509+ Maut Quotes In Hindi | दर्द से भरी हुई मौत शायरी

Maut Quotes In Hindi , दर्द से भरी हुई मौत शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 7, 2023 Post Updated at: April 3, 2024

Maut Quotes In Hindi : एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे, जितना जी चाहे सता लो मुझे, एक दिन रोते हुए सबको छोड़ जायेंगे ! “छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने ये कह कर, हो जाओ जब जिन्दा तो खबर कर देना !

जैसे दिन अच्छा गुजरने पर रात को अच्छी नींद आती है वैसे ही अच्छी ज़िन्दगी जीने पर मौत भी सुखद आती हैं।

अंत में सबकी मरना ही है, चाहे आप कितने भी बलवान क्यों न हो. इसलिए आपको ये सोचना किए कि आपने जीते जी क्या हासिल किया।

मैं ज़िन्दगी की बेड़ियों में जकड़ता जा रहा हु ! ऐ मौत तू मुझे लेने आएगी ना !!

जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले, इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो !

अब तक हम मुन्तजिर हैं जिनके ऐ खुदा !!उनको हमारा ख्याल तक न आया !!उनके इश्क में हमारी जान तक चली गयी !!और उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया !!

एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है !!ये जो मेरी मौत पर रो रहे है !!अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे !!

वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले फिर किसी का होने नहीं देती।

इतनी धूप है फिर भी भीग गया मैं मौत के इंतज़ार में जीना सीख गया मैं.|

मृत्यु और कुछ नहीं बस भगवान के घर जाने का रास्ता है।

ज़िंदगी इक सवाल है जिसका जवाब मौत है, मौत भी इक सवाल है जिसका जवाब कुछ नहीं !

ज़िन्दगी जीने के लिए वक़्त निकालना पड़ता है मौत अपने लिए बेवक़्त भी वक़्त निकाल लेती है।

ज़िंदा लाशो की भीड़ है चारो तरफ, मौत से भी बड़ा हादसा है ज़िन्दगी।

मिटटी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, कुछ पल की मोहलत और दे दे ए खुदा, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई….।।

कमाल है न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है, चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा हैं !

मौत पर भी यकीन है उस पर भी ऐतबार है देखते है पहले कौन आता है दोनों का इंतज़ार है.|

हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से, उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है ।

ना मिलने कि खुशी, ना खोने का गम, ज़िन्दगी ने हमें यूं संवारा, अब मौत से डरते नहीं हम।

“वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ की मर के दिखाना पड़ा मुझे!😭

वो मौत की परछाई थी, जो जिंदगी बन कर आई थी।

ऐ मौत…! क्या सुनाऊं अपने सब्र की कहानी, तू उम्र भर रही, मेरी कब्र की रवानी।

मैं बिना किसी निशान के मरना नहीं चाहता।

जन्म लेते ही व्यक्ति की मृत्यु होने लगती है !!

सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता !

यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी जिंदगी !!हादसा यह भी कम नही की !!हमें मौत न मिली !!

अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो मौत न समझना, कई बार ऐसा हुआ है उसे याद करते-करते !

दूर से हमें आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते है|

ना जाने आखिर इतना दर्द क्योँ देती हैँ ये मोहब्बत, हँसता हुआ इँसान भी दुआओ मेँ मौत माँगता है।

कैसे आ सकती है ऐसी दिल-नशीं दुनिया को मौत कौन कहता है कि ये सब कुछ फ़ना हो जाएगा….।। “अहमद मुश्ताक़”

उन दो पंक्तियों में मैंने अपनी पूरी कहानी लिख दी, मौत बड़ी पास से गुजरी, जिन्द़गी ने होंठों पर झूठी मुस्कुराहट रख दी।

लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग, ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये..!!

एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे !!सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे !!जितना जी चाहे सता लो तुम मुझे !!एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे !!

“सफलता तक पहुंचने के लिए असफलता के Road से गुजरनी पड़ेगी

मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ऐ खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।

ना मिलने कि खुशी, ना खोने का गम, ज़िन्दगी ने हमें यूं संवारा, अब मौत से डरते नहीं हम।

चले आओ मुसाफिर आख़िरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।

कमाल है..न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है !!चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा हैं !!

