Karma Status In Hindi : अगर आप हर किसी के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं, तो वापिस आपको भी ऐसा ही मिलने वाला है।” तुम्हारे भीतर से जितनी घृणा निकलती है, उतनी ही वापिस आती है।
भाग्य आपको मुसीबत से नहीं निकलता ऐसा करने का साहस केवल आपके कर्मों के पास है।
ये जरूरी तो नहीं कि इंसान हर रोज मंदिर जाए,बल्कि कर्म ऐसे होने चाहिए,की इंसान जहाँ भी जाए,मंदिर वहीं बन जाए।
पिछले कर्मों के कर्म के अनुसार, किसी की नियति प्रकट होती है, भले ही हर कोई इतना भाग्यशाली होना चाहता है।
कर्म पथ पर चलते रहना ही तो जीवन हमारा है रुक जाएंगे जिस दिन हम समझो अंत हमारा है
कर्म वो आइना है जो हमारा असली चेहरा हमें दिखा देता है।
“संयोग से, भाग्य से कुछ नहीं होता। आप अपने कार्यों से अपना भाग्य स्वयं बनाते हैं। यही कर्म है।।”
क्या मिलना है ये कर्म की बात है, क्या लेना है ये धर्म की बात है।
कोई भी चीज सीधी रेखा में नहीं चलती, बात चाहे दिल की धड़कन की हो या फिर कर्म की ।
जिंदगी में जो कर्म करते हैं, अच्छा या गलत, उससे ही भविष्य का जन्म होता है।
जैसा जाएगा वैसा ही आएगा। दूसरों के साथ वैसा करें जैसा आप स्वयं प्राप्त करना चाहते हैं।
कार्रवाई और प्रतिक्रिया: जैसा कि आप बोते हैं, वैसा ही आप काटेंगे।
ऊपर वाले की अदालत मेंआपके कर्म से ही आपकी पहचान होती हैनाम से तो बस पुकारा जाता है !
अगर आप किसी और के साथ गलत करने जा रहे हो तो अपनी बारी का इंतज़ार भी जरूर करना।
हर किसी को कर्म भोगना पड़ता है अच्छा या बुरा कर्म की पहचान समय ख़ुद देता है।जो विद्याएं कर्म का सम्पादन करती है, उन्ही का फल दृष्टिगोचर होता है.
हमेशा याद रखिये आप आपने बुरेकर्मों के फल से नहीं भाग पाएंगे
जब तुम धोखा देते हो, तो तुम खुद ही अपनी आत्मा के साथ धोखा देते हो। अपने कर्मों से बचने का तरीका यही है कि आप निष्कपट रहो और सच्चाई से जुड़े रहो।
भाग्य हमारे कर्म पर निर्भर करता है। हर कोई अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार है!
लोग जो करते हैं उसके लिए भुगतान करते हैं, कभी कभी उस से भी अधिक !
हर किसी को कर्म भोगना पड़ता है, अच्छा या बुरा कर्म की पहचान समय खुद देता है !
तुम्हारे भीतर से जितनी घृणा निकलती है, उतनी ही वापिस आती है।
#अटल सत्य है की जैसे #बछड़ा सौ गायो में अपनी #माँ को ढूंढ लेता है …. उसी प्रकार #कर्म अपने करता को ढूंढ ही लेता है …आज नहीं तो #कल ॥
“ जैसा आप सोचोगे,बोलोगे,और काम करोगे,वैसा ही आपको वापस मिलेगा,इसलिए अच्छा सोचो,अच्छा बोलोऔर अच्छा काम करो, यही कर्म है…!!!
कर्म करो, काण्ड नहींआपका प्रेम अपने आप चलकर आयेगा।
आप परिणामों को नियंत्रित नहीं कर सकते, केवल अपने कार्यों को कर सकते हो।
कर्म ही पूजा है और कर्तव्य- पालन भक्ति है।
“ अपने कर्म को सलाम करोदुनियाॅं तुम्हे सलाम करेगी….!!
मनुष्य जब असाधारण कार्य कर दिखाता है, वह यश का कारण बन जाता हैंकर्म ही पूजा है और कर्तव्य- पालन भक्ति है।
कर्म वो आइना है जो, हमारा असली चेहरा, हमें दिखा देता है !
कर्म का कोई मेनू नहीं है। आपको वह मिलता है जिसके आप हकदार हैं।
कर्म का कोई मेनू नहीं है। आपको वह मिलता है जिसके आप हकदार हैं।।
Karma का समय तय है, आपको बस इन्तजार करना है। ये कभी खाली नहीं जाता, कुछ न कुछ Payback देकर जाता है।
जो अपने कर्म में विश्वास रखते है, वो नसीब का रोना नहीं रोते II
“ संघर्षों में जले बिनाकोई भी शख्सियत महान नहीं होतीकर्म करना एक तपस्या हैऔर तपस्या कभी भी आसान नहीं होती….!!!
एक अच्छा कर्म इंसान के सारे बुरेकर्मों को नष्ट कर सकता है,और एक बुरा कर्म सारे अच्छे कर्मों कोकष्टों मे बदल सकता है।
अगर किसी ने आपका नुक्सान किया है तो,आप उसका नुक्सान नहीं कर सकते,क्योंकि आप भी वैसे ही भुगतोगे जैसे वो भुगतेंगे..!!
