52+ Andhera Shayari In Hindi | 'अंधेरे' पर शायरों के अल्फ़ाज़

Andhera Shayari In Hindi , 'अंधेरे' पर शायरों के अल्फ़ाज़
Author: Quotes And Status Post Published at: October 4, 2023 Post Updated at: April 11, 2024

Andhera Shayari In Hindi : रात कितनी भी काली हो,सूरज की एक किरण उजाला भर देती है,उसी तरह आशा की एक किरणजीवन का अँधेरा दूर कर देती है। नफरतों की परछाई से भी दूर रहना,क्योंकि नफरत का अँधेरा खा जाता हैख़ुशी के उजाले को।

'मैंने क्या गलत किया?' जब महेश भट्ट का एक फोन आया... और आंसुओं में डूब गईं विद्या बालन, फूट-फूटकर रोई थीं एक्ट्रेस

आँखें खोलनी पड़ती हैंरौशनी के लिए,सिर्फ सूरज के निकलने सेअँधेरा नहीं जाता है।

चेहरा अगर झूठ नहीं बोलता तो फिर क्या राज छुपे होते हैं आपके फेस में? जानना चाहते हैं हाल तो यहां जानें

उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ होंतारीकियाँ भी साथ रहें रौशनी के साथ-असर अकबराबादी

अंधेरों का भी हिस्सा है जिंदगी में, इक सुकून मिलता है खुदा की बंदगी में।

जमाने में रौशनी तो बहुत है, फिर भी अँधेरा कम नहीं, अंधेरों में चलने की आदत डाल ली जिसने उसे जिंदगी में कोई गम नहीं।

जिंदगी की मुश्किलों में मैं रूका नहीं चलता रहा, अँधेरा बहुत था पर जुगनू की तरह जलता रहा।

आकर समेट लो मुझे खुद के अंदरतेरे बिना बेवजह बिखर रहा हूं मेंउजाला बनकर आ जाओ जिंदगी मेंअंधेरों में यू हीं घुट रहा हूं में

इश्क़ में कुछ नज़र नहीं आयाजिस तरफ़ देखिए अँधेरा है-नूह नारवी

रात के अँधेरे में रोने से किस्मत नहीं बदलेगी, रात के अँधेरे में पढ़ाई करने से ही बदलेगी

अंधेरे में मोमबत्ती की रोशनी भी कम-सी लगती हैं लेंकिन एहसास तब होता हैं जब वो रोशनी भी साथ छोड़ देती हैं

उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ होंतारीकियाँ भी साथ रहें रौशनी के साथ-असर अकबराबादी

शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी हैसौ चराग़ जलते हैं इक चराग़ जलने से- एहतिशाम अख्तर

चंद्र बदन चपला सा चमकेसूरज नयन रिझातेखो जाते उन्मुक्त हंसी में छा जाते अंधेरों पर लाली

उम्मीदों की नजरें हौंसले पर टिकी है, तुम में कोई तो ख़ास बात होगी, अँधेरे को चीरकर, सूरज निकलेगा आखिर कितनी लम्बी रात होगी।

गमों से जिसकी पुरानी दोस्ती हो, वो भल रात के अंधेरों से क्यों डरेगा।

रात के अँधेरे के डर कररोते भी है कुछ लोग,सुबह पर यकीन रख करसोते भी है कुछ लोग।

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। गोपालदास “नीरज”

आज की रात भी तन्हा ही कटीआज के दिन भी अंधेरा होगा-अहमद नदीम क़ासमी

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतनाअँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।गोपालदास “नीरज”

रात में ही अँधेरा इंसान को डराता है, लेकिन अज्ञानता दिन के उजाले में भी डराती है।

रात का अँधेरा बड़ा सुकून देता है, पर दिन का उजाला उसे छीन लेता है।

उनका सुर्ख रंग, यादें रंगीन, रास्तों में उजले हैंमैं साया हूँ मेरा वजूद अंधेरा और सपने काले हैं

शहनाज गिल बनीं लव गुरु, 'सा रे गा मा पा' के कंटेस्टेंट को दी रिलेशनशिप एडवाइज, बोलीं- 'थैरेपी ले लो...'

