Farewell Shayari For Seniors By Juniors : हर कदम हर पल साथ हैं, दूर होकर भी हम आपके पास हैं, आपका हो न हो पर हमें आपकी कसम, आपकी कमी का हर पल अहसास है., आप थे तो सफल हो गये, आप थे तो हवा सारे गम हो गये, हम अकेले चले तो बहुत खार थे, आप के साथ राहों में गुल हो गये.,
बहुत भारी दुःख भरी खबर आयी हैदिन बैचेन है और धूप घबराई है,आपको हम फेयरवेल दे रहे मगरदिल सुबकने लगा है आँख भर आई है.
अब के जाते हुए इस तरह किया उस ने सलामडूबने वाला कोई हाथ उठाए जैसे
आखिरी अलविदा कहते हैं हो सके तो स्वीकार कर लेना,जब भी मिले वक्त आपको तो हमें याद कर लेना.
जब विदाई की घड़ी आती हैदिल की मुश्किलें बढ़ जाती हैआप हमारे दिल के पास रहेंगे,हम आपको हमेशा याद रहेंगे
तुम्हारा साथ धूप में छांव हैतुम्हारा साथ समंदर में नाव हैतुम्हारा साथ अंधकार में प्रकाश हैकर रहे है आज तुमको को विदापर दिल में आपका ही नाम है।
देने को मेरे पास नहीं है कुछ खास, सोच कर मेरा मन बहुत है उदास, चले हो हमको बीच राह मे छोड़कर, पर रहोगे हमेशा हमारे दिल के पास।
”एक ऐसे बॉस को विदाई, जिसने अपने अधिकार का प्रयोग हमें सफलता की ओर आकर्षित करने के लिए किया, न कि हमारी पोस्ट पर हुकूमत चलाने के लिए।”
चमन से रुख़्सत-ए-गुल है न लौटने के लिएतो बुलबुलों का तड़पना यहाँ पे जाएज़ है
हर कदम हर पल साथ हैं, दूर होकर भी हम आपके पास हैं, आपका हो न हो पर हमें आपकी कसम, आपकी कमी का हर पल अहसास है.,
बहुत कुछ सिखाया आपने,इस काबिल बनाया आपने,एहसान लफ्ज़ों में कैसे बयां करूखुशियाँ ही खुशियाँ लुटाया आपने.
इंसान के किस्मत में बिछड़ना लिखा है,बिछड़ने के बाद हर किसी को मिलना लिखा है.
मुश्किलों में जो साथ दिया याद रहेगा, गिरते हुए को जो हाथ दिया याद रहेगा.
आप तो जा रहे है, पर ऑफिस में उदासी छाएगी, आप की याद बहुत आएगी, आप जहाँ भी रहे मुस्कुराते रहें.
” आप जैसे बॉस किस्मत से मिलते हैं, रौशनी भर गई, नूर से खिल उठे.. जीत जायेंगे हम, हमको है यह यकीन क्योंकि आपके मार्गदर्शन पर जो हम चल पड़े हैं। ”
आपको विदा करनेआँखों से मेरे आँसू आ रहे हैं,इस हाल में आप हमेंक्यों छोड़कर जा रहे है?
भीगा भीगा सा क्यों है यह संमाआज तो आसमान में बादल भी नहीं हैसुना है आज आपकी है विदाईइसलिए सबकी आंखें भर आई।
विदाई की घड़ी है आई सबके आँखोंमें आँसू है लाई,आपकी पूरी हो हरअभिलाषा दुआ ये सबके जुबान परहै आई।
विदाई का है दिनमाहौल है गमगिनहै ये आशा पूरी हो तुम्हारीहरेक अभिलाषा।
आज आप हम से तो जुदा होजाओगे दुआ करते है जहा भीजाओगे खुशियाँ पाओगे।
चाहे हो तेज़ धुप या हो तेज़ आंधियाँ, हम आपकी याद कभी नहीं खोते, तुम्हे याद करने से मुस्कुरा देती है ये आँखे, इसलिए तो हम दूर होकर भी दूर नहीं होते.,
उसे जाने की जल्दी थी सो मैं आँखों ही आँखों मेंजहाँ तक छोड़ सकता था वहाँ तक छोड़ आया हूँ
जिनको कितना सत्ता लो कभी नहीं रूठतेटीचर हम बच्चों को सफ़ल इंसान बनाते हैं.
