Ajnabi Shayari In Hindi : अजनबी शहर में अजनबी रास्तेमेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहेमैं बहुत देर तक यूही चलता रहातुम बहुत देर तक याद आते रहे.. सीने में दबा दर्द में सब को दिखाऊंगाअजनबी समझती है अब वो हमेये गम भरा किस्सा में अब सब को बताऊंगा।
ख़ुदा करे मैं मर जाऊँतुझे खबर तक ना मिलेतू ढूँढता रहे मुझे पागलों की तरहपर तुझे कब्र तक ना मिले ।
दर्द देकर इश्क ने हमें रुला दिया,जिसपे मरते थे उसने ही हमें भुला दिया,हम तो उनकी यादों में ही जी लेते मगर,उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।
ऐसा नही की आपकी याद आती नही,ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही !
मजाक तो मैं बाद में बना, पहले तो उसने मुझे अपना बनाया था.
ना वो आ सके, ना हम कभी जा सके,ना दर्द दिल का किसी को सुना सके,बस खामोश बैठे हैं उनकी यादों में,ना उसने याद किया ना हम उसे भुला सकें।
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं, कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं, जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई, वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
क्यों जिंदगी इस तरह तुम दूर हो गए, क्या बात है जो इस तरह मगरूर हो गए, हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को, बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए.
दर्द बनकर ही रह जाओहमारे साथसुना है दर्द बहुत देर तकसाथ रहता है ।
नफरत करनी है तोइस कदर करनाकी हम दुनिया से चले जाए परतेरी आँख मे आंसू ना आए ।
मेरे पॅल्को मे भरे आँसू उन्हे पानी सा लगता है हमारा टूट कर चाहना उन्हे नादानी सा लगता है
दोस्ती के फूल हर मौसम में खिलते हैं दोस्ती के बादल हर मौसम में बरसते हैं हम Miss You कहे या ना कहे ये सच हैं कि हम आप सबको दिल से याद करते हैं।
किसी से प्यार करो तो इतना करो कि वो,आपको छोड़ के जाए तो किसी का हो न पाए।
न किसी का साथ, न सहारा है कोई, न हम है किसी के न हमारा है कोई। Na kisi ka sath na sahara hai koi, na hum hai kisi ke na hamara hai ko.
तुम्हारे लिए मैं अजनबी होने लगा,और मैं तुम्हारे यादों में खोने लगा.
परिवार के बिना हर इंसान इस दुनियां में अकेला है Family ke bina har insan is duniyan me akela hai.
हम उस बेवफा को बेइंतहा चाहने लगे थे हमें क्या पता था कि वो तो हमें सिर्फ आजमाने लगे थे..!!
कोई भी सुनलेगा दर्द, ये दुनियां अजनबियों का मेला है, सहानुभूति वही दिखाएगा, जो शक्स दर्द में अकेला है।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है.
जब तेरा दर्द मेरे साथ वफ़ा करता है,एक समंदर मेरी आंखों से बहा करता है !
गवाही ना मांग मुझसे की मैं मोहब्बत मेंतुझे कितना चाहती हूंअरे वो खुदा भी मुझसे परेशान है की हरदुआ में तुझे ही क्यों मांगती हूं
हजारों चेहरों में,एक तुम ही दिल को अच्छे लगे।वरना ना तो चाहत की कमी थी,और ना ही चाहने वालो की।
आग लगाना मेरी फितरत में नहीं मेरी सादगी से लोग जले तो इसमें मेरा क्या कसूर!
उदास लम्हों की न कोई याद रखना, तूफ़ान में भी वजूद अपना संभाल रखना, किसी की ज़िंदगी की ख़ुशी हो तुम, बस यही सोच तुम अपना ख्याल रखना.
जब इंसान बार बार हार का सामना करने लगता है तो वह अक्सर डिप्रेशन में रहने लगता हैं
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ, हमपे नजर पड़ी तो वो महफिल से उठ गए !
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने, हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है.
उसकी हर एक शिकायत देती हैमुहब्बत की गवाही…वर्ना अजनबी से कौनहर बात पर तकरार करता है।
अबकी बार सुलह कर ले मुझसे ऐ दिल, वादा करते है, फिर न देंगे तुझे किसी बेवफा के हाथ में।
हर घड़ी इस जिंदगी को आज़माया है हमने,इस जिंदगी में सिर्फ गम पाया है हमने,जिस ने हमारी कभी कदर ही न जानी,उस वेबफा को इस दिल में बसाया है हमने।
मुबारक हो तुम्हे नववर्ष का महिना चमको तुम जैसे फागुन का महिना पतझर न आये तेरी जिन्दगी में यही हैं दोस्त अपनी तम्मना
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!
