Alone Shayari 2 Lines In Hindi : तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच, आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच। ऐसा भी क्या गुनाह किया, चाहा जो तुम्हें फ़ना होके, इसलिए तुमने अकेला छोड़ दिया।
नज़र अंदाजी का बड़ा शौक था उनको,हमने भी तोहफे में उनको उन्हीं का शौक दे दिया।
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन ,दिल करता है के उम्र भर उसका इंतज़ार करू॥
तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच,आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच।
हंसती खेलती जिंदगी को ठिकाने लगा दे…इसे कहते हैं “Love“
यू भी होवा रात को जब सब सो गे तन्हाई और मैं तेरी बातें मैं खो गए
महफिले तो हजारों मिल जाएगी,लेकिन तुमसे न मिला तो मैं अकेला हुं..
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही।ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही।जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है।मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही।
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी,लोग तसल्लियां तो देते हैं पर साथ नहीं॥
ये प्यार का भी अलग दस्तूर है साहबएक तर्फे से शुरू हो के बेवफाई पर खत्म होता है
तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को યુआजमाया है मगर कोई भी मेरेइस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया है..!
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका, तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका।
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।
अकेला छोड़ ही रही हो तोपहले इसकी वजह तो बता दो।
अपनी तन्हाई की फ़िक्र करूया तेरी उदासी कीमेरे बिना तेरा भी तोदिल नहीं लग रहा होगा।
बहुत सोचा बहुत समझाबहुत ही देर तक परखा,कि तन्हा हो के जी लेनामोहब्बत से तो बेहतर है।
महफ़िल में आँख मिलाने से कतराते हैं,मगर अकेले में हमारी तस्वीर निहारते हैं।
इश्क में लोग अक्सर इसलिए 💔 बर्बाद हो जाते है| क्योंकिये दिल बात नहीं मानता 🤪और ये इश्क हार नहीं मानता … ।। 🙂__________________________
जमाने का दस्तूर यही है जनाब कि तूने मोहब्बत की यही तेरा कसूर है.
❝ कहां से अश्क के तारे निकलके आए हैंकहां से बर्फ के आतिश पिघलके आए हैंतेरे गाल गर्म हो रहे हैं जिस पानी सेवो किस आग का भेष बदलके आए हैं ❞
ऐ शम्मा तुझपे ये रात भारी है जिस तरह, हमने तमाम उम्र गुजारी है उस तरह।
एक सफर जहां फिरसे सब ‘शून्य’ से शुरू करना होगा।
ना अपने पास हूँ ना तेरे साथ हूँ !!बहुत दिनों से मैं यूँ ही उदास हूँ !!
अब नहीं रहती कोई उम्मीद किसी से अब तो खुद से हार गया हूँ
ज़माने की भीड़ उसे रास नहीं आती,जिसे तन्हाई से बेइंतेहा प्यार होता है।
काश तुझे मेरी जरुरत पड़े मेरी तरह,और में तुझे नजर अंदाज करू तेरी तरह।
तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया। ☹️💟🍀💖💌
अकेला सा हो गया हूं ना कोई साथ है,ना कोई पास है सब कहते हैं,जो कहा करते थे कि हमारे अपने है,आज उन्होंने ही साथ छोड़ दिया,बस अब अकेलेपन का एहसास है!…
आप सबसे ज़्यादा अकेले तब होते है,जब आप किसी का साथ पाने की कोशिश में होते है॥
❝ ये दौलत किसी की अमानत नही होतीये चाहत दिलों की मुहब्बत नही होतीये हक़ीक़त खुदको तन्हाई मे रख के सोचोसिर्फ़ सिर झुका देने से इबादत नही होती ❞
जिनको मेरा हाथ पकड़ना चाहिए था वो मेरी एक गलती पकड़े बैठे है
साथ में जिसके एक दिन दुनिया चलता हैवह शक्श अकसर शुरू में तन्हा चलता है
कभी पहलू में आओ तो बताएंगे तुम्हेंहाल ए दिल अपना तमाम सुनाएंगे तुम्हेंकाटी है हमने कैसी तन्हाई की रातेंहर उस रात की तड़प दिखाएंगे तुम्हें
तुम अब फिर लौटकर मत आना,अब तन्हाई से मोहब्बत हो चुकी है।
अकेला छोड़ 🖤 ही रही हो तो ,पहले इसकी वजह तो 🤔 बता दो … ।।__________________________
अगर बेवफा होता,तो भीड़ होती, वफादार हूँ इसलिए अकेला हूँ
आज तक एहसास हुआ मुझे अकेलेपन का, जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दे मुझे…!!
