Alone Shayari In English Hindi : लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहींकरते जब हम अकेले हो बल्कि,उसवक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीनासीख लो, मोहब्बत जितनी भी सच्चीहो साथ छोड़ ही जाती है
आईने के सौ टुकड़े करके हमने देखे हैआईने के सौ टुकड़े करके हमने देखे हैएक में भी तनहा थे सौ में भी अकेले है।
जानता पहले से था मैं, लेकिन एहसास अब हो रहा है, अकेला तो बहुत समय से हूं मैं, पर महसूस अब हो रहा है।
तो हम लोग बहुत अकेला महसूस करते है न जाने क्या क्या खयाल आते रहते है
चाहते थे जिसको हम उसके दिल बदल गए,समुंदर तो वाही था लेकिन साहिल बदल गए,क़त्ल ऐसा हुवा हर बार किस्तों में मेरा,कभी खंजर बदल गुए तो कभी कातिल बदल गए।
कैसे गुजरती है मेरी हर एक शाम, तुम्हारे बगैर अगर तुम देख लेते तो, कभी तन्हा न छोड़ते मुझे !
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा 😏 है दोस्तों, जिसको कोई मिल 🤝 गया वो और तन्हा हो गया 🖤 … ।।
उधर से इधर तक अधर तक हो तुम मगर हिज्र के अब सफर पर हो तुम
कोशिश करो कोई आपसे ना रूठे, जिंदगी में अपनों का साथ ना छूटे, दोस्ती कोई भी हो उसे ऐसा निभाओ, कि उस दोस्ती की डोर जिंदगी भर ना टूटे.
कितनी अजीब हैइस शहर की तन्हाई भीहजारो लोग है मगरकोई उस जैसा नहीं है।
मुझको मेरे अकेलेपन से अबशिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझेखुद से भी मुहब्बत नहीं है
वो जो कहते थे तुम शहर में अकेले हो उनकी मोहब्बत हर गली में निकली
शोक मनाओ साहबअब हम तुम्हारे नहीं रहेshok manao saahabab ham tumhaare nahin rahe
फिर वही रातवही हमवही तन्हाई हैफिर हर एक ज़ख्म मोहब्बत केउभऱ आए है।
इश्क़ की गलियों में जाना कभी ना अपना किसी को बनाना कभी ना उतरे अगर इस दरिया में तो फिर किनारे को नज़रे दिखाना कभी ना
दूर हो जायेंगे जिंदगी के सारे गम,मानता हूँ अभी थोड़े अकेले है हम.
क्या बताऊँ किस परेशानियों में मैं हूं, काग़ज़ की एक नाव हूं और पानियों में मैं हूं
गलती हमारी ही थी जो हम उनसे ज्यादा बात करने लगे, जब हो गई हमे उनकी आदत तो वो हमें नज़र अंदाज़ करने लगे।
पहचान के नुमाईश यारो जरा कम करो, जहां भी मैं लिखा हैं उसे हम करो।
अकेलापन कहता है कोई महबूब बनाया जाए,जिम्मेदारियां कहती हैं वक़्त बर्बाद बहुत होगा।
मैं वादा करता हूँ अपनी अधूरी ख्वाहिशों से मिलूंगा तुम्हें किसी जनम में मैं
अब वही होगा जो दिल चाहेगाआगे जो होगा देखा जायेगा
जिन लोगों को आपकी परवाह नहीं होती,उन लोगों के साथ रहने से अच्छा है अकेले रहना॥
दूसरों के सहारे है कई रात गुज़ारे,के सहरा छोर दो तुम अगर दिन देखना है।
ये अकेलापन खा रहा है मुझे रोज दीमक की तरह,जैसे कोई तेल जल रहा हो दिए में दीपक की तरह.
आने और अकेले जाने के बीच, अकेले जीना सीख ना ही जिंदगी है…!!
दुनिया आज भी मेरी दीवानी है और एक हम है कि उनके इंतज़ार में तन्हा बैठे रहते है।
मुझे सताकर तू खुश कैसे रहेगा तेरा किया लौटकर आएगा ज़रूर इतना मुझे खुदपर भरोसा तो है मुझे याद कर आंसू बहाएगा ज़रूर
जैसा की आप सब जानते हैं, की ज़िंदगी मे हम जिससे बहुत प्यार करते है ओर जब वो हमको छोड़ के चला जाता है
जो ताउम्र किसी एक के होकर रहें ऐसा महबूब अब कहां मिलता है
ना सोचा ना समझा बस छोड़ दिया, बड़ा मासूम था मेरा दिल उसने तोड़ दिया..
सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी हम अकेले पूरी महफिल के बराबर है। Sahare dhundhne ki adat nahi humari hum akele puri mahfil ke barabar hai.
तनहाई में चलते-चलते अब पैर लड़खड़ा रहे हैं, कभी साथ चलता था.. कोई, अब अकेले चले जा रहे हैं ।
अब तो उन की याद भी आती नहींकितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँफ़िराक़ गोरखपुरी
अपने हिस्से का इश्क़ ❤️वआज भी करती हूं उसे ,पर उसके हिस्से 🖤 का आज भी नहीं मिलता 😔 …।।
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है…!!!
