Osho Quotes In Hindi : एक आदमी जो 100 प्रतिशत समझदार है तो वह मर चुका है। आप वही बन जाते हैं जो आप अपने बारे में सोचते रहते हैं।
प्रेम की कोई भाषा नहीं होती है, प्रेम का फूल मौन में खिलता है। प्रेम संगीत है, प्रेम अंतर्नाद है और प्रेम ही अनाहद नाद है।
“अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए, जीवन को मजे के रूप में लीजिये – क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।”
“जिंदगी अपने आप में ही बहोत सुन्दर है, इसीलिए जीवन के महत्त्व को पूछना ही सबसे बड़ी मुर्खता होंगी।”
“प्यार जब सहज, अचानक, बिना अभ्यास किया हुआ, असंस्कृत, और बिना सोचे होता है तभी वह सच्चा कहलाता है।”
वे कहते हैं कूदने से पहले 2 बार सोचो, मैं कहता हूं पहले कूदो फिर जितना चाहे उतना सोंचो।
खुद को वैसे स्वीकार करें जैसे आप हैं. और ये दुनिया का सबसे कठिन काम है, क्योंकि, ये आपकी ट्रेनिंग, एजुकेशन, और कल्चर के खिलाफ है.
जो भी किया जा सकता है, उसी वक़्त किया जा सकता है। जिसे आप कल पर छोड़ रहे हैं, जान लें, की वो आप करना नहीं चाहते हैं।
यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं हैं,हर कोई अपनी तक़दीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा हैं।-ओशो
मुद्दा ये नहीं कि मरने के बाद जीवन है या नहीं बल्कि मुद्दा ये है कि मरने के पहले क्या आप जिन्दा भी हो?– ओशो
इससे पहले कि तुम चीजों की इच्छा करो, थोड़ा सोच लो. हर संभावना है कि इच्छा पूरी हो जाए, और फिर तुम कष्ट भुगतो.
ज़ेन ध्यान का सबसे शुद्धतम रूप है। बस चुपचाप बैठो, कुछ भी मत करो। – ओशो
जहां कोई पसंद और नापसंद नहीं होता है, तभी आप चीजों को स्पष्ट देख सकते हैं। फिर आपके पास स्पष्टता होती है। आप चीजों को वैसे देखते है जैसे वह है। -ओशो
बुद्धि कभी भी एक सीमा में रहने से नहीं बढ़ती, बुद्धि तो प्रयोगों से बढ़ती है, बुद्धि हमेसा चुनौतियों को अपनाने से बढ़ती है।
जैसे अँधेरा रौशनी के अभाव में होता है वैसे ही अहंकार जागरूकता के अभाव में होता है।
आप जीवन में जो भी करना चाहते हैं कीजिये, ये मत सोचिये कि लोग क्या कहेंगे, क्यूंकि लोग तो तब भी कहते हैं जब आप कुछ नहीं करते हैं।
सांस खत्म हो और तमन्ना बाकी रहे वह मृत्यु है। सांस बाकी रहे और तमन्ना खत्म हो जाए वह है मोक्ष। – ओशो
अंधकार प्रकाश का अभाव है। अहंकार जागरूकता का अभाव है। – ओशो
“परिणाम पाने के लिए आसानी से आगे बढ़ते रहे, भगवान के आदेश से ही सारे काम संपन्न होते है।”
सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ हैं अगर वे तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सीखाते।
जो ‘जानता’ है वो जानता है कि बताने की कोई ज़रूरत नहीं. जानना काफ़ी है.
वे कहते हैं कूदने से पहले 2 बार सोचो, मैं कहता हूं पहले कूदो फिर जितना चाहे उतना सोंचो।
अस्तित्व चाहता है कि आप जीवित रहें और अस्तित्व जानता है कि वास्तव में जीवित रहने का एकमात्र तरीका हमेशा बनने की स्थिति में रहना है।
वास्तविक रहें और एक बड़ा चमत्कार करने का प्रयास करें।
उत्सव मेरा धर्म है, प्रेम संदेश है और मौन मेरा सत्य है।
खुद का सम्मान करो, खुद से प्यार करो, क्योंकि तुम्हारे जैसा कोई व्यक्ति कभी भी नहीं हुआ और फिर कभी नहीं होगा।।
“तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते हैं, जो कि आप नहीं हैं।” – रजनीश ‘ओशो’
“वह जो आपको दुखी बनाता है केवल वही पाप है। वह जो आपको खुद से दूर हो ले जाता है, केवल उसी से बचने की जरूरत है!”
प्यार एक पक्षी है, जिसे आजादी पसंद है और उसे बढ़ने के लिए पूरे आसमान की जरूरत होती है।
“अपने जीवन को संगीतपूर्ण बनाओ ताकि काव्य का जन्म हो सकें, और फिर सौंदर्य ही सौंदर्य है, सौंदर्य ही परमात्मा का स्वरूप है।”
“मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमता खुद पर हँसती है!”
