Bhagwan Suvichar : यकीन करो जब ईश्वर देगा तो बेहतर नही बेहतरीन देगा। ईश्वर को अपना मित्र बना लो फिर तुमको कामयाब होने से कोई नही रोक सकता है।
प्यार मे कितनी बाधा देखी,फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी।राधे-कृष्णा
ईश्वर उन्हीं की सहायता करता है जो स्वयं अपनी सहायता करते हैं ।
“ जिंदगी में हमें किसी से भीनहीं डरना चाहिए,ईश्वर से भी नहीं क्योंकिईश्वर कोई डराने की चीज नहीं हैउन्हें तो बस प्रेम किया जा सकता है….!!!
“कर्म भूमि पर फल के लिएश्रम तो सभी को करना ही पड़ता है,भगवान सिर्फ लकीरें देता है,रंग तो हमें ही भरना पड़ता है ।”
“ हे भगवान मुझ परइतनी कृपा बनाए रखना किइस संसार में मेरे मन,कर्म, वचन से कोई दु:खी न हो…!!
“ बाज़ार के रंगों मेंरंगने की मुझे जरुरत नही,मेरे “कान्हा” की याद आते ही,ये चेहरा गुलाबी हो जाता है…!!
ईश्वर करुणा के सागर हैतू मोह माया को छोड़और उनके सागर में डुबकी लगा..
मैं हमेशा सोचता हूं कि ईश्वर को जाने का सबसे अच्छा तरीका है बहुत से चीजों से प्यार करना।
मत करना अभिमान खुद पर ऐ इन्सान,तेरे और मेरे जैसे कितनो कोईश्वर ने माटी से बनाकर,माटी में मिला दिया।
“मनुष्य ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है।”– अग्नि पुराण
अक्सर मौन प्रार्थनाएंभगवान जल्दी सुन लेते हैं,क्योंकि वह शब्दों और जबान से नहींदिल से निकली हुई होती है।
हमें अपने कर्मों का फल किसी स्वर्ग या नर्क में नहीं बल्कि इसी जीवन में मिलता है।
भगवान पर वही विश्वास कर सकते हैंजिन्हें अपने आप पर विश्वास होक्योंकि भगवान…हमारे अंतर्मन में ही बसे होते हैं।
जो मनुष्य हर हाल मेंसिर्फ सच का साथ देता हैवो ईश्वर के मार्ग पर है
कर्म का अधिकार मनुष्य केपास है लेकिन फल ईश्वर देते हैं,इसलिए कर्म को सच्चे मन सेकरना चाहिए क्योकि मनुष्य केजीवन में उसके कर्मो का फलही घटित होता हैं।
भगवान ने तो सब इंसानों कोइंसान ही बनाया,लेकिन… इंसानों ने भगवान काबंटवारा कर दिया।
“ ना मैं मंदिर में रहता हूंना मैं मस्जिद में रहता हूंजिस इंसान के दिल में इंसानियत हैमैं उस दिल में रहता हूं…!!!
सूरज जब पलके खोले,मन नमः शिवाय बोले,मैं इस दुनिया से क्यों डरु,मेरे रक्षक है शिव शंकर भोले
“ अगर जिंदगी में कुछहासिल ना हो तो समझ जाना किऊपर वाले ने उससे कुछ बेहतरआपके लिए सोच कर रखा है…!!
भगवान कभी भी36 प्रकार के व्यंजनों से खुश नहीं होतेवह तो प्रेम के भूखे हैंमुट्ठी भर तंदुल से भीवह खुश हो जाते हैं।
ईश्वर भी हमें उतनी ही उत्सुकता से ढूंढते हैं जितना कि हम ईश्वर को ढूंढते हैं।
मैं सिसु प्रभु सनेह प्रतिपाला।मंदरु मेरू कि लेहिं मराला।।तुलसीदास
“आलसी लोगों के काम के लिए ही भगवान् ने ‘कल’ का निर्माण किया है।”
न वो झुकने देता है और ना ज़िन्दगी की रफ़्तार को रुकने देता है।
“भगवान में भरोसा रखें, लेकिन अपनी तैयारी पूरी रखें।”
“ जब आप प्रकृति के साथ होतो आप ईश्वर के साथ होयदि आप प्रकृति के खिलाफ होतो आप ईश्वर के खिलाफ हो…!!
ईश्वर अपनी संतानों का सच्चा साथी ही नहींबल्कि सारथी भी होता है,जो समय पर साथ भी देता है,और उसका मार्ग भी प्रशस्त करता है।
“ जब तक ईश्वर तुम्हारे साथ हैतब तक दुनिया की कोई भीताकत तुम्हें हरा नही सकती है…!!!
ईश्वर का रहस्यतुम तभी समझ सकोगेजब तुम अपने हृदयको स्वच्छ बना लोगे।जाभी
भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते…इसीलिए उन्होंने माता-पिता को बनाया।
मेरे पास मेरे बस मेरे किए गुनाह हैं, बाकि सब कुछ तेरा है प्रभु।
हर तरफ की तारीफ अल्लाह के ही लिए है, सारे संसार का पालनहार (रब) है, निहायत दयावान बेहद मेहरबान है।
जो मनुष्य जीवन मेंसत्य के मार्ग पर चलता हैं,उसका सफ़र ईश्वर के पासआके ही समाप्त होता हैं।
किसी की सूरत बदल गई,किसी की नियत बदल गई,जब से तू ने पकड़ा मेरा हाथ भगवान,मेरी तो किस्मत ही बदल गई।
“हम जो है, वह हमें ईश्वर की देन है।हम जो बनते है, वह परमेश्वर को हमारी देन है।”
“ ईश्वर को ढूंढना बेहद सरल है,जहां प्रेम है वही ईश्वर है…!!
