Royal Lion Attitude Status In Hindi : दौड़ में चीता तेज, शरीर में हाथी बड़ा, लंबाई में जिर्राफ ऊँचा, फिर भी जंगल पर राज, सिर्फ शेर का ही होता है। जिंदगी जीनी है तो शेर जैसी जियो जो जबतक जीता है अपनी शर्तों पर जीता है.
बीते हुए को नहीं बदला जा सकता है,लेकिन भविष्य आपके हाथ मे है।”
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जानागमों की महफिल भी कमाल की जमती है।
शेर कभी भी शिकार करने का सपना नहीं देखता बल्कि शिकार करता हैं, इसलिए आप भी किसी चीज का सपना कम और उसे करने का प्रयास ज्यादा करे।
बलि #हमेशा बकरे कि दी जाती है #शेर कि नहीं।
वक़्त आने दोजवाब भी देंगेहिसाब भी देंगे”
पीठ पीछे वार तो गीदड़ करते हैंशेर तो हमेशा सामने से ही वार करता हैं।
शेर की दहाड़ शिकारी के मन में भीबहुत ज्यादा दहशत पैदा कर देती है.
कौन आपका साथ देगा और कौन नहींइसकी चिंता तो केवल साधारण मनुष्य ही करता है,शेर व्यक्ति का तो खुद का साथही उसका असल साथी होता हैं।
गीदड़ की जब मौत आती है तो वह शहर की तरफ आ जाता हैं, जब शेर दहाड़ता है तो पूरे जंगल में सन्नाटा छा जाता हैं.
शेर को खुले में देख लेतो इंसान डर जाता है,उसी शेर को पिजड़े मेंदेखकर आनंद लेता है,माँ दुर्गा के सवारी के रूपमें देखकर भक्ति भावउतपन्न होता है।
शेर बनो या सवा शेर बनो,मगर जिंदगी में दिलेर बनो.
जिसको अपने उसूलो से समझौता करना नहीं आता वही शेर की तरह अपनी जिंदगी जी पाता हैं।
दुनिया उसी के कदमों में झुकती है,जो पहचान छोड़ जाता है,जैसे शेर जिस भी जगह से गुजरे,अपने निशान छोड़ जाता है…
शेर की दहाड़ ही काफी होती हैंलोगो में खौफ पैदा करने के लिए।
हम तो जहा जातें हैं वही हमाराइलाका बन जाता हैंक्योंकि शेर के आगे किसी की नहीं चलती।
बुरे वक़्त में किसी की सहायता लेकर उसकेमोहताज़ मत बनो बल्कि शेर कीतरह खुद चुनौतियों से निपटना सीखों।
जिंदगी जीनी है तो शेर जैसी जियो जो जबतक जीता है अपनी शर्तों पर जीता है.
शेर में एक खास बात तो ज़रूर होती है की वह सिर्फ अपनी शर्तों पर ही जीता हैं।
हमारे रास्ते में आने से पहले 100 बार सोच लेना क्योंकि जो शेर के रास्ते में आता हैं उसे भी उसका शिकार बनना पड़ता हैं।
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेंगे,शहर तुम खरीद लो पर हुकूमत हम चलायेंगे…
इलाका कुत्तो का होता है, शेर जहाँ होता है वहाँ का राजा होता है.
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हम ऐसा दिल रखते ही नहींजो टूट जाये !
शेर भी छुपकर वार करता है,जब वह किसी का शिकार करता है.
तू जितना अपने शरीर पर जेवर रखती है,उससे ज्यादा मैं शेरों वाला तेवर रखता हूँ.
वो कदम जो पीछे हटा रहा हैंना समझ की वो घबरा रहा हैंवो सिंहराज हैं जंगल काबस शिकार का माहौल बना रहा हैं
दिल के हाथो हो जाएँमजबूर हम वो दिलेर नहीं,जिंदगी अपनी मर्जी से जीते हैचिड़ियाँघर के हम शेर नहीं।
सफल हूँ आज में क्योंकि मैंने शेर कीतरह निडरता पूर्ण अपने कार्यों को किया हैं।
एक शेर हर बहादुरआदमी के दिल में सोता है.
झुंड में शिकार तो कुत्ते करते है,शेर तो केवल अकेला ही काफी होता हैं।
शेर भी कभी-कभी अपनाशिकार करने में चूक जाता हैंपर इसका मतलब ये नहीं कीवो दोबारा प्रयास नहीं करता।
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेंगे, शहर तुम खरीद लो पर हुकूमत हम चलायेंगे.
अगर शेर को हराना ही हैं तो बल और बुद्धिमानी दोनों की आवशयकता होना अनिवार्य हैं।
कमल बनो कीचड़ नहीं,शेर बनों गीदड़ नहीं।
जरूरी नही कुछ तोडने केलिये पथ्थर ही मारा जाए ।लहजा बदल के बोलने सेभी बहोत कुछ टूट जाता है ।।
शेर का राज तो हर जगह ही होता हैं चाहे जंगल में हो या फिर व्यक्ति के खौफ में।
दुश्मन चाहे कितने भी क्यों न हो शेर अकेला हीं उनका शिकार करता है.
