Shayari For Beautiful Girl : कैसे करुं बयाँ मै खुबसुरती उसकी, मेने तो उसे बिना देखे ही प्यार किया है। तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ, तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।
इन आँखों को जब जब उनका !!दीदार हो जाता है !!दिन कोई भी हो लेकिन मेरे लिएत्यौहार हो जाता है !!
तेरी खूबसूरती पर ही नहीं !!तेरी इन बेहतरीन अदाओं पर भी ये दिल फिदा है !!माना आसमान में सितारे बहुत है !!मगर तू मेरा चांद सबसे जुदा है !!
तुम आईना क्यूं देखती हो?बेरोज़गास करोगी क्या मेरी आँखों को..
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँइस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम।
महक़ रहा है चमन की तरह वो आईनाकि जिस में तूने कभी अपना रूप देखा था
चांद सा तेरा मासूम चहरा तू हया की एक मूरत है तुझे देख के कलिया भी शर्माए तू इतनी खूबसूरत है।
परछाई आपकी हमारे दिल में हैं,यादेँ आपकी हमारी आँखों में हैं,कैसे भुलाए हम आपको,प्यार आपका हमारी साँसों में हैं..!!
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे, सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
दिल में मेरे देख लेना एक चांद आप जैसा नज़र आएगा एक चहरा है जिसे मोहब्बत है आपके आईने में उतर जाएगा।
आखों की गहराई में तेरी खो जाना चाहता हूँ,आज तुझे बाँहों में लेकर सो जाना चाहता हूँ,तोड़ कर हदे मैं आज सारी,तुझे अपना बना लेना चाहता हूँ..!!
उन्होनें कहा,,, तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं …मने भी कह दिया,,,तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं !!
आँखे खुलते ही तुझे सोचते है दिन की शुरुआत रोज़ कमाल की होती है।
चेहरे की सुंदरता से ही कुछ नही होता जनाब, दिलों की खूबसूरती कही जयदा मायने रखती है।
तेरी तारीफ में कुछ लब्ज कम पड़ गए शायद?वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम ना थे।।
खूबसूरत लगे तो हमने बता दिया,गुरुर आ गया तुम में नुकसान ये हुआ |Khoobasurat Lage To Hamne Bata Diya,Gurur Aa Gaya Tum Mein Nukasan Ye Hua.
हुस्न का क्या काम ✧ सच्ची मोहब्बत में ✧रंग सांवला भी हो तो ✧ यार कातिल लगता है ✧
कितना हसीन चेहरा है आपका दिल मेरा दिवाना है आपका लोग कहते है आपको चांद का टुकड़ा पर मेरे लिए चांद भी टुकड़ा है आपका।
मैं क्या लिखू आपकी तारीफ़ में आपके चहरे ने सब बया कर दिया।
कुछ फिजाएं रंगीन कुछ आप हसींतारीफ करूँ या चुप रहूं दोनों जुर्म संगीन
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल,अभी तो पलकें झुकाई हैं,दांतो तले होठों को दबा कर मुस्कुराना अभी बाकी है।।
एक बात जरूर याद रखना दोस्तों अगर आपके सामने हसीन चेहरा होतो मोहब्बत सोच समझ कर करना।
तारीफ करने का तो सिर्फ एक बहाना है. असल में हमे तुम्हारे घर में आना है.
पहनावे की खूबसूरती तो पहनावे तक ही रहती है, मुखड़े पे खुसी हो तो जिंदगी के हर पल में ख़ुशी रहती है।
बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ,आपको देखा और छुआ तो ख्वाहिशे पूरी हुयी।।
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,उनकी बातों का अजी क्या कहिये,अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
यकीनन चेहरे की खूबसूरती आंखों को सुकून देती है, लेकिन…. रूह को सुकून तो दिल की खूबसूरती ही देती है।
उसने होठों से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया, हमारी तो बात और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया।
कमियां तो बहुत है मुझ मेंपर कोई निकाल कर तो देखें
चेहरा उसका रूहानी है, लगता जैसे कोई कहानी है, ना बीते उन लफ्जो कि एक, प्यारी सी वो लड़की दीवानी हैं।
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
तेरे चहरे ने मेरी नींद उड़ा रखी है अब तो बस आपके ज़िस्म में रात बितानी है।
तेरे इश्क की जंग में, हम मुस्कुराके डट गए,तलवार से तो बच गए, तेरी मुस्कान से कट गए
उसको सज़ने संवरने की ज़रूरत ही नही ……उसपे सज़ती है हया भी किसी ज़ेवर की तरह !!
