Aaj Use Dekha Shayari In Hindi : बेक़रार दिल को करार मिल जायगा,जब यह बातो का सिलसिला मुलाकातों में बदल जायगा। क्या हुआ अगर तू मेरी हो ना पाई,चर्चे अक्सर अधूरे इश्क़ के ही हुआ करते है।
हाँ शिकायतें बहुत है तुमसे पर, याद रखना प्यार भी तुम्हीं से है।
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
हाथो की लकीरे देख कर ही रो देता है अब तो ये दिल,इसमें सब कुछ तो है पर एक तेरा नाम ही नही।
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती, लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है.
ऐसे व्यक्ति से प्यार करो जो आपको तब भी हंसाए, जब आप मुस्कुराना भी न चाहते हो।
एक अच्छा फ्यूचर देने वाली सबको मिल जाती है लेकिन सच्चा प्यार करने वाली किस्मत से मिलती है।
अच्छा सुनो, मुझे उस वक्त तुम पर बेहद प्यार आता है, जब मेरे कहने से पहले ही तुम मेरे दिल की बात समझ जाती हो।
मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं,जिंदगी बन कर आए थे.. और जिंदगी ले गए हैं!
ज़िन्दगी सारी उम्र संभालती रहीदो पाव परमौत ने आते ही कहा मुझे चार कंधे चाहिए।
मैं लव हूँ पर मेरी बात तुम हो,और मैं तब हूँ जब मेरे साथ तुम हो
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में ,लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं।अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको,पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं।
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।
सीधी-साधी मुलाक़ात थी, कौन जानता था उम्रकैद़ थी sidhi-sidhi mulaaqaat thee, Kaun jaanata tha umrakaid thi.
बेटियां सबके नसीब में कहां होती हैं,वह वहीं होती हैं, जहा खुदा का घर होता है।
यूँ गुमसुम मत बैठो पराए लगते हो, मीठी बातें नहीं है तो चलो झगड़ा ही कर लो।
इतने बवकूफ नहीं हैजो तुम्हे भूल जाएंगे अक्सर चुप रेहने वालेप्यार बोहोत करते है।
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चले
हम तो उनके लिएसीढ़ी की तरह थेमानों हम पर चढ़कर वो हमारा इस्तेमाल करकिसी दूसरे के हो गए।
जब मैं ये कहता हूँ कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तब मैं ये आदतें नहीं कहता, मैं तो तुम्हें याद दिलाता हूँ कि तुम ही मेरी जिंदगी हो।
“बड़ी भयानक होती हैं इश्क की सजाए, इंसान पल-पल मरता है पर मौत नहीं आती है।”
रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए, चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।
वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था
मत पूछ दास्ताँ ऐ इश्क़ ! बस जो रुलाता है .उसी के गले लग कर रोने को दिल चाहता है …
ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे,ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती।
बहोत खास है वोमेरी बातों से ही मेरा हाल जान लेती हैं
ख्वाहिशों से भरा पड़ा है मेरा घर इस कदर रिश्ते जरा-सी जगह को तरसते हैं।
एक अज़ब सी जंग छिड़ी है, इस तन्हाई के आलम मे, आँखे कहती है की सोने दे, और दिल कहता है की रोने दे!!
इंतजार तो बहुत था हमें लेकिन आये ना वो, कभी हम तो बिन बुलाये ही आ जाते, अगर होता उन्हें भी इंतजार कभी,
“बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं, वो अश्क़ जो आँखों से गिर नहीं पाते।”
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ, उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ.
अजीब है महोब्बत का खेल जा मुझे नही खेलना,रूठ कोई और जाता है टूट कोई और जाता है।
आज भी दिल्ली में कुछ लोग हैं ऐसे कि जिन्हें ‘आप’ कहकर जो पुकारो तो बुरा मानते हैं.
माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा, माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत, सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।
मोहब्बत के कुछ किस्से कहे ना गए कुछ मैं तुमको बता नही पाया कुछ तुम खुद भी समझ नही पाये
बोहोत तक़लीफ़ होती हैजब दानो तरफ सेप्यार हो लेकिनक़िस्मत में मिलना ना हो।
यारों की महफिल ऐसे जमाई जाती है,खुलने से पहले बोतल हिलाई जाती है।फिर आवाज लगाई जाती है,आ जाओ टूटे दिल वालों,,यहाँ दर्दे दिल की दवा पिलाई जाती है।
दोस्ती रूह मे उतरा हुआरिशता है साहबमुलाकात कम होन सेदोस्ती कम नही होती।
रहेगी तक़दीर से एक शिकायत हमेंशाजिसे उम्र भर चाहा उसी को उम्र भर तरसे।
अब शिकवा करें भी तो करें किससे,क्योंकि ये दर्द भी मेरा,और दर्द देने वाला भी मेरा.
