Muharram Shayari In Hindi : सिर गैर के आगे न झुकाने वाला और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला, इस्लाम से क्या पूछते हो कौन है हुसैन,हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला। सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला, तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है।
कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है, उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है, यूं तो लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन, हुसैन ने वो सजदा किया, जिस पर खुदा को नाज़ है.
फलक पर शोक का बादल अजीब सा छाया है, जैसे कि मुहर्रम का महीना नज़दीक आया है.
ख़ुदा की जिस पर रहमत हो वो हुसैन हैं, जो इंसाफ और सत्य के लिए लड़ जाए वो हुसैन हैं।
मुहर्रम पर याद करो वो कुर्बानी, जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी, ना डिगा वो हौसलों से अपने, काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी.
अपनी तकदीर जगाते हैं तेरे मातम से, खून की राह बिछाते हैं तेरे मातम से, अपन इजहारे-ए-अकीदत का सिलसिला ये है, हम नया साल मनाते हैं तेरे मातम से.
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने, ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने,
खुशियों का सफर तो गम से शुरू होता है, हमारा तो नया साल मुहर्रम से शुरू होता है.
लहू जो बह गया कर्बला में, उनके मकसद को समझो तो कोई बात बने.
मेरी दुआ है कि यह नववर्ष आपके जीवन में बहुत सारी खुशियां, स्वास्थ्य और समृद्धि लाए. नया साल 2023 मुबारक आपको.
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आंखें छलक पड़ी, पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से.