एक तुम ही थे.. जिसके दम पर चलती थी, सांसे मेरी लौट आओ, जिंदगी से वफा निभाई नहीं जाती ।
ख्वाबों के सहारे जीना सीख लिया, अब अकेले रहने की आदत सी हो गई।
वो जो सबसे अकेला शख्स है ना,कभी हर एक को दोस्त बनाने की आदत थी उसे।
कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें !
इस हसी के पीछे ना जाने कितने दुखो के मेले हैतुम क्या जानो तुम बिन आज भी अकेले है।
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझ से वाकिफ है मगर, रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है।
मोहब्बत ” करने वाले आशिक कम ना होंगे,पर तेरी महफिल मे हम ना होंगे.
मैं टूट गया हूँ अपनी क़िस्मत से लड़ते हुए अब जो खुदा की मर्ज़ी वही ठीक है
नासमज ही रहते तो अच्छा थाउलझने बढ़ गयी हैं, जब से समजदार हुए हैं
तुम्हे शिकायत है की मुझे बदल दिया वक़्त नेखुद से पूछो, क्या तुम वही होtumhe shikaayat hai kee mujhe badal diya vaqt nekhud se poochho, kya tum vahee ho
उन्हें मुझसे शिकायत है मुझे उनसे शिकायत है शिकायत ही शिकायत में के हम बर्बाद बैठे हैं
जन्नत-ए-इश्क में हर बात 🤪 अजीब होती है,किसी को आशिकी 😍 तो किसी को शायरी नसीब होती है 🎙️ … ।। 😉
जिंदगी में कुछ गलत लोगों ने, आकर हमें जिंदगी का, सही सबक सिखा दिया !
मुस्कुरा देता हु अक्सर यही सोच कर कौन है अपना जो मनायेगा मुझे रूठा हुआ देख कर
कब तक रहेंगे तन्हाइयों में घिरे कोई तो होगा हमारे भी लिए
कहानी की शुरुआत सब की अच्छी होती है,लेकिन अंत उसी की अच्छी होती…जो अपने आप के साथ होता॥
हमारे जीने का कोई मक़सद होताजिंदगी का हमें भी मज़ा होताशायद तन्हाई लिखी हैं नसीब मेंवरना मैं इस तरह अकेला नहीं होता।
आज फिर इज तन्हा रात मैं इंतजार है उस शक्स का जो कहा करता था तुम कहते हो ना करों तो नींद नहीं आती
इस तन्हाई में भी न जाने क्यों तेरी याद आती है, किसे भी देखो सिर्फ तू ही तू नजर आती है..।
तेरे साथ से बेहतर कोई रास्ता नहीं,तुझसे दूर होकर मैं तनहा ही सही।
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती।
क्या फर्क पड़ता हूँ अब कोई साथ हो या ना होक्योंकि की जीन्दगी तो अब अकेले में जीनी हैं॥
ना जाने कैसी नज़र 👀 लगी है ज़माने की ,वजह ही नहीं मिल रही 😅 मुस्कुराने की .. ।।
यूँ भी हुआ रात को जब सब सो गए,तन्हाई और मैं तेरी बातों में खो गए।
इंतज़ार की आरज़ू ⏳ अब खो गयी है,खामोशियो 🤫 की आदत हो गयी है …न सीकवा रहा न शिकायत 😔 किसी से,अगर है तो एक ❤️ मोहब्बत,जो इन 💔 तन्हाइयों से हो गई है … ।।
सच ही कहा था किसी ने कि अकेले रहना 😔 सीख लो ,मोहब्बत ❤️ कितनी भी सच्ची ✏️क्यों न हो साथ तो छोड़ ही देती है 🖤 … ।।
महफिले तो हजारों मिल जाएगी,लेकिन तुमसे न मिला तो मैं अकेला हुं..
किसी ने दिल जीत लिया, किसी ने दिल हारा था, जो अकेला रह गया, बस वो दिल हमारा था।
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है।
सोचा नही था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे, रोना भी जरूरी होगा और आसूं भी छुपाने होंगे
तुम क्या जानोगे हमारे अकेलेपन का दर्द, तुम तो बन गये हमारे लिए बेदर्द।
नहीं मिला कोई मुझे मेरी तरह शहर में थे सारे तेरी तरह मैं सबकी ज़रुरत था ज़रुरत तक किसी ने समझा नहीं मुझे मेरी तरह
नजदीक आकर दूर चले जाते है,अकेले थे हम अकेले ही रह जाते है,इस दिल का दर्द दिखाये किसकोमल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है!!!
हर शख्स मुझे ज़िन्दगी जीने का 🧐तरीका बताता है,उन्हें कैसे 🤔 समझाऊँ की एक खुवाब💭 अधुरा है मेरा,वरना जीना 🖤 तो मुझे भी आता है … ।। ☹️
आँखों ने ज़र्रे ज़र्रे पर सजदे 🖤 लुटाये हैं,न जाने जा छुपा है मेरा 😔 पर्दा-नसीन कहाँ … ।।__________________________
अपने ही लोग लूट लेते है,वरना गैरों को क्या मालूमकि दिल की दीवार कहाँसे कमजोर है
इंसान का अकेलापन हर किसी से नहीं,अपने ही जैसे किसी दूसरे का साथ पाकर खत्म होता है॥