700+ Krishna Motivational Quotes In Hindi | कृष्णा कोट्स हिंदी में

Krishna Motivational Quotes In Hindi , कृष्णा कोट्स हिंदी में
Author: Quotes And Status Post Published at: October 5, 2023 Post Updated at: April 27, 2024

Krishna Motivational Quotes In Hindi : मैं उन लोगों के लिए हमेशा मौजूद हूं जिन्होंने मुझे हर प्राणी में महसूस किया है। व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।

किसी की सूरत बदल गई किसी की नियत बदल गई, जब से तूने पकड़ा मेरा हाथ, “राधे” मेरी तो किस्मत ही बदल गई।।

जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।

जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं,जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं,उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।।

“कृतज्ञता की खुशबू अस्तित्व की हवा को मधुर बनाती है, आपके हृदय को जीवन के प्रचुर आशीर्वाद के प्रति जागृत करती है।”

व्यर्थ की चिंता और वह एक रोग के समान है जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन करती है

भगवान की कृपा से, हम अपनी अवधारणाओं और संकल्पों को प्राप्त करते हैं, जो हमें सच्चे सुख की ओर ले जाते हैं।

~ अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही तुम्हारे दुखों का अंत है। (Shri Krishna Quotes in Hindi)

अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभवतीनों ही चले जाते हैं।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे, अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।।

जब आप दूसरों के लिए अच्छा चाहते हैतो वही अच्छी चीज़े, आपके जीवन मेंवापस आती है यही प्रकृति का नियम है

व्यर्थ चिंता करने से अच्छा, अपने काम पर ध्यान दो।

मित्रता आवश्यक है संबंध भी आवश्यक है परंतु जीवन की हर कठिन परिस्थिति यह दर्शाती है कि अकेले रहने की कला का आना भी आवश्यक है

वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।।

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी एक समान हैं।

~ जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है, क्यूंकि हमने उनसे आशाऐं रखी जिन से हमें नहीं रखनी चाहिए थी।

बुराई तो तुम्हें हजारों की भीड़ में भी तुम्हे ढूंढ लेगी, ठीक उसी प्रकार जैसे गायों की झुंड में बछिया अपने मां को ढूंढ लेती है।।

राधा की चाहत हैं कृष्ण, उसके दिल की विरासत हैं कृष्ण,

मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता और ना ही किसी के कर्मो के फल देता हूँ।

नकारात्मक विचारों का आना तय है परंतु यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कितना महत्व देते हैं

कर्म को अधिक महत्त्व दो, नतीजे का फल कभी नहीं।

जिस व्यक्ति को आपकी कदर नहीं,उसके साथ खड़े रहने से अच्छा आप अकेले रहें..!!

~ धर्म केवल कर्म से होता है कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा ही नहीं है।

किसी के पास ego है किसी के पास attitude है,मेरे पास तो मेरा साँवरा है वो भी बड़ा क्यूट..!!

अगर आप किसी का अच्छा नही कर सकते हो, तो किसी का बुरा भी मत करो।

तुमने खुद को कमजोर मान रखा है वरना जो तुम कर सकते हो वह कोई दूसरा नहीं कर सकता

अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है।

इंसान के बर्बाद हौने के 6 कारण हैंनींद, गुस्सा, डर, थकान, आलस्यऔर काम टालने की आदत..

हे कृष्ण और कोई माने या ना माने मुझको यह विश्वास है जब तक तुम साथ हो सब कुछ मेरे पास है

मन बहुत चंचल है, जो इंसान के दिल में उथल-पुथल कर देता है।

बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही, मेरे कान्हा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है।।

कृष्ण कहते हैं,अहंकार मत कर किसी को कुछ भी देकर,क्या पता – तू दे रहा है या पिछले जन्म का कर्जा चुका रहा है।

जो मिल रहा है तु म्हें, वही तुम्हारे लियेबेहतर है;ये तुम नहीं जानते; पर देने वाला बखूबी जानता है

श्री कृष्ण कहते हैंएक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ,पर दोबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ़ कभी न बनो।

प्रेम में कोई वियोग नहीं होता,प्रेम ही अंतिम योग है,अंतिम मिलन है.

आपके कर्म ही आपकी पहचान है, वरना एक नाम के हजारों इंशान हैं।।

जो मनुष्य जीभ पाकर भी  श्रीराधा कृष्ण का कीर्तन नहीं करता है वह दुर्बुद्धि मनुष्य मोक्ष की सीढ़ी पाकर भी उस पर चढ़ने की चेष्टा नहीं करता

जो अपने कर्म के फल के प्रति आसक्ति को नहीं छोड़ सकते, वे मार्ग से कोसों दूर हैं।

“ज्ञान का दीपक अज्ञानता के अंधेरे को दूर करता है। इसे जिज्ञासा से प्रज्वलित करें और इसे विनम्रता से ईंधन दें।”

जब तुम प्रेम के साथ सबका भला करते हो, तो तुम परमात्मा के साथ एकीभाव में हो जाते हो। सबकी मदद करने में आनंद और सुख होता है।

यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता..!!

