Aaj Use Dekha Shayari In Hindi : बेक़रार दिल को करार मिल जायगा,जब यह बातो का सिलसिला मुलाकातों में बदल जायगा। क्या हुआ अगर तू मेरी हो ना पाई,चर्चे अक्सर अधूरे इश्क़ के ही हुआ करते है।
अगर हो वक़्त तो मुलाकात कीजिये, दिल कुछ कहना चाहे तो बात कीजिये, यूं तो मुशकिल है तुमसे दूर रहना,अगर लम्हा एक मिल जाये तो हमको याद कीजिये.
अब ये हसरत है किसीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ कीआंसू आ जाये
ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है, जहाँ कल मैं था आज कोई और है.
हर किसी पर ऐतबार जरा सोच कर करना तुम,मुमकिन नहीं तुम्हें हर जगह मैं ही मिलूँ।
मेरा वजूद, मेरी पहचान, मेरी जिंदगी सब आपसे ही है पापा।
जिनसे थे मेरे नैन मिले, बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले । इतना प्यार करने के बाद भी, सनम मेरे बेवफा निकले।
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी क्या इक्तेफ़ाक होता है,प्यार में ऊम्र नही होती पर…. हर ऊम्र में प्यार होता है |
वजह पूछने कामौका ही नहीं मिलावो लहज़ा बदलते गए और हम अंजनबी होते गए।
पिता वह कुम्हार हैं, जो अपनी डांट से ठोक-पीटकर, बच्चों को अच्छा इंसान बनाता है।
तूम मिल गयी थी,तो खुदा नाराज़ हो गया था मुझसे,कहता था…अब तो तूं कुछ मांगता ही नहीं है..
फूल कभी दो बार नहीं खिलता, यह जन्म बार-बार नहीं मिलता जिंदगी में तो मिलते है हजारों दोस्त मगर दिल से चाहने वाला बार-बार नहीं मिलता..!!
सलामत रहे तेरी महफिल साकीदौर मयकशी के यूं ही गुजरते रहेंगेजब जब होगी जमाने में बेवफाईदीवाने तेरे दर पे यूं ही गिरते संभलते रहेंगे…
करते नहीं तुम हमसे मोहब्बत और कोई है तुम्हारी चाहत उसको भी छोड़ोगे मेरी तरह शायद लारे हैं तुम्हारी राहत
कुछ रिश्तो मेमुनाफा नहीं होता मगर ज़िंदगी को अमीर बना देती है।
दिल के पास आपका घर बना लिया, ख्वाबों में आपको बसा लिया, मत पूछो कितना चाहते हैं आपको, आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
पूछा था हाल उन्होंने मेरा,बड़ी मुद्दतों के बाद।कुछ गिर गया है आँख में,कह कर हम रो पड़े।
अब हम न तुम्हे खोना चाहते हैं, अब न तुम्हारी यादों में रोना चाहतें हैं, बस तुम्हारा साथ मिले हमे हर पल, अब बस इतनी सी बात तुमसे कहना चाहते हैं।
“इतना दर्द तो मौत भी नही देती, जितनी दर्द तेरी ख़ामोशी दे रही है।”
अल्फाज तो जमाने के लिये हैं,तुम्हें तो हम अपने दिल की धडकनें सुनायेंगे..Alfaz toh jamane ke liye hain,Tumhe toh hum apne dil ki dhadkane sunayenge..
यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुमसे मिलने के, न ये दिल ठहरता हैं न तेरा इंतजार रुकता हैं,
हर दर्द की दवा हो तुम, आज तक जो मांगी मेरी एक लौटी दुआ हो तुम, तुम्हे मिलने की तमन्ना नहीं उठती कभी, क्यूंकि जो हर वक़्त साथ रहती है वो हवा हो तुम.
एक बात बोलूं प्यार करना तुमने सिखाया प्यार पर यकीन करना तुमने सिखाया ख्वाब देखना भी तुमने सिखाया मगर आपके बिना जीयेंगे कैसे ये क्यो नही सिखाया…!!
हालातों के आगे जब साथ ना जुदा होती है, पहचान लेती है ख़ामोशी में हर दर्द वह सिर्फ मां होती है!
अनजान तो तब भी थे अनजान तो आज भी हैं, बस फ़र्क़ इतना है ,तब तुम मुझे जानती नहीं थी और आज जान बूझकर अनजान बनती हो।
अभी खूबसूरत चेहरा है,आशिक बहुत होंगे।जो झुर्रियां भी चूमे,दिलबर ऐसा तलाश कर।
मन की बात जो पल में जान ले,आंखों से जो हर बात पढ़ ले।दर्द हो या खुशी, हर बात को पल में जान ले। पापा ही तो है, जो आपको बेपनाह प्यार दे।
नफ़रत भी नहींगुसा भी नहीं हुपर तेरी जिंदगी काअब हिस्सा भी नहीं हु।
तुम तो डर गये हमारी एक ही कसम से,हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लूटा है।
लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे,हंस के कह देता हूँ रात सो ना सका।लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँ,रात रोने की हसरत थी रो ना सका।
तूने मोहब्बत का खेल खेला है अब दिल में ज़ख्मों का मेला है कभी हज़ारों थे साथ मेरे आज देखो दिल कितना अकेला है
किसी की चाहत पर हमे अब एतवार न रहा,अब किसी भी ख़ुशी का हमे एहसास न रहा,इन आँखों ने सपनो को टूटते देखा है,इसलिए अब जिंदगी में किसी का इंतज़ार न रहा.
