2171+ Akelapan Shayari In Hindi | दिल छूने वाली अकेलापन शायरी

Akelapan Shayari In Hindi , दिल छूने वाली अकेलापन शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 13, 2023 Post Updated at: September 17, 2024

Akelapan Shayari In Hindi : महफ़िल से दूरमैं अकेला हो गयासूना सूना मेरे लिएहर मेला हो गया। एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा।

दिल्लगी में दिल लगा बैठे सारा चैन-ओ-सुकून गंवा बैठे बहुत देख ली महफिलें इश्क की अब तन्हाइयों के आगोश में आ बैठे

अकेले-पन भी हमारा ये दूर करती हैकि रख के देखो ज़रा अपने पास तस्वीरें।

सुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती है, ये अकेलापन खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।

“ कोसते रहते हैंअपनी जिंदगी को उम्रभरभीड़ में हंसते हैंमगर तन्हाई में रोया करते हैं..!!

गैरो पर कौन गौर करता है, बात जब भी चुभती है अपनो की चुभती है।

उस हसती तस्वीर को क्या मालुम,उसको देखकर कितना रोया जाता है us hasti tasvir ko kyaa maalum,usko dekhakar kitnaa royaa jaataa hai

“ वक्त भी न जाने कैसी पहेली दे गया,उलझने सौ और जां अकेली दे गया…!!

“ देखना अकेले में होगीउनको हमारी कदर,अभी तो बहुत लोग हैंउनके पास दिल लगाने के लिए…!!

मत कर इतना घमंड इस खूबसूरती पर नहीं तो बहुत शर्मिंदा होना पड़ेगा, अभी वक्त है संभल जाओ नहीं तो रोना भी पड़ेगा..

छोड़ जाओ अकेला मुझे अँधेरे में, मैं अपना सवेरा खुद ले आऊंगा।

ये अकेलापन सभी को काटता है, पर न कोई इसको बाँटता है, अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना। बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है।

अकेले कैसे रहा जाता है, बस यही सिखाने के लिए, कुछ लोग हमारी ज़िन्दगी में आते है.

हम तो पहले से ही अकेले थे.आपने छोड़कर कौन सा एहसान कर दिया.

जो लोग हर समय ऑनलाइन रहते हैं वो अक्सर अकेले होते हैं।

अपने दर्द को छुपा कर रखिए जनाब यह शहर रोने वालो को रुलाता बहुत है।

“ मत करना इश्क़ बहुत झमेले है,हसते तो साथ में हैमगर रोते अकेले है…!!

रंजीश ही सही मेरा दिल दुखाने को आ,मुझे एक बार फिर से अकेला छोड़ जाने को आ।

हुआ तो कुछ भी नहीं,बस थोड़े से ख्वाब टूटे हैं,और थोड़े से लोग बिछड़े हैं.

प्रत्येक मनुष्य की शाश्वत खोज उसके अकेलेपन को चकनाचूर करना है।

नसीब से हार गये,वरना मोहबबत सच्ची थी हमारी nasib se haar gaye,varnaa mohababat sachchi thi hamaari

ज़िन्दगी के कठिनाइयों में नया रास्ता बनाएंगे अगर कोई साथ ना भी आया तो खुद अकेला उस रास्ते पर चल जाएंगे

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं, मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं.,

छोड़ दो तन्हा ही मुझको यारो,साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,अगर हो गई तुमको मोहब्बत कभी,मेरी तरह तुम भी पछताओगे।

“ सुना है दिल से याद करोतो खुदा भी आ जाता है,हमने तो तुम्हें सांसो मैंबसाया फिर भी अकेले हैं…!!

अजीब है मेरा अकेलापनना खुश हूँ ना उदास हूँबस खाली हूँ और खामोश हूँ !!

अकेले पन को इतना अकेला बनाया मैंने,अपना किस्सा खुद अपने आप को सुनाया मैंने।

बात अजीब सी है, मगर सच है…दुनिया में जब मौसम बदलता हैतो इंसान भगवान से शिकायत करता हैलेकिन जब इंसान ही मौसम की तरहबदलने लगे तब किससे शिकायत करें??

मरते कहाँ एक बार मे हैं मोहब्बत वाले दोस्तो,अकेलेपन का जहर बार बार पीना पड़ता है..!!

मौत जुदा करेगी हमें सजना,ये कहने वाले ने जाते जाते मुड़कर देखा भी नहीं।

कैसे बताऊं क्यूँ तेरी ये यादें यु चली आती हैं, कैसे बताऊं क्यूँ मुझे ये आके इतना रूला जाती हैं।

इश्क का जला हुआ इंसान,रिश्तें भी फूंक फूंक के बनाता है

अकेलापन दिलजलों को खूब भाता है यादों के मारों को सुकून तन्हाई में ही मिल पाता है

ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है,इस मोहब्बत में यारो बहुत घाटा है…

ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है, इस मोहब्बत में यारो, बहुत घाटा है.

