Kisi Ke Liye Kitna Bhi Karo Quotes In Hindi: बड़ा बेदर्द है ये ज़माना नफरत उसी को देता है जो यहाँ प्यार लुटाए फिरता है। किसी को खुदा मानो तो वो राक्षसों से भी बदतर व्यवहार करता है
कुछ लोगों को हम कितना भी, अपना बनाने की कोशिश क्यों न करले, आखिर में वो साबित कर देते हैं, कि वो गैर ही हैं !
हमने अपना दिल, ज़िन्दगी, रूह सब उनके नाम कर दिया,पर दुःख तो तब हुआ जब उन्होंने कहा ऐसा भी क्या काम कर दिया..!!
हम पहचान ही नहीं पाए तुम नकाब में थे,हम खामखा ही मोहोब्बत के खाब में थे..!!
मेरी मोहोब्बत की तूने अपनी अदालत में यही सजा सुनाई है, मैं ज्यादा अच्छा था बस यही मेरी बुराई है।
शमशान के बाहर लिखा था मंजिल तो तेरी ये ही थीबस जिंदगी बित गई आते आते क्या मिला तुझे इस दुनिया से अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते
कुछ लोग ऐसे होते हैं,उनके लिए कितना भी करो,,लेकिन वह करेंगे अपनी मन की ही।
कसूर किसी का भी हो मगर,आसूँ हमेशा बेक़सूर के ही निकलते हैं.
तेरे बाद हम किसी के ना हो पाएंगे ना हस पाएंगे,अकेले में ना किसी के सामने रो पाएंगे..!!
बेटे के लिए पिता कितना भी अधिक कर ले,परन्तु बेटे को वो हमेशा कम ही लगता है।
किसी के लिए कितना भी भला करो कम पड़ ही जाता है वो तुम्हे पीछे अकेला छोड़ आगे बढ़ ही जाता है।
“कीमत उसे पाने वालो को पता होती है मगर अहमियत सिर्फ उसे खोने वाले को|”
ख़ुशी दी थी दिल दिया था साथ भी था, मैंने हर सितम तेरा हसते हसते बर्दाश्त भी किया था।
इस प्यार के खेल में वो हमारे लिए वो जान से भी ज्यादा थे,पर हम उनके लिए बस एक प्यादे थे..!!
जब अपने गैरों सा बर्ताव करने लगते हैं,तब उनकी छुपी से भी दिल पर घाव लगने लगते हैं..!!
करा सब कुछ मिला कुछ भी नहीं,वो मेरे लिए था सब कुछ मैं उसके लिए कुछ भी नहीं..!!
बताना तुझे मिल जाए मुझ जैसा कोई और अगरजा-जा तू औरों को आजमा लेमुझे फर्क नहीं पड़ता।
रहेगा ताउम्र इस बात का गिला मुझे, वफ़ा के चेहरे में बेवफा ही क्यों मिला मुझे।
यहाँ सब पराए हैं कोई अपना नहीं यही सच है ये कोई सपना नहीं।
कुछ लोगो को कितना भी अपने बनाने की कोशिश कर लो,वो साबित कर देते है कि वो गैर ही।
बड़ा बेदर्द है ये ज़माना नफरत उसी को देता है,जो यहाँ प्यार लुटाए फिरता है।
किसी के लिए कितना भी करो,सब एक दिन भूल जाना होता है।तसली कर देख लेना ज़नाब,इसी तरह का ये खुदगर्ज जमाना होता है।
कुछ लोगों को हम कितना भीअपना बनाने की कोशिश क्यों ना करले आखिर में वोसाबित कर देते हैंकि वो गैर ही हैं
तुम जियो या मरो, किसी के लिए कितना भी करो,किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता..!!
एक तो ये बुरा वक़्त कट नहीं रहा ऊपर से,ये बुरा वक़्त काटने के लिए दौड़ रहा है।
तेरे बाद ना अब मेरे पास तेरा शोर होगा ना कोई और होगा।
किसी के आगे इतना भी मत झुक जाना,कि लोग तुम्हे गिरा हुआ समझ लें..!!
जिन की ख़ातिर शहर भी छोड़ा जिन के लिए,बदनाम हुए आज वही हम से बेगाने बेगाने से रहते हैं।
किसी की इतनी परवाह भी ना करो साहब भलाई का ताज सतयुग में पहनाया जाता था अब तो किसी के लिए कितना भी कर दो वह तब भी कम ही होता है।
जिन्दंगी को समझना बहुत मुशकिल हैंकोई सपनों की खातिर अपनों से दूर रहता हैंऔर कोई अपनों” के खातिर सपनों से दूर
कि अगर इतने बुराई से भी दिल न भरे तुम्हारा ताे मेरा आैर करना बुराई हमनशीं हम तुम्हारे साथ हैं
ऐसा लगता है की हमें तो सरे फ़रिश्ते ही मिले है इस दुनिया में,कोई गलती करता ही नहीं मेरे सिवा।
कुछ लोगो के लिए कुछ भी कर लो लकिन वो करंगे अपनी मन की ही।
वो एक बार मुझसे बात कर ले,कभी उसे खुद से दूर न होने दूं।सब कुछ करूं मैं उसकी खातिर,उसे कभी परेशान ना होने दूं।
हमारे लिए क्या किया ऐसे लोग के लिए कुछ ना करते जाओ, बल्कि जिंदगी में आगे बढ़ते जाओ।
खेर छोड़ क्या रखा है सुनने और सुनाने में,किसी ने भी कसार नहीं छोड़ी दिल को दुखने में।
किसी को खुदा मानो तो वो राक्षसों से भी बदतर व्यवहार करता है
आज के दौर में,किसी से उम्मीद मत रखो..!!
