Intezaar Quotes : एक मुलाकात की आस में मैं ज़िंदगी गुजार लूंगा, तुम हां तो कहो तुम्हारे लिए उम्र भर इंतज़ार करूंगा ! उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का, पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का !
इशक के दरद ही कुछ ऐसे हैं… लोग जान दे देते हैं मगर इंतजार नहीं करते।।
तुम से मिलना तो एक ख्वाब सा लगता है, मैने तुम्हारे इंतजार से मोहब्बत की है।
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है, सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।
फिर से ना लौटा वो शख़्स, एक बार चले जाने के बाद, शायद मेरे इंतज़ार की कसक, भूल गया वो अपनी मंज़िल की चाह में।
एक आह भरी होगी, हमने ना सुनी होगी जाते जाते तुम ने आवाज़ तो दी होगी
संभव ना हो तो साफ मना कर दें, पर किसी को अपने लिए इंतजार ना करवाएं !
“जब आपके इंतज़ार का समय पूरा होता है, तो आपको मिलना तो वही होती है जो आपके लिए बेशक होना चाहिए।”
एक बार मुड़कर तो देखा होता, आंखें आज भी तेरा इंतज़ार करती है, सुबह शाम हर पहर, खुदा से ये तेरे लिए ही फरियाद करती है।
शहर की हर गलियों में तुम्हें ढूँढ़ते रह गए हम प्यार तो इतना बढ़ चूका था की जिंदगी भर तेरा इंतज़ार करते रह गए हम।
चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
तुम आये हो ना शब्-ए-इंतज़ार गुज़री हैतलाश में है सहर बार-बार गुज़री है
🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸 “इंतजार जो था मुझे मिलने का, तुझसे इन्तजार ही रह गया, उम्र भर का” 🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸
ना मौत आती है ना क़रार आता है, लौटने वालों का जब इंतज़ार होता है।
फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह, देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया.
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें,हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें,मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें,इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें
उसके इंतजार के मारे है हम.. बस उसकी यादों के सहारे है हम… दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब..?? जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम..
जी भर गया है तो बता दो…. हमें इनकार पसंद है…. इंतजार नहीं…!
“इंतज़ार करना आपके अंदर की कशिश को बढ़ाता है।” “इंतज़ार करने से महत्वपूर्ण हैं तर्क नहीं, विश्वास है।”
थम सी जाती हैं धड़कने इंतज़ार तेरा करते-करते, नम सी रहती हैं ये आँखें, दीदार को तेरे तरसते-तरसते।
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी इंतज़ार तेरा मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸 “हर पल रहता है इंतज़ार की खत आये अब उनका। पर दिल को पता है सब की बेवजह है इंतज़ार अब उनका।।” 🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸
प्यार हो तुम मेरे पता है जरूर वापस आओगे, तब तक करूँगा इंतज़ार तुम्हारा ये वादा रहा हमारा।
कहीं वो आ के मिटा दें न इंतज़ार का लुत्फ़, कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।
कुछ इस क़दर उसने रिश्ता निभाया, कभी न लौट आने की क़सम देकर, बस उम्रभर इंतज़ार किया।
फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना; दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना; बिछड़ जाए कभी आपसे हम; आँखों में हमेशा हमारा इंतज़ार रखना!
मेरा संदेसा उन तक पंहुचा कर कहना, कि तुम्हें देखने को मेरी आँखें तरस गयीं।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें, बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे.
🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸 “बैठे हैं बड़ी फुर्सत से, तेरी फुर्सत के इंतजार में..” 🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸
मेरी दुआ है कि जन्नत में तू ही मेरा हमसफ़र बने लेकिन डर है की कही वहा भी तेरा इंतज़ार न करना पड़े
फिर मुक़द्दर की लकीरों मैं लिख दिए इंतज़ार, फिर वही रात का आलम और मैं तनहा तनहा…
हम इंतजार भी उनका कर रहे है जो हमारी जिंदगी के साथ फरेब रहे है।
🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸 “इन्तेज़ार की हर इन्तेहा तक इंतजार करना है तेरा, दिल में आखिरी साँस तक मुझे प्यार रखना है तेरा..!!” 🌸🌿🙇🕔🙇🌿🌸
किन लफ्जों में लिखूँ अपने इन्तजार को मैं, मेरा बेजुबां इश्क़ तुझे बड़ी खामोशी से ढूँढता है।
मुझको अब तुझ से मोहब्बत नहीं रही, ऐ ज़िन्दगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही, बुझ गये अब उसके इंतज़ार के वो दीये, कहीं आस-पास भी उस की आहट नहीं रही।
एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे; ख्वाब में ही सही, एक दीदार दे दे! बस एक बार कर ले तू आने का वादा; फिर उम्र भर का चाहे इंतज़ार दे दे!
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा!