“ किसे अपना कहा जायसभी दिल तोड़ जाते हैं,सज़ाकर दिल की महफिलको अकेला छोड़ जाते हैं…..!!!

भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आयाघर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकलाअलीम मसरूर

जिस तरह मैंने तुझें चाहा,कोई और चाहे तो भूल जाना मुझें…Jis tarah maine tujhe chaha,Koi aur chahe toh bhool jana mujhe…

अब इंतज़ार की आदत सी हो गई हैखामोशी एक हालत सी हो गई हैना शिकवा ना शिकायत है किसी सेक्योंकि अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।

दूसरों को दुःख में हमेशा अपने गले लगाया,मुझ पर मुसीबत आई तो खुद को अकेला पाया।

निकलता चाँद सबको पसंद आता है ,डूबता सूरज कौन देखना चाहता है ,टूटता तारा सबकी दुआ पूरी करता है ,क्योंकि उसे टूटने का दर्द मालूम होता है ||

किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहना जो आपको अकेला महसूस कराता है, उस से बेहतर है अकेले रहना।

मैं तब तक सो जाना चाहता हूं जब तक कि मैं आपको अब और याद नहीं करता।

कुछ तन्हाई की रातो में सहारा होता,तुम न होते सही,जिक्र तुम्हारा होता।

इतना अकेलापन है मेरे अंदर कि,सांस भी लेती हूँ तो शोर सा लगता है..

मुश्किल नज़र आता है गला काट के मारना, आख़िर यह मुहिन भी तेरे जाबाज ने सर की.,

अकेले-पन का ‘अज़्मी’ हो भी तो एहसास कैसे होतसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में हैइस्लाम उज़्मा

अकेले कैसे रहा जाता है,कुछ लोग यही सिखाने हमारी ज़िंदगी में आते हैं।

फिर वही पल वही लम्हे फिर वही दौर है,फिर वही हम अकेले फिर उनके साथ कोई ओर है।

क्या फायदा उस यार का, जिसका हर कोई यार हो।

इमानदार हैं इसलिए अकेले है ,धोकेबाज़ होते तोआज लोगो की भीड़ मैं होते

मौत भी खफा है जैसे जिंदगी एक सजा हो जैसे हँस देते है हम भी महफ़िल में नहीं जानता कोई कितना दर्द छिपा है।

हमारी मुहब्बत की अकेली वारिस हो तुम,गुरुर करो अपनी इस ज़ायदाद पर।

अजीब है मेरा अकेलापन ना खुश हूँ ना उदास हूँ बस खाली हूँ और खामोश हूँ !

अगर आप अकेले होने से डरते हैं। सही होने की कोशिश मत करो।

आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,तो संभाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को..!!

हम अकेले थे नहीं हमे अकेला किया गया है, हम गमगीन थे नहीं हमे गम दिया गया है।

मेरा अकेलापन ही मेरा साथी हैं मुझे किसी और की ज़रूरत नहीं क्या करे किसी से रिश्ता जोड़ कर जब की मुझे जिंदगी में और दर्द की ज़रूरत नहीं।

तेरे जाने के बाद मैंने कितनों कोयु आज़माया हैंमगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन कोदूर नहीं कर पाया हैं !!

अब इस घर की आबादी मेहमानों पर हैकोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता हैज़ेहरा निगाह

“ मज़हबी बहस मैने की ही नहीं,फालतु अक्ल मुझ में है ही नहीं…!!

हम तो जल गए यारों की मोहब्बत में मूम की तरह ,अगर फिर भी कोई हमें बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को सलाम अपना

सारा जमाना तेरे रुखसार पर फिदा हैं,बस हम अकेले तेरे रूह के दीवाने हैं।

आज उसने रुलाया है मुझे,जिसने मुस्कुराना सिखाया था aaj usne rulaayaa hai mujhe,jisne muskuraanaa sikhaayaa thaa

निराशा, तन्हाई, अकेलेपन को जीतना होगा, जिंदगी में हुनर अकेले चलने का सीखना होगा।

महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गयासूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया !!

सितम समझे हुए थे हम तेरी बेइंतही को,मगर जब गौर से देखा तो एक लुत्फ़-ए-निहा पाया।

मत तोल मोहब्बत मेरी अपनी दिल्लगी सेचाहत देखकर मेरी अक्सर तराज़ू टूट जाते हैं

शाम इस दहलीज पे अकेले कब आती है,तेरी यादें दबे पांव साथ चली आती हैं।

अकेलापन अब हमे सताता है,दिन मे सपने ओर रातो को जागता है..!!

हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह…वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे

छोड दो तन्हा मुझे,यु रोज़ रोज़ मेरा तमाशा मत बनाया कर।

सजा किस बात की दे रहे हो मुझे बोलो तो, मोहोब्बत की तुमसे इस लिए, या फिर सच्ची की इस लिए?

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