Chanakya Quotes In Hindi : संसार की सबसे बड़ी शक्ति नारी का यौवन और सुन्दरता है। अगर सांप जहरीला न भी हो तो भी उसे जहरीला होने का ढोंग करना चाहिए।
पंछी कभी अपने बच्चों को भविष्य के लिए घोंसला बनाके नहीं देते, वे तो बस उन्हें उड़ने की कला सिखाते हैं।
पति के वश में रहने वाली पत्नी ही व्यवहार के अनुकूल होती है।~आचार्य चाणक्य~
कार्य के मध्य में अति विलम्ब और आलस्य उचित नहीं है।~Acharya Chanakya~
स्वाभिमान इतना भी मत बढ़ाना की अभिमान बन जाए और अभिमान इतना भी मत करना की स्वाभिमान मिट जाए।
राजा के सेवकों का कठोर होना अधर्म माना जाता है।~Acharya Chanakya~
“शक्तिशाली शत्रु को कमजोरसमझकर ही उस पर आक्रमण करें।”~ आचार्य चाणक्य
मनुष्य के कार्ये में आई विपति को कुशलता से ठीक करना चाहिए।~Acharya Chanakya~
साहसी लोगों को अपना कर्तव्य प्रिय होता है।~आचार्य चाणक्य~
आलसी राजा की प्रशंसा उसके सेवक भी नहीं करते।~Acharya Chanakya~
आप जिस चीज के लायक हैं, उससे कम पर कभी समझौता न करें। यह अभिमान नहीं, स्वाभिमान है।
दुर्बल के साथ संधि न करे।~Acharya Chanakya~
मनुष्य अकेला पैदा होता है और अकेला ही मरता है; और वह अपने कर्मों के अच्छे और बुरे परिणामों को अकेले ही भोगता है; और वह अकेला ही नरक या परमधाम जाता है।
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है,ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो,यह कड़वा सच है।
जिन्दगी में दो लोग बहुत तकलीफ देते है,एक वो जिससे प्रेम न हो और उसके साथ रहना पड़े,दूसरा वो जिससे हद से ज्यादा प्रेम होऔर उसके बिना रहना पडे !
जो अपने कर्म को नहीं पहचानता, वह अँधा है।~आचार्य चाणक्य~
कभी भी अपनी ताकत और दौलत पर भरोसा ना करे, क्योंकि बीमारी और गरीबी आने में देर नहीं लगती।
दृढ इच्छा शक्ति के आगेनियति को भी झुकना पडता है
श्रेष्ठ और सुहृदय जन अपने आश्रित के दुःख को अपना ही दुःख समझते है।~आचार्य चाणक्य~
अपने व्यवसाय में सफल नीच व्यक्ति को भी साझीदार नहीं बनाना चाहिए।~आचार्य चाणक्य~
शासक को स्वयं योग्य बनकर योग्य प्रशासकों कीसहायता से शासन करना चाहिए।
बिना प्रयत्न के जहां जल उपलब्ध हो, वही कृषि करनी चाहिए।~Acharya Chanakya~
पंछी कभी अपने बच्चों कोभविष्य के लिए घोंसला बनाके नहीं देते,वे तो बस उन्हें उड़ने की कला सिखाते हैं।– आचार्य चाणक्य
“जैसे एक सूखा पेड़ आग लगने पेपुरे जंगल को जला देता है।उसी प्रकार एक दुष्ट पुत्र पुरेपरिवार को खत्म कर देता है।”~ आचार्य चाणक्य
“एक बार यदि आपने कोई काम करना शुरू कर दिया, तो असफलता से मत डरिये। जो लोग इमानदारी से काम करते है वे हमेशा खुश होते है।
स्वयं को अमर मानकर धन का संग्रह करें।~Acharya Chanakya~
“बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है,नामं की पैसे से बुद्धि कमाया जा सकता है।”
“एक स्थायी संबंध विशेष उद्देश्य या धन पर निर्भर होता है।”
विवाद के समय धर्म के अनुसार कार्य करना चाहिए।~Acharya Chanakya~
अत्यधिक आदर-सत्कार से शंका उत्पन्न हो जाती है।~आचार्य चाणक्य~
मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है, परंतु मन से हारा हुआ कभी जीत नहीं सकता, आपका आत्म विश्वास ही सर्वश्रेष्ठ पूंजी है।
गरीब धन की इच्छा करता है,पशु बोलने योग्य होने की,आदमी स्वर्ग की इच्छा करते हैंऔर धार्मिक लोग मोक्ष की। – चाणक्य
कायर व्यक्ति को कार्य की चिंता नहीं होती।~आचार्य चाणक्य~
जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए।समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।– आचार्य चाणक्य
कार्य-सिद्धि के लिए हस्त-कौशल का उपयोग करना चाहिए।~Acharya Chanakya~
कभी भी अपनी ताकत और दौलत पर भरोसा ना करे, क्योंकि बीमारी और गरीबी आने में देर नहीं लगती।
भगवान सभी को एक ही मिट्टी से बनाता है,बस फर्क इतना सा ही है,कोई बहार से खूबसूरत हैतो कोई भीतर से– आचार्य चाणक्य
निर्धन व्यक्ति की पत्नी भी उसकी बात नहीं मानती।~Acharya Chanakya~
राजा की आज्ञा का कभी उल्लंघन न करे।~आचार्य चाणक्य~
“किस्मत के सहारे चलना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। ऐसे लोगों को बर्बाद होने में वक्त नहीं लगता।”
पराई स्त्री के पास नहीं जाना चाहिए।~आचार्य चाणक्य~
सज्जन को बुरा आचरण नहीं करना चाहिए।~Acharya Chanakya~
कोई भी व्यक्ति अपनेकार्यो से महान होता है,अपने जन्म से नहीं.
ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है,अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ!
राजा के पास खाली हाथ कभी नहीं जाना चाहिए।~आचार्य चाणक्य~
फूलों की सुगंध केवल हवा की दिशा में फैलती है,लेकिन एक इंसान की अच्छाई चारों दिशाओं में फैलती है।
“ये मत सोचो की प्यार और लगाव एक ही चीज है।दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं।ये लगाव ही है जो प्यार को खत्म कर देता है।”~ आचार्य चाणक्य
शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।~आचार्य चाणक्य~
वैभव के अनुरूप ही आभूषण और वस्त्र धारण करें।~आचार्य चाणक्य~
स्त्री के बंधन से मोक्ष पाना अति दुर्लभ है।~आचार्य चाणक्य~
मुर्ख व्यक्ति दान देने में दुःख का अनुभव करता है।~Acharya Chanakya~
“दुश्मन कमजोर बिंदुओं पर हमला करते हैं।”
दुनिया की सबसे बड़ी ताकत युवाशक्ति और महिला की सुंदरता है।
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है.
“जिसका आचरण दुराचारी, जिसकी दृष्टि अशुद्ध है, और जो कुटिल स्वभाव का है, उससे जो मित्रता करता है, वह शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।”
“भगवान मूर्तियों में नहीं है.आपकी अनुभूति आपका इश्वर है.आत्मा आपका मंदिर है।” – चाणक्य
दूसरों के धन का अपहरण करने से स्वयं अपने ही धन का नाश हो जाता है।~Acharya Chanakya~
वो जिसका ज्ञान बस किताबों तक सीमित है और जिसका धन दूसरों के कब्ज़े मैं है,वो ज़रुरत पड़ने पर ना अपना ज्ञान प्रयोग कर सकता है ना धन।
“हमारा शरीर नश्वर है, धन स्थायी नहीं है और मृत्यु सदैव निकट है। इसलिए हमें तुरंत पुण्य के कार्यों में संलग्न होना चाहिए।”
शक्तिशाली मन को कोई नहीं हरा सकता।
शत्रु भी उत्साही व्यक्ति के वश में हो जाता है।~आचार्य चाणक्य~
“साँप के दाँत में, मक्खी के मुँह में और बिच्छू के डंक में ज़हर होता है; परन्तु दुष्ट उस से तृप्त होता है।”
जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने का प्रयास करें; जब मृत्यु निकट हो तो तुम क्या कर सकते हो ?
जो बुरे वक्त में आपकोआपकी कमिया गिनाने लग जाएउससे ज्यादा मतलबीइंसान कोई हो ही नहीं सकता।– आचार्य चाणक्य
जीवन के लेखक बनो और अपने मन के पाठक, क्योंकि जितना अधिक खुद के बारे में ज्ञान अर्जित करोगे,उतना ही कम तुम्हें दूसरों की राय पर निर्भर होना पड़ेगा।
फूलों की सुगंध हवा की दिशा में ही फैलती है। लेकिन इंसान की अच्छाई हर दिशा में फैलती है।
“फूलों की सुगंध हवा की दिशा में ही फैलती है। लेकिन, एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है”
एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी तरहसे बेकार है जैसे की कुत्ते की पूँछ,जो ना उसके पीछे का भाग ढकती हैना ही उसे कीड़े-मकौडों के डंक से बचाती है।
समर्पित स्त्री पति के लिए सुबह के समय माता, दोपहर में बहन और रात्रि में वेश्या के समान व्यवहार करती है।
“कच्चा पात्र कच्चे पात्र सेटकराकर टूट जाता है।”~ आचार्य चाणक्य
अग्नि के समान तेजस्वी जानकर ही किसी का सहारा लेना चाहिए।~आचार्य चाणक्य~
“कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेशमत करना क्योकि जिसे तुम पर विश्वास हैउसे जरुरत नहीं और जिसे तुम पर विश्वासनहीं वो मानेगा ही नहीं।” – चाणक्य
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में भूख दोगुनी, लज्जा चार गुना, साहस छह गुना और वासना आठ गुना होती है।