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
जब उनको बरसात में देखा तो ऐसा लगा की गुलाब पर पानी की बूंदे।
आज फिर निकले हैं, वो बेनकाब शहर मेआज फिर भीड़ होगी शहर में
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा, ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
ख्वाइश है बस तुम्हे पाने की और कोई हसरत नहीं इस दीवाने की शिक़वा तुम से नहीं खुदा से है क्या ज़रूरत थी तुम्हें इतना हसीन बनाने की।
तेरे चहरे की हया तेरी ख़ूबसूरती की पहचान हैतू मान या ना मान मेरे दिल पर तेरे ही निशान है।
देख कर तेरी आँखों को मदहोश मै हो जाता हूँ. तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पता हूँ.
मेरी किस्मत की लकीरों का तुम ताज बन जाओ…कल की बात छोड़ो तुम मेरे आज बन जाओ…
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊं,तेरी साँसों से मिलकर तेरी ख़ुशबू बन जाऊं,फ़ासले ना रहे हम दोनों के दरमियाँ कोई,मैं मैं ना रहूँ बस तुम बन जाऊं..!!
हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का,कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो?
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं, तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
हम पर यूँ बार बार इश्क का इल्जाम न लगाया कर, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो
न देखना कभी आईना भूल कर देखोतुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा।
मेरा हर लम्हा ज़िन्दगी का संवर जाये,अगर तेरे साथ ज़िन्दगी प्यार से गुज़र जाये।।
ये बात, ये तबस्सुम, ये नाज, ये निगाहें,आखिर तुम्हीं बताओ क्यों कर न तुमको चाहें।
तुम अपनी पायल की झंकार ना सुनाया करोहमारे दिल में.तुम्हारी यादों के घुँघरू बजने लगते हैं
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज का निकलना नहीं,तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होता है मेरा
“हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…”
लफ्ज़ क्या बयां करेंगे खूबसूरती उनकी, जिनके ज़िक्र से ही खूबसूरती बयां हो जाए।
इश्क़ के फूल खिलते है तेरे चहरे पर जहा तू देखे वहा खुशबू बिखर जाती है।
जंगली जड़ी बूटी सी मैं दोस्तोंकिसी को जहर, किसी को दवा सी लगती हूं
डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में,एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए..
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ लिखूँ,पानी भी जो देखे तुझे तो, प्यासा हो जाये।
तुम्हारी इस अदा का क्या जवाब दू?अपने दोस्त को क्या सौगात दू?कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मँगवाता,जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू?
ये रूठना अच्छा लगता है बार बार मुझे तुमसे,मनाने मे मुझ पे तेरा प्यार बरस जाता हैं।।
इन आँखों का जब जब दीदार हो जाता हैदिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
सब को मेरे बाद रखिये,आप मेरे है ये बात याद रखिये..!!
बात क्या करे उसकी खुबसूरती की, फुलो को भी उसे देखकर शर्माते देखा है मैने।
बिजलियों ने सीख ली उनके तबस्सुम की अदा,रंग ज़ुल्फ़ों की चुरा लाई घटा बरसात की।।
नहीं पसंद आता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा,तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है।।
तुम्हारी तारीफ किये बिना मै रुक नहीं पता. तुम्हारे हुस्न के चर्चे महफ़िल में करता जाता.
दिल ही दिल में तुम्हें प्यार करते हैं,चुप चाप मोहब्बत का इजहार करते हैं,ये जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं,पर पाने की कोशिश बार-बार करते है..!!
वही चहरा वही आँखे वही रंगत निकले जब भी कोई ख़्वाब तराशु तेरी ही मूरत निकले।
कुछ अपना अंदाज हैं !!कुछ मौसम रंगीन हैं !!तारीफ करूँ या चुप रहूँ !!जुर्म दोनो ही संगीन हैं !!
उनके क़तल करने की तरक़ीब तो देखो जब गुज़रे उनके क़रीब से तो नक़ाब हटा दिया।
रुके तो चाँद चले तो हवाओं जैसा है,वो शख्स धूप में भी छाव जैसा है।।
बड़ी आरजू थी महबूब को बेनकाब देखने कीदुपट्टा जो सरका तो कमबख्त जुल्फें दीवार बन गयी