281+ Sundarta Par Shayari | खूबसूरती पर शायरी

Sundarta Par Shayari , खूबसूरती पर शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: November 3, 2023 Post Updated at: April 19, 2025

Sundarta Par Shayari : धीरे से लबों पे आया ये सवाल, तू ज्यादा खूबसूरत है या तेरा ख्याल। तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जायेगी, चांद की भी कदम कम हो जायेगी।

बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर, मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।

सपनो की दुनिया में हम खोते गए,होश में थे फिर भी मदहोश होते गए,जाने क्या जादू था उस अजनबी चेहरे में,खुद को बहुत रोका फिर भी उसके होते गये।

हमारी निगाहों का हर दम आप पर पहरा है, कितना भी कोशिश करूँ इन्हें हटा नहीं सकता, क्या करें इतना खूबसूरत जो आपका चेहरा है !

कौन देखता है किसी को अब सीरत की नज़र से,सिर्फ खूबसूरती को पूजते है,नए ज़माने के लोग।

बात क्या करे उसकी खुबसूरती की, फुलो को भी उसे देखकर शर्माते देखा है मैने।

तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।

उसके खूबसूरत चेहरे के तिल पर, कई दफा वार बैठे हम अपना दिल !

आईना तो बस एक पल के लिए तसल्ली दिलाता है, खूबसूरती का अंदाजा तो उस से आंखें मिलाकर ही आता है।

नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखे,सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।

तेरी नज़रें बयाँ करती हैं मेरी खूबसूरती,अब मुझे आइनों की ज़रूरत न रही।

तेरी आंखों की मस्ती मुझे अपना बना लेती है, तेरी हंसी की चमक से मेरी जिंदगी एक नया रंग पाती है।

तेरी मुस्कराहट की मिठास से मोहब्बत है, तू है वो ख्वाब जो हर पल याद आत है।

तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी चाँद की भी कदर कम हो जाएगी

कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,उनकी बातों का अजी क्या कहिये,अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।

कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।

अपने चेहरे की खूबसूरती पे इतना गुमान मत कर,तेरे खूबसूरती से ज्यादा मेरे सादगी के चर्चे है बाजार में।

” शहर के साहब कभी गाँव घूम के आना.. गाँव तुझे अपना सा ना लगे तो बताना “

तेरी आवाज़ से मिलती है एक ख़ास खुशबू, तू है हमारे दिल की सबसे प्यारी दुआ।

तेरे खुबसुरती पे तो लाखों मरते होंगे, लेकिन हम तेरी बाते सुनने के लिए तड़पते हैं।

तेरा चाँद सा मासूम चेहरा है, इसमें छुपा राज़ कोई गहरा है, जैसा भी तू हमे सबसे प्यारा है, मैं तेरा हूँ और तू बस हमारा है !

चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर, तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर।

तेरी हर अदा मुझे अपना बना लेती है, तेरी हर खुशी मुझे अपना बना लेती है।

देख कर तुमको यकीं होता है, कोई इतना भी हसीं होता है।

तेरा अंदाज़-ए-संवरना भी क्या कमाल है, तुझे देखूं तो दिल धड़के ना देखूं तो बेचैन रहूं।

यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है,पर पता नहीं क्योंये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।

” दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे.. ये गाँव का इश्क है जनाब,, शहर की नौटंकीयां नही “

चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर,तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर।

उनकी खुबसुरती के बारे में मत पूछिए जनाब,माथे पर लगी वो छोटी सी बिंदी भी कमाल लगती है।

मोहब्बत के लिए खूबसूरत होने की कैसी शर्त, इश्क़ हो जाये तो बस सब कुछ खूबसूरत लगने लगता है।

नवाज़ा है जिसे उस ख़ुदा ने अपनी अदाकारी से, वो हर शख्स अपने आप मे खूबसूरत तो है ही।

तेरी हंसी की खुशियां मुझे जिंदगी भर मिलेगी, तेरी अदाओं की चमक में मैं अपनी रोशनी खोजूंगा।

एक तिल का पहरा भी जरूरी है,लबों के आसपास,डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,कोई नज़र न लगा दे।

दुनिया में ऐसे चेहरे होते है बहुत ही कम, हमारे लिए सबसे खूबसूरत है हमारा सनम !

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसमां पे चांद पूरा था मगर आधा लगा।

तेरी आंखों में डूब कर मैं खुद को खो देता हूं, तेरे चेहरे की खूबसुरती मुझे अपनी तरफ खींचती है।

जरा संभल कर रहना यारों,तारीफों के पुल के नीचे,मतलब का दरिया बहता है,जरूरत पड़ने पर खुदा भी सलाम कहता है।

” मतलबी लोगो और तेरे आराम से अच्छा है.. थोड़ी तकलीफ सही..पर अपना गाँव,शहर से अच्छा है “

तुम्हारी सादग़ी ही है, तुम्हारी खूबसूरती,वरना हमारी ये आँखे, तुम्हे यूँ ना घूरती।

तेरी खूबसूरती इन आँखे में कुछ इस तरह समायी, जब भी आँखे बंद करूँ, देती है बस तू ही तू दिखायी !

