Aaina Shayari In Hindi : किसी के हक़ में, किसी के ख़िलाफ़ कह गये,हम तो आईना हैं, जो देखा बेबाक कह गये.. दिल साफ़ करके मुलाक़ात की आदत डालो,धूल हटती है तो आईने भी चमक उठते हैं।
मोहब्बत की हद न देखना जनाब,साँसे खत्म हो सकती हैं, पर मोहब्बत नही.
इलज़ाम लगा दू की क़ातिल तुम ही हो मग़रमासूम चहरे परकौन यकीन करेगा।
उजालों में तो मिल ही जाएगा कोई ना कोई, तलाश करनी है तो उसकी करो जो अंधेरों में तुम्हारा साथ दे।
लोग कहते है खूबसूरत चहरा नहीं दिल होना चाहिएमैंने कहा लोगो को फिर पहले चहरा नहीं दिल देखना चाहिए।
मैं सिंगल क्यूट सा लड़का हूं बुरी नजर मत लगा वरना इस काले मुंह को मार-मार कर लाल कर दूंगा.
आईना आज फिर रिस्वत लेता हुआ पकड़ा गयादिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया
शायर बनना बहुत आसान हैं,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
आइने से इतनी क्यूं नफरतें हुई उनकोदाग अपने चेहरे के क्या उन्हें छुपाने हैं
इश्क़ के फूल खिलते है तेरे चहरे पर जहा तू देखे वहा खुशबू बिखर जाती है।
कभी-कभी सब कुछ छोड़कर शादी करने का मन करता है। Kabhi kabhi sab kuch chodkar shadi karne ka man karta hai.
हक़ से अगर दो तो नफ़रत भी क़ुबूल है हमें,ख़ैरात में तो हम तेरी मोहब्बत भी न लें।
आईना देख के बोले संवरने वाले,आज तो बेमौत मरेंगे, मेरे मरने वाले.. .. (अज्ञात)
टूटना मेरी दोस्ती का अंजाम हो चुका है, धोखेबाजी दोस्ती का नाम हो चुका है !
आइना देख के बोले ये सँवरने वालेअब तो बे मौत मरेंगे मेरे मरने वाले
देना है तो निगाह को ऐसी रसाई देमैं देखता हूँ आइना तो मुझे तू दिखाई देकृष्णबिहारीनूर
जब सुनाते हैं वो किस्से अपने, तो निगाहें चुपचाप उन्हें देखा करती हैं, किसी से सुना था कि इबादत में कुछ भी कहने की मनाही होती है।
जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा,समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा।
जो कुछ भी मिला है उसी में खुश हूँ मैं तेरे लिए खुदा से तकरार नहीं करता पर कुछ तो बात है तेरी फितरत में ज़ालिम वरना तुझे चाहने की खता बार-बार ना करता.
तेरी मोहब्बत मैंने एक बात सीखी है,तेरे साथ के बगैर ये दुनिया फीकी है.
जितने आप खूबसूरत हो अपने तन से उससे भी कई ज्यादा खूबसूरत होअपने मन से।
तारीफ उसकी जो करने लगा तो शब्द गुम हो गए, लिखने के लिए कलम उठाया तो स्याही सूख गई।
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।
ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।
वो जब भी लब खोलते हैं लफ्ज फूल बन बरसते हैं।
आईने में देख रहे थे बहार-ए-हुस्न।आया मेरा ख़्याल तो शरमा के रह गए।। – हसरत मोहानी।।
चर्चायें खास हो तो किस्से भी जरूर होते हैं,उंगलिया उन पर ही उठती हे जो मशहूर होते हैं।
जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह हैतुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है
कान खोल कर सुन लो जान लड़ेंगे झगड़ेंगे लेकिन सोयेंगे साथ में ही जान। Kan khol kar sun lo jaan ladenge jhagdenge lekin soyenge sath me hi jaan.
हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना ही होगा।
थोड़ी थोड़ी “गुफ्तगू” करते रहिये सभी दोस्तों से “जाले” लग जाते हैं अक्सर बंद मकानों में।
किरदार अपना पहले बनाने की बात क़र फिर आइना किसी को दिखने की बात कर।
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
उसके आईने भी अब बोलने लगें है राज-ए-दिलों का अब वो भी खोलने लगें है।
देखे आइना तो अक्स उनका नजर आए, हो गए वो किसी के अपने और हमसे पराए…कोई मुझे ये बताए कि कम्बख्त दिल को कैसे समझाए!
हमारा रिश्ता आईने की तरह हो, मैं तुझमे रहूँ तू मुझमे रहे।
अपना हाथ मेरे दिल पर रख दो और अपना दिल मेरे नाम कर दो। apna hath mere dil pr rakh do aur apna dil mere naam kar do.
बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना मेरी आम सी ज़िन्दगी में बहुत ख़ास हो तुम। Behad khyal rkha karo tum apna meri Aam si zindagi me bahut khas ho tum.