बर्बादियों का हसीन एक मेला हूं मैं, सब के रहते हुए भी बहुत अकेला हूं मैं!!
बस इतना होश है मुझे रोज-ए-विदा-ए-दोस्त, वीराना था नजर में जहाँ तक नजर गयी। ☹️💟🍀💖💌
मै खुश था दीया होकर, मुझे क्या पता था की, मुझे हवा से महोब्बत हो जाएगी.
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
उस मुकाम पे आ गई है ज़िन्दगी जंहा, मुझे कुछ चीज़े पसंद तो है, पर चाहिए कुछ नहीं.
रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं…अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं ..
अब मैं अकेले नहीं बैठता कहीं,बहुत डराती हैं तुम्हारी यादें मुझे अकेले में।
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
इस तन्हाई के हम पर बोहोत एहसान हैअगर ये साथ ना देती तो न जाने हम कहा जाते।
सोचूं जब उनकी एक बात को तो हंसी आती है मुझे, कि वह कहती थी बात ना हो तुमसे तो नींद नहीं आती मुझे!!
अफ़सोस सिर्फ इस बात का है, उसको मेरी कमी का कोई गम नहीं
लड़ के जाता तो हम मना लेते, उसने तो मुस्कुरा के छोड़ा है।
वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई,खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई,दुख न सही गम इस बात का है,आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।
जिंदगी में भले ही अकेले रहे कभी हार नही मानी, कौन सच्चा है कौन झूठा दुनिया में सबकी जानी।
तेरे बिना मैं तनहा हूँ,वक़्त से टूटा लम्हा हूँ।
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सिखा दे कोई,वादे निभा-निभा के अब थक गया हूँ मैं..!!
जिन लोगों को आपकी परवाह नहीं होती,उन लोगों के साथ रहने से अच्छा है अकेले रहना॥
ईद का दिन है सो कमरे में पड़ा हूँ ‘असलम’ अपने दरवाज़े को बाहर से मुक़फ़्फ़ल कर के
यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर,रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है।
दर्द मेरे दिल का किसने देखा है, मुझे सिर्फ खुदा ने तड़पते देखा है, हम तन्हाई में बैठकर रोते हैं,महफ़िल में लोगों ने हमें हस्ते देखा है।
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता है,साथ हैं सब मगर दिल क्यों अकेला सा लगता है।
आज कुछ ज़िन्दगी में कमी है तेरे बगैर, ना रंग है ना रौशनी है तेरे बगैर, वक़्त चल रहा है अपनी ही रफ़्तार से, बस थम गयी है धड़कन एक तेरे बगैर।
अगर तुम मेरे बिना खुश हो तोमैं तुम्हें क्यों परेशान करूंमैं भी अपने अकेलेपन में खुश रह लूंगी!
अजब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में,सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं !!
शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है। ☹️💟🍀💖💌
किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है, बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।
जो लोग बेपनाह मोहब्बत करते हैआख़िर में वो तन्हा हो जाते है।
हर रोज़ करते है तुम्हारे लौट आने की तमन्नाइसलिए दिन रात रहने लगे अब चौकन्ना
हर बार मुझे क्यू छोड़ जाते है तन्हामैं मज़बूत तो बोहोत हु मगर खुदा नहीं हु।
तुझसे बिछड़ कर अकेलेपन की हद कर दी,तेरे बाद जितनी भी मोहब्बतें आई रद कर दी।
सोचते थे की नजर अंदाज़ करेंगे उसे उसी की तरह,पर नहीं कर सके वो जुल्म जिसका दर्द सिर्फ हम जानते है।
जो इंसान अंदर से टूट चुका हो,उसके लिए खुशी क्या और गम क्या,बस चेहरे पर मुस्कुराहट तो रह सकती है,लेकिन अंदर से खुशी नहीं हो सकती!!…
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगाकी ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी.
तू अहसान कर फिर 😟 जता दे और बड़ा बन जा ,मै बेकार था मुझे बेकार ही रहने दे 😠 जा तू खुदा बन जा 🙏🙏 … ।।
लोग कहते है कि पागल का कोई भरोसा नहीं जनाब कोई ये नहीं समझता की भरोसे ने ही उसे पागल किया है
वो हमें तन्हा करकेमेरा इम्तिहां लेने लगेवक़्त का पता ना चलाहम तन्हाइयो से मोहब्बत करने लगे।