Mahakal Quotes In Hindi : महाकाल तुम से छुप जाए मेरी तकलीफऐसी कोई बात नहीं.तेरी भक्ति से ही पहचान है मेरी वरनामेरी कोई औकात नहीं. एक ही शौक रखते है पर बेमिसाल रखते हैहालात कैसे भी हो फिर भी जुबां पर हमेशामहाकाल का नाम रखते है.
सारी सृष्टि झुकती है जिसकी शरण में,मैं नतमस्तक हूं उस महाकाल के चरण में।
“चाहता नही जमाने में किसी के दिल का ख़ास बनूँ,बस तमन्ना यही हैं की महादेव के दर का दास बनूँ॥ – हर हर महादेव”
मत कर इतना गरूर अपने आप पर,पता नहीं महाकाल ने तेरे जैसेकितने बना कर मिटा दिए !
ना पूछो मुझसे मेरी पहचान, मैं तो भस्मधारी हूँ,भस्म से होता जिनका श्रृंगारमैं उस महाकाल का पुजारी हूँ
जिसके नाथ हो स्वयं भोलेनाथ, वो कैसे हुआ अनाथ.
काल का भी उस पर क्या आघात हो जिस बंदे पर महाकाल का हाथ हो।
अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का
राम उसका रावण भी उसका, जीवन उसका मरण भी उसका,ताण्डव हैं और ध्यान भी वो हैं, अज्ञानी का ज्ञान भी वो हैं।
वो अकेले ही पुरी दुनिया के मुर्दों के भस्म से नहाते है ।ऐसे ही नहीं वो कालों के काल “महाकाल” कहलाते है…जय हो महाकाल की…
अनजान हूँ पर धीरे धीरे सीख जाऊंगा,पर किसी के आगे झुक करअपनी पहचान नहीं बनाऊंगा.हर हर महादेव!
वक्त गूंगा नहीं बस मौन है,वक्त आने पर बता देता है किसका कौन है!!जय शिव शंकर
समस्या बड़ी है परअपने साथ महादेव खड़े हैं.
जब फितरत में नशा महादेव का हो,तो रूतबे में गुरूर होना लाजमी है।
हे महाकाल, आपसे छुपी रहे मेरी परेशानी ऐसी कोई बात नहीं,तेरी भक्ति से ही मेरी पहचान है, वरना मेरी कोई औकात नहीं।
“भोलेनाथ हों जिसके साथ,कौन कहेगा उसे अनाथ॥ – हर हर भोले”
खौफ फैला देना नाम का, कोई पुछे तो कह देना भक्त लौट आया है महाकाल का.
ना किसी अभाव मे जीते हैना किसी के प्रभाव मे जीते है,महाकाल के भक्त है हम,सिर्फ अपने स्वभाव मे जीते है.
अब कहाँ खबर है हम को इस दुनियादारी कीतस्वीर जो बस गई काया में महाकाल भस्मधारी की !!जय श्री महाकाल
कभी तो मिलेगें महादेव हम प्रयास निरन्तर जारी हैं, हल्के में मत लेना भोलेनाथ आपके भक्तों की आशिकी भी बडी न्यारी हैं। 🚩जय महाकाल🚩
जटाधारी त्रिपुरारी, गंगाधर शंकर,भोलेनाथ नाम से पुकारो,उन्हें अपने हृदय में बसाओ औरउनकी आराधना से,अपनी जिंदगी को समृद्ध करो.
कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई।
झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे,वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे।
किसी से रखा नहीं अब मैंने कोई वास्ता,महाकाल ही मेरी मंजिल और महाकाल ही मेरा रास्ता.
“बाबा की तारीफ करू कैसे,मेरे शब्दों में इतना जोर नहीं,सारी दुनिया में जाकर देख लेना,मेरे महादेव जैसा कोई और नहीं॥ – ॐ नमः शिवाय”
कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई
“हे महादेव सबसे बड़ा तेरा दरबार है,तू ही हम सबका पालनहार है,सज़ा दे या माफी दे महाकाल,तू ही हमारी सरकार है॥ – हर हर भोले”
डर नहीं मुझे किसी भी काल का,लाडला जो ठहरा मै, महाकाल का।
माया को चाहने वाला बिखर जाता हैं, और महाकाल को चाहने वाला निखर जाता हैं।
“तेरी रजा समाझ पाऊँ ये हुनर मुझमे नहीं मेरे भोलेनाथ,जिंदगी को आजमाने के बाद,बस इतना जाना है,तूने जो किया मेरे भले के लिए किया॥ – ॐ नमः शिवाय”
अब क्या मांगू तुझसे हे भोलेनाथ, जो तूने दिया वो भी बहुतों के नसीब में नही था !
मेरे महाकाल, तुम्हारे बिना मैं शून्य हूं,तुम साथ हो महाकाल, तो मैं अनंत हूं।
आँधी तूफान से वो डरते है, जिनके मन में प्राण बसते है । वो मौत देखकर भी हँसते है, जिनके मन में महाकाल बसते है ।
हम हाथ मिलाना भी जानते हैं और हाथ उखाड़ना भी,हम राम जी को भी पूजते हैं और महाकाल को भी।
जब कोई पूछे मेरे बारे में, तो मेरी ये पहँचान लिख देना, मेरे कफ़न के किसी कोने में हर हर महादेव लिख देना। 🚩जय महाकाल🚩
“जीवन ऐसे जियो के अपने महादेव को पसंद आ जाओ क्योंकि,दुनियाँ वालो की पसंद तो क्षणभर मे बदल जाती है॥ – हर हर भोले”
महाकाल का भक्त हु भैयाज्यादा इज्जत देने की आदत नही है.