हमारी चाहत ने उस वेबफा को ख़ुशी देदी,और उस वेबफा ने बदले में ख़ामोशी देदी,मांगी तो उस रब से दुआ मरने की थी,लेकिन उसने भी हमे तड़पने के लिए जिंदगी देदी।
ये मत सोचना कि तुम्हारे बिना मर जायेंगे हम,वो लोग भी जी रहे हैं जिन्हें छोड़ा था मैंने तुम्हारी खातिर..
तेरे साथ बिताए लम्हों का ख़्वाब था हमें, वो ख़्वाब तोड़ दिया, अब बाकी सब धुंदला सा लगता है।
तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ चलता था कोई, अब अकेले चलें जा रहे हैं।
सीने में दबा दर्द में सब को दिखाऊंगाअजनबी समझती है अब वो हमेये गम भरा किस्सा में अब सब को बताऊंगा।
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
जो दर्द समझता थावही इंसानजब दर्द देता है तो बहुत दर्द होता है…।
अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्तनाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला.Ajnabi shahar me ek dost mila waqtnaam tha par jab bhi mila majbur mila..
कभी मुझ को साथ लेकर कभी मेरे साथ चल कर, वो बदल गया अचानक मेरी जिन्दगी बदल कर !
किसी के दर्द में वो अपने ग़मों की झलक पाता है, बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है।
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं, हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं..
दहशत सी होने लगी है इस सफर से, अब तो ए-जिंदगी कहीं तो पहुँचा दे, खत्म होने से पहले !
काश कोई अपना संभाल ले मुझको, बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह.
चलते चलते बस यही सोचते है मेरे कदम, की किस तरफ मुड जाऊ तो मुझे तू मिल जाये.
इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!
ऊंचे लोगो में बैठकर खुद को ना गिरा अपने जैसो में बैठे जनाब नवाबो की तरह.!!
चल वहीं ऐ दिल जहाँ हमसफर है मेरा , ये अजनबी रास्ते वो आखिरी सफर है तेरा !
हमारे रिश्तों के सब सपने टूट गए,उनकी यादों में खुद को हम खो गए।
सबको आजमा के देख लिया मैने अगर पैसा ना हो कोई साथ नहीं देता…
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने, जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने.
ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ, पता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल। Na Wo Milti Hai, Na Main Rukta Hoon, Pata Nahi Raasta Galat Hai Ya Manzil.
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर,तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है तो सोच तुझसे कितनी होगी.
दिल में हो तुम दिमाग में हो तुम,बस एक कमी है मेरे पास नहीं हो तुम..!
तुम पूछ लेना सुबह से, न यकीन हो तोशाम से,ये दिल धड़कता है तेरे ही नाम से।
पता था हमको उनकी हर चालाकी का फिर भी हम उन गद्दारो को आजमाना चाहते थे.!!
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए !!की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है !!
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही,मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
भटका मैं इस दुनिया में इक साथ की तलाश में, मैं गया जिस भी शहर, मैंने खुद को अकेला पाया।
तेरे इश्क में में इस तरह नीलाम हो जाऊँ,आखरी हो तेरी बोली और में तेरे नाम हो जाऊ ।
इश्क़ से नफरत हो गई…पर जिस से इश्क़ हुआ थाउस से आज तक नफरत ना हो पाई !
पांव जमीन पर थे आसमान नजर में रहा निकला था, मंजिल के लिए लेकिन उम्र भर सफर में रहा !
मेरी कब्र की मचान पर आईना लगा देना,उसे देखने की आखरी उम्मीद बाकी हैं…Meri kabra ki machan par aayna laga dena,Use dekhne ki akhiri ummeed baki hain…
मोहब्बत का कानून अलग हैसाहिब इसकी अदालत मे वफादारसज़ा पाते है।
सब कुछ आसानी से मिल जाये,ऐसा कभी मेरा नसीब ना रहा..सुख दुःख में बराबर का हिस्सा बनें,इतना कोई मेरे करीब ना रहा..।
कोई अजनबी फिर से ख़ास हो रहा है,लगता है मोहोब्बत हो गई फिर से ऐसाएहसास हो रहा है।
तुम्ही आकर थाम लो मुझे सब ने छोड़ दिया है तुम्हारा समझ कर.Tumhi akar tham lo mujhe sab nechod diya hai tumahara samjh kar.
ज़िंदगी चाहे जितने पल की मिले बसएक दुआ है सारी तुम्हारे साथ ही मिले
तेरे बाद किसी को भी गौर सेदेखा नहीं हमनेहमें मोहब्बत का शौक हैआवारगी का नहीं।
आज खुद कोइतना तन्हा महसूस कियाजैसे लोग दफना कर चले गएहों …।
घिरा हुआ हूं लोगो से, फिर भी अकेला हूँ मै।
तेरा न सोना मुझे रात भर सोने नहीं देता, तेरा अकेलापन मुझे अकेला होने नहीं देता।