325+ Mahabharat Quotes In Hindi | महाभारत के अनमोल विचार

Mahabharat Quotes In Hindi , महाभारत के अनमोल विचार
Author: Quotes And Status Post Published at: October 6, 2023 Post Updated at: April 4, 2024

Mahabharat Quotes In Hindi : जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो,वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनकेउपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो. एक बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता हैजितना कि एक अच्छा आदमी दूसरोंके बीमार बोलने से व्यथित होता है।

व्यक्ति को अभिमान नहीं करना चाहिए नहीं तो दुर्योधन जैसा हाल होगा.

दोस्ती में प्यार होता है। दोस्ती जीवन से बड़ी होती है। जिसने दोस्त का दिल जीत लिया उसने दुनिया जीत ली।

प्राप्त हुए धन का उपयोग करने मेंदो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।अपात्र को धन देनाऔर सुपात्र को धन न देना।

“अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव,तीनों ही समाप्त हो जाते हैं॥”

प्रिय वस्तु प्राप्त होने पर भी तृष्णा तृप्त नहीं होती, वह ओर भी भड़कती है जैसे ईधन डालने से अग्नि।

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता हैवैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।

द्वैष से सदैव दूर रहें.

वह व्यक्ति जो मैं, मेरा, मेरी और अपनी इच्छा को त्याग देता हैं….उसे शांति की प्राप्ति होती हैं !

“क्रोध की अवस्था में भ्रम जन्म लेता है,भ्रम बुद्धि को नष्ट कर देती है,बुद्धि के नष्ट होते ही, व्यक्ति का पतन हो जाता है॥”

मूर्ख वे हैं जो उसे सिखाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे सिखाया नहीं जा सकता और जो उनकी बात सुनता है अविश्वास के साथ।

जिस परिवार व राष्ट्र में स्त्रियों का सम्मान नहीं होता, वह पतन व विनाश के गर्त में लीन हो जाता है.

“जीवन में आधे दुख इस कारण जन्म लेते हैं,क्योंकि हमारी ‘आशाएं’ बड़ी होती है,इन आशाओं का ‘त्याग’ करके देखो,जीवन में ‘सुख’ ही ‘सुख’ है॥”

जिसे सत्य पर विश्वास होता है,और जो अपने संकल्प पर दृढ होता है,उसका सदैव कल्याण होता रहता है।

जैसे सूखी लकड़ी के साथ मिलीहोने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है,उसी प्रकार दुष्ट- दुराचारियों केसाथ सम्पर्क में रहने पर सज्जन भी दुःख भोगते है।

#अभिमान नही कुछ होने का संताप नही कुछ खोने का तुम चुनते ही श्यामवर्ण मैं मरण चुनता हूँ मैं कर्ण चुनता हूँ!!!

जिस राजा की प्रजा हमेशा कर के भार से पीड़ित रहे,प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह-तरह केअनर्थ झेलने पड़ते हैं,उस राजा की हमेशा पराजय होती है.

परोपकार सबसे बड़ा पुण्य और परपीड़ायानि दूसरों को कष्ट देना सबसे बड़ा पाप है.

मधुर शब्दों में कही हुई बात अनेक प्रकार सेकल्याण करती है,किंतु यही यदि कटु शब्दों में कही जाए तो महानअनर्थ का कारण बन जाती है।

जो कार्य में निष्क्रियता औरनिष्क्रियता में कार्य देखता हैवह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।

कलयुग के महाभारत को जीतने के लिएतुम्हें ही कृष्ण और तुम्हें ही अर्जुन बनना पड़ेगा।

सच्चा धर्म यह है कि जिन बातों को इन्सानअपने लिए अच्छा नहीं समझता दूसरों के लिए भी न करे.

#बुरे लोगों को दूसरों की बुराई में ही मजा आता हैं कौवा भले ही सारे रस चख ले लेकिन अंत मे वह गंदगी में ही तृप्त होता हैं!!!

अगर आप कोई काम शुरू करते हैं, तो उसके पूरा होने के बाद ही आराम करें; नहीं तो अधूरा काम आपको खत्म कर देगा।

बिना श्री कृष्ण के इस संसार में सब कुछ व्यर्थ है हमारा, हम शब्द हैं श्री कृष्ण के और वे स्वयं हमारे शब्दों के अर्थ हैं।

#यदि व्यक्ति स्वयं पर अभिमान करने लगता हैं तो उसको भी अंत में दुर्योधन जैसी मौत मिलती हैं!!!

यदि पानी पीते – पीते उसकी बूंद मुंह से निकलकरभोजन में गिर पड़े तो वह खाने योग्य नहीं रहता।पीने से बचा हुआ पानी पुन: पीने के योग्य नहीं होता।

#जो व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए स्वयं से लड़ता हैं उसे कोई भी नही हरा सकता!!!

#कीसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा हैं कि अपना काम करे भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े!!!

“जहां अपनों के सामने सच्चाई,साबित करनी पड़े,वहां बुरे बन जाना ही ठीक है”

#जब करुणा नही होती समाज मे तो लोग एक दूसरे से बंधते नहीं सिर्फ अपने सुख के लिए जीते हैं!!!

झूठे पर विश्वास और विश्वस्त परभी विश्वास सहसा नहीं करना चाहिए.

#याद रखना अगर बुरे लोग सिर्फ समझाने से समझ जाते तो बाँसुरी बजाने वाला कभी महाभारत होने नही देता!!!

