Love Relationship Osho Quotes In Hindi On Love: जेन लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है; उनमे डर नहीं है।। प्रसन्नता सद्भाव की छाया है; वो सद्भाव का पीछा करती है. प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है।।
अगर आप दुखी हैं तो इसका कारण यहकि आप चीजों को बहुत गंभीरता से लेते हैं।
इस जगत में प्रेम के कई स्वरूप हैं, उसमें मित्रता सर्वोच्च है। जिसमें कोई शर्त नहीं जहां कुछ भी मांगा नहीं जाता बस केवल दिया ही जाता है।
जिंदगी तो सस्ती है। बस गुजारने के तरीके महंगे है।।
“संबंध की उनको जरूरत होती है जो अकेले नहीं रह सकते।!”
सबसे बड़ा मोक्ष है स्वयं को मुक्त करना क्योंकि आमतौर हम भूल में ही रहते हैं। लेकिन हम स्वयं ही स्वयं पर सबसे बड़ा बोझ हैं।
हम किसी से बेहतर करें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन हम किसी का बेहतर करें, इससे बहुत फर्क पड़ता है।
आसक्ति के बिना दुःख नहीं होता, जब भी दुःख होता है तो मोह के कारण होता है।
केवल तुम्हारे पाप ही तुमको दुखी कर सकते हैं। ऐसी बातों को नज़रअंदाज़ करना ही बेहतर है जो तुमको ख़ुद से दूर करने की कोशिश करती हैं।
कोई चुनाव मत करिए. जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है।।
जीवन कोई समस्या नहीं है बल्कि यह एक खूबसूरत ईनाम है।
“जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है!।”
अपने रिश्तों में हमेशा सुखद और सतर्क रहे। यह हमेशा आपके लिए मददगार साबित होंगा क्योंकि ये बाते एक पंछी के दोनों पंखों के समान है।
एक बार जब मै प्रवचन दे रहा था तो मुझसे पूछा कि मानव शब्दकोष में सबसे महत्वपूर्ण शब्द क्या है। मैंने विनम्रता से उत्तर दिया, प्रेम।
जिंदगी का आधा दुख गलत लोगो से उम्मीद रखने से आता है, और बाकी का दुख सच्चे लोगो पर शक करने से आता है।।
जीवन एक दर्पण (शीशा) है, जो हमारी ही सूरत की प्रतिरूप दिखाता है. जीवन में सदैव सौहार्द से रहो तभी आपके जीवन में मेलमिलाप बना रहेंगा।
अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए. जीवन को मजे के रूप में लीजिये – क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।।
अज्ञानी बने रहने में ही भलाई है, कम से कम अज्ञान तो तुम्हारा है। यही प्रामाणिक है, यही सत्य, हकीकत और ईमानदारी है।
प्रेम के बदले कोई पुरस्कार मत माँगो। प्रेम ही प्रेम का पर्याप्त पुरस्कार है।।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप गुलाब हैं या कमल या गेंदा। मायने यह रखता है कि आप कितनी खुशबू फैला रहे हैं।
अपने जीवन को संगीतमय बना लो, ताकि महाकाव्य का जन्म हो सके। और फिर सौंदर्य ही सौंदर्य है, और सौंदर्य ही ईश्वर का रूप है।
सादगी में बहुत सौहार्द है। जो सरल है वह सत्य के अधिक निकट है।
मनुष्य का हमेशा डर के माध्यम सेशोषण किया जाता हैं-ओशो
“प्यार तभी सच्चा होता है जब कोई एक दुसरे के व्यक्तिगत मामलो में दखल ना दे।
केवल झूठे धर्मों के नियम होते हैं, क्योंकि झूठे धर्म एक खेल हैं.
जब जागरूकता 100% हो जाती है, तब कोई इच्छा नहीं रह जाती.
अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बांटना चाहता है.
तुम्हारे जैसा इंसान इस संसार में कोई नहीं है, कोई नहीं था, और कोई होगा।
प्यार में दोनों को एक-दुसरे का सम्मान करना चाहिये।”
बुद्धिमान व्यक्ति खुद पर हंसते हैं जबकि मूर्ख लोग दूसरों पर।
हमारा हृदय ना तो भविष्य के बारे में जानता है और ना भूतकाल के बारे, वह तो केवल वर्तमान में जीना चाहता है।
अपने दिमाग में जाइए, अपने दिमाग का विश्लेषण कीजिए, कहीं न कहीं आपने खुद को धोखा दिया है।
यदि आप अपनी खुद की कंपनी का आनंद नहीं लेते हैं। तो इससे कोई और कैसे खुश हो सकता है?
सत्य बहुत जोखिम भरा है, उससे सावधान रहना क्योंकि जिसका भी भ्रम टूट जाता हैं, उसका जिना दुष्कर हो जाता है।
“उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये, उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आप को चलाएं, उस तरह चलिए जिस तरह खुशी आप को चलाएं!।”
बुद्धि के हम आदी हो गए हैं इसलिएप्रेम से परिचय बनाना मुश्किल हैं।
प्रेम के विरोध में सारा संसार है और प्रेम का भूखा भी सारा संसार है।।
जीवन नियमों के बिना अस्तित्व में है; खेल नियमों के बिना अस्तित्व में नहीं हो सकते.
