True Love Radha Krishna Quotes in Hindi
कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे,जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं।
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं, कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम हैं.
राधा कृष्ण के बिना प्रेम की कोई अस्तित्व नहीं होती।
मीठा पानी सबको भाता है, परन्तु खारा पानी किसी को नहीं भाता। अब सोचने वाली बात ये है कि “मोती” समुन्द्र की गहराईयों में ही बनता है।
राधा कृष्ण का प्रेम एक ऐसा रहस्य है, जो समझने की कोशिश करने वाले को भी हर बार हार माननी पड़ती है।
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं,खुद को जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं।
प्यार का अहसास राधा कृष्ण की आँखों में होता है, जो दिल को मोह लेता है।
राधा कृष्ण का प्रेम अद्वितीय है, जो आत्मा को एकता की अनुभूति दिलाता है।
मेरी आँखों को नहीं मिलती रातों की नींद, राधा कृष्ण की यादों में ही बितता है हर अबसर।
रिश्तों की माला जब टूटती हैं,तो दोबारा जोड़ने से छोटी,हो जाती हैं,क्यूँकि कुछ,जज़्बातों के मोती बिखर ही जाते हैं।
कृष्ण ने राधा से पूछा ऐसी एक जगह बताओ, जहां मैं नहीं हूं राधा ने मुस्कुरा कर कहा मेरे नसीब में ।
रास रचायें गोकुल में कन्हैया,होली में बन जाएँ रंग रसिया,सजाये रंगों का साज हर एक द्वारेआज भी गोपियाँ रंग लिए कान्हाकी राह निहारे. होली की हार्दिक
तुम चाहे किसी के भी हो जाओ मोहन हम भी बिना फेरों के भी तुम्हारे संग है। ❤️राधे-राधे❤️
बहुत ही खूबसूरत है मेरे ख्यालों की दुनिया दोस्तबस कृष्ण से शुरू और कृष्ण पर ही ख़त्म हो जाती है। ❤️राधे-राधे❤️
“राधा कृष्ण का प्यार वह उपास्य है, जो हमारी आत्मा को दिव्यता और पूर्णता से भर देता है।”
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो, और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो.
चारों तरफ फैल रही हैं,इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी,कितनी प्यारी लग रही हैं,साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।
सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर विवाह होता तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता.
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती है ! राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है !
राधा कृष्ण के प्यार में डूब कर जीना चाहते हैं, क्योंकि उनका प्यार उन्हें जीवन देने के लिए पूर्ण होता है।
राधा के प्रेम में खोया हुआ कृष्ण अपनी मोहब्बत की मधुरता का पाठ पढ़ता है।
हर सच्ची मोहब्बत यदि मुकम्मल होती, तो निःसंदेह राधे भी श्री कृष्ण की होती.
प्यार मे कितनी बाधा देखी, फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी.
कान्हा तुझे ख्वाबों में,पाकर दिल खो ही जाता हैं..खुदको जितना भी रोक लू,प्यार हो ही जाता हैं..
“हे कान्हा फर्क बस इतना सा ही है हम दोनों की तन्हाई में… तुम्हारे पास तो फिर भी तुम मौजूद हो…. मेरे पास तो में भी नहीं हूँ।”
राधा ने किसी और की तरफ देखा हीं नहीं,जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गई,कान्हा के प्यार में पड़कर,वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।
दुनिया के सबसे ज्यादा सपने इसी बात पर तोड़े है,क्या कहेंगे लोग।
कृष्ण मिलन है तो, राधा है विरहकृष्ण अगर चन्द्र है तो, राधा है चकोरऔर कृष्ण अगर वर्षा है तो, राधा है मौर। ❤️राधे-राधे❤️
“स्वर्ग में भी ना मिले जो वो सुख कान्हा तेरे धाम में है, चाहे कितनी भी बड़ी विपत्ति हो समाधान तो बस “श्री राधे” नाम में है।”
राधा कृष्ण का प्रेम निरंतरता की अनुभूति दिलाता है, जो सबको परम शांति देता है।
राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है, बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है।
आप कभी भी कामयाब नहीं बन सकते हैं, यदि आप अपने अतीत को याद करके परेशान रहते हैं ।
राधा ने किसी और की तरफ देखा ही नहीं,जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गई,कान्हा के प्यार में पड़कर,वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी, जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी.
तुम्हारे साथ ना विवाह है और ना ही फेरे है,बस एहसासों से हम तेरे है।
राधा-कृष्ण का प्यार उनकी आत्मा से मिला हुआ है, जो कभी नहीं तोड़ा जा सकता।
राधा कृष्ण के प्रेम का रंग सबको बहुत प्यार और सुख देता है।
तेरी याद में राधा कृष्ण की रातें कटती हैं, उनके प्यार की बारिश में ये दिल भीगता हैं।
अच्छे व्यक्ति को समझने के,लिए अच्छा हृदय चाहिये न,कि अच्छा दिमाग..क्योंकि,दिमाग हमेशा तर्क करेगा,और हृदय हमेशा प्रेम–भाव देखेगा।
इसलिए उन्हें सदा प्रेम की चाभी से खोलिये। हर बार नया ताला ला सकते है आप, नए संबंध नहीं ला पाएंगे। राधे-राधे!