पूरा न कर सकूँ ऐसा वादा नही करतादावा कोई औकात से ज्यादा नही करता
जो पिंजरे में रहकर भी लोगो के दिलोमें खौफ बनाये रखे वह शेर ही होता हैं।
शेर का पंजा वार करना नहीं भूलता,शेर कितना भी बूढा हो जाएशिकार करना नहीं भूलता।
बगावत के लिए इजाजत की जरूरत नही, रोक सके शेर को कुत्तो में इतनी ताकत नही.
इन्सान की समझ इतनी सी है.जानवर कहो तो क्रोधित औरशेर कह दो तो खुश हो जाता है.
वक़्त तो हमारा पहले भी अच्छा था और आज भी अच्छा हैं, क्योंकि शेर को बुरे वक़्त से निपटना भली भाती आता हैं ।
जब तक शेर शांत रहता हैंतब तक ही चहल-पहल रहती हैंजब वह जाग जाता हैंतो सभी अपने बिलों में दुपक जातें हैं।
जहाँ दुनिया हर छोटी कामियाबी का शोर मचा देती है शेर को देखो वो शिकार भी शान्ति के साथ करता है।
खिलाफ कोई भी हो फर्क नहीं पड़ताजिनका साथ है वो सबके बाप हैं !
शेर की तरह बनिए निडर वो भेड़ की सलाह से अपने जीने का अंदाज़ नहीं बदलता।
साज़िश और षड्यंत्र के बल पर, हुआ यह सबवरना आज तक कोई, शेर को मार सका है कब।
जो पिंजरे में रहकर भी लोगो के दिलो में खौफ बनाये रखे वह शेर ही होता हैं।
शेर के उसूलों में एक खास बात यह जरूर होती हैं की वह अपने इरादे कभी नहीं बदलता।
मैंने मुसीबतों से लड़ना सीखा हैं,मेने शेर को भी हालातोंसे लड़ते हुए देखा हैं।
मेरे 2 कदम पीछे हटने को मेरी मजबूरीमत मान लेना, क्योंकि शेर जब भीअपना शिकार करने वाला होता हैंतो वह सबसे पहले 2 कदम पीछे ही हटता हैं।
वो कदम जो पीछे हटा रहा हैंना समझ की वो घबरा रहा हैंवो सिंहराज हैं जंगल काबस शिकार का माहौल बना रहा हैं
शेर सी मेहनत कहीं नहीं देखी वोसोता बाद में हैं पहले रात भरजग कर अपना लक्ष्य पूरा करता है।
शेर के आगे सिर्फ वही टिक पाता जिसके पास उस जैसा लड़ने का जिगरा होता हैं।
मेरी ख़ामोशी को मेरीकमजोरी मत समझना तुमलोगक्योंकि शेर तब भी खतरनाक होता है,जब वो दहाड़ता नहीं.
शेर की तरह रूतबां बनाये जीते हैं, वक़्त आने पर लोगो की औकात दिखा देते हैं।
शेर से लड़ने और हमसे भिड़ने के लिए जिगरा चाहिए जो की बहुत कम लोगो में हैं।
दुश्मनों से हमारी बात नही होती है, शेर के आगे कुत्ते की औकात नही होती है.
मुझ से ना होगी गुलामी तेरी।।मुझे पिता ने शेरो मैं पाला हैं।।।।
शेर की तरह रूतबां बनाये जीते हैं,वक़्त आने पर लोगो की औकात दिखा देते हैं।
शेर में इतना जिगरा होता हैं की वो मर जायेगा लेकिन घास कभी नहीं खायेगा।
चौकन्ना एक चीता,हालात जो सब समझ चुका थाऐसे ही एक जाल में,बहुत पहले खुद फंस चुका था।
औकात का तो वक्त आने पर पता चलता है.रात को गीदड़ कितना भी चिल्ला ले.सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है.
नामुमकिन को जो मुमकिनबना दे वही असली शेर होता हैं।
जीते वही है जो शेर होते है, बाकी तो मिट्टी के ढेर होते है.
अगर लोग आपको अपना साथनहीं दे रहे हैं तो क्या हुआ,कभी शेर को किसी से सहायता मांगते हुए देखा हैं।
शेर को जगाने और हमसे भिड़ने की भूल जरा सोच समझकर करना।
“शख्सियत# अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेंगे,वरना बुरे की तरफ# देखता कौन है..”
सीने में हड्डी नहीं, हाड़ होनी चाहिए,मर्द की शेरो वाली दहाड़ होनी चाहिए।
जीतना चाहे उतना भोकलो कुते शेर की एक दहाड़ ही खाफी है
“थोड़ा वक्त और ठहर जाओ, शौर भी सुनाई दैगा और अखबारा मै नाम भी !!”