माना की तेरे प्यार का मैं मालिक नहीं,पर किरायेदार का भी कुछ हक तो बनता है।
ये जो अकड़ है तुम्हारी हमे अनदेखा करने की,ये तब कहाँ चली जाती है जब तुम्हे मेरी ज़रुरत पड़ती है।
उधर से इधर तक अधर तक हो तुम मगर हिज्र के अब सफर पर हो तुम
मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे,मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ।
ऐ दिल सो जा कसम से कोई नहीं, कोईनहीं, कोईनहीं,दरवाजा सिर्फ तेज हवा से खुला है …!
पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन, बस इक औलाद के सितम से माँ टूट जाती है।
मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा न बने और तू समझता है मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं!
मां की दुआ को क्या नाम दूं, उसका हाथ हो सर पर तो मुकद्दर जाग उठता है।
तरसती नज़रो ने हर पल आपको ऐसे मागा। जैसे हर अमावस में चांद मागा। रूठ गया वो खुदा भी हमसे । जब हमने अपनी हर दुआ में आपको मागा।
मत पूछ मुझसे कीइश्क़ में मेरी क्या नौबत हुईदुनिया में सबसे ज्यादा चाहकर भी उसेदुनिया में किसी और से ही मोहोब्बत हुई।
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं,आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं।झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,और सच कहूँ, तो आपकी यादो के सिवा कुछ भी नहीं।
माना तुम मेरे नही पर मुलाकात कर लो, होठों से ना सही आँखों से ही बात कर लो !
मुझे पता है, जब मैं नहीं होता,तो तुम क्यों रोते हो मुझे याद करो।
दूर होकर भी जो शख्स समाया है मेरी रूह में,पास वालों पर वो कितना असर रखता होगा।
बस यूही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले,कब लौट के आते है छोड़ के जाने वाले।
जिसके लिए तुम जरुरी होउसे कोई भी वजह तुमसे दूर नहीं कर सकती
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने, कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने, हमें मालूम है क्या चीज़ है मोहब्बत यारो, घर अपना जला कर किये हैं उजाले हमने।
मैंने सिर्फ तुम्हारे कदम गिने थे तम्हारे कदमो की आहट सुनी थीतुमने आना छोड़ दिया मगर मैंने इंतज़ार करना नहीं छोड़ा।
सोने से पहले मेरी आखिरी सोच हो तुम और उठने के बाद मेरी पहली सोच हो तुम।
जाए कहाँ अपना ये शहर छोड़ कर मगर इस शहर में अब अपना कोई नहीं
क्यों करते हो तुम, मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत, और लोग कहते हैं, मुझ ग़रीब का कोई भी नहीं
जवानी में जनाजा उठने का मजा ही कुछ और है इनके भी आसूं आ जाते है जिनको हमारा जीना अच्छा नहीं लगता
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो।
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हे अजीज़ कोई और हैदर्द तब हुआ जब हम नज़रअंदाज़ किये गए..!!
तुम मेरी जन्नत हो और मैं जिंदगी भर खुशी-खुशी तुम्हारे साथ रहना चाहूंगी।
सो जाओसब तकलीफ कोसिरहाने रख करक्योकि सुबह उठते ही इन्हेफिर से गले लगाना है।
बेहद हसीं वो रात होती है, जब भी आपसे दिल की बात होती है…
जाम पर जाम पीने से क्या फायदा, शाम को पीके सुबह को उतर जाएगी, जरा दो घूट मेरे इश्क की पी कर तो देख, तेरी सारी जिंदगी नशे में गुजर जायेगी।
लफ्जों से कहाँ लिखी जाती है ये बेचैनियाँ मोहब्बत की, मैंने तो हर बार तुम्हें दिल की गहराई से पुकारा है।
पापा, मैं तुम्हारे लिए ही जन्नत से आई हूं,सच ही कहा है सबने मैं आपकी ही परछाई हूं।
तेरी सादगी पर हम यूँ चार चाँद लगा देंगेतुम पहनना साड़ी, हम तेरी माँग में सिंदूर सजा देंगे
गुस्सा होकर भी केअर करना,यही तो होता हैं सच्चा प्यार..Gussa hokar bhi care karna,Yahi toh hota hain saccha pyaar..
वफ़ा की उम्मीद करू भी तो करूँ किससे,तुझे तो अपनी ज़िन्दगी भी वेबफा लगती है.
मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,जब कोई राह नजर नहीं आई तो माँ याद आई..
महरम न सही एक जख्म ही दे दो ..महूसस तो हो के कोई हमें भुला नही..
कब तुमको उससे मोहब्बत हुयी कब उसने मुझसे चुराया तुम्हें कब उसने तुमपे ये जादू किया कब उसने अपना बनाया तुम्हें
तलब करें तो ये आंखें भी उनको दे दें हम, मगर वो तो इन आंखों के ख्वाब मांगते हैं.
नजरो से क्यों जलाती हो आग चाहत की, जलाकर क्यों बुझाती हो आग चाहत की, सर्द रातों में भी कराती हो तपन का एहसास, हवा देकर क्यों बढ़ाती हो आग चाहत की।
ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है,जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है.
“मैंने कहानियों में सिर्फ सुना था जुदाई की बातें, जब गुज़री खुद पर तब पता चला की ये दर्द कितना जानलेवा होता है।”
चाहत इतनी रखो की जी सभल जाए , अबइस कदर भी ना चाहो कि दम निकल जाये।