी तो मोहब्बत में बेवफाई होती हैं कभी हमारी तरफ आकर के देखो दोस्ती में कितनी सच्चाई होती हैं
गुम सा गया है अब कही बचपन, जो कभी सुकून दिया करता था।
आपकी जिंदिगी में कोई गम न हो, जन्मदिन पर मिले हज़ारो खुशियां, चाहे उनमें शामिल हम न हो ! Happy Birthday Dost
जैसे बिन किनारे की कश्ती, वैसे ही हमारे बचपन की मस्ती।
ये दोस्ती का गणित है साहब यहाँ 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता
अपना समझ कर हर किसी पर बेवजह हक ना जताया करो,किसी का भला करने की चाह में खुद को बुरा ना बनाया करो।
“सवाल पानी का नही प्यास का हैसवाल मौत का नही साँसो का हैदोस्त तो बहुत है दुनिया मेंमगर सवाल दोस्ती का नही विश्वास का है।”
“ यादे बचपन कि भूलती नहीं,सच्चाई से हमको मिलाती नहीं,जीना चाहते है हम बचपन फिर से,पर शरारतें बचपन कि अब हमे आती नहीं…..!!!
मुखौटे बचपन में देखे थे, मेले में टंगे हुए,समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे चढ़े हुए।
मुझको यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थींजब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं
बचपन की कहानी याद नहीं बातें वो पुरानी याद नहींमाँ के आँचल का इल्म तो हैपर वो नींद रूहानी याद नहीं |
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे
“ जो सोचता था बोल देता था,बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी…!!
बचपन में स्कूल का सिलेबस पूरा करना भले भारी लगता था हमें,पर बड़े हुए तो जाना, जिंदगी के Questions का तो सिलेबस हीं नहीं होता।
जन्मदिन तुम्हे मुबारक हो, हर दिन युही खुस रहो, खुशियाँ और तरक्की तुम्हारे साथ हो, हर साल जन्मदिन मानाते रहो ! Happy Birthday Friend
बचपन के वो दिन भी क्या खूब थे , ना दोस्ती का मतलब पता था , और ना मतलब की दोस्ती थी
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम
दोस्ती की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,लगता है खुल के जिए ज़माना हो गया।काश कहीं मिल जाये वह काफिला दोस्तों का,अपनों से बिछड़े ज़माना हो गया।
सब कुछ तो हैं, फ़िर क्यों रहूँ उदास,तेरे जैसा मैं भी बन पाता मनमौजी,लतपत धूल-मिट्टी से, लेता खुलकर साँस।
बिना किस्से कहानी सुने नींद ना आना,माँ की गोद में थक हार कर सो जाना।
मोहल्ले में अब रहता हैपानी भी हरदम उदाससुना है पानी में नाव चलानेवाले बच्चे अब बड़े हो गए
दोस्तों की 👪 दोस्ती में कभी कोई 💯 रूल नहीं होता है, और ये 💌 सिखाने के लिए कोई 🏬 स्कूल नहीं होता है ।
पानी की प्यास और मेरे दोस्त की बकवास दोनों ही आउट ऑफ कंट्रोल होती है।
“ जब भी बचपन की याद आती है,चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,तब नई चीजें पाने के लिए रूठा करते थे,अब रूठने पर भी कुछ नहीं मिलता है….!!
दो पल की जिन्दगी है यारो,मिलकर गले बिता लो यारो,दो घड़ी संग बिता लो यारो।
जिन लोगों में लज्जा का गुण न हो,जो किसी भी गलत कार्य को करने में संकोच न करें।और जो लज्जा हीन हो,उनसे मित्रता नहीं करनी चाहिए।
कहते हैं,, कि ♥️ दिल की बात किसी को बताई नहीं जाती है, लेकिन मेरे 👪 दोस्त आइने है,, और 🪟 आईने से कोई बात छुपाई नहीं जाती है ।
जब भी जाता हूँ दोस्तों को अपना गम सुनाने,हर बार हरामखोर हँसा देते है किसी ना किसी बहाने
“ बचपन की बात ही कुछ और थी,जब घाव दिल पर नहीहाथ-पैरों पर हुआ करते थे….!!!
