Shayari For Beautiful Girl : कैसे करुं बयाँ मै खुबसुरती उसकी, मेने तो उसे बिना देखे ही प्यार किया है। तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ, तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।
आँखों में वफा हो तो पर्दा दिल का ही काफी है,नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं इशारे मोहब्बत के..!!
उसके मीठे होठ और मुझे शुगर का रोगहकीम साहब तुम रहने दो हमसे नहीं होता परहेज
पहले प्यार के लिए दिल जिसे चाहता है,वो हमे मिले या ना मिले दिल पे राज हमेशा उसी का होता है..!!
मेरी बेपनाह मोहब्बत का एक ही उसूल है,मिले या ना मिले तू हर हाल में क़ुबूल है..!!
तू चाँद और मैं सितारा होता?आसमान में एक आशियाना हमारा होता?लोग तुम्हे दूरसे देखते,नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता।।
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मोहब्बत की ठंड,और तु तड़प के मांगे मुझे कंबल की तरह..!!
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए |Aaj uski masumiyat ke kayal ho gye,Sirf uski ek nazar se hi ghayal ho gye.
सुनो…मुझे देखकर तेरा यूं मुस्कुराना बेहद पसंद है…एक तुझ से ही मेरे जीवन मे सदा बसन्त है…!!!
आज भी एक आरजू जगी है, वो खुबसूरती को देखने की इच्छा उठी है, बेमिसाल है जो हर स्वरूप मे, उसे हमे अपनी ज़िंदगी बनानी है।
जब ख़यालो में आता है उनका चहरा तब होंटो पर एक फ़रियाद आती है हम भूल जाते है सारे गम बस उनकी मोह्ब्बत की याद आती है।
बेहिसाब उसकी खूबसूरती को गरूर का नाम मत देना, मगरुरी थोडी़ जरूरी है जमाने से,इसे उसका ऐब मत समझना।
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसनेमछलियों को भी शराबी कर दिया।
तू सर से लेकर पाव तक खूबसूरत है मग़र तेरे दिल में वो बात नहीं जो मेरे दिल में है।
आँखे बयां करती है, दिल में छिपे राज़जब बज रहे हो दिल में मोहब्बत के साज़तेरे नयनों के स्पर्श बिना,मेरी हर रचना अधूरी है…!!!
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा है तू…तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
इलज़ाम लगा दू की क़ातिल तुम ही हो मग़रमासूम चहरे परकौन यकीन करेगा।
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम !!
लम्हे ये सुहाने साथ हो न हो,कल में आज ऐसी बात हो न हो,आपसे प्यार हमेशा दिल में रहेगा,चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो न हो..!!
जाती नही आँखों से सूरत आपकी,जाती नही दिल से मोहब्बत आपकी,महसूस ये होता हैं जीने के लिए,पहले से ज्यादा जरूरत हैं आपकी..!!
जब खामोश आँखों से बात होती है,तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,न जाने कब दिन और कब रात होती है..!!
तेरी खाई हुई मेरे सर की झूठी कसमेंअब मुझे अक्सर बीमार रखती हैं
ना रंग से रंगीन हुए, ना भंग से हुए मदहोशडाली जो उसने तिरछी नज़र फिर कहाँ रहा कुछ होश,,
हम तो मदहोश हो गए उनकी आंखों से ही न जाने आइना कैसे बर्दाश्त करता होगा उन्हें।
हवाओं को चूमती जुल्फों को मत बांधा करो तुम,ये मदमस्त हवाएं नाराज़ होती हैं।।
पाँव उठा कर गलें मिलती हैं मुझ सें,मोहतरमा कद में छोटी जो हैं मुझसें!!
हमराह तो साथ में चलते है रास्ते तो अजनबी बदलते है जबसे बसाया है तुझको आंखों में न जाने लोग क्यू मुझसे इतना जलते है।
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,बस यही सोच कर तुमको खफा रखा है।।
खूबसूरती ना ही सूरत में होती है !!और ना ही लिबास में !!ये तो महज़ जालिम नजरों का खेल है !!जिसे चाहे उसे हसीन बना दें !!
कहाँ से लाऊँ वो लफ्ज़ जो सिर्फ तुझे सुनाई दे ,दुनियाँ देखे अपने चाँद को मुझे बस तूही दिखाई दे ।
तेरे प्यार का किस्सा नहीं बनना मुझे,अगर प्यार है सच्चा तो तेरी ज़िन्दगी का हिस्सा बना मुझे..!!
