Selfish Family Quotes In Hindi: ऐसे लोगो से सदा बचके रहिएगा जिनके दिलों में भी दिमाग होता हैं। जो प्यार केवल मतलब के लिए किया जाये,वो प्यार हमेशा दूसरो के दिलो को ठेस ही पहुंचाता हैं।
आज मतलबी लोगो में उस शक्श की भीगिनती हो गयी जिससे मुझेअपनी जान से भी ज्यादा प्यार था।
“वक्त सब दिखा देता हैआपनो का साथ भी और आपको की औकात भी।”
तेरे इस मतलबी इश्क़ नेमुझे आज इतना तो बता ही दिया हैंकी प्यार करके भी अपनेमतलब पूरे किये जा सकते हैं।
पर सीधे सब्दो में कह नहीं पाते क्योकि हमें रिश्तेदारी भी निभानी होती है, दोस्तों आपकी ऐसी ही समस्या का समाधान के लिए हम लाई है bad relatives quotes |
लड़ाई-झगड़े तो परिवार में होते है, पर एक-दूसरे का कभी हाथ नहीं छोड़ते है।
हम क्या किसी को बेगाना करेंगे,बस जिसका मन हमसे भर जाता हैंवही हमको छोड़ जाता हैं।
जिंदगी तो तभी बदल गयी थी, जब वो लोग बदल गए जिन्हे हम अपनी जिंदगी मानते थे
परिवार के बिना हर इंसान इस दुनियां में अकेला है।
दुख ये नहीं कि जो मिले वो पत्थर के लोग थेअफसोस तो इस बात का है कि उनमें से चंद मेरे घर के लोग थे
एक सच्चा मित्र आपके दिल मेंउतनी ख़ास जगह नहीं बना पाता हैंजितना की एक स्वार्थी मित्र बना लेता हैं।
रोटी कमाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना बड़ी बात है।।
आज इतना स्वार्थी हो चूका हैं,मानव की स्वयं के लाभ के लिए वह,अपनों को भी दर्द पहुंचाने से कतराता नहीं हैं।
ये दुनिया दिखावे के लिए बानी है, यहाँ रिश्ते कब बदल जाएं, पता ही नहीं चलता।।
समूह की जरूरतों से ऊपर अपने हितों को रखने के बजाय, परिवार के सदस्यों के लिए एक-दूसरे का ध्यान रखना और एक-दूसरे का समर्थन करना महत्वपूर्ण है।
ज़िन्दगी तो तभी बदल गयी थी,जब वो लोग बदल गए,जिन्हे हम अपनी ज़िन्दगी मानते थे।
मुझे जलाने की कोशिश में,खुद को जलाकर क्या होगा,मैं बैठा हूं बारिश में,मुझे भिगोकर क्या होगा।
मतलबी उन लोगो के लिए बनिएजो आपकी कदर नहीं करते,उनके लिए नहीं जो आपकीकदर भी करते हैं और प्रेम भी।
दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई,क्यो देगा मुफ्त का यहाँ कफ़न नही,मिलता तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
जीवन मे लाना है निखार,तो खुद से,करे प्यार selfish नही बनना है,पर self love जरूरी है।
जैसी तुम हो वैसी ही दुनिया है, मतलबी तुम हो मतलबी दुनिया है.
सफलता बहुत जरूरी है पर परिवार से बढ़ कर नहीं, ऐसी ऊंचाइयां किस काम की जहां कोई अपना ही साथ ना खड़ा हो।
हमारे अपनों को लगता हैकि हमें उनकी चलाकियाँ समझ में नहीं आतीलेकिन हम बस चुप चाप उनकोअपनी नजरो से गिरता देख रहे होते हैं।
जो व्यक्ति अपनी गलतियों को स्वीकारना नहीं जानता वह एक अच्छे रिश्ते की शुरुवात कैसे कर सकता हैं।
कोई नहीं किसी का यहाँ,सबका फायदे की लगी बीमारी हैं लालच,से चल रही ये दुनिया सब मतलब की,रिश्तेदारी हैं।
इस दुनिया में लोग आपकी उतनी ही बातें याद रखते हैं जितने में उसका स्वार्थ पूरा हो जाये।
जो प्यार केवल मतलब के लिए किया जायेवो प्यार हमेशा दूसरो के दिलो को ठेस ही पहुंचाता हैं
आज इतना स्वार्थी हो चूका हैं मानव की स्वयं के लाभ के लिए वह अपनों को भी दर्द पहुंचाने से कतराता नहीं हैं।
कई वर्ष के टूटे रिश्ते भी जुड़जाते है, अगर सामने वाले बैठे व्यक्ति को आपकी जरुरत है तो।।
मतलबी जमाना है, नफरतो का कहर हैये दुनिया दिखती शहद है, लेकीन पिलाती ज़हर है
अगर सोना भी हैतो आँख खुली रखनानहीं तो तुंम्हारे अपनेतुम्हे मरा हुआ घोषित कर देंगे !
सफेद कमीज में आज भी गजब लगते हो,क्या दिल भी अपना सफेद ही रखते हो।
इस स्वार्थी जमाने में लोगसिर्फ अपने लिए ही जीते हैंअपनों के लिए नहीं।
एक सच्चा मित्र आपके दिल में उतनी ख़ास जगह नहीं बना पाता हैं जितना की एक स्वार्थी मित्र बना लेता हैं।
अगर सच्चा मित्र ही स्वार्थी निकले तोजीवन में हताशा औरमायुशि अधिक छा जाती हैं।
ना जाने उस से कैसा रिश्ता है, दर्द कोई भी हो याद तेरी ही आती है.
