3058+ Aaj Use Dekha Shayari In Hindi | आज उस को कुछ दिनों के बाद देखा

Aaj Use Dekha Shayari In Hindi , आज उस को कुछ दिनों के बाद देखा
Author: Quotes And Status Post Published at: August 21, 2023 Post Updated at: May 23, 2025

Aaj Use Dekha Shayari In Hindi : बेक़रार दिल को करार मिल जायगा,जब यह बातो का सिलसिला मुलाकातों में बदल जायगा। क्या हुआ अगर तू मेरी हो ना पाई,चर्चे अक्सर अधूरे इश्क़ के ही हुआ करते है।

याद बन कर मुझे सताओ ना तुम इस तरह,तेरी याद में मेरा रो रो कर बुरा हाल है।बस एक बार मेरी ज़िन्दगी में वापस आ जाओ,मेरे दिल में बस अब तेरा ही ख्याल है।

मुद्दतों बैठे रहे हम तेरे एहसास के साथदूर के दूर रहे और पास के पास…

सच्ची यारी किसी रेहमत से कम नहीं होती रिश्तों की महक भी कभी कम नहीं होती कोई साथ दे अगर हर बुरे वक़्त में तो ये ज़िन्दगी किसी जन्नत से कम नहीं होती

हम रह जाना चाहते थे उसी का होकरजो रह जाता है हर किसी का होकर।

बड़ी-बड़ी दुनिया, छोटे-छोटे रास्ते, बस हम जी रहे हैं, सिर्फ तेरे वास्ते।

आज दरगाह में मन्नत का धागा नहीं, अपना दिल बाँध के आया हूँ तेरे लिए।

ज़मीं किसी की नहीं आसमां किसी का नहीं, ना कर मलाल कि कोई यहां किसी का नहीं.

अगर नींद आ जाये तो, सो भी लिया करो,रातों को जागने से, मोहब्बत लौटा नहीं करती।

जुबाँ न भी बोले तो ,मुश्किल नहीं…फिक्र तब होती है जब,खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।

हमने उनसे प्यार किया, ये मेरे प्यार की हद थी,हमने उन पर एतवार किया, ये मेरे एतवार की हद थी,मर कर भी खुली रही मेरी आँखे, ये मेरे इंतज़ार की हद थी.

हथेली पे उसका नाम तो लिख लिया ऐ दोस्त ….पर ये न सोचा कि… तकदीर तो खुदा लिखता है।…

मिल जाए फिर कोई बहाना मुश्किल है मेरा उसकी गली में आना मुश्किल है भूला हूँ कुछ इस क़दर मैं उसको अब तो उसकी याद भी आना मुश्किल है

ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर ,तुम्हें ‘हुस्न’ और मुझे ‘इश्क’ देकर !…..

क्यों आँखों की कहानी नम लिखता है क्यों खुदा मेरी क़िस्मत में हर गम लिखता है

गली दबा के दाँतो में वो मुस्कुरा दिए,इतनी सी बात ने कई तूफां उठा दिए! ?

क्या वो भी मेरे जैसा प्यार करता है तुझसे तेरी बातें हज़ार करता है क्या उसको मेरे बारे बताया था तूने क्या मेरी तरह तुझपे जान निसार करता है

मेरी पहचान मेरे पिता के बिना अधूरी है।

जो दिल के करीब थे, वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गए.

क्या ख़ाक तरक़्क़ी की आज की दुनिया ने…मरीज़-ए-इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे हैं!!!

साफ़ दिल नहीं उसे महंगा प्यार चाहिए था मैं सारंगी और उसे गिटार चाहिए था

“यही सोचकर सफाई नहीं दी हमने, इल्ज़ाम भले ही झूठे हैं पर लगाए तो तुमने हैं।”

ऐ खुदा लोग बनाने थे पत्थर के अगर,तो मेरे एहसास को शीशे सा न बनाया होता।

क्या खता हुई हमसे की खत का आना बंद है,आप हैं हमसे खफा या, डाक-खाना बंद है!!

क्या कोई बता सकता है ये इश्क़ में क्यों होता है दिल जिसको अपना कहता है वही बेवफ़ा होता है

जो अपने होते हैं वो हो ही जाते हैं कहकर किसी को अपना बनाया नहीं जाता

अब तुझे Facebook या Whatsapp पे नहीं,अपनी बाहों में Block करने का जी करता है..!!

“किताब मेरी, पन्ने मेरे और सोच भी मेरी, फिर मैंने जो लिखे वो ख्याल क्यों तेरे।”

100 बार तलाश क्या खुद को खुद मैं एक तेरे सिवा कुछ नहीं मिला मुझ को मुझ मैं

सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते,सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना।

ना हक दो इतना की तक्लीफ़ हो तुम्हे ना वक़्त दो इतना कीगुरूर हो हमें।

दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे शफ़क़,शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे।“फ़ारूक़ शफ़क़”

तुम्हारे चाँद से चहरे पर गम अच्छे नही लगते,एक बार हम से कह दो तुम चले जाओ,हमे तुम अच्छे नही लगते.

