Shayari For Beautiful Girl : कैसे करुं बयाँ मै खुबसुरती उसकी, मेने तो उसे बिना देखे ही प्यार किया है। तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ, तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।
जब भी तुझे सोचता हु तो तेरी कमी महसूस होने लगती है जब तेरी तस्वीर को बया करता हूं तो अल्फ़ाज़ों की कमी होने लगती है।
इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको, कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी !!
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा हैं तू, तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
वो पूछते है शायरी क्यू लिखते हो जैसे उन्होंने कभी शीशे को देखा ही नहीं।
बड़ी खूबसूरत नाज़ुक से हैं उनके ये होठ की क्या कहिये,मानो पंखुड़ी हो इक गुलाब सी।।
लङने दो ज़ुल्फों और हवाये को आपस में, तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो…?
मुझे दुनिया की ईदों से भला क्या वास्ता यारो,हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये।
मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर,फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।।
सुना है तारीफों के पुल के नीचे,मतलब की नदी बहती है |Suna hai tareefo ke pul ke niche,Matlab ki nadi behnti hai.
ज़ुलफें मत बांधा करो तुम, हवाएं नाराज़ रहती हैं
आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए।
तुम एक ख़ूबसूरत गुलाब जैसी हो रातों को जगाए उस खवाब जैसी हो तेरे होंटो पर ऱखकर प्यार का प्याला पी जाऊ तुम सर से पांव तक शराब जैसी हो।
अदा आफतें जफा आयी गरूर आया इताब आया,हजारों आफतें लेकर हसीनो का शबाब आया।।
उनकी खुबसुरती के बारे में मत पूछिए जनाब, माथे पर लगी वो छोटी सी बिंदी भी कमाल लगती है।
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
बेवफ़ा तेरा चेहराभूल जाने क़ाबिल नहीं तू इतनी खूसूरत है मग़रदिल लगाने क़ाबिल नहीं।
उन्हें हर कोई देख रहा था महफिल मे सरेआम…!उनकी एक नज़र हम पर क्या पड़ी हम तो मशहूर हो गए…
तुम आओगी तो फुलों की बरसात करेंगेमौसम के फरिश्तों से मेरी बात हुई है..
नज़रों की नज़ाकत के क्या कहने जनाब, उनका गुस्से से देखना भी शहद लगता है।
अब हम किसी और को नहीं चाह पाएंगे तुझे देखना औरदेखते रहना मेरीआदत बन गई है।
तुझको देखा फिर उसको ना देखा चांद कहता रहा..मैं चांद हूं, मैं चांद हूं
आपको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा चांद भी कहता रहा मैं चांद हु।
ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी,पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी,ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा,मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी..!!
सौ गजलें लिख डालूँतेरे एक दीदार परमुक्कमल हैं मेरी दुनियातेरी एक मुस्कान पर
रुख से पर्दा हटा तो, हुस्न बेनकाब हो गया,उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया।
हुस्न दिखा कर भला कब हुई है मोहब्बत,वो तो काजल लगा कर हमारी जान ले गयी।
उसके इश्क़ की खूबसूरती कैसे बयां करूं जनाब, जब मुस्कुरा के देखता है, तो लगता हैं हर दुआ कुबूल हो गई।
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
सुना है रब कि कायनात में,एक से बढ़कर एक चेहरे हैं…मगर मेरी आँखों के लिए सारे जहाँ में, सबसे खुबसुरत सिर्फ तुम हो…
तुझे सूरज कहु या फिर चांद तेरे चहरे में दोनों दिखाई देते है।
कभी तुझे गौर से देखने की कोशिश नहीं की सुना है अपनों की नज़र बड़ी जल्दी लग जाती है।
अभी इस तरफ़ न निगाह करमैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईनातुझे आईने में उतार लूँ।
कभी चांद को देखु, कभी देखु चेहरा तेरा.. दोनों ही बहुत खूबसूरत है, अब तारीफ़ करूँ तो किसकी।
कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की, पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।
देख के तेरी ये तस्वीर हो गए हम खामोश, चाँद ऊपर से चीला के बोला, थम जा वरना हो जायेगा बेहोश।
खूबसूरती अगर गोर रंग में होती, तो रात इतनी खूबसूरत नहीं होती।
आइने में क्या चीज़ अभी देख रहे थे,फिर कहते हो खुदा की कुदरत नहीं देखी।।
तेरी बाहो में सुबह तेरी ज़ुल्फो में रात करनी है तू इतनी खूबसूरत है मुझे ज़िन्दगी तेरे नाम करनी है।
होश-ए-हवास पे काबू तो कर लिया मैंने,उन्हें देख के फिर होश खो गए तो क्या होगा।
पता नहीं लोग होंठ से होंठ कैसे मिला लेते है यहाँ तो नज़रे मिल जाए तो होश नहीं रहता।
मजा तो हमने इंतजार में देखा है,चाहत का असर प्यार में देखा है,लोग ढूंढ़ते हैं जिसे मंदिर मस्जिद में,उस खुदा को मैने आपमें देखा है..!!
मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो…
तेरी ख़ूबसूरती के इस तरह कायल है जी करता है तुझे तस्वीर से बाहर निकाल लू।
बला है क़हर है आफ़त है फ़ित्ना है क़यामत हैहसीनों की जवानी को जवानी कौन कहता है।।
सूरत मे क्या रखा है जालिम, एक दिन सब ढल जाएगी, दिल की खूबसूरती देख, तेरी जिंदगी सवार जायगी।
कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की,पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।
सुकून की तलाश में !!तुम्हारी आँखों में झाँका था हमने !!किसे पता था कम्बखत !!दिल का दर्द और बढ़ जाएगा !!
खूबसूरती चांद की फीकी है उनके नूर के आगे, अब कुछ भी भाता नही हमें उनके सूरूर के आगे।
इन आँखो को जब-जब उनका दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है…
तेरी आँखों के खूबसूरती में डूब जाऊ मै.धीरे धीरे तेरी तारीफ करता चला जाऊ मै.
आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए, सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए !!
खूबसूरती तो सांवले चेहरे में ही होती है, गोरी तो तब भी तकलीफ देते थे और आज भी।
आईना तो बस एक पल के लिए तसल्ली दिलाता है, खूबसूरती का अंदाजा तो उस से आंखें मिलाकर ही आता है।
लङने दो ज़ुल्फों और हवाये को आपस में,तुम क्यों हाथ से उनमें सुलह कराने लगती हो..
तेरी तस्वीर सामने रख कर हम आँखें खोला करते है हर सुबह,अपनी क़िस्मत को किसी और के हवाले कैसे कर दूँ….
खुदा ने दोनों को नवाज़ा है तुम्हे ख़ूबसूरती से और मुझे इश्क़ से।
खूबसूरती तो समय के साथ खत्म हो जाती हैं, पर सच्चा प्यार ज़िन्दगी भर साथ रहता हैं।
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हेंतुम्हारी शख्सियत की खबर,कभी हमारी आँखो से आकर पूछोकितने लाजवाब हो तुम।
सुकून मिलता है जब उनसे बात होती है मज़ा आ जाता है जब उनसे मुलाक़ात होती है जब देखते है उनके ख़ूबसूरत चहरे को मेरे लिए वही पूरी क़ायनात होती है।
कोशिश है कोई गलत ना समझे,ख्वाहिश तारीफों कि हमें है भी नहीं |Koshish hai koi galt na samjhe,Khwahish tareefo ki hume hai bhi nahi.
लोग कहते है खूबसूरत चहरा नहीं दिल होना चाहिएमैंने कहा लोगो को फिर पहले चहरा नहीं दिल देखना चाहिए।
कुछ चीज़ दिल में बस जाती है जिसमे सबसे पहले आपका चेहरा है।
इस प्यार का अंदाज़ कुछ ऐसा है क्या बताए ये राज़ कैसा है लोग कहते है आप चांद जैसे हो मगर सच तो यह है की चांद आपके जैसा है।
अंगड़ाई लेके अपना मुझ पर जो खुमार डाला,काफ़िर की इस अदा ने बस मुझको मार डाला।।
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है, वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
ख़ुद न छुपा सके वो अपना चेहरा नक़ाब में,बेवज़ह हमारी आँखों पे इल्ज़ाम लग गया।।
बड़े मुश्किल से मिले है ए वक़्त इन्हें खोना नहीं चाहते,अब जो तुम्हारे हो चुके हूं में और किसी की होना नहीं चाहता..!!
सादगी भी कमाल है उनकी, बिना सँवरें चमकना जानती है।
मेरी मासूमियत मुझसे चुरा गया,कोई इस तरह मोहब्बत मुझसे निभा गया |Meri Masoomiyat Mujhse Chura Gaya,Koi Is Tarah Mohabbat Mujhse Nibha Gaya.
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।
तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की,ना जाने देखते-देखते कब तुम लत बन गये।
तुझको आईने की नहीं बल्कि आईने को तेरी ज़रुरत है।