मृत्यु साथ-साथ चलती तथा उठती-बैठती है और लम्बी डगर पर भी साथ-साथ चलकर लौट आती हैं. – बाल्मीकि

ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं, मौत भी हो जाती है और कातिल भी पकड़ा नहीं जाता !

सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है !!अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता !!

खुद को तेरे ख़्वाबों में इतना टटोला जिन्दगी भर, कि अब मेरी मौत भी मुझमें कहीं लापता हो गई।

मिली है बेवफ़ाई जब से, ना मैने दिल फिर लगाये, तुम्हारी दोस्ती से बेहतर, मुझे मौत ही आ जाये।

थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते, अब कही मेरी मौत न लोगो का सवाल बन जाऐ।

उसको छूना जुर्म है तो मेरी सजा-ए-मौत का इंतजाम करो !!मेरे दिल की जिद है की आज उसे सीने से लगाना है !!

हर इंसान का अंत एक जैसा ही होता है. फर्क सिर्फ होता है कि कैसे वो जिंदगी जिआ और कैसे मरा।

एक ना एक दिन सभी ने मरना है. हमारा लक्ष्य हमेशा जिन्दा रहना नहीं बल्कि बेहतर जीना होना चाहिए।

साँसों के सिलसिले को न दो जिंदगी का नाम, जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग !

कोई नहीं आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा, बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता !

जहर पीने से कहाँ मौत आती है, मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए !

तुम्हें छोड़ने का मेरा इरादा ना था, ये जालिम मौत आई जिस पर मेरा कोई जोर ना था।

मेरी हर खता पे नाराज न होना !!अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना !!सुकून मिलता है देख कर आपकी हंसी को !!मुझे मौत भी आ जाये तो भी न रोना !!

आई होगी किसी को हिज्र में मौत !!मुझ को तो नींद भी नहीं आती !!अकबर इलाहाबादी !!

वो साथ थे तो मौत का खौफ था मुझे, अब मैं तन्हा हुँ तो मौत क्यों नहीं आती मुझे !

कुछ लोग मौत से इतना डरते हैं की जीना ही भूल जाते हैं।

इंसान अमर नहीं है उसका मरना निश्चित है।

चंद सांसे है ,जो उड़ा ले जाएगी !!इससे ज्यादा मौत मेरा ,क्या ले जाएगी !!

मृत्यु का दूत अंधा और बहरा है। यदि उसके नेत्र और कान होते तो जगत में बहुत से विनाश के हृदयवेधक दृश्य न दिख पड़ते। –सुदर्शन

ज़िंदगी इक सवाल है जिस का जवाब मौत है मौत भी इक सवाल है जिस का जवाब कुछ नहीं।

हर एक पल इस कदर जिया करो ज़िन्दगी को, की मौत भी आ जाये तो शिकवा न हो ज़िन्दगी को !

मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों।

तेरी याद आने से पहले मुझे मौत क्यों नहीं आती दिल धड़कता है जोरों से मगर ये जान क्यों नहीं जाती।

उसको छूना जुर्म है तो​ मेरी सजा-ए-मौत का इंतजाम करो, मेरे दिल की जिद है की आज उसे सीने से लगाना हैं !

सबसे बड़ा नुकसान वह है, जो हमारे अंदर रहते हुए मर जाता है..!!

न मौत आती है न कोई दवा लगती है, न जाने उसने इश्क में कौन सा जहर मिलाया था….।।

हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी, भला हो मौत का जिस ने बना रक्खा है अफ़्साना..!!

चूम कर कफन में लपटे मेरे चेहरे को ! उसने तड़प के कहा ! नए कपड़े क्या पहन लिए ! तो हमें देखते भी नहीं !

तेरी यादें नासूर बनती जा रही है, मौत के सिवा कोई और इलाज ही नहीं।

जब तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम, दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम, मेरी यादों से लिपट कर रोने आओगे तुम, जब जमीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम….।।

चलता रहा जिंदगी भर जिंदगी के साथ साथ, थमा गयी वो मुझे मौत के हाथ।

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी, पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी

तुम्हें छोड़ने का मेरा इरादा ना था, ये जालिम मौत आई जिस पर मेरा कोई जोर ना था।

हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे, लकीरें देख कर बोला तू मौत से नहीं, किसी की याद में मरेगा !

कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं !!ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका !!फ़िराक़ गोरखपुरी !!

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