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगामगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगाबशीर बद्र
फिक्र करूं या जिक्र करूं,आपके बिना ये सफर कैसे पूरा करूं.
विदाई की घड़ी है, हर आंख नम पड़ी हैहर कामना हो पूरी आपकी यही शुभकामना हैतहे दिल से हमारी।
मिट्टी से सोना बना दियाभाग्य में नहीं था वो भी दिला दियाविदा तो हो रहे हो आज आप हमारी जिंदगी सेपर जाते-जाते भी आपने खुशी के आंसू रुला दिया।
” आपके साथ ये सारे मौसम फरिश्ते जैसे महसूस होते थे, आपके बाद ये मौसम हमें बहुत सतायेंगे। ”
कलेजा रह गया उस वक़्त फट करकहा जब अलविदा उस ने पलट कर
ये घर मिरा गुलशन है गुलशन का ख़ुदा हाफ़िज़अल्लाह निगहबान नशेमन का ख़ुदा हाफ़िज़
बेफिक्र था मैं, सर पर जो आपका हाथ थालाजबाब था मैं, आपके हाथों में जो हिसाब थाविदा तो कर दूंगा आज आपकोलेकिन बहते आंसू ना रोक पाऊंगा।
” चमन से रुख्सत-ए- गुल है न लौटने के लिए, तो बुलबुलों का तड़पना यहां पे जायज़ है। ”
जिंदगी का सबसे खूबसूरत सा सफर बस अब याद में सिमट गया है, कुछ अनकहे से ख्वाब और कुछ खट्टीमिठी याद बन के रह गया है.
शिक्षक ईश्वर का वरदान है,हर छात्र को अभिमान होता है.
जीवन की नैया डगमग थी किनारे लगा दियाजमीं से उठाकर सिहासन पर बिठा दियाक्या तारीफ करूं आपकी आपने तोखुद को मिटा कर हमें बना दिया।
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगामगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगाबशीर बद्र
हमें छोड़कर जहाँ भी जायेंगे,यकीन है खुशियाँ ही खुशियाँ पायेंगे.जी भरकर दिल की बात न हो पाई,एक मस्त अनोखी मुलाकात न हो पाई।
उस से मिलने की ख़ुशी ब’अद में दुख देती हैजश्न के ब’अद का सन्नाटा बहुत खलता हैमुईन शादाब
मानो आप ही थे मेरा परिवार,और आप ही थे मेरे यार,नहीं कोई था सीनियर आप-सा,संभाला था आपने मुझे हर बार।
विदा कर रहे है और देते है ये शुभकामना, जीवन में ढेर सारे पैसे कमाना, फिर मुझसे जरूर मिलने आना और बढियाँ सी पार्टी दे जाना.
विदाई तो है दस्तुर जमाने का पुराना, पर जहाँ भी जाना अपनी छाप कुछ ऐसे छोड़ जाना, की हर कोई गुनगुनाएँ तुम्हारा ही तराना.
