Mahatma Gandhi Quotes In Hindi : ~ आदमी की पहचान उसके पहनावे और कपड़ो से नहीं की जाती बल्कि उसकी पहचान तो उसके गुण और चरित्र से होती है। – महात्मा गांधी ~ किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं। – महात्मा गांधी
खुद वो बदलाव बनिए, जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं। – महात्मा गाँधी
~ ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है। – महात्मा गांधी
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है।
अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है.
~ मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। – महात्मा गांधी
~ गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में। – महात्मा गांधी
सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो। – महात्मा गाँधी
~ मित्रों का, पत्नी का और सभी का त्याग कर दो किंतु जिसके लिए तुम जिए हो और जिसके लिए तुम्हें मरना है, उसके प्रति सच्चे बने रहो। – महात्मा गांधी
विश्व के सभी धर्म, भले ही एक-दूसरे से भिन्न हो, लेकिन सभीधर्म यह है कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है। – महात्मा गाँधी
हर कोई जो इच्छा रखता है अपने अंदर की आवाज को सुन सकता है। यह प्रत्येक व्यक्ति में है।
कुछ करने में , या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं.
जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेगी,उस दिन से हम कह सकते हैं कि भारत ने स्वतंत्रता हासिल कर ली हैं। – महात्मा गाँधी
थोड़ा सा अभ्यास बहुत सारे उद्देश्यों से बेहतर है।
“दुनिया में ऐसे कई लोग है जो इतने भूखे है की भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।”
जीवन ऐसे जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, सीखो ऐसे की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
“ऐसे जियो की तुम क़ल मरनेवाले हो, और ऐसे सिखों की हमेशा के लिए जीने वाले हो।
मेरी इजाज़त के बिना मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता.
~ ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल वीर्य-रक्षा ही नहीं है, बल्कि उसके लिए सभी इन्द्रियों का संयम आवश्यक हैं। – महात्मा गांधी
हालांकि हम उसे हज़ारों नामों से जानते हैं, वो हम सब के लिए एक समान है.
व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है वो बन जाता है.
~ स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना। – महात्मा गांधी
प्रसन्नता तब है जब आप जो सोचते हो, आप जो कहते हो, और जो करते हो – ये सभी एक दूसरे के साथ तारतम्य में हो।
किसी देश की महानता उस देश द्वारा उसके जानवरों से किये जाने वाले व्यवहार से परखी जा सकती हैं.
महात्मा गांधी सैद्धान्तवादी महापुरुष थे, जो कि पहले कोई भी फॉर्मुला पहले खुद पर अपनाते थे, उसके बाद अपनी गलतियों से सीख लेने की कोशिश करते थे।
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है,सत्य मेरा भगवान है औरअहिंसा उसे पाने का साधन। – महात्मा गाँधी
अगर मेरे अंदर हास्यवृत्ति (सेंस ऑफ ह्यूमर) ना होता तो मैं बहुत पहले ही खुदकुशी कर चुका होता।
किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है। – महात्मा गाँधी
“अहिंसा ये कभी न बदलने वाला धर्म है।”
कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है, क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.
कमजोर कभी माफ नहीं कर सकता। मजबूत लोगों का यह धर्म है कि वे दूसरों को माफ करें।
असहनीयता अपने आप में एक तरह से हिंसा का रूप है और सच्चे लोकतांत्रिक मनोभाव के विकास के लिए बाधा है।
खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.
~ चाहे धन, मान, कुटुम्ब और प्राणों तक का त्याग करना पड़े, पर धर्म को कदापि न छोडा जाए। – महात्मा गांधी
~ गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है। – महात्मा गांधी
“जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता. दुःख के बिना सुख नहीं होता।”
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है। – महात्मा गाँधी
“ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।” – महात्मा गाँधी
सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं,बस उनके दृष्टिकोण अलग-अलग हैं। – महात्मा गाँधी
“तुम जो भी करोंगे वो नगण्य ही होगा, लेकिन यह जरुरी हैं की तुम वो करो…
एक अच्छा इंसान हर सजीव का मित्र होता है।
डर शरीर का रोग नहीं है, यह आत्मा को मारता है।
लंबे-लंबे भाषणों से कई अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा। – महात्मा गाँधी
कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते,क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता हैं। – महात्मा गाँधी
“जब गलती करने का स्वातंत्र न हो, तब उस स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं।
एकमात्र तानशाह जिसे मैं स्वीकार करता हूँ वो है मेरे अन्दर की ‘स्थिर छोटी सी आवाज़.
केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है,जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है। – महात्मा गाँधी
उन्होंने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए न सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए बल्कि अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक समुद्र है। यदि इस समुद्र में कुछ बूंदे गंदी हैं तो समुद्र गंदा नहीं बन जाता है।
एक सभ्य घर के बराबर कोई विद्यालय नहीं है और एक भले अभिभावक जैसा कोई शिक्षक नहीं है.
जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है. वह सबके भीतर है.
स्वास्थ्य ही हमारा सबसे अच्छा धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं।
अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे।
मेरा जीवन मेरा सन्देश है.
अपने ज्ञान पर ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है. यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है.
~ आप मानवता में विश्वास मत खोइए, मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता। – महात्मा गांधी
~ विश्वास कोई ढूढने और बटोरने की चीज नहीं है यह तो विकसित करने की क्रिया है। – महात्मा गांधी
मेरा धर्म, सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन – महात्मा गाँधी
हमारा कर्म, प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है। – महात्मा गाँधी
वास्तविक सौन्दर्य तो ह्रदय की पवित्रता में है। – महात्मा गाँधी
उन्होंने सिर्फ एक अच्छे राजनेता और महान देशभक्त के रुप में ही अपनी छवि नहीं बनाई बल्कि एक अच्छे समाजसेवी के रुप में भी सामने उभर कर आए।
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। – महात्मा गाँधी
~ क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। – महात्मा गांधी
काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है। – महात्मा गाँधी
भूल करना पाप हैपर उसे छुपाना उससे भी बड़ा पाप है। – महात्मा गाँधी
कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।
“आप मुझे जंजीरों में जकड सकते है, यातना दे सकते है, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते है लेकिन आप कभी मेरे विचारो को कैद नहीं कर सकते।”
“आप मानवता में विश्वास मत खोइए. मानवता सागर की तरह है, अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।” – महात्मा गाँधी
मनुष्य विचारों का उत्पाद है। वह जो भी सोचता है वही बन जाता है।
आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों, तभी आपको खुशी मिलेगी । – महात्मा गाँधी
इस तरह जियो कि तुम कल मर जाओगे, सीखो इस तरह कि तुम हमेशा जिओगे।