उस रब की महर हो या उसकी सबसे खूबसूरत कला हो, जो भी हो सादगी और सुंदरता से भरी गज़ब बला हो।

” लहलहाते खेतो,, और हवाओ की ताजगी से.. मन शांत लगा.. फिर से गाँव अपना औरशहर अनजान लगा “

शांत जगह से ज्यादा और सुंदरता कहा हो सकती है।

तू है मेरे ख्वाबों का राज, तेरी मुस्कान है मेरे दिल की सौगात, तेरा चेहरा है मेरी जिंदगी का पहला और आखिरी मकड़।

बड़ी खूबसूरती से, कल देखा उसने मुझे, बड़ी हैरानी से ,मैं आज भी उसे सोच रही हूं।

चेहरा उसका रूहानी है,लगता जैसे कोई कहानी है,ना बीते उन लफ्जो कि एक,प्यारी सी वो लड़की दीवानी हैं।

खूबसूरती तो समय के साथ खत्म हो जाती हैं,पर सच्चा प्यार ज़िन्दगी भर साथ रहता हैं।

तेरे होते हुए ये दुनिय है खुशियों से भरी, तू है मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ताक़त और शान है।

कितना हसींन चांद सा चेहरा है, उसपे शबाब का रंग गहरा है, खुदा को यक़ीन ना था वफा पे, तभी तो एक चांद पे हजारों तारों का पहरा है।।

मेरा हर पल आज खूबसूरत हैं, दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत हैं, कुछ भी कहे ये दुनिया गम नहीं, दुनिया से ज्यादा हमें तेरी जरुरत है।

” किताबो की पढाई मेशहर जरुर बड़ा होगा.. पर संस्कार तो आज भी गाँव के अच्छे है “

कुछ आपका अंदाज़ है,कुछ मौसम भी रंगीन है,तारीफ करूँ या चुप रहूँ,जुर्म दोनो ही संगीन है।

तेरे हुस्न की चांदनी ने मुझे अपने जलवे से बहका दिया है, तेरी अदाओं ने मुझे अपने रंग में रंग दिया है।

तेरी नजरों में है नशा, तेरी बातों में है जादू, तेरे चेहरे की खूबसुरती है मेरी जिंदगी का मकदू।

आईना तो बस एक पल के लिए तसल्ली दिलाता है,खूबसूरती का अंदाजा तो उस से आंखें मिलाकर ही आता है।

तेरी खूबसूरती की तारीफ में क्या लिखूं, कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी भी तलाश है मुझे।

लफ्ज़ क्या बयां करेंगे खूबसूरती उनकी,जिनके ज़िक्र से ही खूबसूरती बयां हो जाए।

जिस मोड़ पे तू मिल गईवहां एक नई राह खुल गईतू नए किरण की बहार हैअब रात भी मेरी ढल गई

” शहर और गांव मे भिन्नता। शहर में साधु को भिखारी समझा जाता है, और गांव में भिखारी को भी साधु समझते है “

कैसे करुं बयाँ मै खुबसुरती उसकी, मेने तो उसे बिना देखे ही प्यार किया है।

तेरी हंसी की चमक मुझे अपनी तरफ खींचती है, तेरी मुस्कान से मेरी जिंदगी एक नया सफर बन जाती है।

पहनावे की खूबसूरती तोपहनावे तक ही रहती है,मुखड़े पे खुसी हो तोजिंदगी के हर पल में ख़ुशी रहती है।

मत मुस्कुराओ इतना,कि फूलों को खबर लग जाए,कि करे वो तुम्हारी तारीफऔर तुम्हें नजर लग जाएँ।

खूबसूरती तो समय के साथ खत्म हो जाती हैं, पर सच्चा प्यार ज़िन्दगी भर साथ रहता हैं।

सादगी भी कमाल है उनकी, बिना सँवरें चमकना जानती है।

तेरी पलकों की छांव में मेरी शाम गुज़र जाए,एक बार देखा जो फिर मुस्कुरा कर यूँ,कहीं इससे मेरी धड़कने न रुक जाए।

भोर की पहली किरण के साथ तुम्हारे खयालो को सवार लेती हु खुद को, और लोगो को लगता है की सुन्दर हु में।

तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है, ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है

अपने चेहरे की खूबसूरती पे इतना गुमान मत कर, तेरे खूबसूरती से ज्यादा मेरे सादगी के चर्चे है बाजार में।

” किसी ने क्या खूब लिखा हे की..

तेरी नज़रें बयाँ करती हैं मेरी खूबसूरती, अब मुझे आइनों की ज़रूरत न रही।

सभी तारीफ करते हैं, मेरी शायरी की लेकिन कभी कोई सुनता नहीं, मेरे अल्फाज़ो की सिसकियाँ.

तुम्हारी सादग़ी ही है, तुम्हारी खूबसूरती, वरना हमारी ये आँखे, तुम्हे यूँ ना घूरती।

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