बड़ा बेदर्द है ये ज़माना नफरत उसी को देता है, जो यहाँ प्यार लुटाए फिरता है !!
कसर नहीं छोड़ी थी मैंने उसे चाहने मैं,उसने भी छोड़कर जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी..!!
उसकी वो दर्द भरी बाते !अक्सर मेरे लबो पे आ जाती है।
दिल तोड़ने वाला खुद आपके दिल का दर्द नहीं जानता,कर लो चाहे कुछ भी मगर जाने वाला फिर नहीं मानता।
अब तो हर खेल पुराना लगता है,गम भरे दिल को भी औरों से छिपाना पड़ता है।
दोस्त हमदर्द होने चाहिए सररदर्द बनने के लिए तो पूरी दुनिया तैयार बैठी है.
प्यार तो हमने उनसे खुद से भी ज्यादा किया था, लेकिन उनके प्रति हमारे लिए प्यार नहीं हैं इसका पता हमें थोड़ा देर से चल पाया था।
तेरे बाद हम किसी के ना हो पाएंगे ना हस पाएंगे अकेले में ना किसी के सामने रो पाएंगे।
तुमसे क्या गलती हो गई थी सब याद रखते हैं पर तुमने उनके लिए क्या क्या किया सब भूल जाते हैं।
कितना भी कुछ करने के बाद अगर किसी काम में गलती करते है, तो वो हमें सौ बाते कहने को तैयार रहते है।
ये केसा असर हे तेरे प्यार का,न मुझे तेरा होने देता है,और न ही किसी और का।
एक मुस्कान के पीछे लाखों आंसू छुपाने पड़ेंगे,प्यार करोगे किसी से तो कई ज़ख्म खाने पड़ेंगे।
इतना प्यार मत कीजिये साहब यहाँ तो,जान देने वालो को भी बेवफाई का दाग ही मिलता है।
जख्म मिले तुझसे मगर अफ़सोस जख्मों की दवा नहीं मिली, मैंने दिल कर दिया था नाम तेरे मगर मुझे तेरे दिल में जगह नहीं मिली।
अब मोहोब्बत एक दफा फिरसे नहीं हो पाएगी, करेंगे हम भी मतलब की यारी अब मोहोब्बत दिल से नहीं हो पाएगी।
किसी के लिए कितना भी कर लो शायरी
अक्सर नफरत उसी को मिलते है,जो अपनों में प्यार लुटाता है।
कुछ कहने की ज़रुरत नहीं,मैं जानता हूँ तुम किसी काम से ही आए होंगे..!!
माना वक़्त ने वक़्त पर धोखा दिया,फिर भी वक़्त ने वक़्त पर मौका दिया।अब वक़्त हैं वक़्त बदलने का,वक़्त के साथ वक़्त पर चलने का।
उम्र बीत जाती है एक बाप की मुश्किल में अपने बेटे के लिए और आखिर में बेटा बड़ी आसानी से कह देता है की आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है।
बहोत खुश नसीब है वह लोग जिनका प्यार उनकी क़दर करता है और इज़्ज़त भी…
किसी का काम कितना भी कर दो तुम, वो सुनाने से पीछे नही हटेगा, इसलिए खुद के लिए भी समय निकालो तुम।
जैसे मैं तंग हुई तू भी तंग होगा,जो आज मेरे संग हुआ है वही कल तेरे संग भी होगा..!!
ये दुनिया स्वार्थ पर ही टिकी है,जिस दिन उनका स्वार्थ खत्म,,उनका तुमसे रिश्ता भी खत्म।
जब बंद हो जाते हैं धोखों के कारोबार मैं बनवा लेता हूँ अपनी पीठ पर एक ख़ंजर मैं भूलना नहीं चाहता किसी बिछड़े हुए यार को!
डूबे हुए को हमने बैठाया था अपनी नांव में यारों और,फिर नाँव का बोझ कहकर, हमें ही उतार दिया।
कसूर किसी का भी हो मगर,आसूँ हमेशा बेक़सूर के ही निकलते है।
कौन बैठकर रोया जाए यही बेहतर है सबके सामने रोने पर मज़ाक बनता है।
दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है
ना जाने ऐसा ही क्यों होता है की जिससे भी हम प्यार करते है वही हमारा इस्तेमाल करते हैं।
एक बड़े नाम के पीछे जो छिपा हुआ गुमनाम चेहरा है,खिलती हुई मुस्कान के पीछे जो छिपा हुआ दर्द है ना,बस ज़िन्दगी का सच वहीं तक है..!!
कसूर किसी का भी हो मगर,आसूँ हमेशा बेक़सूर के ही निकलते हैं.
ख़ुश रहना है तो ज़िंदगी के फ़ैसले अपनी परिस्थिति को देखकर ले दुनिया को देखकर जो फ़ैसले लेते है वो दुखी रहते है
मोहोब्बत की ऐसी कोई डगर नहीं मिलती, यहाँ कुछ भी कर लो किसी के लिए मगर बदले में क़दर नहीं मिलती।
उनके लिए हर ज़हर के प्याले को पिया है हमने, और वो पूछते है हमसे की आखिर क्या किया है हमने।