अपनी इन खुली जुल्फों को हवाओं में छोड़ दो, मेरी मोहब्बत को ये दिशा देती है, इसे यूं न कैद करो।
मेरे कलम शब्दों में कहां बांध पाएंगे उसकी खूबसूरती को, जब भी पन्नों पर स्याही बिखरती है उसका नाम ही लिख पाते हैं।
उसकी खूबसूरती को लोग चांद का टुकड़ा कहते हैं, लेकिन सिर्फ हम जानते हैं वो चांद का नहीं चांद उनका टुकड़ा है।
एक अजीब सा सुकून है उस नींद मैं जो बुरी तरह से रोने के बाद आती है। EK ajib sa sukun hai us neend me jo buri tarha se rone ke bad aati hai.
मजबूरियां हावी हो जाये ये जरूरी तो नहीं ,थोड़े शौक तो गरीब भी रखतें है।
तेरे चहरे की हया तेरी ख़ूबसूरती की पहचान हैतू मान या ना मान मेरे दिल पर तेरे ही निशान है।
सँवरती है वो देखकर आईना…सँवर जाए तो आईना देखता है।
कल रात ख्वाब में किसी ने बताया जो पता उसका, नींद में उठ कर यूं ही चल पड़े थे हम।
तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं मैं अभी तो बहुत लड़ाई करनी है तुमसे। Tumhe kese chod sakta hun me abhi to bahut ladai karni ha tumse.
अब हम किसी और को नहीं चाह पाएंगे तुझे देखना औरदेखते रहना मेरीआदत बन गई है।
किसी के आने और जाने से,जीवन नही बदलता,बस जीने का अंदाज़ बदल जाता हैं..Kisi ke aane aur jane se,Jeevan nahi badalta,Bas jeene ka andaz badal jata hain…
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
मन में भरे रहते कपट के चेहरे कोसामने आईना रख खूबसूरती चेहरे के निहारते…
नींद से कर रहे थे शिकायत रात को कि क्यों जगाए रखते हो, वो भी जलते हुए बोला कसूर उसके चेहरे का है बदनाम हमें कर रहे हो।
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी थी और चाँद भी था , हाँ मगर नींद नहीं।
इश्क में धोखा खाने लगे हैं लोग,दिल की जगह जिस्म को चाहने लगे हैं लोग.
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ किसी की आँख में हम को भी इंतजार दिखे
दिल में मेरे देख लेना एक चांद आप जैसा नज़र आएगा एक चहरा है जिसे मोहब्बत है आपके आईने में उतर जाएगा।
आंखें मेरी आइना है तेरा, तू एक दफा झाँक कर देख तो सही।
आईना रोज़ बताता है हकीकत अपनी,फिर भी हम कई गलतफहमियों में जीते है ।: तुषार “बिहारी”
इरादा दोस्ती का था लेकिन मोहब्बत हो गई आपसे। Irada dosti ka tha lekin mohabbat ho gai apse.
वो जब भी संवर कर हमारे सामने आए,पलकें झपकना भूल गईं, दिल ने साथ देना छोड़ दिया।
तुम ख़ास थे इसलिए लाडे तुमसे पराये होते तोह मुस्कुरा कर जाने दिया होता। Tum khas the isliye lade tumse paraye hote toh muskura kar jane diya hota.
किस-किस से दोष छिपाओगे तुम अपनेप्रिय, अपना मन भी दर्पण होता है।
तुमसे मिले हैं जबसे, जी चाहता है,की अब बिछड़ जाएं सबसे.
तुम ही से डरते हैं, तुम्ही पे मरते हैं,तुम ही जिंदगी ही हमारी,तुम्ही से हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं.
ठोकर लगने के बाद भीअगर इंसान को चलना ना आये,तो इसमें सिर्फ और सिर्फइंसान का दोष है।
मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं, तेरी सूरत क सिवा मुझे कुछ याद नहींमैं गुलाब हूँ तेरे गुलशन का, तेरे सिवाए मुझ पे किसी का हक़ नहीं.
सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है मज़ा आ जाता है जब उनसे मुलाक़ात होती है जब देखते है उनके ख़ूबसूरत चहरे को मेरे लिए वही पूरी क़ायनात होती है।
आईने में देख नज़रों से नज़रों का राब्ता कर रहे हैंउफ़्फ़! ये अदा गुमाँ ये के कजरा साफ कर रहे हैं~ Anita Saini
तुम ज़िन्दगी में आ तो गये हो मगर याद रखना,हम जान दें देते हैं मगर जाने नहीं देते।
कोई प्यार करे ना करे तुमसे, तुम प्यार करो अपने आप से, चाहे कोई कितना भी दुःख पहुचाये, तुम बस खुश रहो अपने आप से।
दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिएसामने आइना रख लिया कीजिए~ ख़ुमार बाराबंकवी
किस लिए देखती हो आईनातुम तो खुद से भी खूबसूरत होदास्तां खत्म होने वाली हैतुम मेरी आखिरी मुहब्बत हो(जौन आलिया)
मेरे ठोकरे खाने से भी कुछ लोगो को जलन है, कहते है यूँ तो ये शख्स तुजर्बे में आगे निकल गया।