काश मिल जाये कोई हमसफ़र मुझे भी ऐसा, जो गले लगा कर कहे रोया मत करो मुझे भी तकलीफ होती है।

सिर्फ मुझे ही नहीं, मेरी आदत भी बदल दी, तेरे प्यार ने मेरी, इबादत ही बदल दी

दुनिया के लिए तुम एक इंसान हो, लेकिन एक इंसान के लिए तुम पूरी दुनिया हो।

लहजा शिकायत का था मगर सारी महफिलसमुझ गई मामलामोहब्बत का है।

तुमसे मिलकर हम अपने,दिल की हर बात कह गए, मुलाकात हुई थी सपनों में, सुबह हम तन्हा रह गए।

मैंने जब खुदा से कहा तू मेरी दुआ भी कभी कुबूल कर दे…उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया तू एक ही शक्श को मांगना छोड़दे…..!!

बस इंसान उन्हें छुपाने का हुनर सिख जाता है।

“ये ज़िन्दगी चल तो रही थी…पर तेरे आने से मेने जिना सुरु कीया”..

आपकी यादें भी हैंमेरे बचपन के खिलौनो जैसीतन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं

किसी मोड़ पर उसका दीदार हो जाये, काश उसे भी मुझ पर एतवार हो जाये, उसकी पलके झुकें और इकरार हो जाये, काश उसे भी मुझ से प्यार हो जाये।

तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा,तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा।तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशियाँ,दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा।

कहें देते हैं तुमको.. हमसे दूर ही रहना.. मुहोब्बत हो गई अगर तो, हमें दोष मत देना.. !!

मोहब्बत आज भी तुमसे ही है मगर जता कर बता कर या दिखा कर नहीं

कहीं भी चला जाऊं दिल बेचैन रहता है, जब घर जाता हूं तो माँ के आंचल में ही सुकून मिलता है।

तुम हँसो तो खुशी मुझे होती हैं,तुम रूठो तो आंखे मेरी रोती हैं..Tum hasho toh khusi mujhe hoti hain,Tum rutho toh ankhe meri roti hain..

चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआं।

हमसे एक वादा करो हमे रुलाओगे नही, हालात जो भी हों कभी हमे भुलाओगे नही, अपनी आँखों में छुपा कर रखोगे हमको, और फिर किसी को दिखाओगे नही।

हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे।मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे।

मुझे तलाश थी की कोई मुझ जैसा मिले क्या ख़बर थीइस तलाश में तुम हो।

तम मेरे घर के सामने रहती तोइतना गजब हो जाताकी दो छत की दूरी से मुझे चाँद नज़र आता।

तेरे हर एक दर्द का एहसास है मुझे, तेरी मेरी दोस्ती पर बहुत नाज है मुझे, कयामत तक न बिछड़ेंगे हम दो दोस्त, कल से भी ज्यादा भरोसा आज है मुझे.

ये आईने ना दे सकेंगे तुझे, तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछ, के कितनी हसीन है तू..!

छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक न्य ख्याल बनकर, ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं।

सब ने कहा अच्छे से जाना लेकिन मेरी माँने कहा बेटा जल्दी घर बापस आना।

बराबरी का सिलसिला जारी है, वो बहुत रुला चुकें, अब हमारी बारी है

ये बेवफावफा की कीमत क्या जानेये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जानेजिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफरवो भला प्यार की कीमत क्या जाने

आज किसी की दुआ की कमी हैतभी तो हमारी आँखों में नमी हैकोई तो है जो भूल गया हमेंपर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..

किसी को इतना भी न चाहो किभुला न सको क्योंकिज़िंदगी इन्सान और मोहब्बत तीनों बेवफा हैं !!

“वो” हमसे बात अपनी “मर्जी” से करते हैं,पर हमारा “पागलपन” तो देखीए “जनाब,कि हम उनकी मर्जी का इंतजार बङी सिद्धत से करते हैं….

वो आज करते हैंनज़र अंदाज़ तो बुरा क्या मानु टूट कर पागलो की तरहमोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी।

एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गये..!!

न चाहा था कभी कुछ, तुम्हें चाहने से पहले, तुम मिल जो गए, ख्वाइशें पूरी हो गई।

वफा क्या होती है?काश तुम जान जाती …ना हम और ना तुम अकेली होती ।

बड़े दिल से बनाया था आशियाना दिल का एक शख्स ने आकर सब तबाह कर दिया

मेरे दिल की गहराइयों में, जबसे तुमने रखे हैं कदम, तुम्हारे नाम तब से लिख दी है, हमने अपनी यह ज़िन्दगी सनम…

अब मै थक गयी हूं,हवा से कह दो बुझा दे मुझे।

जैसे बदले मौसम वैसे बदली तुम, नयी हसरतों के सेज पर नया फूल सजा लिए तुमने, बजाए बेवफा तुम जिसका मुझे दर था..!!

मेरी # smile का # password हो तुम……..दोबारा मत पूछना कि मेरी कौन हो तुम… . ..

उजालो में हाथ थाम कर रखा था अच्छा हुआ अँधेरे ने परख करा दी अपनों की

“सच्चा प्यार क्या है उस इंसान से पूछो जिसने दिल टूटने पर भी किसी के लौट आने का इन्तजार किया है।”

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