Adhyatmik Quotes In Hindi : स्वर्ग का सपना छोड़ दो, नरक का डर छोड़ दो, कौन जाने क्या पाप, क्या पुण्य, बस किसी का दिल न दुखे अपने स्वार्थ के लिए, बाक़ी सब कुदरत पर छोड़ दो। हे प्रभु, मनुष्य होना मेरा भाग्य है – पर आप से जुड़े रहना मेरा सौभाग्य है।
खूबसूरती दिल और जमीर में होनी चाहिए,लोग बेवजह उसे शक्लऔर कपड़ों में टटोलते हैं।
खुद पर काबू पा लेना ही,मनुष्य की सबसे बड़ी जीत होगी..!!
अधूरा ज्ञान, ज्ञान देने वाले और ज्ञान लेने वाले दोनों को नुकसान पहुंचाता है.
अगर माँगना ही है तो ऊपर वाले का सहारा मांगो, जो बुरे वक़्त में साथ देता है।
कौन कहता है कि मैं भगवान की विशेष सुरक्षा के अंदर नहीं हूँ।
इस दुनिया से कभी आशा मत करोऔर भगवान से कभी निराशा मत करो।
मन चंचल और सफेद कपड़े की भांति होता है, इसे जिस रंग में डुबाओगे इस पर वही रंग चढ़ जाएगा।
भगवान की कृपा का जो मीठा पानी हैवो अहंकार के ऊंचे टीलेपर इकठा नहीं हो सकता।
समय कितना भी कठिन हो अपनी आस्था को कम न होने दें।भगवान जिससे अधिक प्यार करते हैंउन्हें ही अग्नि परीक्षाओं से होकर गुजारते हैं।
आत्मा को निरंतर साफ करते रहें, दुनिया को निरंतर माफ़ करते रहें, परमात्मा को निरंतर याद करते रहें।
जब दुआ और कोशिश से बात ना बने, तो फैसला भगवान पर छोड़ दो, भगवान अपने बन्दों के बारे में बेहतर फैसला करते हैं।
भक्ति तब है जब जीवन के साथ आपकी भागीदारी इतनी पक्की है कि आप खुद के लिए मायने नहीं रखते।
जब व्यक्ति समाज से जुड़ी वस्तु को पाने का लोभ छोड़ कर समाज की भलाई के बारे में सोचना शुरू कर लेता है,तब वह अध्यात्म को प्राप्त कर लेता है।
“फल लगने पर वृक्ष की डालिया नीचे की ओर झुक जाती है, वैसे ही सज्जन पुरूष धन और ज्ञान आते ही विनम्र हो जाते हैं।”
आचार्य चाणक्य के अनुसार सज्जन पुरुष की संगति से जीवन में बिगड़ा काम सबकुछ ठीक हो जाता है।
Spiritual खोज की शुरुआत मेंअधिकांश लोगों द्वारा चुने जानेवाला मार्ग प्रेम, भक्ति योग है।
ईश्वर का नाम सभी लेते है,परन्तु ईश्वर का नाम लेने भर से ईश्वर को पाया नहीं जा सकता||
कल रात मेरी आँख से आँसू निकल पडा। मैंने पूछा, “तू बाहर क्यों आया?” उसने कहा, “तेरी आँखों में सतगुरु इस कदर समाये हैं कि मैं अपनी जगह ना बना पाया।”
अधूरा ज्ञान, ज्ञान देने वाले और ज्ञान लेनेवाले दोनों को नुकसान पहुंचाता है.
संसार को छोड़ने से परमात्मा नहीं मिलतापरंतु परमात्मा के मिलने सेदुनिया अपने आप छूट जाती है
इंसान मायूस इसलिए होता है क्योंकि वह परमात्मा को राज़ी करने की बजाये लोगों को राज़ी करने में लगा रहता है। वह भूल जाता है कि रब राज़ी तो सब राज़ी।
कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है,सेवा ही पूजा है, सत्य ही भक्ति हैं.
जब प्यार और नफरत दोनों चीज़ न हो,तो हर चीज़ साफ़ और स्पष्ट हो जाती है..!!
संभोग से समाधि की और।
“ईश्वर को समझना आसन हैं, जब तक की आप उसकी व्याख्या करने की कोशिश न करें।”
हमें अपने कर्मों का फल किसी स्वर्ग या नर्क में नहीं बल्कि इसी जीवन में मिलता है।
सुंदर स्त्री हीरा है,लेकिन नेक स्त्री हीरों का खजाना है।
भक्ति तब है जब जीवन के साथ आपकीभागीदारी इतनी पक्की हैकि आप खुद के लिए मायने नहीं रखते।
“कुरान भी अच्छी लगाती है मुझे, गीता का ज्ञान भी मेरा है… मुझ पर बरसती है मेहरबानियाँ बहुत, अल्लाह मेरा है और भगवान् भी मेरा है।”
वही करता है वही करवाता है, तू तो बस ऐसे ही इतराता है. एक सांस भी नहीं तेरे बस का, वही सुलाता है वही जगाता है।
सारे दुखो का कारण इच्छाए (Desire) है।
जिस प्रकार वृक्ष फल आने पर नीचे झुक जाता हैउसी प्रकार सज्जत व्यक्ति धन औरज्ञान आने पर और विनम्र हो जाते हैं।
जैकरम तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी है नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है
“त्याग दिये सब सपने कुछ अलग करने के लिये, राम ने बहुत कुछ खो दिया श्री राम बनने के लिये।”
हज़ारों शब्दों से बढ़कर केवल एक ऐसा शब्द जो शांति लाये वो श्रेष्ठ है। – गौतम बुद्ध
अध्यात्मक विचारों के आभाव में व्यक्ति गुमराह हो जाता है ||
तुम जिस चीज़ के भागते होउसी को खो देते हो।
ईश्वर की भक्ति करने में अमीर गरीब का कोई महत्व नही होता है..!!