आँखें खोलनी पड़ती हैं रौशनी के लिए, सिर्फ सूरज के निकलने से अँधेरा नहीं जाता है।

प्रेम वो 'परछाई' है जो......'अंधेरे' में आपके साथ रहती है।

नफरतों की परछाई से भी दूर रहना,क्योंकि नफरत का अँधेरा खा जाता हैख़ुशी के उजाले को।

जब रोशनी अंदर होतो बाहर का अंधेरा डराता नहीं।गौरव गुप्ता

जब जिंदगी में नफरतों का अँधेरा छंटेगा,तभी तो दिलों में मोहब्बत का उजाला बढ़ेगा।

अब इंसान नहीं, परछाइयाँ भी मदद को नहीं दिखती।या शायद, अंधेरे ने सबको मजबूर कर दिया है।।

जब अँधेरा चूमता है प्रतीक्षा कोतो इस सदी का सर्वश्रेष्ठ सूर्योदय होता है.

हृदय का अँधेरा सूरज के तेज से भी नहीं जाता है, इसे मिटाने के लिए ज्ञान का उजाला करना पड़ता है।

कहानी होगी कुछ तो अंधेरे की भीकुछ तो रौशनी की भी खता होगी- सुप्रिया मिश्रा

जब रोशनी अंदर हो तो बाहर का अंधेरा डराता नहीं। गौरव गुप्ता

नफरतों की परछाई से भी दूर रहना, क्योंकि नफरत का अँधेरा खा जाता है ख़ुशी के उजाले को।

रात के अँधेरे के डर कर रोते भी है कुछ लोग, सुबह पर यकीन रख कर सोते भी है कुछ लोग।

अंधकार अपना कद बढ़ा रहा है, पर मेरी भी इक जिद्द है, अपने भीतर उजाला लिए चलूँगा जहाँ तक मेरी हद है।

जमाने में रौशनी तो बहुत है,फिर भी अँधेरा कम नहीं,अंधेरों में चलने की आदत डाल ली जिसनेउसे जिंदगी में कोई गम नहीं।

माना कि जिंदगी में अंधेरा घना है , पर उम्मीद के चराग़ जलाना कहाँ मना है !

अंधकार अपना कद बढ़ा रहा है,पर मेरी भी इक जिद्द है,अपने भीतर उजाला लिए चलूँगाजहाँ तक मेरी हद है।

जिंदगी की मुश्किलों में मैं रूका नहीं चलता रहा,अँधेरा बहुत था पर जुगनू की तरह जलता रहा।

रात कितनी भी काली हो, सूरज की एक किरण उजाला भर देती है, उसी तरह आशा की एक किरण जीवन का अँधेरा दूर कर देती है।

रात के उजालों से संभलकर रहना, कहीं ये तुम्हारे अंदर अँधेरा ना भर दें।

अंधेरों को निकाला जा रहा हैमगर घर से उजाला जा रहा है- फ़ना निज़ामी कानपुरी (साभार-रेख़्ता)

जब जिंदगी में नफरतों का अँधेरा छंटेगा, तभी तो दिलों में मोहब्बत का उजाला बढ़ेगा।

रात कितनी भी काली हो,सूरज की एक किरण उजाला भर देती है,उसी तरह आशा की एक किरणजीवन का अँधेरा दूर कर देती है।

रौशनी फैली तो सब का रंग काला हो गयाकुछ दिए ऐसे जले हर-सू अंधेरा हो गया-आज़ाद गुलाटी

उम्मीदों की नजरें हौंसले पर टिकी है,तुम में कोई तो ख़ास बात होगी,अँधेरे को चीरकर, सूरज निकलेगाआखिर कितनी लम्बी रात होगी।

इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात

फेंक कर रात को दीवार पे मारे होते मेरे हाथों में अगर चाँद सितारे होते

इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात

दिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रही दोस्ती अपनी भी कुछ रोज़ ज़माने से रही

Recent Posts