सारा खेल दोस्ती का है ए मेरे दोस्तवर्ण जनाजा और बारात एक ही सामान है
दोस्ती फीलिंग है सच्ची बेकार थोड़ी है !!जो फट से बदल जाए ये सरकार थोड़ी है !!
मंजिलों को ढूंडते हम कहॉं खो गए,न जाने क्यूँ हम इतने बड़े हो गए,
जिसकी stupid बाते भी लगती हो cuteसच्चा लगता है जिसका हर झूठजिसके साथ लड़ते हुए भी आ जाए SMILEउसे कहते हैं Friend With Rocking Style
जी लो इन पलों को हस के जनाब,फिर लौट के दोस्ती के पुराने दिन नहीं आते।
बचपन समझदार हो गया,मैं ढूंढता हू खुद को गलियों मे।।
“ खुशियों से अपनी दुनिया सजाएं,जहां बिना टेंशन खूब नाचे गाएं,अपने मन के गीत गुनगुनाएं,क्यों न एक बार फिर बचपन में खो जाएं…!!!
जाने कब से भुलाना चाहामैंने अपनी दोस्ती को..मेरे यार गद्दार तू नहीं हैभुला दिया मैंने ही किए वादों को..
वो बचपन के दोस्त कितने सच्चे थे लौटा दो हमारा गुजरा हुआ वक़्त हम बचपन में ही अच्छे थे
न दिल से की न दिमाग से कीये दोस्ती तो हमने इत्तेफाक सेकी. ! !
सातों आलम सर करने के बा’द इक दिन की छुट्टी ले कर घर में चिड़ियों के गाने पर बच्चों की हैरानी देखो
◆ दोस्तों से दूर होकर एक एहसास हुआ वो कमीने थे पर ज़िन्दगी रौनक भी उन्ही से हुआ।
“ आसमान में जब उड़तीपतंग दिखाई दी,ऐसा लगा मानो किसी नेबचपन की झलक दिख दी….!!
साइकिल का सहारा था, मेरा दोस्त भी आवारा था, गिरते पड़ते थे रोज हम फिर भी दौर वो हमारा था।
ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा,मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा।दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें,तुम्हें.. हमारे करीब होने का एहसास होगा।
मेरा वजूद तुझसे हैमेरा जहांन तुझसे हैमेरी जमीन तुझसे हैमेरा आसमान तुझसे हैये दोस्त मेरा सब कुछ तुझसे है
असली हीरे की चमक नही जाती,अच्छी यादों की कसक नही जाती,कुछ दोस्त होते हैं इतने खास की,दूर होने पर भी उनकी महक नही जाती।
बचपन से जवानी के सफर में,कुछ ऐसी सीढ़ियाँ चढ़ते हैं..तब रोते-रोते हँस पड़ते थे,अब हँसते-हँसते रो पड़ते हैं।
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा मेंफिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
दोस्ती वहां अच्छी होती है जहां दोस्त दोस्त के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाता है।
कोई स्कूल की घंटी बजा देये बच्चा मुस्कुराना चाहता हैशकील जमाली
वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।
कितना पवित्र था वो बचपन का प्यार,ना भूख थी जिस्म की न था सम्पति का लालच,थी तो बस एक दूजे के साथ की चाहत।
बचपन है पुलों जैसा, ना सुलझे सवालों जैसा, ना फिक्र ना कोई गम की बात, बचपन तो है बहते पानी जैसा।
“ काश किसी ने बचपन में हमेंSchool के दिनों कीअहमियत बताई होती,तो हमने बड़े होने में इतनीजल्दबाजी न दिखाई होती….!!
“ जब भी देखता हूं बच्चों का खिलौना,याद आता है बचपन का दिन अपना…!!!
बहुत खूबसूरत था,महसूस ही नहीं हुआ,कब कहां और कैसेचला गया बचपन मेरा।
यह दोस्ती का गणित है साहबयहाँ दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचा
रोज चाहे तुझसे मुलाकात ना भी हो, ए दोस्त,तू हर पल है साथ इतनी तसल्ली चाहिए..और कुछ भी ना मिले इस ज़िन्दगी में,लेकिन हर जन्म में दोस्त तू ही चाहिए..