जैसा उसने रोपा है, वैसे ही वह कटाई करता है; ऐसा कर्म का क्षेत्र है।
प्रिय कर्म, मुझे अपने दुश्मन के भाग्य पर भरोसा है। मैं बस इंतजार करूंगा और उसका पतन देखूंगा।
आपका भाग्य आपका भविष्य बताता है, परन्तु आपका कर्म आपका भविष्य बनाता है।
आपके द्वारा किए गए पाप अपना एक नया नर्क बनाते हैं और आपके द्वारा किए गए पुण्य एक नया स्वर्ग बनाते हैं।
समस्याएँ हों या फिर सफलताएँ, दोनों ही हमारे कर्मों के परिणाम हैं।
जो आपको मिलता है वही आपके योग्य है। बदले में कुछ अच्छा करने की उम्मीद न करें यदि आप इन सभी समय में अच्छे साबित नहीं हुए हैं।
अच्छा हो या बुरा हो पर कर्मों का फल जरूर मिलता है,किसी को जल्दी मिलता है,तो किसी को थोड़े देर से मिलता है।
कर्म वो आइना है जो हमारा असली चेहरा हमें दिखा देता है।
इस संसार में वही जीवित है जिसने यश एवं कीर्ति के कर्म किये.
कोई मेरा बुरा करे वो उसका कर्म है,मै किसी का बुरा ना करू वो मेरा धर्म है..!!
कर्म वो आइना है जो हमारा असली चेहरा हमें दिखा देता है।
अन्य लोगों के साथ वैसा व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि वे आपका सम्मान करें क्योंकि जो भी घूमता है वह चारों ओर से वापिस आता है।
अगर आप दुनिया के लिए कुछ अच्छा करोगे तो समय के साथ साथ दुनिया से भी आपको कुछ अच्छा मिलेगा। यही कर्मा है।
इस अस्थिर जिंदगी में सिर्फ कर्म ही स्थिर है, और कर्म पर ही हमारा भविष्य स्थित है !
अच्छे लोगों की इज्जत कभी कम नहीं होती सोने के सौ टुकड़े करो , फिर भी कीमत कम नहीं होती
“ जिन ज़ख्मों से हम अंजान थेवो ज़ख्म दे गए ना जो दर्द हमने सहा थावो तुम भी सह गए ना कर्मा…!!!
आपके द्वारा किए गए पाप अपना एक नया नर्क बनाते हैं और आपके द्वारा किए गए पुण्य एक नया स्वर्ग बनाते हैं।
किसी दिन लोग मुझसे पूछेंगे कि मेरी सफलता की कुंजी क्या है,और मैं बस कहूंगा, “अच्छा कर्म”।
यह जानना अच्छा है कि यदि आप इसे अब और नहीं कर सकते, तो इसे लेने के लिए कर्म तैयार है।।
कोई मेरा बुरा करे वह उसका कर्म है।में किसी का बुरा न करुँ,वो मेरा धर्म है।
अपने दुश्मनों के बारे में चिंता मत करो। उनके अपने कर्म उन्हें सीधे उनके चेहरे पर थप्पड़ मारते हैं।।
अन्य लोगों के साथ वैसा व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि वे आपका सम्मान करें क्योंकि जो भी घूमता है वह चारों ओर से वापिस आता है।
आप नियंत्रित नहीं कर सकते कि क्या होने जा रहा है, लेकिन आप अपने कार्यों को नियंत्रित कर सकते हैं और आप इससे कैसे निपट सकते हैं।
“भाग्य हमारे कर्म पर निर्भर करता है। हर कोई अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार है।”
इंसान भाग्यशाली नहीं होता कभी भी जन्म से, उसका भाग्य बनता है कर्म से।
“ सहर के इंतजार में है वो जोअंधेरे से प्यार करते थेएक मुद्दत से नहीं देखी हैउन आंखों ने रोशनी जोकभी किसी की आंखों केमहताब हुआ करते थे…!!!
आपके कर्मों की गूँज शब्दोंकी गूँज से भी ऊंची होती है।
लोगों का आपके साथ कैसा व्यवहार है, यह उनका कर्म है, आप उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं ये आपका कर्म है।
मनुष्य जब असाधारण कार्य कर दिखाता है, वह यश का कारण बन जाता हैं.
“ इंसान भाग्यशाली नहींहोता कभी भी जन्म सेउसका भाग्य बनता है कर्म से…!!
“ जीवन का उद्देश्यतुम्हारी क़िस्मत तय नही करेगीवो तुम तय करोगेतुम्हारा कर्म ही जीवन काउद्देश्य बताता है…!!
अपना समय यह सोच कर बर्बाद ना करो,की दुसरो ने तुम्हारे साथ क्या किया,तुम्हारी जगह कर्मो को उनका जवाब देने दो..!!
जो जैसा करता है, वैसा भरता है.उच्च कर्म महान मस्तिष्क को सूचित करते हैं।
अच्छा करो और अच्छा तुम्हारा पीछा करेगा।
आप सभी से छुपा सकते हैं। लेकिन फिर भी, कर्म आपको देख रहा है।
“ योगस्थ होकर कर्मो को करोनीरस होकर कर्म मत करो…!!
अपने से हो सके, वह काम #दुसरे से नहीं करवाना चाहिए.