Inspirational Krishna Quotes In Hindi : यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं,तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए। राधा ने श्री कृष्ण से पूछाप्यार का असली मतलब क्या होता है?श्री कृष्णा ने हँस कर कहा,जहाँ मतलब होता है, वहाँ प्यार ही कहा होता है।
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए
अहंकार तब उत्पन्न होता है,जब हम भूल जाते हैकि प्रसंशा हमारी नही हमारे गुणों की हो रही है…
अपना दिल अपने काम पर लगाओ, इसके इनाम या परिणाम पर कभी नहीं.
बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है
जीवन में परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत हो, इंसान के साथ जो कुछ भी होता है अच्छे के लिए ही होता है।
कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा
वह दिन मत दिखाना कान्हा कि हमें खुद पर गुरुर हो जाए,रखना अपने दिल में इस तरह कि जीवन सुफल हो जाए..!!
“अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव,तीनों ही समाप्त हो जाते हैं॥”
जो हैं माखन चोर, जो हैं मुरली वाला,वही हैं हम सबके दुःख हरने वाला..!;
दूसरो का भला करने वाले मनुष्य को हमेशा कष्टो का सामना करना पड़ता है क्योकि हमेशा फल देने वाले वृक्ष को भी पत्थरो की मार सहनी पड़ती है।
भाग्यवान वह होते हैं,जो राधा कृष्ण के दरबार में शीश झुकाते हैं..!!
कुदरत के फैसले पर कभी सक मत करना,अगर सजा मिल रही है, तो गुनाह भी हुआ होगा।
भगवान कहते हैं, “कर्म करो, फल की चिंता मत करो।” जीवन में समर्पण और कर्मयोग के माध्यम से आप उच्चतम सफलता प्राप्त करेंगे।
आपके कर्म ही आपकी पहचान है, वरना एक नाम के हजारों इंशान हैं।।
अपना काम हमेशा दूसरों के कल्याण को ध्यान में रखकर करें।
बदलाव इस संसार का प्रथम नियम है. एक क्षण में तुम कोटियों के मालिक हो सकते हो जबकि उसी क्षण तुम एक निर्धन भी बन सकते हों.
जो अधर्म के लिए खड़ा होता है, उसे सत्य का सहारा मिलता है।
अगर तुमने राधा के कृष्ण के प्रति समर्पण को जान लिया, तो तुमने प्यार को सच्चे अर्थों में जान लिया।।
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।
~ अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।
खुशी हमारे भीतर की एक अवस्था हैं, भौतिक दुनिया का इससे कोई संबंध नहीं हैं.
एक बात हमेशा याद रखना बोले गए शब्द, बीता हुआ वक्त और टूटा हुआ भरोसा कभी वापस नहीं आता।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब कोई दिल से हो मेरा, तो एक कृष्ण ही काफ़ी हैं।।
आत्म-नियंत्रित आत्मा, जो आसक्ति या विकर्षण से मुक्त होकर, विषयों के बीच चलती है, वह शाश्वत शांति प्राप्त करती है.
बस कुछ और न मांगू तुझसे मेरे मुरलीधर, तूझे हर पल देखूं मेरे कन्हैया ऐसी मेरी तक़दीर हो।
प्रत्येक व्यक्ति में ईश्वर का निवास हैं कोई उससे अछुता नहीं हैं.
“यदि आप किसी के साथ ‘मित्रता’ नहीं कर सकते हैं,तो उसके साथ ‘शत्रुता’ भी नहीं करना चाहिए॥”
कर्म करो फल की चिंता न करो, फल ईश्वर का कर्तव्य है।
जिंदगी आपको वो नहीं देगी जो तुम्हे चाहिए। जिंदगी आपको वो देगी जिसके तुम काबिल हो।
तुम कृष्णा की तलाश करो,कृष्णा स्वयं तुम्हें ढूंढ लेंगे..!!
इस भौतिक संसार का यह नियम है जो वस्तु उत्पन्न होती है,कुछ काल तक रहती है अंत में लुप्त हो जाती है चाहे वे शरीर हो फल हो..!!
“जहां अपनों के सामने सच्चाई,साबित करनी पड़े,वहां बुरे बन जाना ही ठीक है”
अगर परम सत्य जानने की इच्छा रखते हो तो इस नश्वर शरीर के बारें में सोचना छोड़ दो. इस आत्मा के बिना इस शरीर का कोई अस्तित्व नहीं है.
रिश्तो में अपेक्षा ही कमजोर बनाती हैअपेक्षा तो स्वयं मस्तिष्क में जन्म लेती है..!!