अध्यात्मक जीवन पूर्ण निस्वार्थता है।
किसी भी मनुष्य के लिए दया ,सद्भावना व मानवता महा पुण्यकारी गुण हैं।
हज़ारों शब्दों से बढ़कर केवल एक ऐसाशब्द जो शांति लाये वो श्रेष्ठ है।
जिस तरह से एक मोमबत्ती बिना आग के जल नही सकती है, उसी तरह इंसान आध्यात्मिक जीवन के बिना अधूरा है।
मैंने सब कुछ देखने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं. – पॉल गौगुइन
जब आप कुछ गवां बैठते हैंतो उससे प्राप्त शिक्षा का न गवायें।
भगवान हमसे जो भी लेते हैं,उसे हमेशा दोगुना वापिस करते हैं।
कषाय दबाने से चले जाएँ,ऐसे नहीं है वे ‘ज्ञान’ से जाते हैं।
जिसके पास जितना कम ज्ञान होगा,वो अपने ज्ञान के प्रति उतना ही जिद्दी होगा..!!
नारी में पुरुषों के मुकाबले अधिक तेजी से आध्यात्मिकता को ग्रहण करने की ताकत होती है।
ब्रह्मामूहर्त (सुबह 3 से 5 बजे का समय) में उठने वाला व्यक्ति सौंदर्य, आयु, स्वास्थ्य, लक्ष्मी आदि वस्तुओं को वैसे ही प्राप्त करता है जैसे कमल।
“जैसे एक शमां बिना अग्नि के नहीं जल सकती, उसी तरह इंसान भी एक आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।”
इंसान के नश्वर शरीर की कई इच्छाएं होती है, परन्तु अमर आत्मा की केवल एक ही इच्छा होती है और वह है शान्ति की प्राप्ति।
किसी को नुकसान पहुंचाना भी पाप है,और किसी को कमजोर बनाना भी पाप है..!!
सच्चे गुरु की सेवा करतेहुए स्थाई शांति प्राप्त होगी।जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे।
हमें अपने कर्मों का फल किसीस्वर्ग या नर्क में नहीं बल्किइसी जीवन में मिलता है।
“जो चिंता करता है वह दुखी है। जो चिंतन करता है वह सुखी है।”
जब कोई आपका हाथ और साथ दोनों छोड़ जाता हैतो भगवान आपकी उंगली पकड़ने केलिए किसी न किसी को जरूर भेजता है।
साधारण चीज़े ही असाधारण होती हैंकेवल बुद्धिमान लोग ही इसे देख पाते हैं।
इस दुनिया से कभी आशा मत करो और भगवान से कभी निराशा मत करो।
जब आपको ये समझ में आ गया कि सारा काम ईश्वर की मर्जी से होता है, तब आपके जीवन की सारी परेशानियां ख़तम ही जाएंगी।
ईश्वर सरल है।बाकी सब कुछ जटिल है।
ईश्वर महान है क्योंकि उन्होंने मनुष्य की रचना की।
जो मिल गया उसका शुक्र करोऔर जो नहीं मिला उसका सब्र करो।
शास्त्रानुसार निन्दा सुनाने वाला भी उतना दोषी होता है, जितना की करने वाला।
अध्यात्मिक विचारफल लगने पर वृक्ष की डालिया नीचे की ओर झुक जाती है,वैसे ही सज्जन पुरूष धन और ज्ञान आते ही विनम्र हो जाते हैं.
हरि नाम में जो सुख है वो चरम सुख है। दुनिया के सभी कार्यों से जितना आनंद नही मिलता उतना भगवान का नाम लेने से उच्चतम स्तर का सुख मिलता है।
आप जो करना चाहते हैं वो जरूर करिये,यह मत सोचिये की लोग क्या कहेंगे,क्योंकि लोग तो तब भी कहेंगे जब आप कुछ नहीं करेगें।
श्रद्धा और विश्वास ऐसी जड़ी बूटियाँ हैं कि जो एक बार घोल कर पी लेता है वह चाहने पर मृत्यु को भी पीछे धकेल देता है।
हे मेरे दाता हम अगर वो न कर सके जो आप चाहते हैं, तो कम से कम हमें इतनी समझ ज़रूर देना, कि हम वो तो कतई न करें जो आप कभी नहीं चाहते हैं।
दुनिया की कोई भी चीजकितनी ही कीमती हो, परपरमात्मा ने आपको जो नींद,शान्ति और आनन्द दिया है,उससे ज्यादा कीमती कोईचीज नहीं हैं.
चिंता मत करो क्योंकि जिसने तुम्हें इस,दुनिया में भेजा है उसे आपकी ज्यादा चिंता है..!!
Spiritual खोज की शुरुआत में अधिकांश लोगों द्वारा चुने जाने वाला मार्ग प्रेम, भक्ति योग है।
सत्य को स्थापित होने केलिए तीन चरणों में गुजरना होता है –उपहास, विरोध और अंत में स्वीकृति।