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने,उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे।
खूबसूरती अक्सर सांवलेपन में होती है, गोरे तो तब भी फरेबी थे और अब भी।
तुझे मेरी जरूरत कहु या हसरत तुझे देखे बग़ैर रहा नहीं जाता।
तू वो खुबसूरत अहसास है, जिसे हर समय पाने की तमन्ना रहती हैं।
मदहोश करती हैं बाते तेरी…गर कहतें हैं नशा इसको तो तलब मंजूर हैं हमे…
उनके हुस्न का आलम न पूछिये, बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर !!
मोहब्बत के लिए खूबसूरत होने की कैसी शर्त, इश्क़ हो जाये तो बस सब कुछ खूबसूरत लगने लगता है।
लौट जाती है उधर को भी नजर क्या कीजे,अब भी दिलकश है तेरा हुस्न तो क्या कीजे?
तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है,तुझे देखूं तो दिल धड़के ना देखूं तो बेचैन रहूँ।
कभी रात में मुझे सुलाने आ जाया करो आपका मुस्कुराता चहरा हमें सोने भी नहीं देता।
ये मेहताब चेहरा, ये मखमूर आँखें, कहीं होश मेरा न खो जाए, न देखूं तो न चैन मिले, देखूं तो मोहब्बत हो जाए।
तन्हा रातों में हमें बोहोत रोना आता है क़सम से चांद तू मुझे उनकी याद दिला देता है।
तेरे खुबसुरती पे तो लाखों मरते होंगे, लेकिन हम तेरी बाते सुनने के लिए तड़पते हैं।
कबूल हो गई हर दुआ हमारी,मिल जो गई हमें चाहत तुम्हारी,अब नही चाहत है दिल में हमारे कुछ,जब से मिल गई है मोहब्बत तुम्हारी..!!
ना उसने मनाया ना मैंने कोशिश किया,बस इसी तरहा हमारे रिश्ते ख़तम हो गए..!!
स घड़ी देखो उनका आलम नींद से जब हों बोझल आँखें, कौन मेरी नजर में समाये देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ, पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
कभी कभी दाग भी अच्छे होते है, युही चाँद खुबसुरती का मिसाल नहीं है।
आप नही तो जिन्दगी में क्या रह जाएगा,दूर तक तनहाइयों का सिलसिला रह जाएगा,हर कदम पर साथ चलना पिया मेरे ,वरना आपका ये हमसफ़र अकेला रह जाएगा..!!
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
कैसे करुं बयाँ मै खुबसुरती उसकी, मेने तो उसे बिना देखे ही प्यार किया है।
मैं फना हो गया उसकी एक झलक देखकरना जाने आइने पर हर रोज क्या गुजरती होगी
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा रहताखबर तो रहती अभी सफर कितना तय करना है
मेरे लफ्जों में है तारीफ एक चेहरे कीमेरे महबूब की मुस्कराहट से चलती है शायरी मेरी
छुपा लो मुझे अपने साँसों के दरमियाँ,कोई पूछे तो कह देना जिंदगी है मेरी..!!
वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में,तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।।
आपका शर्मना हमे बड़ा भाता है, और आपका एक झलक देकर चले जाना, हमे तड़पता है।
चल काजल लगा ले पलकों पर..क़त्ल का नया इतिहास रचते हैं,आज शाम मेरी महफ़िल में आना..हम एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखते हैं..!!
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है।
कुछ नशा तो आपकी बात का हैकुछ नशा तो आधी रात का हैहमे आप यूँ ही शराबी ना कहियेइस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
जो पल तेरे साथ गुज़ारे हैं उनको मैं गिनु कैसे, मैंने सुना है ख़ूबसूरती की कोई सीमा नहीं होती।
मस्त नज़रों से देख लेना था अगर तमन्ना थी आज़माने की,हम तो बेहोश यूँ ही हो जाते क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की?
मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले,पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए..!!
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
तारीफ करने का तो सिर्फ एक बहाना है.असल में हमे तुम्हारे घर में आना है.
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी, मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
जब मैं शायरी लिखने बैठा तो बस तेरे चहरे पर ही अटक गया।
तेरी सूरत में चांद नज़र आया तेरी बातों में ईमान नज़र आया तू मेरे क़रीब आजा इस कदर क्युकी हर रात तेरा हुस्न नज़र आया।