418+ Khudgarz Matlabi Quotes | मतलब के रिश्ते शायरी इन हिंदी

Khudgarz Matlabi Quotes , मतलब के रिश्ते शायरी इन हिंदी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 10, 2023 Post Updated at: April 3, 2024

Khudgarz Matlabi Quotes : इस मतलबी जमाने में, यह जानना बहुत मुश्किल होता है, की किसके लिए आप जरूरी हो, और किसकी जरूरत हो ! उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें, मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें।

मेरा सनम बड़ा धोखेबाज़ हैक्यूंकि मतलब के लिएमुझे बेमतलब में प्यार करता है

नादान था दिल मेरा इसलिए उसको भी नादान समझ लिया, वो तो इंसानी भेष में एक मतलबी शैतान था।

प्यार से अपना कह कर मतलब के लिए आती हैअपनों के लिबाज़ में ये दुनिया जख्म दे जाती है।

वक्त था हर वो रिश्ता सुधारने का जो हमारे बीच थामगर स्वार्थ और प्यार में तूने स्वार्थ को चुनाजो प्यार में लिए ना गवारा था।

मतलब की दुनियां मतलब के लोग🙅 यहाँ पीठ पीछे ही छुरा 🗡️घोंप देते हैं लोग !

हाँ बहुत मतलबी हूँ मैं भी इश्क़ में,चाहता हूँ मैं वो जो नहीं है मिरा।

वक्त कहाँ है किसी के पास, जब तक कोई मतलब न हो खास !

कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती है,कोई-कहता हैं दुनिया दोस्ती से चलती है,लेकिन जब अजमाया तो पता,दुनिया तो बस मतलब से चलती है,

अभी मतलबी होने ही जा रहे थें,के तभी मेरी बदनसीबी मुझे याद आ गयी।

हर गुनाह यहां माफ हो रहा है, इस दुनिया का चेहरा बदल रहा है, मतलबी हैं यहां का हर शख्स, पैसों से यहां का काम चल रहा है ।

देख लेना किसी दिन एहसास होगा तुम्हे कीथा कोई अपना जो बिना मतलब चाहता था तुम्हे।

“ तुम्हे क्या पता किसदौर से गुजर रहा हूँ मैं,कहने को तो ज़िंदा हूँ,मगर मौत से गुज़र रहा हूँ मैं…!!

समय तो बहुत था हमारे पास रिश्ता सुधारने का, लेकिन तुम उस वक्त को समझ नही पाई !

आज गुमनाम हूँ तो जरा फासला रख मुझसे,कल फिर मसहूर हो जाऊ तो कोई रिश्ता निकाल लेना,

अब बस चाय से याराना है, क्यूंकि खुदगर्ज़ ये ज़माना है, मतलबी लोगों से दूरी बनाना है, उनको उन्हीं की भाषा सिखाना है।

मतलब हमें बस उनसे था, शायद इसीलिए वो मतलबी बन गए !😒💯

लोग भी बडे मतलबी होते है,जब हो जरूरतें तो पास आते है,वर्ना जरूरतें ख़त्म होने पर,आपको छोड़ जाते हैं।

मेरे बुरे समय में कुछ दोस्तमेरी कमिया गिना रहे हैंहोकर मतबी वे दुसरो से दोस्तीनिभा रहे हैं।

मतलबी लोगों की मीठी बात, सम्भाल कर रखे अपनी जज्बात !

✍✍✍✍ “मतलबी दुनिया का इतना सा फ़साना है आज तेरा दिन है तुझे दोस्त बनाना है” ✍✍✍✍

मतलबी हम थे जो उन्हें क्या क्या समझ बैठेवो तो सिर्फ वक़्त बिता रहे थेऔर हम प्यार समझ बैठे।

जो मतलब के लिए छोड़ गए वो अपने नहीं होते, जिसे साथ निभाना होता हैं वो मतलबी नहीं होते !!

अपनी दुनिया मानता था में उनकोपर फिर भी उन्होंने दिल तोड़ दिया,खुद के स्वार्थ के खातिर मुझेमतलबी कह कर छोड़ दिया।

मतलबी लोग आपके साथ नहीं,बल्कि आपकी हेसियत के साथ होते हैं।

शीशा और रिश्ता दोनो हि बड़े नाजुक होते हैं,दोनों मे सिर्फ एक ही फर्क है,शीशा गलती से टुट जाता हैं और रिश्ता गलतफहमी से,

✍✍✍✍ “जिंदगी पानी के बुलबुले सी हो गई, इंसान की दूसरी परिभाषा मतलबी हो गई.!” ✍✍✍✍

इस दौर ए जमाने ने मौज औरमतलब को दे दिया प्यार का नाम,दफन हो कर रह गयीकिताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।

तन्हा जिन्दगी में बस इंटरनेट का सहारा है, वरना मतलबी दुनिया में कौन हमारा है।

कुछ की फितरत और कुछ की मजबूरी होती है,कुछ भी हो मतलबी होना ही गलत होता है।

मतलबी दुनिया का किस्सा बड़ा पुराना हैं,यह हर शख्स खूबसूरत चीजों के पीछे दीवाना है।

बिछड़ के तुझसे ना देखा गया किसी का मिलन।उठा दिया परिंदे भी हमने शजर पे बैठे हुई।

मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं,मतलब निकालने वाले।खुद को बहुत समझदार समझते हैं ,ये शहर में रहने वाले।