राधा कृष्ण का प्रेम सभी को प्रेम के आदर्श को जीने की प्रेरणा देता है।
जब समस्याओं पर हमारा वश नहीं चलता, हम आरोप लगाते है इस संसार पे, यहाँ के लोगों पे, सोचते है कि काश वो यहाँ पर आया ही ना होता।
“जो प्रेम में तकलीफ ना दे वो प्रेमी कैसा और जो प्रेम में तकलीफ ना सह सके वो प्रेमी कैसा।”
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो, और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो !
“अब मुझे होश ख्याल कहा रहता हैं, सब पर तो तुमने कब्जा कर रखा है।”
कृष्ण और राधा के प्रेम का एक विशेष रूप है, जो उन दोनों के बीच में होता है।
प्रेम सुख के साथ दुख भी लाता है। पर जो उस दुख को सुख समझता है, उसका प्रेम शुद्ध और सच्चा है.
जब हम स्वयं जीवन के शिल्पकार हैं,तो चलो हम अपनी मुश्किलें को हराते हैं,जीवन में मुस्कुराते हैं।
कृष्ण का प्रेम बड़ा था, पर राधा के प्रेम में वो भूल गए थे कि वो भगवान हैं।
जीवन में सफलता के साथ भी ऐसा ही होता है आपको एक दिन में सफलता नहीं मिलती किन्तु यदि आप प्रतिदिन प्रयास करते रहे तो एक दिन आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
प्यार मे कितनी बाधा देखी फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी.
अधूरा है मेरा इश्क तेरे नाम के बिना, जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना.
जिस पर राधा को मान हैं, जिस पर राधा को गुमान हैं, यह वही कृष्ण हैं जो राधा के दिल में विराजमान हैं…!! —-राधे-राधे
राधा कृष्ण का प्रेम ज्ञान के पथ को प्रशस्त करता है।
राधा के बिना कृष्णा की जगह कोई नहीं ले सकता, उन्हें उनकी जगह बस राधा ही मिलती है।
सुनो कन्हैया जहाँ से तेरा मन करे,मेरी जिन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे,कोईं भी खोलो हर पन्ने परतेरा नाम होगा मेरे कान्हा।।
प्रेम में दूरियां चाहे कितनी भी हो,अगर प्रेम सच्चा है तो,संसार की कोई भी दुरी उसे मिटा नहीं सकती।
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं, राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं.
दूसरी ओर चिड़िया का घोंसला, चिड़िया भी बड़े परिश्रम से इसे बनाती है किन्तु यदि चिड़िया इसे छोड़ कर चली भी जाए उसके पश्चात भी लोग उसका विनाश नहीं करते।
भरोसा और प्यार ऐसे पंछी हैं अगर इनमे से एक उड़ जाएँ तो दूसरा अपने आप उड़ जाता हैं ||राधे कृष्णा ||
”किसी ने पूछा हमसे हमारे प्रेम की कहानी हम मुस्कुराके बोले एक मुलाकात को तरस गई।”
राधा कृष्ण के प्यार में रंग भरे हैं हम, उनके इश्क़ में दिल की धड़कन मचलती हैं।
हर शाम सुहानी नही होती, हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती,कुछ तो असर होता हैं दो आत्मा के मेल का, वरना गोरी राधा,सावले कान्हा की दीवानी नही होती।
राधा का प्रेम एक अनोखा जादू है जो कृष्ण के जीवन में खुशियों की बौछार बरसाता है।
कभी आपने सोचा है इस संसार में हम सबसे अधिक किससे जुड़े है? अब कोई कहेगा माता-पिता, कोई कहेगा मित्र, कोई कहेगा पत्नी, तो कोई कहेगा संतान।
“किसी की सूरत बदल गई तो किसी की नियत बदल गई, कान्हा जब से तूमने पकड़ा मेरा हाथ मेरी तो किस्मत ही बदल गई।”
राधा के प्यार के सामने कृष्णा का सब कुछ फीका पड़ जाता है।
कृष्णा के दिल में राधा के लिए इतना प्यार है कि उनकी हर जिंदगी उन्हें ध्यान में रखने में गुजर जाती है।
कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे, जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं. मेरे राधा कृष्णा.
मैं कहता हूँ शुभ कर्म करते रहो, आनंदित रहो, स्वयं पर और ईश्वर पर विश्वास रखो बुरा समय कभी आएगा ही नहीं। राधे-राधे!
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ एक – दुसरेको पाना होता तो हर हृदय मेंराधा – कृष्ण का नाम नहीं होता🌺🌺
रथ में आगे अश्व होते है और पीछे पहिये। ये अश्व आपके “कर्म” है और ये पहिये “कर्मफल” ये अश्व जहाँ जाते है ये पहिये उसी के पीछे-पीछे आते है।