Bhagat Singh Quotes In Hindi : सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।।- भगत सिंह राख का हर एक कण,मेरी गर्मी से गतिमान है।मैं एक ऐसा पागल हूं,जो जेल में भी आजाद है।।- भगत सिंह
~ बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए हैं। बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं।
~ किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
~ अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।
“कल जो क्रांति का आगाज आने वाला है उसका अंजाम मैं आज लिख रहा हूं, मेरे लहू का हर एक कतरा इस देश में इंकलाब की आग लेकर आएगा”
कानून की पवित्रता तभी बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करें।
जैसे पुराना कपड़ा उतारकर नया बदला जाता है, वैसे ही मृत्यु है । मैं उससे डरूंगा नहीं, भागूंगा नहीं ।
“जिंदगी को अगर जीना है तो अपने दम पर जिओ, दूसरों के कंधे तो सिर्फ जनाजे उठाने के समय काम आते हैं”
आदमी को या तो खुद को भगवान का प्रतिद्वंद्वी समझना शुरू कर देना चाहिए या वह खुद को भगवान मानने लग सकता है।
~ सर्वगत भाईचारा तभी हासिल हो सकता है जब समानताएं हों – सामाजिक, राजनैतिक एवं व्यक्तिगत समानताएं।
“मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्वकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ और वही सच्चा बलिदान है।”
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है,मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।— क्रांतिकारी भगत सिंह के विचार
जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है, उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।।– भगत सिंह
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ, तो इंक़लाब लिख जाता हूँ। -भगत सिंह
मैं एक आदमी हूं और मानव जाति को प्रभावित करने वाली हर चीज मुझसे संबंधित है।
~ प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है, यह कभी उसे कम नहीं करता है।
मेरी महफ़िल है मेरा सेहरा,मेरा कफ़न है वतन मेरा, एक जिंदगी नहीं,हर जनम वार दू हिंदुस्तान पर। -भगत सिंह
महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं।
मेरे सीने पर जो जख्म हैं, वो सब फूलों के गुच्छे हैं, हमको पागल रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।
किसी को “क्रांति” को परिभाषित नहीं करना चाहिए| इस शब्द के कई अर्थ एवं मतलब है की जो की इसका उपयोग अथवा दुरपयोग करने वाले तय करते है।
मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी।
श्रम ही समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
~ स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ख़त्म होने वाला जन्म सिद्ध अधिकार है।
~ व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।
सीने पर जो जख्म है, सब फूलों के गुच्छे हैं; हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।।- भगत सिंह
अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं मिलेगी।
जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परंपरागत चरण की आलोचनाएं व विरोध करना होगा। साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।
जो व्यक्ति उन्नति के लिए राह में खड़ा होता है उसे परम्परागत चलन की आलोचना एवम विरोध करना होगा साथ ही उसे चुनौती देनी होगी।
जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कन्धों पर तो जनाजे उठाये जाते है।-भगत सिंह
राख का हर एक कण,मेरी गर्मी से गतिमान है।मैं एक ऐसा पागल हूं,जो जेल में भी आजाद है।।- भगत सिंह
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत।मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी ।।
“मैंने अपनी रक्षा के लिए कभी कोई इच्छा जाहिर नहीं की थी और नाही इस बारे में कभी गंभीरता से कोई विचार किया था”
“हमारी कलम हमारे जज्बातों से इस कदर वाकिफ है कि अगर हम उससे इश्क लिखना चाहे तो वो इंकलाब लिख देती है”
वे मुझे मार सकते हैं,लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।।वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,मेरी आत्मा को नहीं।।-भगत सिंह
कोई भी व्यक्ति, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो। उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।
हमारा लक्ष्य शासन शक्ति को उन हाथों के सुपुर्द करना है, जिनका लक्ष्य समाजवाद हो
वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरी आत्मा को नहीं।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है,मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।
क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारों की शान से तेज होती है।
“इस संसार में सब लोग अक्सर देश प्रेमी को पागल समझते हैं पर उन्हें क्या पता पागल कवि और प्रेमी सब एक ही चीज से बने होते हैं”
“संसार में बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है क्योंकि बुरे लोग बढ़ गए हैं, बल्कि इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई को सहने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है”
क्रांति मानव जाती का एकअपरिहार्य अधिकार है।स्वतंत्रता सभी का एक कभीन खत्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है।श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।।- भगत सिंह
“क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।” – शहीद भगत सिंह
“बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है।” – शहीद भगत सिंह
अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब इकठ्ठे हो सकते है. धर्मों में हम चाहे अलग अलग ही रहें.
“राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आज़ाद है।” – शहीद भगत सिंह
~ जन संघर्ष के लिए, अहिंसा आवश्यक हैं।
मैं उस सर्वशक्तिमान सर्वोच्च ईश्वर के अस्तित्व से इनकार करता हूं।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है।
राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।।– भगत सिंह
~ क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है। गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है।
अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होगी, सबको काम मिलेगा। और धर्म व्यक्तिगत विश्वास की चीज होगी, सामूहिक नहीं।
~ राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
“देशभक्तों के विचारों की शान तो सिर्फ क्रांति की तलवारों से ही तेज की जा सकती है”
मौत आएगी, आएगी ही पर मैं अपनी मौत को इतनी महंगी और भारी बना दूंगा कि ब्रिटिश सरकार रेत के ढेर की तरह उसके बोझ से ढक जाए ।
“इन्सान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसा कि हम विधानसभा में बम फैंकने को लेकर थे.”
तर्क किए बिना किसी भी बात को आंख मूंदकर मान लेना भी एक प्रकार की गुलामी है।
“क्या तुम्हें पता है की दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीब एक अभिषाप है, यह एक सजा है।” – शहीद भगत सिंह
अब मुझे इस संसार से वैसे ही विदा होना जाने दो जैसा मैं हूं ।
जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
~ मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
~ मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,दुश्मन की सांसे थम जाए, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ।-भगत सिंह
“दुनिया का सबसे बड़ा पापी एक गरीब ही होता है, गरीबी एक ऐसी सजा है और ऐसा अभिशाप है जो गरीब जिंदगी भर भोगता है”
मेरी गर्मी के कारण राख का एक एक कण चलायमान हैं में ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी स्वतंत्र हूँ।
प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बन होते हैं।
“मेरा सिर्फ एक ही धर्म है और एक ही लक्ष्य है और वो है मेरे देश की आजादी चाहे उसके लिए मुझे अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़े”
ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है,दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं।— शहीद भगत सिंह
~ महान आवश्यकता के समय, हिंसा अनिवार्य हैं।
“वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे।”
वे मुझे मार सकते हैं,लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।।वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं,मेरी आत्मा को नहीं।।-भगत सिंह