विजय की इच्छा रखने वाले शूरवीरअपने बल और पराक्रम से वैसा विजय प्राप्त नही करतेजैसा कि सत्य, सज्जनता,धर्म तथा उत्साह से प्राप्त करते हैं।

आत्म -ज्ञान की तलवार से काटकरअपने ह्रदय सेअज्ञान के संदेह को अलग कर दो।अनुशाषित रहो, उठो।

निर्माण केवल पहले से मौजूदचीजों का प्रक्षेपण है।

अधर्म और अत्याचार होते हुएदेखकर जो लोग सिर झुका लेते है,उनके सिर एक दिन अवश्य कटते है,महाभारत इस बात का साक्षी है.

“प्रेम और आस्था दोनों पर किसी का जोर नहीं,ये ‘मन’ जहां लग जाए वही ‘ईश्वर’ नजर आता है॥”

सदाचार से धर्म उत्पन्न होता है तथाधर्म से आयु बढ़ती है।

हम असफल जब नही होते, जब हम लक्ष्य न प्राप्त कर सकें, हम असफल जब होते हैं, जब हम प्रयास करना बंद करते हैं!

बुरे कर्मों का बुरापरिणाम निकलता है.

अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए।

#संतानों को इतना महत्वकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरूपयोग कर स्वयनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करें!!!

“जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता हैं”

जीत की इच्छा रखने वाले शूरवीर अपनी ताकत और पराक्रम से वैसी जीत हासिल नही कर सकते, जैसी की वे सत्य, सज्जनता, धर्म और उत्साह से प्राप्त करते हैं।

“जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है,उसी प्रकार कर्म के सीन हो जाने पर भाग्य भी नष्ट हो जाता है”

#जिंदगी के इस रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता हैं रोज अपना ही सारथी बनकर जीवन की महाभारत को लड़ना पड़ता हैं!!!

अपनी दृष्टि सरल रखो, कुटिल नहीं. सत्य बोलो, असत्य नहीं. दूरदर्शी बनो, अल्पदर्शी नहीं. परम तत्व को देखने का प्रयास करो, क्षुद्र वस्तुओं को नहीं।

जिसके साथ सत्य हो, उसके साथ धर्म है, और जिसके साथ धर्म हो, उसके साथ परमेश्वर है, और जिसके साथ स्वयं परमेश्वर हो उसके पास सब कुछ है।

जो मन को नियंत्रित नहीं करतेउनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।

“मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है,जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है॥”

#जहाँ स्त्रियों का अपमान होता हैं वह समाज विनाश के रास्ते पर चल रहा होता हैं!!!

जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित हैजितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना.इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।

जुबान से मीठे और दिमाग से जहरीले शकुनि से बचे,अन्यथा महाभारत का युद्ध आपके जीवन में भी हो सकता है.

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल कीअपेक्षा कर रहेअज्ञानी व्यक्ति के दीमाग कोअस्थिर नहीं करना चाहिए।

“मन से ज्यादा उपजाऊ जगह कोई नहीं है,क्योंकि वहां जो भी कुछ बोला जाएगा,बढ़ता जरूर है चाहे फिर वह “विचार” हो, “नफरत” हो या फिर “प्यार” हो”

जुनून, भय या लालच के प्रभाव में कभी भी अच्छे कर्म करने का प्रयास न करें।

सच्चा धर्म हमारे लिए यही है कि जिन भी बातों को व्यक्ति अपने लिए अच्छा नहीं समझता उसको फिर वही सब कभी दूसरों के लिए भी नही करना चाहिए।

“समय कभी एक जैसा नहीं होता,उन्हें भी रोना पड़ता है,जो बेवजह दूसरों को रुलाते हैं”

जब-जब घर में द्वेष बढ़ेगा,जब-जब नारी का मान घटेगा,जब-जब भाई पर भाई का अन्याय बढ़ेगातब-तब महाभारत होगा औरभाई के हाथों भाई का शीश कटेगा।

अपनी निंदा सहने की शक्ति रखनेवाला व्यक्ति मानों विश्व पर विजय पा लेता है।

“आशा और विश्वास कभी गलत नहीं होते,यह हम पर निर्भर करता है कि,हमने आशा किससे की और विश्वास किस पर किया”

समय अत्यधिक बलवान होता है, एक क्षण मे समस्त परिस्थितियाँ बदल जाती है।

बैर के कारण उत्पन होने वाली आगएक पक्ष को स्वाहा किएबिना कभी शांत नहीं होती।

लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।व्यक्ति जो चाहे बन सकता हैयदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु परलगातार चिंतन करे।

सभी को भ्रातृभाव से रहना चाहिए.

महाभारत, सो कर नींद जीतने का प्रयास न करें। कामोपयोग के द्वारा स्त्री को जीतने की इच्छा न करें।

विषयों के भोगों से विषय वासना की शांति नहीं होती,हवन से बढती हुई अग्नि के समान यहकाम वासना नित्य बढती ही जाती है.

जीवन हो या युध सफलता केवल तीन शस्त्रे से प्राप्त होती है धर्म, धैर्य और साहस दूसरे सारे शास्त्री तो केवल             साधन होते हैं!

महाभारत, सो कर नींद जीतने का प्रयास न करें।कामोपयोग के द्वारा स्त्री को जीतने की इच्छा न करें।

अगर परमेश्वर से कुछ माँगना है तो सिर्फउनके प्रति निश्चल भक्ति माँगो।जिसके आ जाने मात्र से ही संसारका समस्त वैभव तुम्हारे पास रहेगा।

“अगर तुम्हारे ख्वाब बड़े हैं,तो तुम्हारा संघर्ष कैसे छोटा हो सकता है”

जिस भी राजा की प्रजा हर वक्त कर की वजह से हर दिन दुःखी रहे, और जिसे की अलग-अलग तरह के अनर्थ सहने पड़ते हैं, ऐसे सभी राजा की हमेशा से ही हार होती है।

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