मैं तुम्हे अंत तक ले जाऊंगा. Sai Baba
“ईश्वर एक है और वह एकता को पसंद करता है।”– हजरत मोहम्मद
“मैं ईश्वर से डरता हूँ और ईश्वर के बाद, उससे डरता हूँ जो ईश्वर से नहीं डरता।”– शेख सादी
“वो तैराक भी डूब जाते हैं जिनको खुद पर गुमान होता हैं और वो गँवार भी डूबते-डूबते पार हो जाते हैं, जिन पर भगवान मेहरबान होते हैं ।”
“ईश्वर एक ही है, भक्ति उसेअलग-अलग रूप में वर्णन करती है।”
“ तुझ में मुझ में सब मेंएक आत्मा समाई हैआत्मा है परमात्मा का अंशयह जीवन की सच्चाई है…!!
ईश्वर पर विश्वास बिल्कुल उस बच्चे की तरह करों जिसको आप हवा में उछालो तो वो हंसता है, डरता नही क्योंकि वह जानता है कि आप उसे गिरने नही दोगे।
ईश्वर की कोई परिभाषा नहीं हो सकती।वह तो पूरी डिक्शनरी से भी बहुत बड़ा है।
भगवान से निराश कभी मत होना,संसार से आशा कभी मत करना,नियत अच्छी तो भक्ति भी सच्ची।
ना मंदिर में छुपा है, ना मस्जिद में छुपा है, जिसके दिल में इंसानियत है, उस दिल में खुदा है।
किसी को व्याकुल,व्यथित देखकर यदिआपको पीड़ा होती हैतो विश्वास करिए ईश्वरने आपको मनुष्य बनाकरकोई भूल नहीं की है।
“यदि ईश्वर का अस्तित्व न होता,तो उसके अविष्कार की आवश्यकता पड़ती।”
वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते. वह मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं. Bhagwadgita
“ इस जीवन में प्रभु केअलावा कुछ भी हमारेपास सदैव रहने वाला नही है…!!
लोग रंग बदलते हैं और ऊपर वाला वक़्त बदलता है।
“ प्रार्थना तब होती हैजब आप परमात्मा से बात करते हैं,ध्यान तब होता हैजब आप ईश्वर को सुनते हैं…!!!
भगवान लकड़ी, पत्थर या मिट्टी की मूर्तियों में नहीं रहते। उनका निवास हमारी भावनाओं में है, हमारे विचारों में है।
“ईश्वर के अस्तित्व के लिए बुद्धि सेप्रमाण नहीं मिल सकता,क्योंकि ईश्वर बुद्धि से परे है।”
“ मुझे कौन याद करेगा,इस भरी दुनिया में हे ईश्वरबिना मतलब के तो लोग,तुझे भी याद नहीं करते….!!
“ विश्वास का उत्तमउदाहरण अर्थात, अर्जुन नेदस लाख सेना कात्याग करके श्री कृष्ण को चुना…!!!
“ कर्म हमेशा संभलकर करने चाहिए क्योंकिना किसी की बददुआ खाली जाती हैऔर ना किसी की दुआ…!!!
“ अगर किसी ओर का दुःखदेखकर आपको भी दर्द होता है,तो इसका मतलब हैकी आपकी आत्मामें परमात्मा विराजमान है…!!!
बहुत खो चुका हूँअब खोने की ताक़त नहीं मुझमेऐ खुदा, ये जो कुछ लोग मेरे हैं उन्हें मेरा ही रहने दे
“प्रेम को आसमान में न ढूंढें; अपने भीतर ढूंढें।”
ईश्वर के हर फैसले पे खुश रहो,क्योंकि,“ईश्वर वो नहीं देता,जो आपको अच्छा लगता है”बल्कि,“ईश्वर वो देता है,जो आपके लिए अच्छा होता है
जो बाहर की सुनता है वह बिखर जाता है, जो भीतर की सुनता है वह संवर जाता है।
कर्म अच्छे करोगे तो किस्मत भी दासी है, नीयत अच्छी होगी तो घर पर ही मथुरा काशी है।
मुझे कौन याद करेगा इस भरी दुनिया मेंहे ईश्वर ! यहाँ तो बिना मतलब केतो लोग तुझे भी याद नहीं करते
“ हे ईश्वर मुझे इतना नीचे भी मत गिराना,कि मैं पुकारूँ और तू सुन न पाये और,इतना ऊँचा भी मत उठाना कि,तू पुकारे और मैं सुन न पाऊँ…!!!
हे ईश्वर…भले ही लंबी जिंदगी ना दे…चाहे जितनी जिंदगी दे,बस स्वस्थ जिंदगी दे…और तेरे स्मरण मे लगा दे।
सभी इंसानों की एक जैसी शारीरिक रचना इस बात का प्रमाण है की हम सब एक ही ईश्वर की संतान है।
शरीर से प्रेम हैं तो आसन करें,साँस से प्रेम है तो प्राणायाम करें,आत्मा से प्रेम है तो ध्यान करें,और परमात्मा से प्रेम है तो समर्पण करें।
“ भगवान न दिखाईदेने वाले माता पिता हैऔर माता पितादिखाई देने वाले भगवान है…!!
“जब ईश्वर मनुष्य की परीक्षा लेते हैं,तब वो मनुष्य का सामर्थ्य भी बढ़ा देते हैं,ताकि वो अधिक बुद्धिमान औरअधिक ताकतवर बनें ।”
कहा जाता है की ईश्वर हर जगह पर मोजूद है,फिर भी हम उसे एकांत में रहने वाला मानते हैं
जो मनुष्य जीवन में सत्य के मार्ग पर चलता है, उसका सफर ईश्वर के पास आते ही समाप्त होता है।