मेरी ख्वाइशें हजारों हैं, लेकिन जरुरत सिर्फ तुम।
न जाने बेटी की खुशी के लिए कितने सामानों को जोड़ते हैं पिता,बेटी को सुखी करने के लिए न जाने कितने चक्रव्यूहों को तोड़ने हैं पिता।
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था,बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था।
कहता था तू ना मिला मुझे, तो मैं मर जाऊंगा,वो आज भी जिंदा है यही बात, किसी और से कहने के लिए।
ये जो मेरे अलावा तुम पर मरते है वो मर क्यों नहीं जाते!😒
कैसे भुला देते हैं लोग तेरी खुदाई को, या रब!मुझसे तो तेरा बनाया हुआ एक शख्स, भुलाया नहीं जाता……..
वह अक्लमंद कभी जोश में नहीं आता, गले तो लगता है, आगोश में नहीं आता।
अरे पगली किराए का घर समझकर ही मेरे दिल मेँ बस जाओ मैँ समझूँगा कि मेरे दिल का मकान मालिक रहने आया है।
जरूरी नही पगली तुम मुझसे बात करो…..हम तो तुम्हे ऑनलाईन देखकर ही खुश हो लेते है ।।
पिछले जन्म में लगता है अधुरी मुहब्बत रह गई होगी अपनी वरना.. इस जन्म में इतनी दीवानगी ना होती
कमाल की झलक थी जो क़यामत ढहा गई,वो जाती जाती मुझको मुझी से चुरा गई.
प्यार मोहब्बत नहीं हमने तो इबादत की है,रस्मों और रिवाजों से बगावत की है।माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
“अक्ल कहती है की मारा जाएगा,इश्क कहता है की देखा जाएगा”..
दूरिया बस एक शख्स से हुई थी अकेला मेरा पूरा जहांन हो गया रास्ता बस एक बंद हुआ था तबाह मेरा पूरा कारवां हो गया
“माँ” की एक दुआ जिन्दगी बना देगी, खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी… कभी भुल के भी ना “माँ” को रूलाना, एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी…!!
हम खुशियों में मां को भले ही भूल जाए, जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है मां।
रातों को चलती हैं मोबाइल पर उंगलियां, सीने पर किताबें रखकर सोए काफी वक्त हो गया.
रूठ जाने के बाद कसूर चाहे किसी का भी होबात का आगाज वही करेगा जिसे बेपनाह मुहब्बत हो।
एक मीठी-सी मुस्कान होती है बेटी,पराये घर की पहचान होती है बेटी।
सर जिस पे न झुक जाए उसे दर नहीं कहते हर दर पे जो झुक जाए उसे सर नहीं कहते
आती है तेरी याद अंधेरे की तरह,उदास करती है मुझे गम की तरह।मुझे तो अब बस उस दिन का इंतजार है,जब तू आएगी मेरी ज़िन्दगी में सवेरे की तरह।
इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के, अब तक रुका हुआ हूँ वही रात रोक के, एक उम्र कट गई हैं तेरे इंतजार में, ऐसे भी है कि कट ना सकी जिन से एक रात,
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,जितना मैंने सिर्फ सोचा है तुम्हें ।।
“बात ये नहीं थी, कुछ कहना था तुम्हें.. तकलीफ़ ये है, कि तुम ख़ामोश क्यूँ रहे।”
कभी तो यकीन करलो, तुम मेरी मोहब्बत का..कहीं उमर न गुजर जाये, यूँ ही मुझे आजमाने में..!
ये मत सोचना कि तुम्हारे बिना मर जायेंगे हम,वो लोग भी जी रहे हैं जिन्हें छोड़ा था मैंने तुम्हारी खातिर।
“काश इंसान भी नोटों की तरह होते, रोशनी की तरफ करके देख लेते, असली है…..या….नकली।”
पराया करने के बाद भी पिता के लिए नहीं होती बेटी पराई,काश! यह सब समझ लेते तो कोई बेटी आग में नहीं जाती जलाई।
आज मुलाकात हुई पहली बार, पहली बार में ही जुड़ गए दिल के तार, अवसर पर सिर्फ उनका ही धुन सवार, क्या बताऊं यारो ऐसे ही होता है प्यार.
साथ माँगा था हमेशा के लिए,अधूरा साथ कब पूरा होता है।जिसकी याद में तड़पे दिल वो न मिले तो,कम्बख्त इश्क़ मुक़म्मल कहाँ होता है।
खामोशिया ही बेहतर है बातो से लोग रूठते बहुत है
एक हस्ती है जो जान है मेरी,जो जान से भी बढ़ कर शान हे मेरी, रब हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे, क्यूँ की वो कोई और नही माँ है मेरी
रोज़ ढलता हुआ सूरज ये कहता हैमुझसे आज उसे बेवफा हुएएक दिन और हुआ