विदा तो हो रहे हो इस कॉलेज सेबस आंखों के सामने से जा रहे होदिल से कैसे निकल के जाओगे आप।
आप जैसे सीनियर किस्मत सेमिलते हैं जैसे पतझड़ में मानोफूल खिलते हैं चले जाओगे हमको अकेला छोड़कर हमेशा आपखुश रहो यही शब्द निकलते हैं।
दिमाग को समझाऊं तो मन नहीं मानतादिल को समझाऊं तो आंखें रो पड़ती है।
बस रुँधे कंठ है, यूँ विकल कर दियादिल हुआ तरबतर, मन तरल कर दियाआपकी ये जुदाई, कठिन हो गईइस विदाई ने हमको, सजल कर दिया।
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगामगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा।
उस गली ने ये सुन के सब्र कियाजाने वाले यहाँ के थे ही नहींजौन एलिया
जीवन की कश्ती डगमग थी किनारे लगा दियाजमीं से उठाकर सिहासन पर बिठा दियाऔर क्या तारीफ करूं आपकी आपने तोखुद को मिटा कर हमें बना दिया।
आप थे तो, सफल हो गयेआप थे तो, हवा सारे गम हो गयेहम अकेले चले तो, बहुत खार थेआप के साथ राहों में, गुल हो गये।
” थे कदम के निशां, बेहिचक चल पड़े, थामते आये हैं, हम अगर गिर पड़े जिनसे सीखा उन्हें, कैसे कर दें विदा क्या बड़ी बात है, हम अगर रो पड़े। ”
आखिरी अलविदा कहते हैं हो सके तो स्वीकार कर लेना, जब भी मिले वक्त आपको तो हमें याद कर लेना.
जीवन की कश्ती डगमग थी किनारे लगा दियाजमीं से उठाकर सिरमौर बना दियाऔर क्या तारीफ करूं तेरी आपने तोखुद को मिटा कर हमें बना दिया।
ये घर मिरा गुलशन है गुलशन का ख़ुदा हाफ़िज़अल्लाह निगहबान नशेमन का ख़ुदा हाफ़िज़।
चलते है फिर मिलेंगे ये कह करआप तो विदा हो गए, पर हम अकेले हो गए।
उदास क्या होना बदहवास क्या होना, फ़ूल का तो मुकद्दर है डाली से जुदा होना.
आप का साथ धूप में छांव है, आप का साथ समंदर में नाव है, साथ अंधकार में प्रकाश है, कर रहे है आज आप को विदा, पर दिल में आपका ही नाम है.,
आप गुरु जी थे हमारे लच्छेदारमिस करेंगे आपके चुटकुले मजेदार
”मिली- जुली खुशी, गम की भावनाओं के साथ शुभकामना है आज विदाई के मौके पर यह कि हो आपके जीवन की शुभ शुरुआत।”
आपके साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है,आपके बाद ये समा बहुत सताएगा.
जीवन की कश्ती डगमग थी किनारे लगा दियाजमीं से उठाकर सिहासन पर बिठा दियाऔर क्या तारीफ करूं आपकी आपने तोखुद को मिटा कर हमें बना दिया।
अब जाने पर उदास क्या होना,अब बिछड़ने पर बदहवास क्या होना,यही तो दस्तूर है इस दुनिया का कि, एक बार मिलना और मिलकर जुदा होना।
दिमाग को समझाऊं तो मन नहीं समझतादिल को समझाऊं तो आंखें रो पड़ती है।
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगाजाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा – अलविदा ||
विदा होकर आज ही यहां से चली जाओगे पर आशा है कि जहां भी जाओगे खुशियां ही पाओगे।
यादों की झड़ी सी है आंखों में छाईहो रही है आज आपकी विदाईहम करते है ईश्वर से प्रार्थनापूरी हो जीवन की हर कामना।
आज मिलेंगे, कल मिलेंगेविदा हो जाओगे आज आपना जाने फिर कब मिलेंगे।
विदा होकर आज चली जाओगेपर आशा है कि जहां भी जाओगेखुशियां ही खुशियां पाओगे।
विदा कर रहे है और देते है येशुभकामना, जीवन में ढेर सारे पैसेकमाना, फिर मुझसे जरूर मिलनेआना और बढियाँ सी पार्टी दे जाना।
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है,तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा.
जादा जादा छोड़ जाओ अपनी यादों केनुक़ूश आने वाले कारवाँ के रहनुमा बनकर चलो।
फिक्र करूं या जिक्र करूं आपकेबिना ये सफर कैसे पूरा करूं दिमागको समझाऊं तो मन नहीं समझतादिल को समझाऊं तो आंखें रोपड़ती है।
जीत जाने की लौ आपसे जो मिली, वो धुवां बन उठी, आसमां हो गई। ”
जीवन के सारे आशाओं को पूरा करते हैं,गुरू छात्र के जीवन को खुशियों से भरते हैं.