True Love Radha Krishna Quotes In Hindi : कृष्ण की प्रेम बांसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी…जब जब मुरली बजाएं, दौड़ी आये राधा रानी… राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था…!!
राधा के सच्चे प्रेम का यह हैं ईनामकान्हा से पहले लोग लेते है राधा का नाम…!!—श्री राधे-राधे
बंधन रिश्तों का नहीं एहसासों का होता है, जहाँ एहसास खत्म वहां रिश्ता खत्म्म !!
प्यार और तकदीर कभी साथ साथ नहीं चलते,क्योकि जो तकदीर में होते है उनसे कभी प्यार नहीं होता,और जिससे हमे प्यार हो जाता है वह तकदीर में नहीं होता।
राधा ने किसी और की तरफ देखा हीं नहीं,जब से वो कृष्ण के प्यार में खो गईकान्हा के प्यार में पड़कर,वो खुद प्यार की परिभाषा हो गई।
प्रेम वो नहीं जो इज़हार किया जाये,प्रेम तो वो है जो महसूस किया जाये,प्रेम वो नहीं जो पाया जाये,प्रेम तो वो है जो जिया जाये।
प्रेम तो सदियों से चला आ रहा हैं,फिर वो राधा का हो या सीता का।
ये है सुई और ये है तलवार। अब आप बताइये आपके दृष्टिकोण से इन दोनों वस्तुओं में से क्या अधिक शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण होगा?
जब तक राधा के दिल मेंकान्हा बसते रहेंगे…तब तक इस दुनिया मेंप्रेम के फूल खिलते रहेंगे…
मुस्कान का कोई मोल नहीं होता रिश्तो का कोई तोल नहीं होता लोग तो मिल जाते हैं हर रास्ते पर लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता.
कन्हैया को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा, पूरे खत में सिर्फ कान्हा का ही नाम लिखा !
“एक सच्चा प्रेम करने वाला व्यक्ति आपके प्रेम से ज्यादा आपकी इज्जत का ख्याल रखता है।”
पता नहीं मजाक था या# प्यार का पैगाम लिखा था#,#जब मैनें राधा और उसने# श्याम लिखा था।
राधा की चाहत हैं कृष्ण,उसके दिल की विरासत हैं कृष्ण,चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण,दुनिया तो फिर भी यही कहती हैं,राधे कृष्ण राधे कृष्ण।
पग पग वो चला आएगा, खुशियाँ आपने साथ लाएगा आएगा नटखट नंदलाल, आपका जीवन सुख समृद्धि से भर जाएगा।
मेरे पास गोपियाँ तो बहुत हैं,पर मेरा मन मेरी राधा के सिवा कहीं लगता ही नही।
“बुद्धिमान इंसान” आपका दिमाग खोलता है, “सुंदर इंसान”आपकी आँखें खोलता है, लेकिन आपसे दिल से… ”प्यार करनेवाला इंसान” हृदय खोल देता हैं।”
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं,राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है।
कुछ लोग ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार ही आते है उनके बाद उनसे बेहतर फिर कभी कोई नहीं मिलता
सुर है राधा, बांसुरी है कृष्णदिल है राधा, प्रेम है कृष्णआनंद है राधा, पूर्णब्रह्म है कृष्ण
कृष्ण अपनी राधा से इतना मोहब्बत करते हैं कि उनके बिना उनकी जिंदगी अधूरी हो जाती है।
जग से न्यारीपिया की प्यारी…प्रीतम संग हैराधा प्यारी…बोलो राधे राधे…
सच्ची मोहब्बत का अंजाम अगर विवाह होता,तो रुक्मणि की जगह राधा का स्थान होता।
कान्हा तुझे ख्वाबो में पाकर दिल खो ही जाता है खुदको जितना भी रोक लू , प्यार हो ही जाता है।
राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी,आएंगे बिहारी चले आएंगे बिहारी।
हर पल तुझे मिलने की चाहत रहती है,हर पल तेरी जरुरत महसूस होती है,तुझे पा नहीं सकते, फिर भी कान्हा,हर पल तुझे सोचने नई की चाहत क्यों रहती है।
मटकी तोड़े माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये। राधा के वो प्यारे मोहन महिमा उनकी दुनिया गाये।
राधा के दिल मेंकृष्णा के प्रेम की ज्योति जलती रहीइसलिए राधा कृष्ण का प्रेमअमर हो गया…राधे कृष्ण… राधे कृष्ण…
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता, तो हर ह्रदय में राधा-कृष्णा का नाम नहीं होता।
राधा के बिना कृष्ण की जिंदगी एक रंजिश और उदासी से भरी होती है, जो उन्हें हमेशा उसकी याद दिलाती है।
हे कृष्ण मुझे सिर्फ तू चाहिए ना तेरे जैसा ना कोई तेरे सिवा. Hey Krishna mujhe sirf tu chahie Na Tere jaisa Na Koi Tere Siva.
जरुरी नहीं की हर रिश्ता# बेवफाई से ही खत्म हो##कुछ रिश्ते किसी की ख़ुशी# के लिए खत्म करने पड़ते हैं।
ए कान्हा जब भी दिल की नजरों सेतेरा दीदार हो जाता है…मन मोहना वह दिन मेरे लिएएक त्योहार ही हो जाता है…
“जब हम अकेले हों तब अपने विचारों को संभालें, और जब हम सबके बीच हों तब अपने शब्दों को संभालें..!”
प्यार मे कितनी बाधा देखी, फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी.