कुछ रिश्ते भी कितने अजीब होते है क़रीब होने के बाद भी मीलों दूर होते है!
वो तैरते-तैरते डूब गए जिन्हे खुद पर गुमान था, और वो डूबते-डूबते भी तैर गए जिन पर महाकाल मेहरबान था!! #जय महाकाल
मुझे मेरी हाथों की लकीरों पर नहीं, बल्कि हाथ की लकीरों को बनाने वाले महादेव पर भरोसा है।
राम उसका रावण भी उसका,जीवन उसका मरण भी उसका,ताण्डव है और ध्यान भी वो है,अज्ञानी का ज्ञान भी वो है.
मै भी पागल, तु भी पागल, पागल ये संसार,दौलत,शोहरत झुठी सारी, सच्चा सिर्फ महाकाल दरबार.
उम्मीद का दरिया हो सब्र का बांध होहर मंजिल मिल ही जाएगी अगर शिव का साथ हो
जिंदगी का सफर जब हम खत्म कर जायेंगे,तो हमें यमराज नहीं, महादेव लेने आयेंगे।
कुत्तो की बढी तादाद से”शेर” मरा नही करते,और महाकाल” के दिवानेकिसी के बाप से ड़रा नही करते.
हम भोलेनाथ नाम की शमा के छोटे से परवाने है, कहने वाले कुछ भी कहे हम तो भोलेबाबा के दिवाने है।
“भूतकाल को अभी भूल मत,वर्तमान अभी बाकी हैये तो महाकाल की एक लहर है,अभी तो तूफ़ान आना बाकी है॥ – हर हर भोले”
कृपा जिनकी मेरे ऊपर, तेवर भी उन्हीं का वरदान है, शान से जीना सिखाया जिसने, महाकाल उनका नाम है.
ना गिनकर देता हैं,ना तोलकर देता हैं,जब भी मेरा महाकाल देता हैं,दिल खोल कर देता हैं.
कण कण में भोलेनाथ आपका ही वास हैं,हर भक्त के लिए आप और हर भक्त आपके लिए खास हैं.
ना मैं उच नीच में रहूँ ना हीजात पात में रहूँ,महाकाल आप मेरे दिल में रहे,और मैं औक़ात में रहूँ.
अघोर हूँ मैं, अघोरी मेरा नाम,महाकाल हैं आराध्य मेरे,और श्मशान मेरा धाम.
“जो करता है बाबा से प्यार नही चलता,किसी दुश्मन का वार, बाबा जिससे करते है,प्यार उसका तो हो ही जाता है उद्धार॥ – ॐ नमः शिवाय”
मुसीबतों का हो चाहे लाख पहाड़ दूर हो जाये दुःख हजार सच्चे दिल से जो लगाए बाबा की जयकार। 🚩जय महाकाल🚩
तेरी माया तूं ही जाने,हम तो बस तेरे दीवाने।
अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का।
हम तो दिवाने हैं उस कपाली महाकाल के, जो अघोरियों के दिलो पर भी राज करते हैं।
हम हाथ मिलाना भी जानते हैंऔर हाथ उखाड़ना भी.हम राम जी को भी पूजते हैंऔर महाकाल को भी.
मैं और मैरा भोलेनाथ दोनों बहुत भुलक्कड़ हैं,वो मेरी गलतियां भूल जाते हैं और मैं उनके क्रोध को भूल जाता हूं।
सारा ब्रह्माण्ड झुकता हैं जिसके शरण में, मेरा प्रणाम हैं उन महाकाल के चरण में।
गांजे मे गंगा बसी, चीलम में चार धाम, कंकर मे शंकर बसे, और जग में महाकाल।।
हिन्दूगिरी के बादशाह हैं, हम तलवार हमारी रानी हैंदादागिरी तो करते ही हैं, बाकी महाकाल की मेहरबानी हैं.
तांडव उसका,,, जैसे स्वर्ग का नजारा हो,रज भी सोना बन जाए, जब महाकाल तेरा सहारा हो।
दिखावे की मोहब्बत से दूर रहता हूँ मैं इसलिए महाकाल के नशे मे चूर रहता हू मैं
“रात हो गयी अब सब का सोना,हे महादेव ! मुझे तो रोज की तरह,आज भी तुझ में ही खोना॥ – हर हर भोले”
हे मेरे महाकाल आप भी अजीब से बैंक के मालिक हैं,मेरे जैसे खोटे सिक्के को भी बड़ी हिफाजत से रखते हैं.
आया हूं महाकाल मैं तेरे द्वार पर शीश झुकाने,सौ जन्म भी कम हैं बाबा तेरे अहसान चुकाने के लिए।
मिलती है, तेरी भक्ति महाकाल बड़े जतन के बाद,पा ही लूंगा तुझे मैं श्मशान में जलने के बाद।
हम मृत्यु की गोद में सोये हैं,धुंए में खोये जा रहे हैं,महाकाल की भक्ति सर्वोपरि है,शिव-शिव जपते जाग रहे हैं, सो रहे हैं।
“ज्वाला जलती है डमरू सुबह सुबह बजते हैं,बडे अद्भुत श्रृंगार से ‘महाकाल’ सजते हैं॥ – ॐ नमः शिवाय”
घनघोर अँधेरा ओढ़ के मैं जन जीवन से दूर हूँ,श्मशान में हूँ नाचता मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ.
झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे, वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे।
“अपने जिस्म को इतना ना सँवारों,इसको तो मिट्टी में मिल जाना है,संवारना है तो अपनी रूह को सँवारों,उस रूह को महादेव के पास जाना है॥”