सालों तक इंतजार किया है मैंने तेरा, इतनी आसानी से तुझे कैसे खो दू, चला था कभी जिन राहों पर, आज उन राहों पर कांटे मैं कैसे बो दू।
पल भर का प्यार और बरसों का इंतज़ार, जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है !
सूखी पत्ती से भी प्यार करेंगे; हम तुम पर ऐतबार कर लेंगे; एक बार कह दो तुम हमारे हो; हम सारी ज़िंदगी इंतज़ार कर लेंगे।
तूने मुझे छोड़ा सच्चे प्यार की तलाश में मैं आज भी वही खड़ा हूँ तुझसे मिलने की आस में।
हालात कह रहे है की अब मुलाक़ात नहीं होगी, उम्मीद कह रही है जरा इन्तेज़ार कर ले.
ख़्वाब सजाकर उसका इंतज़ार करता रहा मैं…इसी तरह एक बेवफ़ा से प्यार करता रहा मैं
पलकें बिछाओ या दिल जलाओ किसी के इंतज़ार में, वक़्त से पहले कभी नहीं आते वापस आने वाले।
आजा अभी सर्दी का मौसम नहीं गुजरा; पहाड़ों पर अभी भी बर्फ जमी है; सब कुछ तो है मेरे पास; सिर्फ एक तेरी कमी है।
जिसका इंतज़ार शिद्दत से करोगे, वही अक्सर नहीं आते.
नम आँखों में तेरा इंतज़ार लिए बैठा हूँ, कुछ खास नहीं बस इश़्क का इज़हार लिए बैठा हूँ।
“इंतज़ार भी एक अहसास है, जिसके बिना जीवन अधूरा है।”
सुबह कहती है मुझसे ज़रा जल्दी उठा कर, कोई मेरे इंतज़ार में रात भर नहीं सोता।
उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का, पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का.
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी इंतज़ार उस का कुछ सोच कर करते रहे।
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है, खामोशियों की अब आदत हो गयी है.
यूं पलकें बिछाकर तुम्हारा इंतजार करते है तेरे लौटने की दुआ रोज हम रब से करते है।
इंतज़ार के इन लम्हों में, ज़माना ना जीत जाए, इंतज़ार करते-करते कहीं, ज़िन्दगी ना बीत जाए।
कल भी तुम्हारा इंतज़ार था, आज भी तुम्हारा इंतज़ार है और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।
लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है, यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने टूटते बिखरते देखा है।
यादों से तेरी हम प्यार करते हैं; 100 जन्म भी तुझ पर निसार करते हैं; फुर्सत मिले तो आ जाना मेरी ज़िंदगी में; उसी पल का तो हम दिन रात इंतज़ार करते हैं।
तेरी फ़ुरसतों के इंतज़ार में, हम ख़ुद से भी दूर दूर हुए, पानी जो बरसा मेरी आँखों से, पिघली स्याही हर्फ़ मेरे काफूर हुए।
क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है, एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है, लगने लगते हैं अपने भी पराये, और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।
देर रात तक दहलीज़ पर तेरी बैठी रहीं आँखें, जब आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता।
तेरे लौट आने का इंतजार आज भी इन आंखों में रहता है तेरी जुदाई और गमों का बुखार मेरे दिल पर छाया रहता है।
वो समझे या ना समझे मेरे जज्बात कोमुझे तो मानना पड़ेगा उनकी हर बात कोहम तो चले जायेंगे दुनिया से एक दिनमगर देख लेना वो सोंएगे अकेले हर रात को ।
“जब तक इंतज़ार है, जीने की आस है।”
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ होनज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
मेरी रात को तेरी आधी रात का इंतज़ार रहता है, क्यूँ न हो भला आख़िर उसी में छुपा मेरे लिए तेरा प्यार रहता है।
उसने कहा अब किसका इंतज़ार है; मैंने कहा अब मोहब्बत बाकी है; उसने कहा तू तो कब का गुजर चूका है ‘मसरूर’; मैंने कहा अब भी मेरा हौसला बाकी है!
मुझे तो अब ख्वाब में भी नींद नहीं आती है, दिल हैरत में है कि ये मुझे किसका इंतज़ार है।
संभव ना हो तो साफ मना कर दें, पर किसी को अपने लिए इंतजार ना करवाएं.
एक बार मुड़कर तो देखा होता,आंखें आज भी तेरा इंतज़ार करती है,सुबह शाम हर पहर,खुदा से ये तेरेलिए ही फरियाद करती है।
पल भर का प्यार और बरसों का इंतज़ार, जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है.
तेरे इंतज़ार मैं लफ्ज़ ख़तम हो गए लिखने के लिए,मेरे इश्क़ पे खामोशी सी छायी है तेरे इंतज़ार मैं..
फुरसत पड़े तो याद कर लेना हमें, कि जी रहे हैं हम तेरे इंतज़ार में।