जब आप अलग हैं, तो पूरी दुनिया अलग है. ये दूसरी दुनिया बनाने का सवाल नहीं है.
सुख का लालच ही नए दुख को जन्म देता है।।
यह विचार मत करना कि तुम्हारा सच्चा दोस्त कौन है, बल्कि यह विचार करो कि तुम किसके सच्चे दोस्त हो।
इस संसार में एक ही पाप है, किसी और की स्वतंत्रता छीन लेना। क्योंकि दूसरों को बदलना राजनीति है और स्वयं को बदलना धर्म है।
जब भी आप प्रेम की योजना बनाते हैं और जब भी आपका ध्यान उसमें पूरी तरह से लग जाता है तो वह दिखावटी और ढोंगी हो जाता है।
बड़ा मुश्किल है उस इंसान को समझना, जो जानता सब कुछ है पर बोलता कुछ भी नहीं।।
हमेशा सावधान रहना, अपने अंतर्मन में झांकना, तुम पाओगे कि तुम नकारात्मक विचारों से आसक्त हो। और यह नकारात्मक विचार कोई और नहीं आपका अहंकार है।
प्रेम की कोई भाषा नहीं होती, प्रेम का फूल मौन में खिलता है। प्रेम संगीत है, प्रेम आंतरिक ध्वनि है, प्रेम अनंत ध्वनि है।
जो कुछ भी करने योग्य है, उसी समय किया जा सकता है, जिसे आप कल के लिए छोड़ रहे हैं, इसका अर्थ है कि आप उसे नहीं करना चाहते।
ग्रोथ तभी संभव है जब इम्पेर्फेक्शन हो.
समय अच्छा हो तो आपकी गलतीभी मजाक लगती है और समय खराब होतो मजाक भी गलती बन जाती है,
अपने मन में जाओ, अपने मन का विश्लेषण करोकहीं न कहीं तुमने खुद को धोखा दिया है।”
मुझे बुद्धिमान दोस्त चाहिये, जो यात्रा के समय मेरे सहयोगी हो।
जिन्दगी में आप जो करना चाहते है,वो जरूर कीजिये, ये मत सोचिये किलोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भीकुछ कहते है, जब आप कुछ नहीं करते।
केवल वही लोग प्रेम कर सकते हैं जो कुछ न बनने को तैयार हैं।
“बुद्धि कभी भी एक सीमा में रहने से नही बढती, बुद्धि तो प्रयोगों से बढती है।
प्रेम एक शराब है। चखना चाहिए, पीना चाहिए, उसमें पूरी तरह डूब जाना चाहिए। तभी आप जान पाएंगे कि यह क्या है।
जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है , आपकी क्षमताएं अनंत हैं।।
ज्यादा चिंता न करें क्योंकि यही चिंता आपके विकास को अवरूद्ध कर देगी।
ठोकर खाकर भी ना संभले यह राहगीर की बदनसीबी, राह के पत्थरों ने तो अपना कर्तव्य निभा दिया।
जीवन,आनंद और अध्यात्म केचरम को जानने के लिए मिला है।इसलिए अपने को इतना व्यस्त कर लोकी अन्य विचार मस्तिष्क में ना आ सके
जहां भय खत्म होता है, वहीं से जिंदगी शुरू होती है।
जिस व्यक्ति में प्रेम और घृणा दोनों ही समाप्त हो जाती है। उस व्यक्ति के लिए हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।
जो व्यक्ति यकिन करता है वह जीवन में सहज होता है। और जो व्यक्ति यकिन नहीं करता वह बैचेन, डरा हुआ और कमजोर रहता है।
जिससे मिलने के बाद जीने की उम्मीद बढ़ जाएगी, समझना वो ही प्रेम है।।
सत्य को बाहर खोजने से नहीं मिलता, यह अंदर महसूस किया जाता है।
तुम्हारा हृदय ही तुम्हारा सबसे बड़ा शिक्षक है, तुमको हृदय की सुननी चाहिये, किंतु जिंदगी की यात्रा में तुम्हारा अंतर्ज्ञान ही तुम्हारा शिक्षक होता है।
जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।।
वह खुद और दूसरों के लिए एक फूल भी बन सकता है।
वो जो आपको खुद से दूर ले जाता है केवल उसी से बचने की ज़रूरत है.
“दूसरों की इतनी चिंता मत करो क्योंकि यह चिंता तुम्हारे अपने विकास को विचलित करेगी।”।।
आकाश में एक अकेली ऊंची चोटी की तरह बनो। तुम किसी के हो, चीजें किसी की हैं।
मानव स्वयं परमेश्वर तक नहीं पहुंचता है, लेकिन जब वह परमेश्वर को पाने के लिए तैयार होता है तो परमेश्वर स्वयं उसके पास आते हैं।
जीवन विश्राम और चाल (गति) के बीच का बैलेंस है।
जो इंसान अंदर सत्य को अनुभव करता है, उसका सारा जीवन सौदर्य, शांति और संगीत से भर जाता है।