हम बड़े नहीं हैं हमारे पीछे जो ताकत है वह बड़ी है

अपनी इच्छा की शक्ति से अपने आप को नया आकार दें; अपने आप को कभी भी स्व-इच्छा से नीचा न होने दें।

“रिश्तों के बगीचे में सम्मान, विश्वास और प्यार के फूल खिलाएँ।”

भगवान के प्रति आपकी अनुराग और समर्पण की दृष्टि से, आपके जीवन में सभी चीजें संगठित हो जाती हैं।

~ वर्तमान परिस्थिति में जो तुम्हारा कर्तव्य है, वही तुम्हारा धर्म है।

क्या सदा मौन रहना उचित है,नहीं इतिहास साक्षी है, संसार में अधिक विपदाएं इसलिए आई क्योंकि समय पड़ने पर मनुष्य उसका विरोध नहीं कर पाया।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

“प्रेम और आस्था दोनों पर किसी का जोर नहीं,ये ‘मन’ जहां लग जाए वही ‘ईश्वर’ नजर आता है॥”

कृष्ण कहते हैं धर्म के लिए लड़ना सीखो,अधर्मी का काल बनना सीखो और अपनों के लिए त्याग करना सीखो..!!

मनुष्य अपने व्यवहार से स्वयं ही अपने भेद खोल देता है

जब चारों ओर अंधेरा हो जब दुखों ने तुमको घेरा हो तुम कृष्ण का दीप जला लेना सब हाल कृष्ण को सुना देना

जीवन में कभी निराश नही होना चाहिए,क्योंकि कमजोर आपका वक़्त होता है आप नही..!!

अगर तुम ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करोगे, तो अंत में तुम्हारी विजय होगी।

मुँह से माफ करने मे किसी को वक्त नहीं लगता,पर दिल से माफ करने में सारी उम्र बीत जाती है।

जो हुआ अच्छा हुआ , जो होगा अच्छा होगा स्वयं को मुझ पर छोड़ दो अपने कर्म पर ध्यान दो कर्म ऐसा जो स्वार्थ , रहित पाप रहित हो।।

अर्जुन, इंसान शरीर को त्याग देता है परंतु आत्मा अमर है।

~ अगर तुम अपना कल्याण चाहते हो, तो सभी उपदेशों, सभी धर्मों को छोड़ कर मेरी शरण में आ जाओ, मैं तुम्हें मुक्ति प्रदान करुंगा।

मुझ पर अपना मन लगाकर, योग के अभ्यास से स्वयं को अनुशासित करो।

भगवान कृष्ण की कृपा से जीवन में आनंद और समृद्धि का आभास होता है।

यह सच बात हैं की भूल करके इन्सान कुछ सीखता हैं,परन्तु इसका यह मतलब नही की,वह जीवन भर भूल करता रहे और कहे की हम सीख रहे हैं।

राधा के वो प्यारे मोहन,महिमा उनकी दुनिया गाये

~ वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है। मैं और मेरा की लालसा तथा भावना से मुक्त हो जाता है। उसे शांति प्राप्त होती है।

सुनो प्रिय सारी जिंदगी आपका इंतजार किया है,मैंने तो आप की गैरमौजूदगी से भी प्यार किया है..!!

बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।।

इस भौतिक संसार का यह नियम है जो वस्तु उत्पन्न होती है, कुछ काल तक रहती है अंत में लुप्त हो जाती है चाहे वे शरीर हो, फल हो।।

अंत काल में जो मनुष्य मेरा स्मरण करते हुए, देह त्याग करता है वह मेरी शरण में आता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि अंत काल में मेरा चिंतन करें।।

मेरे भी कई जन्म हो चुके हैंतुम्हारे भी कई जन्म हो चुके हैं,ना तो यह मेरा आखिरी जन्म है,और ना यह तुम्हारा आखिरी जन्म है।

जब तुम दूसरों की सहायता करते हो, तो तुम्हारी सच्ची सेवा होती है।

अपने मन और आत्मा से कर्म करें,और प्रेम करें तो जीवन आनंदित हो जाएगा..!!

चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण दुनिया तो फिर भी यही कहती हैं

जिंदगी में दो लोगों का होना बहुत जरूरी है,एक कृष्ण जो ना लड़े फिर भी जीत पक्की कर दे,दूसरा कर्ण जो हार सामने हो फिर भी साथ ना छोड़े।

~ आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो। (Shri Krishna Quotes in Hindi)

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