किसी दूसरे के जीवन के साथ पूर्ण रूप से जीने से अच्छा है कि हम अपने समय के भाग्य के अनुसार अपूर्ण जीए।
~ लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए, किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वह कभी झुकने नहीं देते।
भगवान की भक्ति करते समय, अपनी नींद, गर्व, और भ्रम को छोड़ दें। आपका मन शुद्धता और प्रेम के साथ भरा होना चाहिए।
लोगों की बातों को ध्यान न देने से अच्छा निरंतर कर्म करते रहना चाहिए, कर्मों से ही व्यक्ति महान बनता है।
पुकारते हो उसी तरह मुझे भी बासुरी से कान्हा कान्हा कहना सिखा दो
“जिस व्यक्ति के पास ‘संतुष्टि’ नहीं है,उसे कितना भी मिल जाए वह ‘असंतुष्ट’ ही रहेगा॥”
तूफान में कश्तियां और घमंड में हस्तियां अक्सर डूब ही जाते है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वो विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगतार चिंतन करे.
अपने दुःखों को भगवान के प्रति श्रद्धा में धारण करें, क्योंकि वे हमारी समस्याओं का समाधान करने के लिए हमेशा तैयार होते हैं।
भगवान कृष्ण की कृपा से जीवन में आनंद और समृद्धि का आभास होता है।
प्रेम अगर करुणा बनके आँखों से ना बहे, तो समझो वो प्रेम अंतर मन से उतरा ही नहीं।
अच्छी किस्मत के लोग थोडा भी बुरा होने पर भगवान को कोसते है, और बुरी किस्मत के लोग थोडा भी अच्छा होने पर भगवान का स्मरण और धन्यवाद करते हैं।
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
आपके मन की शांति आपकी संयमित इच्छाओं में ही स्थित है।
धन और बल जीवन के फल है लेकिन परिवार और मित्र जीवन की जड़ है।
क्षमता और ज्ञान को हमेशा अपना गुरु बनाओ, अपना गुरूर नहीं।
~ जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत कीजिये, आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं।
युद्ध से पहले तुम डर जाओगे तो तुम मरने से पहले ही मर जाओगे।
इंसान को परखने की क्षमता बढ़ाइये वरना धोखे खाने के लिए तैयार रहिए
कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।
कर्मयोग से अपने कर्तव्य का पालन करो, फल की आशा छोड़ दो।
इस भौतिक संसार का यह नियम है जो वस्तु उत्पन्न होती है, कुछ काल तक रहती है अंत में लुप्त हो जाती है चाहे वे शरीर हो, फल हो।।
उस सुख का त्याग कर देना चाहिए। जो किसी के दुख का कारण बनता है।
अमीर बनने के लिए एक एक क्षण संग्रह करना पड़ता है, किन्तु अमर बनने के लिए एक एक कण बांटना पड़ता है।।
हम यह शरीर नहीं हैं, न ही मन हैं, हम इस नाशवान शरीर में रहने वाले एक शांतिपूर्ण और नश्वर जीवित आत्मा हैं.
समस्त जीवों की एकता को समझो, तभी तुम स्वयं को पूर्ण मान सकोगे।
सफलता पाने वाले भूत या भविष्य की चिंता किए बिना अपने वर्तमान को सुधारते हैं
इंशान के परिचय की शुरुवात भले हीउसके चेहरे से होती होगी लेकिन उसकीसम्पूर्ण पहचान तो वाणी से होती हैं
वहां बैठ कर रोना बहुत सुकून देता है जहां कृष्ण के सिवा कोई और सुनने वाला न हो
मुश्किल वक्त हमारे लिए आईने की तरह होता है जो हमारी क्षमताओं का सही आभास हमे कराता है
अपने जीवन के हर पल को जियो. अतीत के विषयों को सोचकर इस जीवन को बर्बाद मत करों. अतीत को न तो बदला जा सकता हैं न ही दोहराया जा सकता हैं.
रंग बदलती दूनियाँ देखी देखा जग व्यवहार,दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबार राधे राधे..!!
आप बेवजह चिंता क्यों करते हो? आप किससे डरते हैं? आपको कौन मार सकता है? आत्मा न तो जन्म लेती है और न ही मरती है.
~ मान, अपमान, लाभ-हानि, खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है।
जीवन ना तो भविष्य में है न अतीत में है, जीवन तो बस इस पल में है.
~ आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है।
हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।
~ न हार चाहिए ना जीत चाहिए। जीवन में अच्छी सफलता के लिए परिवार और कुछ मित्र का साथ चाहिये।