घमंड था मुझको की सभी चाहने वाले मेरे जिगरी यार हैं,पर क्या पता था मुझको की इसकेपीछे छुपा केवल मतलब का राज़ हैं।
अपनों का प्यार तो बहुत दूर की बात है,अपनों का साथ मिल जाए उतना ही बहुत है !
जिंदगी हर किसी कीएक जैसी नहीं होती,जो किसी मतलब से कीजाये वो महोब्बत नहीं होती।
आज इतना स्वार्थी हो चूका हैं मानव की स्वयं के लाभ के लिएवह अपनों को भी दर्द पहुंचाने से कतराता नहीं हैं
सबसे प्यार और सबसे न्यारा परिवार सिर्फ परदे पर ही अच्छा दीखता है साहबअसल में तो अपनों के मुह से मतलब के नकाब कभी हटते ही नही है
बहुत सोचना पड़ता है मुँह खोलने से पहले क्योकि,दुनिया अब दिल से नही दिमाग से रिश्ते निभाती है..!!
हम बेशक दिखते अकेले हैं, लेकिन,अपने आप में ही एक कारवां साथ,लिए चलते हैं।
“लोग कहते है की परिवार साथहो तो दुनिया भर की खुशिया मिल जाती है,लेकिन अगर परिवार ही मतलबी हो तो जीवनकी हर खुशिया छीन जाती है।”
आज कल लोग बस दुश्मनी का रिश्ता ही सच्चाई से निभाते हैवरना मोहोब्बत तो बस अब दिखावे की रह गई है
मानता था मैं, दुनिया के लिए कीमती होगा प्यार, वहम था मेरा, मतलबी निकला यह सारा संसार.
धोकेबाज़ दोस्तों से तो भले दुश्मन ही अच्छे हैंकम से कम धोखा खाने परअफ़सोस तो नहीं होता।
जब इंसान की जरुरत बदल जाती है,तो उसका आप से बात करने का लहजा भी बदल जाता है।।
” यहा तो सिर्फ दिखावा होता है साहब अच्छेपन का, क्योकि मतलब के नकाब जो लगा रखे है यहा मेरे अपनों ने। “
इस मतलब की दुनिया में,अपने भी स्वार्थी होते है।।
रिश्ते भी अब व्यापर के समान ही हो गये हैं प्यार कम और मतलब ज्यादा होता हैं।
दिखावे के प्यार से अच्छा है,हम सभी से नफरत मिले कम से कमउसमे सच्चाई तो होगी!
मतलबी लोग और झूठे वादों से तो तन्हाई ही बेहतर हैं ।
तेरे इस मतलबी इश्क़ नेमुझे आज इतना तो बता ही दिया हैंकी प्यार करके भी अपने मतलब पूरे किये जा सकते हैं।
उड़ गयी है नींद रात की, अपनों ने बात की औकात की।।
स्वार्थी लोगो में एक खास बात जरूर होती हैंकी वह अपनों और प्रायो कोएक समान दृष्टि से ही देखते हैं।
जब स्वार्थी व्यक्ति नमस्कार करनेलगे तो सावधान हो जाना चाहिए।
जिंदगी हर किसी की एक जैसी नहीं होतीजो किसी मतलब से की जाये वो महोब्बत नहीं होती
जिंदगी तो तभी बदल गयी थी, जब वो लोग बदल गए जिन्हे हम अपनी जिंदगी मानते थे।
हर गुनाह यहां माफ़ हो रहा हैं,इस दुनिया का चेहरा बदल रहा हैं,मतलबी हैं यहां का हर शख्स,पैसों से यहां का काम चल रहा है।
मतलबी है ये जमाना यहाँ मतलब के है लोग,जब भी कहेंगे सच्ची बातें बुरा कहेंगे ये लोग।।
इस मतलब की दुनिया में अपने भी स्वार्थी होते है
सच्ची मित्रता का वादा करके जो व्यक्ति विश्वाश घात करता हैं उससे बड़ा कोई दुश्मन नहीं होता हैं।
मानता था मैं, दुनिया के,लिए कीमती होगा प्यार,वहम था मेरा, मतलबी,निकला यह सारा संसार।
लोगो की जुबा पर सिर्फतब तक ही तुम्हारा नाम रहेगा,जब तक उन्हें तुमसे कुछ काम रहेगा।
बाप का अभी पैसा है तो घमंड है इसलिये, खुद का पैसा कमा घमंड भी कुछ सीखा देगा.
दूर हो जाना चाहिए ऐसे दोस्तों से जिन्हेसिर्फ लोगो के जज़्बातोंके साथ खेलना आता हो।
मतलब की हैं ये दुनिया,मतलबी है रिश्तेदार सभी,और अपने भी भुल जाते हैं,जब मुश्किल मे रहा हो परिवार कोई।
“स्वार्थी लोगो से दूर रहोगे तो खुस रहोगे”
जिंदगी तो तभी बदल गयी थी, जब वो लोग बदल गए जिन्हे हम अपनी जिंदगी मानते थे।
“वक़्त सब [दिखा देता है”अपनों का साथ भी और अपनों की औकात भी !
गलती थी मेरी, चाहने वालों पर घमंड मेरा, पता चला है कि सबने चाहा मुझे सिर्फ अपनी जरूरत के लिए.
यहाँ सब मुँह के सामने अच्छे है साहब,वक्त आने पर रंग दिखा जाते है।।