सच्चे मित्र ढूंढिए मतलबी यारतो अपने आप आपको ढूंढ लेंगे।

अच्छे दोस्त कभी मतलबी नहीं होता हैं,मतलबी लोग कभी अच्छे दोस्त नहीं होते हैं।

बहुत ज्यादा हर्ट है यार किसी को बहुत मानतेहै और वही इंसान हमें कुछ नहीं मानता।

✍✍✍✍ “सब मतलब के रिशतें हैं.साहब । साले अपनापन भी नहीं जताते!!” ✍✍✍✍

दूसरों पर भरोसा कर तूने आखिर क्यों दिल तोड़ा खुदगर्जी ने जानम तेरी, मुझे कहीं का ना छोड़ा

ऐसे दोस्तों से दोस्ती रखिये जो आपकी परवाह करते हैं,मतलबी और इस्तेमाल करने वाले तो आपको ढूँढ ही लेंगे।

जिसे तूने मतलब के लिए छोड़ थावो रिश्ता तेरे लिए नहीं ब्लकि किसीअपने के लिए छोड़ा था।

हमारा तो एक यही है दस्तूर , हम दुश्मन के घमंड को करते है चकनाचूर।

साजिशे हजार करलो मगरमुझे भुला ना पाओगेमतलबी कह कर छोड़ने वालेएक दिन बड़ा पछताओगे

दिल-ए-मासुम ऐतबार कर लेता है थोडा प्यार पा कर,तोड देती है दिल मेरा दुनिया मतलब निकाल कर।

दोस्ती करने के उनके अंदाज बोहोत है,मगर छिपे इसमें मतलब के राज़ बोहोत है।

सम्भल के चलना दोस्त इस मतलबी दुनिया के मखमली रास्तों पर, यहा बर्बाद करने के लिये प्यार का सहारा भी ले लेते है लोग।

ना दोस्ती मिला ना प्यार मिला,बस हर मोड पर एक मतलबी यार मिला।

✍✍✍✍ “बदल गए हैं मायने अब हर रिश्तों के… हर रिश्ते का मतलब, सिर्फ “”मतलब हैं-” ✍✍✍✍

मतलब यहाँ हर बंदा, मतलब की हद तक, साथ चाहता है !

खुदअपनी कमियों को बताता नहीं कोईमतलब बगैर हाथ मिलाता नही कोई,करते तो सभी मोहब्बत हैं आपसेपर किसी का साथ निभाता नहीं कोई।

झूठी दुनिया के झूठी फसाने हैं,लोग भी झूठे और झूठे जमाने हैं,धोखे मिलते हैं हर कदम पर यहाँ,हर तड़फ भीड़ हैं लेकिन अफसोस सब बेगाने हैं,

✍✍✍✍ “ज़रा सम्भल कर चलना क्योंकि तारीफों के पुल के नीचे मतलब की नदी बहती है।” ✍✍✍✍

जिनकी दुआ किया करते है हजारों मेंवहीं बेचते है रिश्ते बाजारों में

हम रोज उदास होते हैं और रात गुज़र जाती हैंएक दिन रात उदास होगी और हम गुज़र जायेंगे।

विश्वास की डोर एक धोखे से तोड़ जाते हैं, मतलबी लोगों की फितरत है की, वो अपनों को बीच रस्ते में छोड़ जाते हैं ।

उसकी शहादत को भला ख़ुदगर्ज़ जमाना क्या समझे, यहाँ तो हाथ बढ़ाते हैं सब, अपना मुक़ाम पाने के लिये.

मतलबी हैं जमाना,यहा मतलब के हैं लोग,जब भी कहेंगे सच्ची बातें,बुरा कहेंगे ये लोग।

सब मतलब की यारी है, यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।

कुछ खोये बिना हमने पाया है; कुछ मांगे बिना हमें मिला है; नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर; जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है।

मतलबी इस दुनिया के अंजाम में,कैसे बदलाव लाऊं चाहते हैं लोग सभी,तोड़ दूं रिश्ते और पागल हो जाऊं।

ऐ जिन्दगी जरा सबक उन्हें भी सिखा दे जीवन का,जो तेरी अहमियत को भूल चुके हैं |

अकसर वही लोग हम पर उँगलीया उठाते हैं।जिनकी मुझसे बात करने की औकात न हैं।

मतलबी इस दुनिया में ,मतलबी तु भी बन,चलता अगर साथ कोई ,साथ उसके तु भी चल।

जिसे हमने अपना खुदा माना वो हीबड़ा मतलबी और खुदगर्ज निकला।

तुम अपने दिल में मोहब्बत का आलम हमेशा जिंदा रखना अपनी खुदगर्जी और खुद्दारी खुद अपने ही पास रखना

✍✍✍✍ “तेरा बेमतलब का प्यार अब मतलबी सा लगता है।” ✍✍✍✍

इज्जत उसी की होती है जो, निस्वार्थ लोगों का काम करता है !

वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे , तुम्हें भुलकर जिऊ यह खुदा न करे, रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगानी बनकर, यह बात और है जिंदगी वफा न करे

चली गई हो लगा कर मुझे चाहत का ये मर्ज पहचान गया हूं बेवफा, तुम हो बड़ी खुदगर्ज

साजिशे हजार करलो मगर,मुझे भुला ना पाओगे,मतलबी कह कर छोड़ने वाले,एक दिन बड़ा पछताओगे।

विश्वास की डोर एक धोखे से तोड़ जाते है,मतलबी लोग की फितरत है कीवो अपनों को बीच रस्ते में छोड़ जाते है।

ये दुनिया वाले बड़े मतलबी हैजानते है सब अपने स्वार्थ के लिए पास आते हैमगर बावजूद इसके सभी को अपना अपना कहते है।

मुझे पता नहीं की भगवानक्या करवाना चाहता है मुझसेपहले बेवफा लड़की से मिलायाउसके बाद बेवफा दोस्त से।

कैसे कह दूँ इश्क मतलबी है उसका, उसे मुझसे कोई फायदा भी तो नहीं है।

Recent Posts