सच्चा प्यार ख़ुशी बांटने जैसा ही है, ये बदले में कुछ नहीं मांगता और न ही किसी चीज की उम्मीद करता है।
सफाई देने में और स्पष्ट करने मेंअपना कीमती समय बर्बाद ना करें,लोग वहीं सुनते हैं, जों सुनना चाहते हैं।-ओशो
“जिस समय आपको आपके प्यार और आपके सच में से किसी एक को चुनना पड़ता है तब आपका सच ही आपके लिए निर्णायक साबित हो सकता है।”
जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है.
लोग दुख से बचने के लिए सुख से बचते हैं औरमृत्यु से बचने के लिए जिंदगी से बचते हैं।-ओशो
जहाँ डर समाप्त हो जाता है,वहाँ जीवन शुरू हो जाता है।-ओशो
कल्पना का सीधा सा मतलब है कि आप एक निश्चित चीज़ की कल्पना करते हैं लेकिन आप उसमें इतनी ऊर्जा डालते हैं कि वह लगभग वास्तविक हो जाती है। – ओशो
“यदि आप खुद अपनी कंपनी का आनंद नही लेते हो, तो कोई और उस से आनंदित कैसे हो सकता है?
सच्ची प्रार्थना सिर्फ धन्यवाद देना है, बस एक साधारण सा धन्यवाद पर्याप्त है।
मनुष्य अपनों और दूसरों के लिए कांटा बन सकता है और वह चाहे तो दूसरों और अपनों के लिए फूल भी बन सकता है।
तुम्हे किसी का हो! चीजें किसी की होती हैं।
“कोई विचार नहीं, कोई बात नहीं, कोई विकल्प नहीं। शांत रहो, अपने आप से जुड़ो।” – रजनीश ‘ओशो’
सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ हैं, अगर वो तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सिखाते।”
“आपके अलावा कोई कोई आपकी परिस्थिती के लिए जिम्मेदार नही है। कोई आपको गुस्सा नही दिला सकता और कोई आपको खुश भी नही कर सकता।”
लोग प्यार को अंधा कहते हैं, क्योंकि वह जानते ही नहीं कि प्यार क्या है। मेरी नजर में प्यार की ही आंखें हैं, बाकि सब अंधे हैं।
प्रशिक्षण की आवश्यकता है, लेकिन प्रशिक्षण लक्ष्य नहीं है। प्रशिक्षण सिर्फ एक साधन है। – ओशो
शामिल करो और बढ़ो. शामिल करो और विस्तार करो.
“जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है , आपकी क्षमताएं अनंत हैं।”
जब मैं कहता हूं कि आप लोग देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं हैं और आपकी क्षमताएं भी अनंत हैं।
“परिणाम पाने के लिए आसानी से आगे बढ़ते रहे, भगवान के आदेश से ही सारे काम संपन्न होते है।” – रजनीश ‘ओशो’
जिंदगी ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
भीड़ उनको ही पसंद करती है, जो उनके जैसे हैं किसी अनूठे को नहीं।
जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता. और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है - मनुष्य अधिकार चाहता है.
आपकी हंसी ही आपको अमीर बनाती है और वह हंसी आनंद देने वाली होनी चाहिए।
खुद का सम्मान करो, खुद से प्यार करो, क्योंकि तुम्हारे जैसा कोई व्यक्ति कभी भी नहीं हुआ और फिर कभी नहीं होगा।।
मैं किसी से बेहतर करूं क्या फर्क पड़ता है, मैं किसी का बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है।
जब मैं कहता हूँ कि आपलोग देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं.”–ओशो
कल कभी नहीं आता, हमेशा आज ही रहता है।
भीड़ भ्रम पैदा करती है। – ओशो
“एक महिला विश्व की सबसे सुन्दर कृति है, उसकी किसी से भी तुलना ना करे। भगवान द्वारा की गयी यह एक उत्कृष्ट कृति है।”
कैद के अलावा कुछ भी दुःख नहीं है.
गलतियों से कभी मत डरो, जितनी चाहे उतनी गलतियां करो. बशर्ते एक ही गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए, देखना जल्द ही आप तरक्की की राह पर होंगे।
परिणाम पाने के लिए आसानी से आगे बढ़ते रहो, भगवान के आदेश से ही सभी कार्य पूरे होते हैं।
जितना अकेला ईश्वर है, उतना अकेला तो कोई भी नहीं।– ओशो
किसी चीज़ की इच्छा करने से पहले सोचें। इस बात की पूरी संभावना है कि वह पूरी हो जाएगी और फिर आपको दुःख होगा। – ओशो
“कोई चुनाव मत करिए, जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में हैं।
“यंहा कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं हैं, हर कोई अपनी तक़दीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा हैं।
जहाँ भय समाप्त हो जाता है वहाँ जीवन शुरू होता है। – ओशो
यदि आपको बहुत बार गुस्सा आता है तो आपको गुस्से पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जिससे गुस्सा गायब हो जाए और उसकी ऊर्जा करुणा बन जाए।
प्रसन्नता सद्भाव की छाया है; वो सद्भाव का अनुशरण करती है. प्रसन्न रहने का और कोई तरीका नहीं है.”–ओशो
दुख इस बात का संकेत है कि आप संघर्ष में हैं।
अनुशासन क्या है? अनुशासन का मतलब आपके भीतर एक व्यवस्था निर्मित करना है. तुम तो एक अव्यवस्था, एक केऑस हो.