सावले सलोने कृष्णाराधा गोरी गोरी…वृंदावन में रास खेलनगए दोनों चांद चकोरी…राधे कृष्ण… राधे कृष्ण…
आज के समय हो या कल के समय जहा पे प्रेम की बात होती है वह पे सिर्फ Radha Krishna का ही नाम आता है, आज भी लोग राधा कृष्ण के प्रेम की बाते करते है।
दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा कब तक तेरी राह निहारूं, अब तो आओ कृष्णा।
राधा कृष्ण की प्रेम कभी अधूरी नहीं रही ,वो हमेशा साथ रहे उनमें कोई दुरी नहीं रही
कहीं कोई कहे छोड़ो, ना सताओ मोरे कान्हा मन ही मन प्रीत करे, सब तुझसे सुन कान्हा
“कोई ऐसा खेल रचा दो की लोग कहे प्रभु हमें भी राधा कृष्ण बना दो।”
सच्चे भाव काकहां कोई द्वार होता है…जिस दर पर हरि मिलेवही हरिद्वार होता है…
कृष्णा की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी, जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।
अगर तेरी बंदगी# न होती तो कान्हा#ये ज़िन्दगी, ज़िन्दगी# न होती।
हे कान्हा,तुम संग बीते वक़्त का मैं कोई हिसाब नहीं रखती..मैं बस लम्हे जीती हूँ,इसके आगे कोई ख्वाब नहीं रखती।
भगवान कृष्ण के चरणकमल इतने अद्भुत हैं,कि जो कोई भी उनकी शरण लेता है,वह तुरंत शुद्ध हो जाता है।
पाने को ही प्रेम कहे, जग की ये है रीत प्रेम का सही अर्थ समझायेगी, राधा-कृष्णा की प्रीत।
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भईवो प्रेम दिवानी…जब-जब कान्हा मुरली बजाएँदौड़ी आये राधा रानी…!!
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं, राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं।
प्रेम का मतलब कोई रिश्ता या संबंध बन जाना नही,प्रेम का तो मतलब है कण-कण मेंबिखरकर आनंदित हो जाना।
“बुद्धिमान इंसान” आपका दिमाग खोलता है, “सुंदर इंसान”आपकी आँखें खोलता है, लेकिन आपसे दिल से… ”प्यार करनेवाला इंसान” हृदय खोल देता हैं।”
कृष्ण अपनी राधा से इतना मोहब्बत करते हैं कि उनके बिना उनकी जिंदगी अधूरी हो जाती है।
रूठना ना तो हर कोई जानता है।पर सबके पास, प्यार से मनाने वाला नहीं होता।
कृष्ण का प्रेम राधा के लिए एक उपहार है, जो वह हमेशा अपने दिल में रखते हैं।
श्री कृष्ण कहते थे,प्रेम का अर्थ किसीको पाना नहीं,किन्तु उसमे खो जाना है…
प्रेम कोई प्रमेय नहीं…जो निश्चित सूत्र में ही सिद्ध होता हो…प्रेम तो अपरिमेय है…!!🌺🌺
कुछ लोग तो ज़िन्दगी में सिर्फ एकही बार आते है, फिर उनके बाद उनसे बेहतरकोई नहीं मिलता। ❤️राधे-राधे❤️
प्रेम का आगामन राधा कृष्ण के प्रेम में होता है, जो सबको जीवन की महत्ता का अनुभव कराता है।
तो यदि किसी का सत्य जानना है तो विश्वास कीजिये, प्रेम का धरातल बन जायेगा और मन प्रसन्न होकर बोलेगा राधे-राधे!
कृष्णा के दिल में राधा के लिए इतना प्यार है कि उनकी हर जिंदगी उन्हें ध्यान में रखने में गुजर जाती है।
कृष्णा राधा के निश्चल प्रेम कोये दुनिया क्या समझ पाएगी…जो खुद को शरीरों में बांधती हैवह आत्मा को क्या समझ पाएगी…
प्यार मे कितने सारे बाधाएं देखी,फिर भी कृष्ण के साथ थी राधा। ❤️राधे-राधे❤️
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है,खुदको जितना भी रोक लू प्यार हो ही जाता है।
एक तरफ साँवले कृष्ण दूसरी तरफ राधिका गोरी,जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।
कर भरोसा राधे नाम का धोखा कभी न खायेगा,हर मौके पर कृष्ण तेरे घर सबसे पहले आयेगा।
राधा को कन्हैया ने प्यार का पैगाम लिखा, पूरे खत में सिर्फ राधा-राधा नाम लिखा !
राधा कृष्ण का प्रेम एक ऐसा रहस्य है, जो समझने की कोशिश करने वाले को भी हर बार हार माननी पड़ती है।
प्रेम पूरा हो तो श्री राम जैसा हो,और अधूरा हो तो राधे श्याम जैसा हो।
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था…!!
कृष्णा के कदमो पे कदम बढाते चलो,अब मुरली नही तो सीटी बजाते चलो,राधा तो घर वाले दिलाएंगे ही,मगर तब तक गोपियाँ पटाते चलो।
राधा का प्रेम एक अनोखा जादू है जो कृष्ण के जीवन में खुशियों की बौछार बरसाता है।
इसलिए जब तक श्वास है “आशा” रुपी प्रकाश का संचार करते रहिये, विश्वास कीजिये मृत्यु के पश्चात भी अमर रहेंगे। तो प्रेम से बोलो राधे-राधे!
जैसे राधा ने माला जपि श्याम के नाम की, मैं भी ओढू चुनरिया तेरे नाम की।